बेवफा - 41 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बेवफा - 41

**एपिसोड 41: धोखे की नई चाल**

रात का अंधेरा गहरा रहा था, लेकिन समीरा की जिंदगी में अंधेरा पहले से ही था। सलोनी और राहुल की साजिशों ने उसे बुरी तरह तोड़ दिया था, लेकिन अब वह और कमजोर नहीं पड़ सकती थी।

### **नए खतरे की आहट**

समीरा ने हाल ही में सुना था कि सलोनी कुछ नया प्लान बना रही है। वह चाहती थी कि इस बार कोई भी गलती न हो। विजय ने उसे पहले ही आगाह किया था कि अब भी बहुत कुछ हो सकता है।

“समीरा, तुम्हें सतर्क रहना होगा। सलोनी इतनी आसानी से हार नहीं मानेगी।” विजय की आवाज में चिंता थी।

“मुझे पता है, विजय। लेकिन इस बार मैं खुद को किसी भी जाल में नहीं फँसने दूँगी,” समीरा ने आत्मविश्वास से कहा।

### **सलोनी का नया दांव**

सलोनी ने एक नई चाल चली। उसने योगेश को समीरा के खिलाफ भड़काने की योजना बनाई। योगेश, जो पहले ही राहुल के प्रभाव में था, आसानी से बहक सकता था।

“देखो योगेश, समीरा हमारी सबसे बड़ी दुश्मन है। अगर उसे खत्म करना है, तो हमें उसे पूरी तरह बर्बाद करना होगा,” सलोनी ने कहा।

योगेश ने सहमति में सिर हिलाया। उसे खुद भी लग रहा था कि अगर समीरा उनके रास्ते से हट जाए, तो सबकुछ आसान हो जाएगा।

### **समीरा का जवाब**

लेकिन इस बार समीरा कमजोर नहीं थी। उसने खुद को तैयार किया था। जब उसे पता चला कि योगेश और सलोनी कुछ नया करने वाले हैं, तो उसने पहले ही पुलिस से संपर्क कर लिया।

आर्यन भी समीरा के साथ था। उसने कहा, “समीरा, इस बार हम सबूत इकट्ठा करके उन्हें रंगे हाथों पकड़वाएँगे।”

### **टकराव की घड़ी**

एक रात, जब सलोनी और योगेश अपनी योजना को अंजाम देने जा रहे थे, तभी पुलिस वहाँ पहुँच गई। सलोनी को यह समझ नहीं आया कि पुलिस को कैसे पता चला।

“ये सब समीरा ने किया, है ना?” सलोनी गुस्से से चिल्लाई।

समीरा ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, इस बार मैं पहले से तैयार थी।”

पुलिस ने सलोनी और योगेश को हिरासत में ले लिया। लेकिन इससे पहले कि पुलिस उन्हें ले जाती, सलोनी ने समीरा की ओर देखा और कहा, “तुम जीतने की बहुत कोशिश कर रही हो, लेकिन यह खत्म नहीं हुआ है।”

समीरा को एहसास हुआ कि यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई थी। उसे अभी भी सतर्क रहना था। लेकिन कम से कम, आज की रात वह चैन की नींद सो सकती थी, यह जानते हुए कि उसने अपने दुश्मनों को एक और झटका दिया था।

### **एक नई शुरुआत की उम्मीद**

अगली सुबह, विजय, आर्यन और समीरा एक कैफे में बैठे थे। विजय ने हँसते हुए कहा, “लगता है, हम लोग किसी जासूसी फिल्म का हिस्सा बन चुके हैं।”

समीरा मुस्कुराई, लेकिन उसके मन में अभी भी कई सवाल थे। क्या यह वाकई खत्म हो गया था? या यह केवल एक नई मुसीबत की शुरुआत थी?

आर्यन ने उसकी आँखों में देखा और कहा, “जो भी होगा, हम साथ में सामना करेंगे।”

समीरा को पहली बार एहसास हुआ कि अब वह अकेली नहीं थी। उसकी जिंदगी में अब ऐसे लोग थे जो उसके साथ खड़े थे।

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**ये भी (एपिसोड समाप्त)**

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