कविता रिश्तों की Dr. Pruthvi Gohel द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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कविता रिश्तों की

हसरतें

हसरतें दिल में बहोत है।

कोई उन्हें जगाकर तो देखे।

ख्वाहिशें दिल में अनेक है।

इन अरमानो को कोई-

जिंदगी की रोशनी बनाकर तो देखे।

हसरतें दिल में बहोत है।

हर इन्सान का इन्सान से होता है एक रिश्ता।

उन्ही रिश्तों से है एक उम्मीद,

इस आलम मे हो,

हर किसी के चेहरे पे मुस्कान

हसरतें दिल में बहोत है।

"प्रीत का प्रेम से है,

बड़ा ही प्यारा दिल का रिश्ता।

चाहत के इस सफर में,

कोई तो ले हमसे प्रेरणा

हसरतें दिल में बहोत है।

खूबसूरत

ये जिंदगी बहोत खूबसूरत है।

इसे जी ले तो स्वगँ से भी सुंदर है।

जीवन है पल दो पल का सफर,

तूफान से उठती प्रीत की लहर है।

भगवान् की ये स्नेह भरी देन है।

इसे समज ले तो हमारी कदर है।

दिल में अँगर प्यार की हसरतें।

तो ये जिंदगी प्रीत से तरबतर हैं।

सोचा न था

सोचा न था हमने कभी ऐसा भी होगा।

अाप हमसे यू रुठकर चले जाएँगे।

हमने तो आपको चाहने की गलती की,

अब तो आप की याद से ही जी लेंगे।

शायद कुछ तो आकषँण था आपमें ;

वरना हम कैसे आप ही पे मरेंगे?

अगर हम मर भी जाए आपकी याद में,

तो क्या आप हमारे आँसू पोंछने आएंगे?

सोचा न था हमनें कभी एसा भी होगा!

प्रीत से हम इस तरह तन्हा रहेंगे!!!

ददँ का रिश्ता

सोचा न था कभी की

उसकी याद मुझे यू

मदहोश बना देगी।

सोचा न था कभी

ये राहे यू ही बदल जाएगी

कैसा रिश्ता है ये

जो मुझे समझ नहीं आता?

क्यी नाम है इस रिश्ते का

कैसे में खुद को समजाऊ?

अब समझ आयी है मुझे

ये रिश्ता

जीसे लोग कहते हैं

ददँ का रिश्ता।

रिश्ता

नजाने कैसा है तेरा मेरा रिश्ता,

थोड़ा प्यारा सा है थोड़ा गहरा सा है।

तेरी खुशी में ही है मेरी खुशी।

तेरा जीवन तुझसे ज्यादा चाहा है।।

जो चाहे तु वो मिल जाए तुझे।

यही दुआ मेरा मन मांगता है।।

कितना प्यारा है ये रिश्ता हमारा।

जीवन में जो प्रीत भरता है।।

ये रिश्ता क्या कहलाता है

एक दिन तुमसे ऐसे ही मुलाकात हुई,

एक जिंदगी की ओर जिंदगी से बात हुई।

एक दूजे के जीवन की बात हर रात हुई।

आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है?

आपकी बात जिंदगी की सौगात बनी,

जिंदगी का लुत्फ उठाने की चाहत बनी।

क्यु आपकी बात हमारी इबादत बनी?

आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है?

आज वो बाते मीठी यादों की बारात बनी

रिश्तों के साथ रिश्तों की सौगात बनी

क्यूँ एक ही रिश्ते से हर रिश्ते की बात बनी?

आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है?

प्रीत का है ये कितना प्यारा पवित्र रिश्ता

अतूट प्यार का बंधन है ये हर रिश्ता

फिर भी मन क्यूँ नहीं है समझ पाता!

आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है?

रोशन

आपके आने से जिंदगी हमारी

रोशन हुई इस कदर

की रही ना कोई फिकर।

जिंदगी वहीं पुरानी है फिर भी

लगती है नई इस कदर

क्या इश्क का है ये असर?

रंगों से रंगीन हुई अब दुनिया

रोशनी से रोशन है ये घर,

अगर साथ हो दिलबर!

प्रीत का राज हो हर जगह,

आप चाहो हमें अगर।

जीवन पथ के हर डगर।

फिलहाल

जिंदगी फिलहाल जी लेने की चीज है।

क्योंकि आखिर में तो ददँ ही मिलता है।

जिंदगी से अगर किसी को शिकायत न होती,

तो न कोई हारता न कोई बिकता है।

कहते है लोग जिंदगी एक पहेली है।

जहाँ हरकोई न हमेशा के लिए रुकता है।

जिंदगी जीना न उतना आसान है न मुश्किल

प्यार नफरत का सिलसिला यहां चलता है।

जिंदगी फिलहाल जी लेने की चीज है

क्योंकि आखिर में तो ददँ ही मिलता है।

क्या तुम्हें याद है?

जो वक्त हमने बिताया था साथ साथ मिलके,

हर पल बसाया था जीवन नया हमने, क्या तुम्हें याद है?

वो यादें, वो बाते, वो वक्त, वो हसीमजाक करके,

जिंदगी का मजा हर वक्त लूटा था हमनें, क्या तुम्हें याद है?

नजाने कब हो गई ये दूरियां और फासले,

जब समय ने दस्तक दिया था हमको, क्या तुम्हें याद है?

अच्छा लगता था जो हमको, है वो जीवन प्यारे,

एहसास था वो वक्त का नया नया, क्या तुम्हें याद है?

हम दोनों

दूरियां बढती ही चली, नजदीकियां गुम होती चली,

इन दोनों के बीच में अटकते रहे हम दोनों।

खयालों में अंतर बढता चला, प्यार कम होता चला,

फिर भी चुपचाप ददँ सहते रहे हम दोनों।

एकदूसरे को समझने की हमनें लाख कोशिश की,

पर सिफँ पहेलियाँ ही बुझाते रहे हम दोनों।

जिंदगी का यह सुहाना सफर बन गया पराया,

सिर्फ यही कहानी कहते रह गए हम दोनों।

दूरियां बढती ही चली, नजदीकियां गुम होती चली,

इन दोनों के बीच में अटकते रहे हम दोनों!!!