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रिमोट से चलने वाला गुड्डा - उपन्यास
Mazkoor Alam
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
रिमोट से चलने वाला गुड्डा मज्कूर आलम (1) चेतावनी : विवाहित पुरुष अपनी पत्नियों को यह कहानी न पढऩे दें। वर्ना परिणाम के जिम्मेदार खुद होंगें। शादी के 6 साल बाद वे अपनी पहली यात्रा पर थे। वैसे यहां यात्रा कहना बेमानी होगा, क्योंकि शादी के बाद यात्राएं तो बहुत की थी दोनों ने, पति ने ऑफिशियल टूर और उसने हमेशा की तरह अपनी कल्पनाओं में हनीमून पर जाते हुए। हनीमून पर जाना ही जैसे उसके जीवन का परम लक्ष्य बन गया था। वह खुद भी कई बार सोचती कि यह हनीमून पर जाने की उसकी ललक है या पति
रिमोट से चलने वाला गुड्डा मज्कूर आलम (1) चेतावनी : विवाहित पुरुष अपनी पत्नियों को यह कहानी न पढऩे दें। वर्ना परिणाम के जिम्मेदार खुद होंगें। शादी के 6 साल बाद वे अपनी पहली यात्रा पर थे। वैसे यहां ...और पढ़ेकहना बेमानी होगा, क्योंकि शादी के बाद यात्राएं तो बहुत की थी दोनों ने, पति ने ऑफिशियल टूर और उसने हमेशा की तरह अपनी कल्पनाओं में हनीमून पर जाते हुए। हनीमून पर जाना ही जैसे उसके जीवन का परम लक्ष्य बन गया था। वह खुद भी कई बार सोचती कि यह हनीमून पर जाने की उसकी ललक है या पति
रिमोट से चलने वाला गुड्डा मज्कूर आलम (2) अरे छोड़ो न, कहां तुम इन चीजों में फंसी हो। तुम जैसी हो, मुझे वैसी ही सुंदर लगती हो। मगर प्रतीक... तब तक चाय खत्म हो गई थी। प्रतीक एक बार ...और पढ़ेलैपटॉप से उलझ गया था। उसे अपनी तरफ ध्यान न देता देख वह जिदभरे स्वर में बोली- ठीक है अगर मैं दुबली नहीं हो सकती तो क्या? कोई बात नहीं। मैं वह गुडिय़ा तो ले ही सकती हूं। स्लिम-ट्रिम गुडिय़ा! मुझे वह गुडिय़ा चाहिए। उसे गोद में लेकर मुझे उसमें अपना अक्स देखना है। दस साल पहले वाली पवित्रा को
रिमोट से चलने वाला गुड्डा मज्कूर आलम (3) वह व्यंग्यात्मक अंदाज में मुस्कुराई- ठीक कहते हो... आजकल तो रिश्तों पर भी आत्मघाती हमले होते हैं। एक बार फिर असलम मुंह फाड़े एकटक उसकी ओर देखने लगा- मैडम कभी-कभी आप ...और पढ़ेरहस्यमयी लगने लगती हैं! पवित्रा चुप ही रही। हां अब इधर देखिए... आजकल केमिकल या जैविक हथियारों की भी बातें भी खूब हो रही है। कहा जाता है कि केमिकल या जैविक असलहों से इलाका का इलाका रोगग्रस्त होकर मरने को अभिशप्त हो जाता है। वह भी आदिमकाल से मौजूद है। तब जैविक हथियारों का काम लिया जाता था मरे