नफ़रत-ए-इश्क - 24 Sony द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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नफ़रत-ए-इश्क - 24

गैलेक्सी वर्ल्ड

मुंबई का एक स्टार मॉल

सिद्धार्थ और तपस्या मॉल में इंटर करते हैं। सिद्धार्थ तपस्या की ओर देखते हुए ,"आपकी शादी की सारी शॉपिंग यही से ही होजाएगी। ये मुंबई का सबसे बेस्ट मॉल है। वन स्टॉप डेस्टिनेशन फॉर ऑल शॉपिंग ।"

कह कर वो तपस्या को आगे चलने के लिए कहता है ।तपस्या भी हल्का मुस्कुरा कर आगे बढ़ जाती है।

तभी सामने से एक खूबसूरत लड़की जो माल के ही यूनिफॉर्म में थी तपस्या के सामने ऑर्किड फ्लावर की एक बड़ी सी बुके  बढ़ाते हुए बोली ,"दिस इस फॉर यू मैडम।कंग्रॅजुलेशन टू बोथ ऑफ़ यू ।"

इससे पहले के तपस्या कुछ पूछ पाए वो लड़की दोनों को विश करते हुए वहां से चली गईं ।

तपस्या कुछ देर खड़ी बुके को बड़े ही गौर से देख रही थी।

कुछ धुंधली सी याद और हल्की सी आवाज उसके जहन में टकराने लगी फ्लावर बुके को एक टक देखते हुए तपस्या उन आवाजों में गुम हो गई।

" वाओ इट्स सो ब्यूटीफुल डफर !!!इतनी सारी ऑर्किड कैसे लेकर आया ?जानता है ना कितनी कीमती है ? सारी पॉकेट मनी इसी पर ही खर्च कर दिए क्या? (एक लडकी डांट के साथ कुछ खुची जाहिर करते हुए बोल रही थी)

"खर्च हो भी गए तो क्या ?आप को प्रिंसेस यूं ही नहीं कहता सच में मानता हुं आपको । तो मेरी प्रिंसेस जहां पर भी कदम रखें उनके स्वागत उनके पसंदीदा फूलों से होनी चाहिए ना, इसलिए आपके लिए आपका पसंदीदा फूल।"(एक लडके की प्यार भरी आवाज)

"तपस्या..., तपस्या "

अतीत की प्यार भरी आवाज के बीच वर्तमान की एक रूखी सी आवाज में दस्तक दी तो तपस्या अचानक से होश में आई और इधर-उधर देखने लगे ।

"तपस्या आप ठीक तो है?"

सिद्धार्थ उसके कंधे पर हाथ रखते हुए पूछने लगा ।"

"वो लड़की कहां गई?"

तपस्या इधर-उधर देखते हुए बोलि । सिद्धार्थ असमंजस में उसे देखकर"कौन सी लड़की ?"

"वही जो अभी ये फूल देकर गई है?"तपस्या ने पूछा और वापस इधर-उधर देखने लगी ।

"वो स्टाफ थी मॉल की ......यशबर्धन रायचंद की पोती जो आई है स्वागत तो बनता ही है ना इसलिए फ्लावर बुके दिया होगा। इसमें इतना क्या सोचना"

कैजुअली कहते हुए सिद्धार्थ उसका हाथ पकड़ कर आगे चलने लगा।

मॉल की थर्ड फ्लोर पर एक बड़ी सी हॉल में डिजाइनर ब्राइडल ड्रेस ,लहंगा साढ़ी, और उसे मैचिंग ज्वैलरी और एक्सेसरीज सब कुछ सलीके से सजाए हुए थे। सच में जैसे ब्राइडल कलेक्शन की वन स्टॉप डेस्टिनेशन ही हो।

तपस्या की आंखें कुछ पल के लिए बस ठहर सी गई। उसे तो ऐसा लगा जैसे हर एक चीज बस उसी की पसंद की हो हर एक ड्रेस हर हर साड़ी हर एक एक चीज उसी के पसंद के हिसाब से ही सजा हुआ था।

"आई थिंक आपकी सारी ब्राइडल  शॉपिंग तो यहीं पर ही हो जानी है। आई मीन हल्दी से लेकर शादी तक का सारा का सारा शॉपिंग।"

कहते हुए सिद्धार्थ उसे लेकर अंदर आता है।

शॉप के अंदर आते ही तपस्या की नजर एक रेड कलर की ब्राइडल लहंगे पर टिक गई। सिंदूरी रेड कलर की वो हैवी लहंगा जिस पर बारीकी से भरपूर गोल्डन राइस पर्ल काम की गई थी उस पर झिलमिलाते हुए ढेर सारे छोटे-छोटे रीयल डायमंड स्टोंस। ऐसा लग रहा था जैसे आसमान के सारे सितारों को उसी लहंगे में पिरोया गया हो। तपस्या के क़दम खुद ब खुद उस लहंगे के करीब चल पड़ी और उसे देखते हुए उसके होठों पर एक मुस्कान थी । वो पूरा सेट एक बड़े से ग्लास बॉक्स के शोकेस में रखा गया था।

"एक्सक्यूज मि "

उस लहंगे को दिखते हुए तपस्या ने एक सेल्स गर्ल को आवाज दी।

"यस मैम मे आई हेल्प यू?"सेल्स गर्ल ने अदब से पुछा।

"इट्स सो ब्यूटीफुल। हमें यही खरीदना है।"

तपस्या ने कहा और वैसे ही खोए हुए उस ड्रेस को देखने लगी।

सिद्धार्थ उसके पास आकर"क्या आपको पसंद है ये लहंगा?"

"नहीं ख्वाहिश है मेरी।" तपस्या कहीं खोई सी बोली।

उसकी बात सुनकर सिद्धार्थ ने सावलिया नजरों से देखने लगा और पूछा,"मतलब"

"ऐसा लग रहा है बनाने वाले ने हमारी ख्वाहिश को हकीकत में पिरो दिया है। एक-एक बारीकी बिल्कुल वैसे ही है जैसे हमने कभी हमारे ब्राइडल ड्रेस के बारे में सोचा था। यही चाहिए हमे।कुछ और नहीं देखेंगे ।"

कहते हुए तपस्या के चेहरे से एक्साइटमेंट खुशी और सुकून सब कुछ एक ही भाव में झलक रहे थे।

"सॉरी मैडम दिस इस नॉट फॉर सेल। ये बस डिस्प्ले पर है आप खरीद नहीं सकते इसे।"

नॉट फॉर सेल की टैग दिखाते हुए सेल्स गर्ल ने कहा था।

सेल्स गर्ल की बात सुनकर उसके चेहरे से छलकती खुशी अचानक से मायूसी में बदल गई।

सिद्धार्थ सेल्स गर्ल की बात सुनकर गुस्से से"हाउ डेयर यू ?जानती भी हो कौन है ये ?इस ब्राइडल ड्रेस तो क्या तुम्हारे साथ-साथ तुम्हारे इस पूरे मॉल को खरीदने की औकात रखती है।"

सिद्धार्थ की बात सुनकर वो लड़की थोड़ी सहम गई और नज़रें झुका कर बोली,"सॉरी सर लेकिन हमें इंस्ट्रक्शन मिला है , ये लहंगा मॉल के owner ने उनके किसी खास के लिए  बनवाया है। ये खरीदने के लिए नहीं है ।सर आप चाहे तो मैनेजर से बात कर लीजिए।"

उसकी बात सुनकर सिद्धार्थ एटीट्यूड के साथ "तो बुलाओ अपने मैनेजर को ।आई एम गोइंग टू पे डबल फॉर थिस ड्रेस ।"

शब्दोों को दबाते हुए सिद्धार्थ ने कहा और वो सेल्स गर्ल मैनेजर को बुलाने चली गई।

लेकिन जब 5 मिनट के बाद आकर मैनेजर ने भी यही जवाब दिया तो सिद्धार्थ का गुस्सा और भी बढ़ गया था ।

वो मैनेजर का कॉलर पढ़ते हुए खींचकर बोला"औकात क्या है तुम्हारी जो सिद्धार्थ ओबरॉय से ना बोल रहे हो ?"

तपस्या उसे रोकते हुए"सिद्धार्थ प्लीज रहने दीजिए। हम कुछ और देख लेंगे।"

सिद्धार्थ लाल आंखों से मैनेजर को देखते हुए गुस्से से दांत पीसते हुए बोला "नेवर ,अब तो आप यही ड्रेस लेंगे चाहे इसके लिए मुझे ये mall ही क्यों ना खरीदना पड़े।"

कहकर उसने मैनेजर के पड़े कॉलर को झटके में छोड़ दिया।

अचानक के झटके से मैनेजर लड़खड़ा गया और गिरने को था कि किसी ने उसकी बाजू को पकड़ कर गिरने से रोक दिया । और उसे सीधे खड़ा करते हुए उसकी कॉलर को सही करने लगा । मेनेजर नजर उठाकर उसे शख्स को देखाता है और सामने विराट को देख शॉक्ड बोला

"सर आप?"

विराट बिना किसी भाव मैनेजर का कलर को सही करते हुए बोला

"एक मुफ्त की सलाह देता हूं ये जो गुंडागर्दी वाली गेम है ना , ये हमेशा अपने लेवल के खिलाड़ियों के साथ खेलना चाहिए ।अगर खिलाड़ी तुमसे कमजोर हो तो गेम में मजा नहीं आता और अगर कहीं खिलाड़ी तुमसे ज्यादा दमदार हुआ तो हार की कीमत बहुत बड़ी हो सकती है। इतनी बड़ी के

कहते हुए विराट चुप हो गया और मैनेजर को जाने का इशारा करते हुए अपने दोनों हाथ पॉकेट में डालकर सिद्धार्थ की ओर देख अपनी बात कंटिन्यू करते हुए उसके करीब बढ ते हुए बोला

"और अगर कहीं खिलाड़ी तुमसे ज्यादा दमदार हुआ तो हार की कीमत बहुत बड़ी हो सकती है। इतनी बड़ी की फिर कभी कोई गेम खेलने की लायक नहीं बचोगे।"

विराट ने कहा और सिद्धार्थ के बिल्कुल सामने खड़ा होकर उसे एक टक सर्द नजरों से देखने लगा।

विराट की एटीट्यूड को देख सिद्धार्थ थोड़ा डर और थोड़े हड़बडाहट में ,"मिस्टर अग्निहोत्री वो में वो

विराट बिल्कुल शांत उसे देखते हुए अपना हाथ उसके और बढ़ाते हुए,"वेलकम टू गैलेक्सी मॉल mr ओबरॉय । आई एम द ओनर ऑफ़ दिस मॉल। इन फैक्ट इंडिया के सारे लीडिंग मॉल अग्निहोत्री ग्रुप के ही वेंचर्स है।"

कहते हुए वो सिद्धार्थ के और थोड़ा झुक गया और धीरे से बड़े ही एटीट्यूड के साथ बोला

"I am not interested Mr ओबरॉय।"

उसकी बात सुनकर सिद्धार्थ एक नजर विराट को और फिर उसके बढ़े हुए हाथ को देखता है और उसके साथ हाथ मिलाते हुए सवालिया नजरों से उसे देख बोला

"क्या मतलब?"

"आपने अभी-अभी कहा ना कि आप मेरे स्टाफ के साथ-साथ मेरे माल को भी खरीद लेंगे । तो वही बोल रहा हूं आई एम नॉट इंटरेस्टेड।"

उसकी बात सुनकर सिद्धार्थ यूं ही मुस्कुराते हुए

"अरे सॉरी मिस्टर अग्निहोत्री वो तो मैंने गुस्से में ही कह दिया। वैसे तो इन लोगों की औकात ही नहीं है कि मैं इन लोगों के मुंह लगूं । अब आप है तो आपसे ही डायरेक्टली बात कर लेते हैं। वैसे भी छोटे लोगों के मुंह लगना सिद्धार्थ ओबेरॉय के शान के खिलाफ है।"

विराट वैसे ही हाथ मिलाते हुए उसकी बात सुन रहा था । वो सिद्धार्थ के कहे शब्द को गौर करते हुए एक नजर खुद के हाथों को सिद्धार्थ के हाथों में शेक हैंड करते हुए देखता है। फिर एक मिस्ट्रीयस स्माइल के साथ बोला

"ध्यान से मिस्टर ओबेरॉय गुरूर और ओवर कॉन्फिडेंस इंसान को कब जमीन पर पटक दे पता ही नहीं चलता । आगे से औकात की बात थोड़ा ध्यान से कीजिएगा । क्योंकि पता नहीं कब कौन सी गंदी नलिका कीड़ा आपके सामने आपकी बराबरी में खड़े होकर आपसे हाथ मिलने लगी

बोलते हुए उसकी नजर सिर्फ और सिर्फ सिद्धार्थ के चेहरे पर ही थी । उसने अपनी बात पूरी की और सिद्धार्थ से अपने हाथ छुड़ाकर दोबारा से पॉकेट में डाल दिया।

विराट की बात सुनकर सिद्धार्थ अपनि बात बदलते हुए

"अरे ऐसी भी कोई बात नहीं है मिस्टर अग्निहोत्री, वो क्या है ना कि मेरे होने वाली वाइफ को आपकी डिजाइनर लहंगा बहुत पसंद आ गया है और आपके स्टाफ ने कहा

"कि ये सेल के लिए नहीं है। मेरे किसी बेहद खास के लिए है।"

सिद्धार्थ की बात को आधे में काटते हुए विराट ने उसके और देखते हुए कहा।

इन सब के बीच उसने एक बार भी तपस्या की ओर नहीं देखा था। जैसे वो वहां थी ही नहीं। और तपस्या को ये बात अजीब तरीके से खटक रही थी ।उसकी नजर लगातार बस विराट पर ही टिकी हुई थी।

तपस्या अंदर से कुछ अजीब सी बेचैनी महसूस कर रही थी। लेकिन वो बेचैनी विराट के उसे ना देख अवॉइड करने की थी या उसके इस ब्राइडल ड्रेस को ना खरीद पाने की थी या फिर विराट के ये कहने की वजह से थी कि वो लहंगा उसके किसी बेहद खास के लिए है अभी ये समझ पाना उसके लिए बेहद मुश्किल हो रहा था।

इन सब कशमकश में तपस्या थोड़ा गुस्से से सिद्धार्थ की ओर बढ़कर

"इट्स ओके सिद्धार्थ अगर ये ड्रेस मिस्टर अग्निहोत्री के सम वन स्पेशल के लिए है तो हम ये ड्रेस खरीदना नहीं चाहेंगे।"

मिस्टर अग्निहोत्री के सम वन स्पेशल कहते हुए उसने शब्दों पर कुछ ज़्यादा ही दबाव दिया था।

उसने कहा और एक हल्की सी तिरछी नजर विराट पर डालने लगी जो अभी तक उसे पूरी तरह से अवॉयड कर रहा था जिसे देख तपस्या का गुस्सा अब सातवें आसमान पर था।

वो विराट की तरफ गुस्से से देखते हुए ही चीड़ कर "सिद्धार्थ अब हमारा मन नहीं है शॉपिंग करने का प्लीज हमें घर छोड़ दीजिए।"

कहते हुए वह जाने लगी।

"ऐसे कैसे मिस्टर सिद्धार्थ आप पहली बार हमारे मॉल में आए हैं कुछ ना कुछ तो खरीदना बनता ही है विराट ने हल्का स्माइल देते हुए कहा और अभी भी उसकी नजर सिद्धार्थ की तरफ ही थी।

तपस्या गुस्से और फ्रस्ट्रेशन से अब पागल हुए जा रही थी। एक तो वैसे भी विराट को लेकर अपने दिल और दिमाग में जंग लड़ रही थी और ऊपर से विराट का यूं बदला मिजाज उसे और भी  चिढ़ा रहा था।

उसने गुस्से से विराट की तरफ देखा जो अभी भी सिद्धार्थ को देख रहा था और विराट को देखते हुए ही हाथ बढ़ाकर साइड के क्लॉथ रैक से कुछ कपड़े बिना देखे उठा कर सेल्स गर्ल के तरफ बढ़ा देती है और दांत पीसते हुए बोली "ये पैक कर दीजिए और बिल हमारे नाम पर कर दीजिएगा।

कहकर  वो फिर से आगे बढ़ती है।

"लेकिन ऐसे कैसे मिस्टर ओबरॉय यूं बिना ट्राई किए कुछ भी वो भी शादी की शॉपिंग और वो भी यशवर्धन राय चंद की पोती की शादी नॉट फेयर mr ओब्रोई।

विराट एक तिरछी मुस्कान के साथ बोला और वो अभि भी सिद्धार्थ को ही देख रहा था।

अब ये तपस्या के लिए हद से बहुत ज्यादा हो चुका था। वो पीछे मुड़कर विराट की ओर घूरते हुए कुछ कहने को थी के सिद्धार्थ बोल पड़ा

"He is absolutely right tapasya। रायचंद खानदान के प्रिंसेस की शादी है और शॉपिंग इतनी मामूली और इतनी ढीली आप प्रॉपर्ली शॉपिंग कीजिए वरना मुझे दादू से आपकी शिकायत करनी पड़ेगी कि आप इस शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं है और ना ही आप कुछ एक्साइटमेंट दिखा रहे हैं।

उसकी बात सुनकर जहां तपस्या के अंदर के गुस्से का लेवल बस फटने ही वाला था वहीं विराट उसकी गुस्से भरी नजर को खुद पर महसूस करते हुए तिरछी मुस्कुरा कर अपना चेहरा दूसरे और कर देता है।


कहानी आगे जारी है ❤️❤️ अच्छी लगे तो रेटिंग जरूर देना।