मैं रूद्र हूँ । Rudra द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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मैं रूद्र हूँ ।

मैं रूद्र हूँ ।

नमस्ते ! मैं रूद्र हूँ । और अच्छी बात यह है की मैं यह जानता हूँ मैं कौन हूँ । और यह मेरा कोई दम्भ या मेरा कोई अहमः नहीं है की, मैं यह कह सकूँ मैं रूद्र हूँ । यह मेरी वो ख़ुशी है जो दुनिया की भीड़ में मुझे खुद को पहचानने की शक्ति देती है । मैं खुद को यह बता सकता हूँ की मैं कौन हूँ ।

मेरे ख्याल से हम सभी को इन सभी सवालों का जवाब खुद को एक बार जरूर देना चाहिए - ( कौन, क्या, क्यूं, क्या, कैसे)

​> मैं ? हूँ

> मेरा अस्तित्व ? है

> ? में इस धरती पर पैदा हुआ

> मैं ? कर सकता हूँ

> और मैं हर रोज खुद से बेहतर खुद को ? बना सकता हूँ

अगर आपके पास खुद को देने के लिए इन सभी "मैं" के जवाब हैं, और आप अपने सभी "मैं" को संतुष्ट करते हैं तो आपको इस दुनिया में किसी को अपनी पहचान से रूबरू कराने की जरुरत नहीं है । मैं ये दावे से कह सकता हूँ जिसके पास भी यह जवाब है वो या तो बहुत सफल व्यक्ति है या आने वाला भविष्य में इतिहास लिखने की क्षमता रखता है ।

सचिन तेंदुलकर के बारे में किसी बच्चे से भी यदि पूछा जाए सचिन तेंदुलकर कौन है ? तो उस बच्चे का जवाब यही होगा सचिन तेंदुलकर क्रिकेटर है, या क्रिकेट के भगवान् है । आपका या उस बच्चे का जवाब सचिन तेंदुलकर के लिए कोई सर्टिफिकेट नहीं है । यह वो जवाब या पहचान है जो सचिन तेंदुलकर ने खुद को दी थी । यही सच है । सचिन तेंदुलकर यह जानते थे की - मैं क्रिकेटर हूँ ।

महेंद्र सिंह धोनी जिन्होंने रेलवे की नौकरी इसलिए छोड़ दी क्यूंकि उनके पास भी यह जवाब था ।

अरुणिमा सिन्हा ने अपने सबसे बुरे वक़्त में खुद को यह कहा था "मैं" एवेरेस्ट क्लाइंब करुँगी ।

इसलिए यह आपको खुद को बताना होगा की "आप कौन है ?"

भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्रीमान अब्दुल कलाम जी से किसी ने यह पूछा की ज़िंदगी इतनी ख़ूबसूरत है, हर तरह के रंग है इसके । आपने ज़िंदगी के किसी दौर का अनुभव नहीं किया । आपका मन नहीं हुआ कभी ? क्या आपको नहीं लगा की आपको भी इस ज़िंदगी को आम लोगों की तरह जीना चाहिए था। अब्दुल कलाम जी मुस्कुराये और कहा मेरे लिए तो मेरी ज़िंदगी मुझे अपने काम में दिखी, अपनी हर खोज में मेने हर बदलते रंग को देखा, बहुत बार निराश हुआ फिर मन नहीं लगा और फिर अपने काम को ओर अच्छी तरह करने में लग जाता था और हर सफल प्रयास ने मुझे एहसास दिलाया की अगर मेरे पास एक और ज़िंदगी होती तब भी में यही काम करता । मुझे क्या पता था एक दिन लोग मेरे काम की प्रशंसा करेंगे, और एक दिन मेरा ये काम मेरे बाद भी एक दौर तक ज़िंदा रहेगा । मेरे पास जितनी भी ज़िंदगी बची है, जब तक में ज़िंदा हूँ तब तक में यही काम करूँगा । और उसके बाद किसी के पास कोई सवाल नहीं था ।

*इतिहास उन्हें मिसाइल मेन के नाम से सदियों तक ज़िंदा रखेगा ।*

यही मैं आप सबको समझाना चाहता हूँ इस दुनिया में जितने भी सफल व्यक्ति है, उन्हें अपने बारे में एक बात का पता है ... I Am ..This..?

मैं आपको यही कहूंगा । इस दुनिया की भीड़ में अपने अस्तित्व को पहचानिये । खुद को हर रोज यह बताइये आप कौन हैं ? हो सकता है आपमें एक आर्टिस्ट हो पर आप वो कर रहे हैं जिसमे कुछ देर के लिए आपके आस - पास के लोगों की राय को कुछ देर के लिए सम्मान की अनुभूति हो । या आप अपना इंटरेस्ट का काम इसलिए नहीं कर रहे क्यूंकि आपको लगता है की दुनिया आपके काम को नहीं समझेगी ।

मैं यही कहूंगा पहले आप खुद को समझिये, पहले खुद को सुनिए, पहले वो करना शरू कीजिए जो आप करना चाहते हैं ।

क्यूंकि बदलते वक़्त के साथ मौसम भी अपनी फितरत बदल लेते है कब गर्मी से वर्षा और आंधी भीषण रूप में आकर ठण्ड में चादर ओड लेती है हमे पता ही नहीं चलता । तो लोगों की सोच, दृश्टिकोण और नजरिया बदलने में कितना वक़्त लगता है । बहते पानी की दिशा में तो हजारों तैराक किनारे तक पहुँच ही जाते हैं पर एक असली तैराक वो है जो तूफ़ान से लड़कर विपरीत दिशा में तैरकर भी सही सलामत किनारे तक पहुँच जाए । लोग उन हज़ार तैराकों को अपना उदाहण नहीं बनाएंगे जिनके लिए गंतव्य तक पहुंचना आसान था ।इतिहास तो उसी एक तैराक को याद रखेगा जिसके लिए लड़ना और जीतना दोनों मायने रखता था ।

यही जीवन का सत्य है ||

IMRudra Message - परिवर्तन संसार का नियम है, इस बदलते संसार में जो बदलते रंगो को देख कर भी ईश्वर और माता - पिता द्वारा दिए गए अपने रंगों से प्यार करे वही श्रेष्ठ मनुष्य है ।

Writer - Rudra

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