बेगुनाह गुनेहगार 10 Monika Verma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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बेगुनाह गुनेहगार 10

सुहानी की जिंदगी में एक से बढ़ कर मुसीबते खड़ी ही है। लेकिन खुदा ने कोई न कोई उसका साथ निभाने के लिए भेज ही दिया। सुहानी की किस्मत अच्छी है या किसीकी दुआ ओ का फल है यह तो सुहानी नही जानती। इमरान के ऐसे वर्ताव ने सुहानी को लगभग तोड़ ही दिया। 

इमरान फोन आ  रहै है। आखिर में सुहानी ने फोन रिसीव किया। 

सुहानी: हेलो।

इमरान: देखो मुझे माफ़ कर दो। गलती हो गई मुझसे। 

सुहानी: ऐसी गलती?

इमरान : देखो में होश में नही था। 

सुहानी: अब होश आया गया?

सुहानी गुस्से में है। 

आखिर में सुहानी मान गई। अब इमरान अपनी मर्जी से बात करता। कभी पूरे दिन बात नही करता। सुहानी रोज मैसेज करती। फिर इमरान बात करता। 

सुहानी से कुछ दिन में इमरान बात कर लेता। यह सील सिला चलता रहा। अब मिलना भी बंद हो चुका है। 

इमरान ने घर मे अपनी और सुहानी के बारे में बात करी। इमरान के अम्मी अब्बा ने साफ इनकार कर दिया। अलग जाती में शादी बिलकुल नही हो शकती।

इमरान ने सुहानी से इस बारे में बात की। सुहानी ने कहा कुछ दिन बाद बात करना। शायद मान जाए। सुहानी इमरान से बात करती। अब उसका रिप्लाई आना भी बंद हो गया। 


सुहानी ने कई बार कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की। लेकिन कोई रिप्लाई नही। 

सुहानी जैसे टूट सी गई थी। लेकिन जॉब ने इसे सम्हाला हुआ है। क्योंकि इसके ख्वाब अधूरे है। जो इसे जिंदा रहने की उम्मीद दे रहे है। 

सुहानी के पास अब कोई रास्ता नही बचा । बस पापा शादी के लिए फ़ोर्स करते रहते। और एक ओर इमरान की हरकतों से बड़ी मुश्किल से खुद को सम्हाल चुकी है। लेकिन पापा से कैसे बात करे। उसने नींद की गोलियां खा ली। आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन गोलिया ज्यादा खा लेने की वजह से उलटी हो गई। सुबह सुहानी बिल्कुल ठीक थी। थोड़ी कमजोरी जरूर थी। लेकिन दो दिन में अपने आप ठीक हो गई। 

सुहानी नही जानती की वो क्यो बाख गई। क्यो वो जिंदा है। 

इमरान ने अब बात करना ही बंद कर दिया। 

तभी अयान का मैसेज आया। hi

सुहानी: hi , कैसे हो। 

अयान: ठीक हु। 

सुहानी: सिर्फ ठीक? क्या हुआ?

अयान: मेरा break up हो गया।

सुहानी: मेरा भी। 

अयान: आपका भी?

फिर दोनों की दोस्ती बढ़ गई। 

एक दिन फिर पापा अंकल को लेकर आए। सुहानी उन्हें अपने आस पास भी देखना नही चाहती। 

अयान का मैसेज आया। 

बातो बातो में अंकल के बारे में सुहानी ने सब कुछ अयान को बता दिया। 

सुहानी को अब पापा पर से भरोसा उठ ने लगा। जिस पे वो सबसे ज्यादा भरोसा करती  थी, जो मानती थी कि उसे हर हाल में पापा मदद करेंगे। चलो गलती में न सही काम से कम सुहानी की सुरक्षा का ख्याल तो पापा रखेंगे ही। वो ही ऐसा करने लगे अब सुहानी कहा जाए? कुछ कहती तो शादी की बात रख देते। सुहानी कैसे अपने आप को किसी ओर को सौप दे। 

क्या सुहानी फिर से आत्महत्या करेगी? या कोई चमत्कार होने वाला है। इस बार और क्या होने वाला है। क्या सुहानी के जीवन मे खुशिया वापस आएगी? या कुछ ओर होना बाकी है? देखते है अगले अंक में।