वीर बैताल साधना RAVI KISHAN द्वारा आध्यात्मिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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वीर बैताल साधना



"वीर बैताल" भारतीय लोककथाओं और मिथकों का एक प्रसिद्ध पात्र है। यह कहानी उज्जैन के राजा विक्रमादित्य और एक वीर बैताल के इर्द-गिर्द घूमती है। वीर बैताल एक अद्भुत महाप्रेत है जो विभिन्न रहस्यमयी कहानियाँ सुनाता है, और विक्रमादित्य को इन कहानियों के माध्यम से नैतिकता, न्याय और मानवता के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है।

विक्रमादित्य अपने साम्राज्य की भलाई के लिए वीर बैताल को पकड़ने के लिए जंगल में जाता है। हर बार जब वह बैताल को पकड़ता है, तो बैताल उसे एक पहेली या नैतिक प्रश्न देता है। विक्रमादित्य अपनी बुद्धिमानी के माध्यम से उन प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करता है, और इसी क्रम में वह कई महत्वपूर्ण जीवन सिख सीखता है।

यह कहानी न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह नैतिक शिक्षा और जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने का एक तरीका भी है। बैताल की कहानियाँ भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इन्हें कई पुस्तकों, नाटकों और फिल्मों में चित्रित किया गया है।

वीर बैताल साधना एक प्रकार की वीर भाव साधना है। जो विशेष रूप से  तंत्र विद्या में महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह साधना साधकों के लिए एक अनुष्ठान है, जिसके माध्यम से वे अपने जीवन में शक्ति, सुरक्षा और नए अवसरों की प्राप्ति के लिए तंत्र माध्यम से वीर बैताल के स्वरूप  को आव्हान करते  हैं। कुछ साधक इसे एक अंगरक्षक के रूप में उपयोग करते हैं, जो साधक के इच्छाओं और लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।

वीर बैताल साधना का मुख्य उद्देश्य मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास, और अद्भुत वीरभाव अनुभव प्राप्त करना होता है। यह साधना मैं सिद्धि प्राप्त होने पर इच्छाओं को पूरा करने में मदद मिलती है इसके साथ शत्रुओं का नाश भी होता है।

वीर बैताल सिद्ध प्राप्त होने पर साधक के आर्थिक तंगी दूर होने के साथ-साथ वह ऐसे व्यक्ति बन जाता है जो सो आदमी पर एक साथ भरी पड़ता है।

वीर बैताल इतने शक्तिशाली होते हैं की भगवान की संपत्ति भी चोरी कर सकते हैं। लक्ष्मी पुराण में लक्ष्मी जी के आदेश पर महाप्रभु जगन्नाथ के सारे सपत्ति लेकर उड़न छू हो गए थे।

 वीर बैताल साधना बहुत सारे योगी और आदि शंकराचार्य जैसे महान पुरुष  को सिद्धि प्राप्त  था। इस शक्ति के बल पर वह कठिन से कठिन कार्य कर पाते थे।

 साधना में निरंतरता और नियमितता महत्वपूर्ण होती है। साधक को अनुशासन के साथ साधना करनी होती है, ताकि उन्हें बेहतर परिणाम मिल सकें।

इस प्रकार की साधना में अवश्य एक योग्य गुरु का मार्गदर्शन लेना आवश्यक है। सही दिशा में साधना करने से ही सकारात्मक परिणाम मिलते हे।

 तंत्र साधना का उद्देश्य दूसरों को हानि पहुँचाना नहीं होना चाहिए। इसे सकारात्मक उद्देश्यों के लिए ही करना चाहिए।

वीर बैताल साधना एक गहन और गंभीर प्रक्रिया है जिसमें केवल तभी सफलता मिलती है जब इसे पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ किया जाए। वीर बैताल की सिद्धि पाने के लिए साधक को निडर और एक कोठर हृदयवला इंसान होना चाहिए। कमजोर हृदय वाला इंसान इस साधना से दूर ही रहे।

वीर बैताल साधना एक तांत्रिक साधना है जो विशेष ध्यान, मंत्र, और अनुष्ठान पर आधारित होती है।

साधना करने के लिए-:

एक स्वच्छ, शांत और एकांत स्थान का चयन करें, जहाँ आप बिना किसी विघ्न के साधना कर सकें। वीर बैताल साधना शमशान में करने से शीघ्र सिद्धि प्राप्त होता है। शमशान ना मिले तो नदी किनारे ऐसे स्थान पर यह साधना किया जा सकता है।

किसी शुभ दिन से या किसी मंगलवार शनिवार से साधना आरंभ किया जा सकता है । अमावस्या  की  रात्रि को साधना करना श्रेष्ठ माना जाता है। साधना करने से पहले स्नानादि कर पवित्र लाल या काले वस्त्र पहनें।एक आसन पर बैठें। इसके बाद अपनी सुरक्षा चक्र बनाए।

एक सरसों तेल का दीपक जलाएं।अगरबत्ती जलाएं। सामने मिष्ठान रखें।

इसके बाद कुछ समय गणेश जी का ध्यान करें और साधना में सफलता के लिए प्रार्थना करें।

यह होने के बाद रुद्राक्ष माला से ३१ माला मंत्र का जाप करें।

यह एक साबर  वीर बैताल मंत्र है-:


।।ओम तुरू: ओम मुरू: ओम हिलि: ओम ह:।।

।।महाघोर रावे कालि कपालि बैतालाय फट्।। 



इस मंत्र के प्रभाव से  चार से सात दिन के भीतर वीर बैताल की प्रकटीकरण होगा । वीर बैताल प्रकट होने के बाद अपने मन मुताबिक वरदान प्राप्त कर ले।

वीर बैताल साधना एक शक्तिशाली साधना है। इसे करते समय ध्यान और सावधानी आवश्यक है। सही अनुशासन और मन की पवित्रता से ही इस साधना में सिद्धि प्राप्त किया जा सकता है।