यात्रा विशेष भारत के मशहूर समुद्री तट-03
भारत के मशहूर समुद्री तट
भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां समुद्र की हजारों किलोमीटर की तट रेखा है। भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा विशाल प्रायद्वीप है और इसका समुद्र तट लम्बा है जो 7500 किलोमीटर से अधिक फैला हुआ है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिन्द महासागर है। 09 भारतीय राज्य और 03 संघ राज्य क्षेत्र तटीय भागों में स्थित हैं। आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, केरल,कर्नाटक,महाराष्ट्र,ओडिशा और तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह,दमन और द्वीप एवं लक्षद्वीप समूह की सीमा समुद्र तट से घिरी हुई है। भारत के समुद्र तटों से समुद्र और सूर्य को निहारना बहुत ही रोमांचक और आध्यात्मिक अनुभव होता है। इस सर्दियों में भारत के मशहूर समुद्री तटों की यात्रा करे और प्राकृतिक छटा से रूबरू होते हुए सृष्टि के अनमोल रचना को अपने आँखों से निहारते हुए एक सुखद अनुभूति का आनन्द ले।
ओडिशा के सुंदर समुद्र तट !
- विनय सिंह
भारत के पूर्वी तट पर बसे ओड़िशा की एक लम्बी सीमा समुद्र से लगा हुआ है। ओडिशा को 500 कि.मी. लंबी तटरेखा का वरदान प्राप्त है तथा विश्व के कुछेक सर्वाधिक सुंदर समुद्र तट यहां विद्यमान है। ओडिश के समुद्र तट ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक नजरो से भरा हुआ है , आईये जानते है ओडिशा के समुद्री तटों के बारे में ...
* कोणार्क तट - कोणार्क समुद्री तट पुरी की सड़क पर सुप्रसिद्ध सूर्य मंदिर से 3 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। इस विश्व सबसे उत्कृवष्ट समुद्र तटों में से एक माना गया है। हम यहां स्था नीय मात्स्यिकी बेड़े को काम करते हुए देख सकते है। इस समुद्र तट पर सूर्योदय का दृश्य अत्यंोत आकर्षक होता है तथा सूर्य स्नासन के लिए यह सर्वथा आदर्श स्थाबन है। स्वीच्छ रेत के दीर्घ विस्तासर तथा अपनी स्व्यं की लुभावनी सौम्यसता के साथ यह समुद्र तट संपूर्ण बर्फ पर्यटकों को आकृष्ट करता है।
* पारदीप तट - पारादीप के समुद्री तट का बहुत महत्व है। एक आकर्षक पर्यटक स्थल होने के अलावा, ओडिशा में पारादीप का समुद्री तट देश के सर्वाधिक महत्वीपूर्ण वाणिज्यिक समुद्री पत्त नों में से एक है। यह हरे जंगलों से आच्छाैदित है तथा प्राकृतिक दर्रों तथा द्वीपसमूह द्वारा अंलकृत है, पाराद्वीप का समुद्री तट सभी समुद्र प्रेमियों के लिए एक स्वीर्ग है। पर्यटक सहज ही समुद्र में नहाते हुए या सुंदर नीले जल में खिलवाड़ करते हुए कई घंटे बिता सकते हैं।
* पुरी तट - पुरी का समुद्र तट भगवान जगन्नाुथ के निवास स्थल पर पारम्परिक पवित्रीकरण डुबकी लगाने वाले असंख्य तीर्थ यात्रियों के लिए गमन स्थल रहा है। इसे एक सर्वाधिक महत्वापूर्ण हिंदु तीर्थ स्थल गंतव्य भी माना जाता है। पुरी का समुद्र तट ओडिशा की विशाल तथा विदेशागत तटरेखा पर तथा इसके दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में अवस्थित है। इस तट की यात्रा संपूर्ण वर्ष कभी भी की जा सकती है, तथापि पुरी समुद्र तट पर जाने का आदर्श समय वार्षिक पुरी समुद्री तट के समारोह के दौरान है जिसका आयोजन नवंबर के माह में किया जाता है।
* बालेश्वर तट - बालेसोर (जिसे बालेश्वर या बालेस्वर भी कहा जाता है) पूर्वी भारत के ओडिशा राज्य का एक शहर है। बालेश्वर का शांत समुद्र तट निश्चित रूप से देश के अनेक अति सुंदर सतुद्रतटों में से एक है। विसर्पी लताओं तथा हवा से गूंजी आकाश बेलों से युक्त रेतीले टीलों की हरियाली लहरों के खेल का अवलोकन करने में मग्न पर्यटकों के लिए एक अद्भुत क्षण का सृजन करती है।
* बालीघई तट - आकाश बेलों से ढका बालीघई का समुद्र तट जो पुरी से 8 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है, एक सुप्रसिद्ध पिकनिक स्थल है। कोमल आकाश बेलों की रेखायुक्त नदी के साथ भारी आवाज के साथ गिरता विध्वंलसकारी महासमुद्री तट का सान्निध्य एक विस्मैयकारी तथा अत्यंहत सुंदर नजारा है। सूर्योदय तथा सूर्यास्त का अवलोकन चिरसंचित यादगार बन जाता है। एक धार्मिक स्वशरलहरी इस बहुमुखी समुद्र तट की यात्रा को और भी अधिक अर्थपूर्ण बना देती है।
* चांदीपुर तट - चांदीपुर आकाश बेल के वृक्षों की संगीतमय गूंज तथा विसर्पी रेतीले टीलों से ढका हुआ हैं। यह एक शांत समुद्री तट है। निम्न ज्वा र के समय समुद्र का जल लगभग 5 किलोमीटर पीछे हट जाता है तथा ऊंचे ज्वारर के समय पुन: तट रेखा तक बढ़ जाता हैं; प्रत्येरक दिन इस समुद्री तट को अद्वितीय बना देता है। यह समुद्री तट इसकी उथली गहराइयों में चलने का अवसर प्रदान करता है। इस प्रलोभनीय सौंदर्य के साथ साथ यह समुद्री तट प्राचीन धरोहर तथा धार्मिक मंदिरों से भरा हुआ है।
* गोपालपुर - दक्षिणी ओडिशा के क्लब बेरहामपुर से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी पर बंगाल की खाड़ी में गोपाल पर का छोटा सा नगर अवस्थित है। ओडिशा का एक लोकप्रिय समुद्री तट होने की ख्याहति प्राप्त होने के साथ साथ इसका गहरा तथा स्पीष्ट नीला जल उन लोगों को तत्काेल उत्तेमजित कर देना है जो अच्छेे तैराक है।
* स्वीर्गद्वार तट - स्वीर्गद्वार समुद्र तट पुरी में सर्वाधिक वांछनीय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। यह पर्यटकों द्वारा अवश्य दर्शनीय स्थदलों की श्रेणी में आता है। इस स्थादन का लोगों के लिए अत्यहधिक धार्मिक महत्व हे क्योंीकि यह श्री चैतन्य देव, जो एक सुविख्यासत वैष्णव गुरू थे, का स्थाइन स्थल है। लहरों की गर्जन ध्वषनि के साथ यहां की शीतल हवा अत्यमधिक रोमांचक लगती है।
* तालासरी - तालासरी समुद्र तट बालासोर से 88 कि.मी., चंदनेश्वर से 4 किलोमीटर तथा दीघा (पश्चिम बंगाल) 8 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। यहां बंगाल की खाड़ी के चमकते वैभव को देखना आश्च.र्य चकित कर देता है जो, जहां तक नजर जाती है, दमकते हीरों के गलीचे की तरह विस्तागरित है। तालासरी बीच वस्तुात: ही विस्मेयाकुलक प्रतीत होता है जब सांय के समय हम स्वंर्णिम रेत पर टहलने जाते हैं।
Vinay singh
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