विश्वास - कहानी दो दोस्तों की

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मेरी ये कहानी आप सब के समक्ष प्रस्तुत है।ये कहानी दो दोस्तों की अटूट दोस्ती की कहानी है। हमारा समाज आज भी एक लड़के और एक लड़की की दोस्ती को खुले दिल से स्वीकार नहीं कर पाता। ये कहानी दो दोस्तों के साथ साथ उनके परिवारों के बीच में एक प्यारे से रिश्ते की कहानी है। अभी तक जितनी कहानियाँ मैंने इस प्लेटफॉर्म पर लिखी हैॆ उनको आपसे प्यार मिला है जिससे मैं अभिभूत हूँ। आशा है कि आप सबको मेरी ये कहानी भी पसंद आएगी। प्लीज अपनी राय कमेंट के जरिए जरूर दीजिएगा। आपका लाइक और कमेंट हमें लिखने के लिए प्रोत्साहित करता है।

Full Novel

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 1-2

मेरी ये कहानी आप सब के समक्ष प्रस्तुत है।ये कहानी दो दोस्तों की अटूट दोस्ती की कहानी है। हमारा आज भी एक लड़के और एक लड़की की दोस्ती को खुले दिल से स्वीकार नहीं कर पाता। ये कहानी दो दोस्तों के साथ साथ उनके परिवारों के बीच में एक प्यारे से रिश्ते की कहानी है। अभी तक जितनी कहानियाँ मैंने इस प्लेटफॉर्म पर लिखी हैॆ उनको आपसे प्यार मिला है जिससे मैं अभिभूत हूँ। आशा है कि आप सबको मेरी ये कहानी भी पसंद आएगी। प्लीज अपनी राय कमेंट के जरिए जरूर दीजिएगा। आपका लाइक और कमेंट हमें लिखने ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 3

विश्वास (भाग -3)उमा जी के अंदर आते ही टीना की आँखों में सवाल थे जिन्हें पढ़ कर उनको जितना चला था, कह सुनाया। पोती के चेहरे पर दुख की लकीरें दादी देख पा रही थी।रात भर साथ वाले कमरे से कराहने की आवाज़े आती रहीं। सुबह नर्स टीना का चेकअप करने आयी तो टीना ने साथ वाले कमरे के पेशेंट के बारे में अपनी डायरी में लिख पूछा। "उनके पैर की हडडी टूट गयी है इसलिए वो दर्द में हैं, उनका ऑपरेशन हो रहा है"। नर्स बता कर और उसको सुबह की दवाई खिला कर चली गयी।नर्स के जाने ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 4-5

विश्वास (भाग --4)अब जब से टीना का एक्सीडेंट हुआ है वो बस टीना के पास ही रहती हैं। उमेश मीनल सुबह उनका नाश्ता और दोपहर का खाना ले आते हैं। डॉक्टर के राउंड पर आने के बाद उनसे बात करके ऑफिस चले जाते हैं और मीनल बच्चों के स्कूल से वापिस आने तक घर फिर शाम को टीना के चाचा चाची दोनो से मिलने और उमा जी के लिए खाना लेकर। परिवार में सभी कह कह कर थक गये कि, "माँ हम सब हैं, टीना के पास बारी बारी रूक सकते हैं"। उनका बस यही कहना कि "मैं घर ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 6-7

विश्वास (भाग -6)"जी जरूर माँजी", कह मीनल ने उनके हाथ से मोबाइल ले कर चार्जिंग पर लगा दिया।धन्यवाद, मैं देर में आ कर ले जाऊँगीं।"बहन जी आपने कुछ खाया"? उमा जी ने पूछा तो वो बोली," एक बार इनको होश आ जाए तभी कुछ खा पाऊँगीं"।"आपके पति बिल्कुल ठीक हो जाँएगे, चिंता मत कीजिए"। उमा जी ने दिलासा दी, तब तक मीनल ने एक प्लेट में सेब काट उनकी ओर बढाया, "माँजी आप थोड़ी बहुत खा लीजिए"। "धन्यवाद बेटा", कह सेब की एक फाँक प्लेट से ली।उमा जी--- "बहन जी आप के साथ जो आए थे, भाई साहब को ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 8

विश्वास (भाग --8)सरला जी के जाने के बाद दादी पोती की खामोशी से एक दूसरे से बातें करने लगी।अक्सर ही होता था, जब टीना दुखी होती तो दादी चुप हो जाती थी क्योंकि वो जानती थी, अभी उसको कुछ कहना मतलब दुखी करना है।रोज की तरह ठीक समय पर नर्स टीना को सैशन के लिए लेने आ गयी। 45 मिनट का सैशन होता है पर आज टाइम ज्यादा लग रहा था। आज डॉ. साहब ने टीना को कुछ कसरत करने का तरीका बताया जो उसको अपने आप बैठे -बैठे करने की कोशिश करनी है, दिन में 2-3 बार।उसके बाद ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 9

विश्वास (भाग -9)"सरला जी, एक प्लेट में खाना लगा कर भुवन बेटे को भी वहीं दे देते हैं ,वो खा लेगा"। उमा जी ने कहा तो सरला ने भी कहा "हाँ ये ठीक रहेगा, मैं दे आती हुँ"। सरला भुवन को खाना दे कर आयी तो उन लोगों ने भी खाना खा लिया।"बहन जी खाना बहुत अच्छा था, धन्यवाद आपने इस अनजान शहर में इतना अपनापन और सम्मान दिया, शुक्रिया बहुत छोटा शब्द है पर बहुत बहुत आभार आपका"। सरला के ऐसा कहने पर उमा जी ने उन्हें अपने गले लगा लिया। "सरला तुम मुझे अपनी बड़ी बहन समझो। ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 10

विश्वास (भाग --10)टीना को रात की खामोशी कई बार इतना बेचैन करती है कि दवा खाने के बाद भी आँखों से कोसों दूर भाग जाती है। हम सबके साथ कभी न कभी ऐसा ही तो होता है , जब दिनभर बहुत बिजी रहने के बाद भी रात को कुछ बातें या यादें हमें घेर कर नींद को पास ही नहीं फटकने देती। मेरे साथ तो अक्सर होता रहता है। टीना को स्कूल कॉलेज की यादें और दोस्त बहुत याद आते हैंं। एक्सिडेंट से पहले वाली टीना उसको जागने पर मजबूर कर देती है उसके ऊपर ये निराशा कि वो ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 11

विश्वास (भाग - 11)"क्या सीक्रेट बातें हो रही हैं दादी पोती में"? उमेश ने दोनो से हँसते हुए पूछा। भई हम को भी बताओ कुछ", अपने साथ लाया सामान टेबल पर रखते हुए मीनल ने कहा।"कुछ सीक्रेट नहीं बस इसको सिर में दर्द हो रहा है तो दबा रही थी"।"अब कैसा है बेटा? कुछ आराम मिला"? टीना ने "हाँ" में सिर हिला कर जवाब दिया।"मेरी गुडिया बहुत ब्रेव है", सब प्रॉब्लम्स को भगा देती है,"। पापा ने बेटी की तारीफ करते हुए कहा। "अच्छा माँ अब चलता हूँ, आज एक मीटिंग है तो देर हो रही है, मीनल तुम ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 12

विश्वास (भाग --12)मीनल के घर जाने का टाइम हो रहा था, "माँ मैं चलती हूँ, किसी चीज की जरूरत तो आप फोन कर देना"। "ठीक है", कर दूँगी। "कल सुबह वीरेश को भेज देना, कल तुम थोड़ा आराम करना"। "ठीक है माँ, आप लोग लंच टाइम पर कर लेना, सरला जी को बोल दिया है वो आ जाँएगीं और आप अपना भी ध्यान रखो",कह मीनल वहाँ से चल दी। "सरला मेरा खाना तो यहीं से आता है, मैं खा लूँगा तुम अपनी दीदी के साथ वहीं खा कर आओ, थोड़ा मन भी बहल जाऐगा तुम्हारा"। "ठीक है चली जाऊँगी ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 13

विश्वास (भाग--13)डॉ. से मिल कर उमा जी को तसल्ली हुई। कमरे में आकर उन्होंने मीनल को फोन करके सब "हाँ माँ अब उसको घर ही ले आएगें बाकी सब तो घर से ही हम मैनेज कर लेंगे"। मीनल ने कहा तो उन्होंने भी "ठीक कह रही हो बहु", अच्छा अब फोन रखती हूँ।सब कुछ रोज जैसा ही चल रहा था। टीना और दादी लूडो खेल कर हटी तो उसने दादी को सरला जी के कमरे से हो कर आने को कहा। "ठीक है मेरी दादी माँ देख आती हूँ, तू इतनी समझदार क्यों है मेरी परी"। दादी की बात ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 14

विश्वास (भाग --14)टीना का एक दो शब्दो में जवाब देने से भुवन को लगा कि शायद टीना को उससे करना पसंद नही है, मन में शक रखना उसे आता ही नही था तो उसने सीधा ही पूछ लिया, "टीना मुझसे बात करना पसंद नही है तो आप बता सकती हो मुुझे, हम बात नहीं करेंगे"! "नहीं ऐसा नही है, मैं लिख कर जवाब देती हुँ तो सोचती हूँ कि कम लिखूँ, नहीं तो आप मेरा जवाब लिखने तक बोर हो जाओगे", टीना की बात सुन कर मुस्कराए बिना वो नहीं रह पाया ।"आप इतना मत सोचो, मुझे बोरियत नहीं ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 15

विश्वास (भाग --15)भुवन ने नं सेव करके उसे फोन दिखाया, टीना ने देखी उसका नं भुवन ने शेरनी(tigeress) के से सेव किया था। उसने इशारे से इसका कारण पूछा तो बिना जवाब दिए मुस्करा कर चला गया। एक मिनट बाद दुबारा आकर उमा जी को बोल कर गया," दादी जिस दिन आपकी ये पोती मुझे फोन करके बुलाएगी उस दिन मैं आऊँगा, अब ये इस पर है कि कितने दिन लगाती है बोलने में, पर मुझे पता है बोलेगी तो जरूर"। भुवन की बात सुन कर टीना को हाँ में सिर हिलाते देख उमा जी बहुत खुश हुई।मन ही ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 16

विश्वास (भाग 16)"गेट वेल सून टीना", कह कर नर्स डॉली ने उससे हाथ मिलाया। टीना मुस्करा दी। 2 महीने ज्यादा वक्त टीना यहाँ बिता कर दादी के साथ हॉस्पिटल से बाहर निकल रही थी। दोनो ही खुले आसमान को देख कर मुस्करा दी, ऐसा लग रहा है कि आधी से ज्यादा लड़ाई वो जीत चुके हैं जो थोडी सी बाकी है, वो जीतने के लिए कमर कस कर तैयार हैं।कुछ दिन पहले की टीना और इस पल की टीना में काफी फर्क है। उमेश ने भी इस बदलाव को महसूस किया और खुश भी हैं कि उनकी टीना अब ...और पढ़े

14

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 17

विश्वास (भाग -17)"टीना बेटा अब उठ जा, नही तो रात को नींद नही आएगी", दादी के उठाने पर वो तो उसके पैरों की तरफ आकाश खड़ा था। आकाश टीना से 5 साल छोटा है। 11वीं में पढ़ता है, पर वो आदतों से छोटा है। मम्मी के बिना वो बस स्कूल ही जाता है। घर आने के बाद तो जो माँ कहेगी बस वही करेगा। पापा से वो बहुत डरता है, और टीना को अपनी मम्मी से डर लगता है।टीना हमेशा आकाश को परेशान करती और मम्मा बॉय कहकर चिढ़ाती। आकाश माँ को उसकी शिकायत करता तो मीनल टीना को ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 18

विश्वास (भाग--18)टीना बहुत दिनों के बाद अपने आप को हल्का महसूस किया। परिस्थितयाँ कैसी भी हों सबसे पहले हमारी गायब हो जाती है। चाहे दुख हो या सुख!!! टीना बहुत देर तक भुवन की बातों पर सोचती रही फिर न जाने कब उसको नींद आ गयी। बहुत दिनों के बाद टीना की घर में पहली सुबह भी शानदार रही। सबसे पहले वो गैलरी में चिडियों को देखने गई, चिड़ियों की चहचहाहट उसे अच्छी लग रही थी। उनके लिए दाना पानी सब रखा हुआ था, फिर भी एक चिडिया पिंजरे में चुप सी लगी। टीना को पिजंरा हॉस्पिटल लगा और ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 19

विश्वास (भाग-19)टीना मैसेज पढ़ कर उदास हो गयी। जब से भुवन से दोस्ती हुई थी तब से उसकी सोच हो रही थी। अब वो भी जल्द से जल्द ठीक होने के लिए अपना ध्यान रखने लगी। भुवन को मिस कर रही थी, पर उसका तो फोन ही बंद था। अब उसको भुवन की तरफ से ही इंतजार था। जब हमें किसी का इंतजार होता है तो अपनी रफ्तार से चलता वक्त भी रुका हुआ लगता है। ऐसा ही टीना के साथ हो रहा था। वो भुवन से अपनी बातें शेयर करना चाह रही थी। 2 हफ्ते फिर दो महीने ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 20

विश्वास (भाग--20)भुवन को टीना के परिवार में सब बहुत सरल स्वभाव के लगे। बच्चे वही करते हैं जो घर बड़ो को करते हुए देखते हैं, इसलिए टीना के भाई और कंजस सब उसको समझदार लगे पर साथ ही शरारती भी।यही सब सोचता हुआ भुवन घर पहुँच गया।भुवन के अपने ही दोस्त बस नाम मात्र के थे। अब टीना उसकी पक्की और अच्छी वाली दोस्त बन गयी है तो वो भी दोस्ती को अच्छे से निभाएगा सोच कर सो गया। आज उसको पता चला कि जिस टीना से वो हॉस्पिटल में मिला था वो तो उससे बिल्कुल ही अलग है। ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 21

विश्वास (भाग -21)"शेरनी अगले शुक्रवार तुम तैयार रहना, मेरे गाँव चलना है"। भुवन ने टीना को फोन पर बोला। ---- गाँव क्यों??भुवन --- क्यों हमारे गाँव चलने में परेशानी है? मैं तुम्हारे बुलाने पर आया था ना?टीना --- मैं जाने से मना नहीं कर रही हूँ, कुछ खास बीत है? पूछ रही हूँ।भुवन --- हाँ ऐसा ही समझो।टीना --- अच्छी तो बताओ क्या खास है?भुवन --- वहाँ चल कर देखना, दो दिन रहेंगे, तुम्हे गाँव भी दिखा दूँगा ।टीना --- हाँ गाँव तो मुझे भी देखना है, पर घर पर पूछ कर बताती हूँ। भुवन --- तुम पूछ लेना ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 22

विश्वास (भाग-22)दादी और टीना ने कुछ देर आराम किया। फिर शाम को भुवन की मम्मी के साथ उमा जी जी को मिलने चली गयी। भुवन और टीना बाद में मिठाई और गिफ्ट ले कर गए। कुछ देर रुक भुवन टीना को अपने खेत दिखाने ले गया।भुवन रास्ते भर टीना को कौन से खेत मे कौन सी फसल है, बताता रहा। टीना को सब बहुत लुभा रहा था। ढलती शाम में सब अपने अपने घर लौट रहे थे। बैलगाड़ी देख कर उसने बैलगाड़ी में बैठने की जिद करने लगी। "टीना बैलगाडी में कल बैठना, अभी चलो तुम्हें कुछ दिखाना है ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 23

विश्वास (भाग -23)भुवन और टीना की बातों को स्टॉप घर के गेट के सामने लगा। "अरे पता ही नहीं और घर पहुँच गए"। टीना ने कहा तो भुवन हँसते हुए बोला "कैसे पता चलता शेरनी बोलती ही इतना है"!!दादी सरला चाची के घर से आ गयी थी। उनको भी भुवन की मम्मी से स्कूल के मुहुर्त का पता चला। खुले आँगन में सब तैयारियाँ चल रही थी। मिठाइयाँ बन कर आ चुकी थी। रात को खाना खाने के बाद दादी तो कमरे में आराम करने चली गयी पर टीना भुवन और उसके भाईयों के साथ बातें करने में बिजी ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 24

विश्वास (भाग -24)"उमा जी यह तो बहुत ज्यादा है, आप हमारे मेहमान हैं। आप से कैसे ले सकते हैं"? जी--- "भाई साहब ये मैं स्कूल के लिए दे रही हूँ। आप लोग इतना नेक काम कर रगे हैं तो हम भी इसकी भागीदार बनना चाहती हैं, प्लीज आप मना मत कीजिए"।सर --- " अब आगे मैं क्या कहूँ बहन जी, आप जैसी कहें"।उमा जी-- "धन्यवाद भाई साहब"।टीना -- थैंक्यू सर। चलो दादी बाहर सब इंतजार कर रहे हैं।भुवन और उसकी मम्मी उनका इंतजार कर रहे थे।"माँ जी कैसा लगा आपको बच्चों का सपना"। बहुत ही अच्छा और नेक सपना ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 25

विश्वास (भाग -25)"संध्या चलो तुम भी टीना बाबा का आशीर्वाद ले लो", भुवन ने कहा तो संध्या टीना की बढ़ती उससे पहले ही टीना ने उसे रूकने को कहा, "प्लीज आप वहीं रूको मैंने सिर्फ मजाक किया था, आप दोनो ही मुझसे बड़े हैं"।"टीना जाओ संध्या और उसके पापा को भुवन के साथ घर छोड़ आओ"। भुवन के पापा के कहने पर वो दोनों उनको छोड़ने चले गए। संध्या को दिल्ली आने को कह वो लोग वापिस आ गए। संध्या ने भी मुस्करा कर "जरूर आऊँगी" कहा।"कैसे लगा तुम्हे हमारा गाँव "? भुवन ने टीना से पूछा। "गाँव तो ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 26

विश्वास (भाग --26)काफी मुश्किल से टीना को नींद आयी। वो तो 10 बजे दादी ने उठा दिया था क्योंकि के भाई उससे जाने से पहले मिलनी चाहते थे। टीना जल्दी से तैयार हो कर नीचे आयी। सब नाश्ता कर रहे थे। "कितने बजे की ट्रेन है आप लोगों की"। टीना ने राजेश से पूछा, "दीदी मेरी और श्याम को 12:30 की है और दोनो भैया की 1:20 , पर हम सब एक साथ निकलेंगे"। "10:30 बजे गए। आप लोगों की तैयारी हो गयी"?? "हाँ मैडम जी हो गयी", टीना के पूछने पर नरेन ने कहा, आप के जो दोस्त ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 27

विश्वास (भाग -27)बाजार से आकर टीना ने जो खरीदी वो सब दिखाया। उमा जी तो बस पोती को पहले तरह हँसते खिलखिलाते देख खुश थी। सरला जी टीना के लिए अपने हाथों से सिल कर एक कुरती लायी थी। रंग बिरंगी कुरती टीना को बहुत सुंदर लगी। "दीदी ये शॉल आपके लिए लाई हूँ"। "ये तो बहुत सुंदर है आँटी जी, टीना ने शॉल देखते ही कहा और यह जरूर बाहर से कोई दीदी लायी होंगी आपके लिए"। "हाँ बेटा तेरी दीदी ही लायी थी जब पापा को देखने आयी"। "सरला यह तुम रखो, मेरे लिए अगली बार मँगवा ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 28

विश्वास (भाग- 28)भुवन और टीना ने आ कर उनकी बातों पर विराम लगाया। खाने की तैयारी मोहन कर ही था। टीना और भुवन भी हाथ मुँह धो कर आँगन में सबके साथ बैठ गए। भुवन के पापा टीना से उसकी पढाई और आगे क्या करना चाहती है, पूछ रहे थे। जिनके जवाब टीना आराम से दे रही थी। हालंकि फिल्मोॆ से गाँव के मुखिया या सरपंच की जो इमेज यहाँ आने से पहली बनी हुई थी वो भुवन के पापा से मिल कर टूट गयी थी। पढाई की बातें, उसके बाद पापा, चाचा की बातें उनके काम के बारे ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 29

विश्वास (भाग --29)टीना का मन अशांत था , उसे बार बार भुवन के पापा की रोना याद आ रहा भुवन और मोहन उसको हँसाने के लिए किस्से सुना रहे थे। रास्ते मे एक जगह रूक कर सब फ्रेश हुए फिर नाश्ता किया। दोपहर लंच तक वो लोग टीना के घर पहुँच गए।उमा जी ने पहले ही बता दिया था तो खाना भी तैयार था। भुवन और मोहन ने खूब मना किया पर इस बार दादी ने उन्हें खाना खिला कर भेजा। फिर जल्दी मिलेंगे का वादा कर दोनो चले गए। टीना दोनो को नीचे छोडने गयी तो उसने भुवन ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 30

विश्वास (भाग -30)संध्या ने दोनो तरफ के कपड़े काफी सिंपल पर अच्छे लिए। "मीनल और टीना ने कहा भी इतनी सुंदर हो थोड़ा गहरे रंग और भारी ले लो। नयी नवेली दुल्हन पर अच्छे लगते हैं"।संध्या -- आँटी जी मम्मी जी ने मेरे लिए काफी तरह की गहरे रंगो की साड़ियाँ ले कर रखी हुई हैं, रोज वो सब नहीं पहन सकती तो इसलिए ऐसे ले रही हूँ जो रोज पहँनू।मीनल -- "फिर तो ठीक है बेटा। तुम बहुत समझदार हो"। टीना -- "संध्या क्या मैॆ आपको दीदी बोल सकती हूँ"?संध्या -- क्यों नहीं , मुझे भी छोटी बहन ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 31

विश्वास (भाग -31)"कोई बात आप ट्राई तो करो, जो आज तक नहीं किया वो शुरूआत मुझसे करो"। कहते हुए उसको एक वेस्टर्न ड्रैसेज की शॉप में ले गयी तो भुवन उसे ये कह कर बाहर ले आया कि "शादी में ये नहीं पहनने"।वो टीना को फिर से फैब इंडिया ले गया। वहाँ उसने एक सिल्क का फिरोजी रंग की कुरती निकाल कर दी, टीना ने अपने साइज का निकलवा कर ट्राई किया, सबको पसंद आने पर उसके साथ सलवार और दुपट्टा मैच करके पूरा सेट बना दिया। "भुवन बहुत अच्छी पसंद है आपकी"। "अब चल शेरनी इसके मैंचिग फुटवियर ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 32

विश्वास (भाग -32) टीना बहुत थकी हुई थी। "मुझे बहुत नींद आ रही है दोस्त मैं सोने जा रही कल सुबह कॉल करूँगी", लिख कर टीना ने भुवन को मैसेज कर दिया।सुबह के 9 बजे थे ,जब भुवन का विडियो कॉल आया।"सब जा रहे है वापिस पढाई जो करनी है। तुम बॉय बोल दो सबको, फिर कहोगी कि बताया नहीं"। सबको बॉय बोल कर फोन करते रहना बोल टीना ने फोन काट दिया।टीना को कॉलेज तो जाना नहीं था , सो नाश्ता करके कुछ देर पढने बैठ गयी। 2-3 घंटे लगातार टीना से कभी पढा नही जाता था।पर जब ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 33

विश्वास (भाग -33)उन लोगो के जाने के बाद भी कुछ देर उनकी ही बातें होती रही। सब प्रभावित हुए नही रह सके भुवन के परिवार के आचार- व्यवहार से।कार्ड के साथ एक बड़ा सा बॉक्स भी था जो लाल रंग के वेलवट जैसे कपडे से लिपटा था।उमा जी ने खोल कर देखा तो उसमें छ: चाँदी के गिलास थे जिनमें ड्राई फ्रूट भरा हुआ था।"माँ हम को शादी में क्या देना चाहिए"?उमेश ने पूछा।"बेटा मैं सोच रही हूँ कि संध्या के लिए पेंडेटसेट या कुछ और गोल्ड में देना सही रहेगा। कैश देना ठीक नहीं लगेगा"। "ठीक है माँ ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 34

विश्वास (भाग --34)सुबह टीना जल्दी उठ गयी थी। घर में काम करने वाले लोग कई थे। पर रसोई में तर काम भुवन की माँ ही करती थी।सुबह टीना ने सबके लिए चाय बनायी। भुवन के पापा तो गुस्सा हो गए।टीना बिटिया तुझे कोई काम नहीं करना है, बस तुझे तो देखना है कि सब काम ठीक से हो रहा है या नहीं।"ठीक है अँकल जी वो भी देख लूँगी, पहले चाय पी कर बताओ आपकी बिटिया ने कैसी बनायी है"?चाय तो बहुत अच्छी बनी है बिटिया , क्यो शांता ? हाँ टीना बहुत अच्छी बनी है, बिल्कुल जैसे तुम्हारे ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 35

विश्वास (भाग -35)देर रात तक संगीत में मस्ती करने के बाद अगले दिन सुबह सब देर से उठे।शाम को और टीना को सब रस्मो रिवाजो को टाइम के साथ पंडित जी का लिखा हुआ कागज संध्या के घर देने के लिए भेजा गया।दोनो को संध्या के घर से शगुन और मिठाई मिली जा उन्होने सबके साथ पहले के जैसे बाँट लिया और मिठाई माँ को दे दी।सुबह शादी थी तो रात के खाने के बाद टीना भुवन के पापा के लिए लायी ड्रैस और सेंडिल उनको दिखाने ने आयी।अँकल जी आप कल सुबह ये पहनना, भुवन और ये चारो ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 36

विश्वास (भाग-36) भुवन और संध्या के लिए एक और सरप्राइज मिला कमरे को देख कर। कमरा बहुत सुंदर सजा था।संध्या जहाँ शरमा रही थी, वहीं भुवन को ये सब अजीब लग रहा था। कुछ मिनटो में टीना अपने हाथों में दो शापिंग बैग ले कर आ गयी।सॉरी दी, मैं आप दोनों को डिस्टर्ब कर रही हूँ, पर आप को पैकिंग करनी है तो इसलिए आपका सामान लायी हूँ। टीना नेे जो सामान भुवन के लिए खरीदा था वो भुवन को दिया ये सब ले जाना काम आएगा।दूसरा बैग संध्या को दिया, "दीदी आप यहाँ वेस्टर्न ड्रैसेज नहीं पहन सकती, ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 37

विश्वास (भाग -37) टीना, भुवन से बात करके उठ गयी।सब बच्चों से मिलने के बाद टीना ने गिफ्ट में झुमकी दिखाई। टीना की दादी ने बताया कि उन्होने जो मीनल और सबको भी शगुन और गिफ्टस दिए हैं। समय अपने हिसाब से बीत ही रहा था। नरेन और राजेश सो एक बार बात हुई थी। भुवन और संध्या भी वापिस आए तो टीना ड्राईवर के साथ एयरपोर्ट लेने चली गई। एयरपोर्ट से सीधा भुवन के घर छोड दिया था टीना ने। दोनो को खुश देख कर टीना भी खुश थी कि उसका प्लान कामयाब हुआ। संध्या और भुवन टीना ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 38

विश्वास (भाग-38) "अँकल जी आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं और ऐसा हो जाए तो बहुत अच्छा हो जाएगा।अभी फ्री हो जाते हैं तो उनसे बात कर लेते हैं"। उत्साहित भुवन बोला। "अरे बेटा इतनी जल्दी नहीं है, आराम से फ्री हो कर बात करके बताना। फिर आगे की बात कर लेेंगे पापा के साथ बैठ कर"। उमेश जी ने कहा।टीना इन सब बातों से बेखबर अकेली छत पर खड़ी थी। उसको अकेला देख नरेन भी वहाँ पहुँच गया।"यहाँ अकेली क्यों खड़ी हो? "टीना -- कुछ नहीं ऐसे ही देख रही हूँ सबको।नरेन --- ठीक है। टीना -- अब ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 39

विश्वास (भाग --39)टीना और बाकी सब शांता जी की मदद कर रहै थे सामान समेटने में और जब पता कि टीना आज नहीं कल जा रही हा तो सब खुश हो गए,खासतौर पर नरेन। अंदर से दोनों ही परेशान है कि उनके पापा मानेंगे या नही। दूसरे ही पल ना माानने की कोई वजह भी ऐसी नही दिखती अगर जात - बिरादरी को ना देखा जाए। किंतु भुवन और रवि की शादी में बिरादरी नहीं देखी गयी तो अब नरेन की बारी में भी ये जात- बिरादरी आड़े नही आएगी।जब टीना पहली बार भुवन के साथ घूमने आई थी, ...और पढ़े

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - अंतिम भाग

विश्वास (भाग-40)गाँव से आ कर भुवन को खाना खिला कर ड्राईवर को भुवन को छोड़ने के लिए भेज दिया। तो कैब से जा रहा था पर उमेश जी ने नहीं जाने दिया। उमेश जी ने भुवन के जाने के बाद टीना के लिए नरेन की रिश्ते की बात बताई। उन्होने फिर भुवन और महावीर जी से गुई सब बातें बताई। उमा जी और मीनल की तरफ से हाँ थी। टीना से पूछा तो उसने कहा कि जैसे आप को ठीक लगे। उमा जी तो जानती थी नरेन और टीना के बारे में, बस वो मौका ढूँढ रही थी, भुवन ...और पढ़े

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