पिछले भाग में हमने देखा कि वारिस खान की बीवी बताती है 10 रोज पहले अमन की गाड़ी एक कार से टकराई थी!
जहां अमन की मौत हो गई थी फर्नांडीस उसकी धड़कने दोबारा शुरू कर दी तभी फर्नांडिस की मौत उसके सामने थी अब आगे)
बाहर शीत लहर छाई होने के बावजुद कमरे में जरा भी ठंड महेसूस नही हो रही थी! कमरा पूरी तरह पेक था!
वारिसखान के बेडरूम मे परदे के भीतर एक परछाई बेठी थी!
उसकी गोद में वो बच्ची लेटी थी!
अपनी बच्ची के बालो को अपने हाथों से वो सहला रही थी!
आधी रात को ईस हालात में कोई अकेली औरत ईन्सानियत के नाते भी किसी गैर मर्द को अपने कमरे में नही बुलायेगी.. जब की वारिसखान की बीवी आधी रात को उससे बाते कर रही थी..! सीघी सी बात थी वारिसखान के कहने से ये लोग उसकी जान बचाना चाहते है..!
अमन को अभी भी उसबात पर यकिन नही था की वो मरकर दुबारा जिंदा हुवा है..!
"क्या सोच मे पड गये हो अमन जी..?"
"यही की सारा माजरा मेरे भेजे मे नही उतर रहा...!"
"Ohhh...! अब भी समझ नही आया..? सीधी सी बात है..!आज से दस रोज पहेले तुम फर्नांडिज के साथ ईसी रास्ते पर गुजरे थे! आज से दस रोज पहेले तुम्हारा एक्सिडेन्ट हुवा! उसी दिन फर्नांडिज की मौत हुई...?
"ईसका मतलब आजतक फर्नांडिज प्रेतात्मा के रुपमे मेरे साथ था! और वही हादसा हमारे साथ रिपिट हो रहा था..! शायद उसकी वजह फर्नांडिज ही था! "
"अब तूम समझे हो अमन मियां..!"
मध्यिम रोशनी कमरे मे फैली थी! अमन महेसूस कर रहा था! उन्हे अमन की फिक्र थी!
"ठीक है.. अब आप बताओ मुझे फर्नांडिज की मौत कैसे हुई..?"
अमन पर्दे के भीतर बेड पर बैठी परछाई को सन्मानिय निगाहों से देख रहा था!
रात जवान थी! निशाचर पक्षियों ने भारी शोर शराबे से हल्ला मचाया था! ऐसे ऐसे जानवर की आवाजें सुनाई दे रही थी जो कभी तुम दोनों ने पहले नहीं सुनी थी!
बीच रास्ते में किसी औरत को देख कर जब तुम ने गाड़ी को ब्रेक लगाई तो फर्नांडीज बुरी तरह दहल उठा!
फर्नांडीज का डर उसके सर पर चढ़कर बोल रहा था!
तुम्हारा अचानक गाड़ी को रोक देना उसे जरा भी पसंद नहीं आया था! वो तुम पर काफी गुस्सा हो गया था!
"अमन गाड़ी भगा...ओ !
जैसे ही वह तुम पर चिल्लाया तभी उसने तुम्हारे चेहरे पर कुटिल मुस्कान देखी !
उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई!
आखिर माजरा क्या था? यह समझ पाना उसके बस की बात नहीं थी! क्योंकि फिलहाल उसका दिमाग सुन्न हो गया था!
उसने पलट कर दोबारा सामने सड़क पर देखा!
उसकी आंखों में खौफ के साथ साथ आश्चर्य भी उमड़ आया!
अमन की आंखें अचानक एक दम सुर्ख हो गई! उसने अपनी मुंडी को पकड़ कर इधर उधर घुमाया! जैसे कोई रोबोट अपना टूटा हुआ मस्तक फिर से जोड़कर सेट करता है!
फर्नांडीस के चेहरे से जैसे खून सूख गया!
अचानक जैसे बिजली कौंधी!
अमन की लात का फटका इतना जोर से फर्नांडीस को लगा की किसी गेंद की तरह उसकी बॉडी उछलकर गाड़ी से बाहर जा गिरी!
ये क्रिया इतनी तेजी से हुई थी की फर्नांडिस को संभलने का मौका तक नहीं मिला!
गाड़ी की लेफ्ट साइड की फाटक टूट कर 'किचूड की' आवाज करती हुई तेजी से झूल रही थी!
फर्नांडीस इतनी जोर से नीचे पटक गया था की जैसे उसे लगा उसके बदन की सारी हड्डियों का चूरमा हो गया है कोशिश के बावजूद भी वह अपनी जगह से हिल नहीं पाया!
सामने ही एक राक्षसी मानव जैसा एक वटवृक्ष था!
उस वृक्ष को हरकत हरकत में आया देखकर फर्नांडिस की बची-कुची ताकत भी जवाब दे गई!
वटवृक्ष की लंबी लंबी भुजाओं ने घेरा डाला लंबे लंबे सांपों की तरह आई रस्सियों ने फर्नांडिस को जकड़ कर ऊपर खींच लिया!
सारा माहौल बिल्कुल शांत हो गया जैसे कुछ भी नहीं हुआ था!
"मतलब कि मैंने ही फर्नांडीस को धक्का दिया ऐसा कह रही हो? जब कि मुझे उस बात की भनक तक नहीं लगी?
फर्नांडीज की मौत का एक खौफनाक मंजर वारिस खान की बीवी ने अमन के सामने रख दिया तो अमन को उस बात पर यकीन नहीं हुआ!
"नहीं बरखुरदर फर्नांडिस को धक्का तुमने नहीं दिया था! उसने तुम्हारा गला घोटकर पहले ही तुम पर कब्जा कर लिया था! फर्नांडीस की भरपूर प्रयासों के बाद तुम्हारी धडकने फिर से शुरू तो हो गई पर अब तुम पर कभी भी वो आसानी से कब्जा कर सकती थी!
"उस वक्त भी वही तुम्हारे शरीर में वो मौजूद थी बाकी तुम्हारी लात का वार इतना जबरदस्त ना होता!
तुम्हारे साथ क्या हो रहा था वह बात तुम्हें ही मालूम नहीं थी इसलिए तुमने गाड़ी को वहां से भगा लिया!
अमन का दिमाग घूमने लगा था! इतना सब कुछ उसके साथ हो रहा था ,और उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं था!
"आप बता सकती हो "वो कौन थी" जिसने फर्नांडिस को मारा है..!"
"हां दूसरे दिन तुम्हारे भाई को तफ्तीश में यह राज मालूम हुआ की वो आखिर कौन थी!
सर्द रात! तराशा हुवा रुप.. एक कमरा.. कमरे अंगड़ाई लेती हुई तनहाई!
ठंडी हवाएं जैसे अमन को बेकाबू करने लगी! मन को लुभाने वाली महक पूरे कमरे में अमन ने महसूस की!
वह जिस सोफे पर बैठा था उस मखमली सोफे पर जैसे कोई उसके बदन को छू रहा था ! शरीर में धीरे-धीरे आग लगने लगी!
वारिस खान की औरत पर्दे के भीतर होने के बावजूद उस पर जैसे कयामत ढा रही थी! पर्दे में छुपी गुलेबहार को अमृत रस की प्याली में घोल कर पी जाने की ललक उसे जगी!
कुछ देर पहले ही वारिस खान की बीवी ने बताया था.
वारिस खान ने अपनी तफ्तीश में यह राज जान लिया था कि "वो आखिर कौन थी..?" वह यह राज खोलने ही वाली थी की उसे रुक जाना पड़ा!
बेचैन होकर अमन इधर-उधर देखने लगा तो वह रुक गई !
वो अपनी बच्ची को देख रही थी!
कमरे में गुलाब की महक मौजूद थी!
इस वक्त अमन के दिमाग में तूफान उठा था! एक खूबसूरत गोरा चेहरा उसकी निगाहों में तैरने लगा था!
पर्दे के भीतर होने के बावजूद जैसे उसकी कयामत ढाने वाली जवानी अमन को मोहमई निगाहों से अपनी तरफ खींच रही थी!
फिलहाल अमन कुछ भी सुनने के मूड में नहीं था!
वह उठा! संभलकर उसनें कमनीय काया की मल्लिका के रूप को मसलने की बेताबी संजोए अपने कदम उस पाक औरत की तरफ बढ़ाएं!
अमन की आंखों में न जाने कहां से वहशी पन छा गया ! शबाब का नशा सर पर चढ़कर बोल रहा था!
अंधेरी रात में अकेली औरत को अपनी भुजाओं में जकड़ लेना एक मजबूत शरीर के मालिक के लिए बहुत कठिन कार्य नहीं था!
दुबली पतली पर्दा नशीन उस औरत को इस वक्त कोई बचाने वाला नहीं था!
अमन का रोया रोया उस औरत के मखमली बदन की खुशबू महसूस करनेे आसक्त हो गया था ! उसी खुशबू से वशीभूत होकर अमन उसके इज्जत के दिनो में उसे लांछन लगाने को उतावला हो गया था!
वह इस वक्त नजरें झुका कर बैठी थी शायद कुछ सोच में थी!
मगर अमनके शरीर में दिमाग में जैसे शैतान सवार हो गया था! वह पीछे की साइड से उसे अपनी गिरफ्त में ले कर जकड़ लेना चाहता था!
( क्रमश:)
वारिस खान की बीवी खुद को बचा पाएगी?
"वो कौन थी' यह राज मालूम होने से पहले ही अमन क्यों ऐसा व्यवहार करने लगा था? क्या उसे अब किसी के भी बारे में सुनने में दिलचस्पी नहीं थी?
अब कौन बचाएगा वारिस खान की बीवी को..?