उत्तम विचार और मन की सुंदरता है आवश्यक ..... Purnima Kaushik द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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उत्तम विचार और मन की सुंदरता है आवश्यक .....

सुंदरता, मात्र किसी व्यक्ति के खूबसूरत होने से ही आंकी जाती है? उसके आचरण और विचारों से नहीं? उसकी बुद्धिमत्ता से नहीं? अगर इसी दृष्टिकोण को ही आज सभी अपनाते है तो यह हमारी सबसे बड़ी गलती साबित होगी। वास्तव में असली सुंदरता खूबसूरत होने के साथ-साथ अपने आचरण से अच्छे विचारों से भी आती हैं। जहां चेहरे की सुंदरता से अधिक मन की सुंदरता अधिक आवश्यक हो। 

ऐसी ही एक कहानी है पूनम की। जो अपने रंग - रूप में औरों से कुछ अलग थी। जिसका कारण बचपन में उसके साथ हुई एक दर्दनाक घटना है। जिसने उसकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया था। लेकिन आज आज वह अपने परिवार के सहयोग से उस घटना को अतीत में छोड़ कर आगे बढ़ गई है। हंसती - मुस्कुराती पूनम आज अपने विचारों से दूसरों को प्रेरित करती नजर आ रही है। उन्होंने सपनों को अपना लक्ष्य बनाकर ही अपना जीवन जीया है। इतना ही नहीं बल्कि आज वे अपनी इच्छाशक्ति और मनोबल से अपने हर सपने को पूरा कर सकी है। 

आज पूनम 22 वर्ष की हो गई है। परिवार में सभी उसके जन्मदिन को मनाने के लिए बहुत उत्साहित हैं। घर में पूनम के जन्मदिन के लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। शाम होते ही सभी मेहमानों का आना भी शुरु हो जाएगा। पूनम अपने हर जन्मदिन पर मंदिर जरुर जाती है। जहां वह मंदिर के बाहर बैठे लोगों को भोजन कराती है। आज के दिन उसके मंदिर आने का कारण यह भी है कि अपने जन्मदिन पर ही उसने अपने माता-पिता को एक दर्दनाक घटना में खो दिया था। इस दिन को याद कर वह कुछ उदास सी रहती है।

पूनम मंदिर से घर वापस आ गई है। घर में सभी को हंसता मुस्कुराता हुआ देख पूनम अपने आंसुओं को छुपा कर अपने कमरे की तरफ चली जाती है। लेकिन उसकी चाची सुमन, जो घर में उसे सबसे अधिक प्यार करती थी उसके दुःख को समझ गई। सुमन चाची समझ गई थी कि आज पूनम उदास क्यों है...... इसलिए उन्होंने उसके लिए उसका मनपसंद खाना बनाकर बनाया। जब वो पूनम के पास उसका मनपसंद खाना लेकर गई तो उसने वह खाने से मना कर दिया। यहां तक कि आज उसने अपना जन्मदिन मनाने से भी इंकार कर दिया। वह अक्सर यही सोचा करती थी कि उसके माता-पिता के न होने का कारण एकमात्र वही है।

उसने अपनी चाची को ग्लानि भरे स्वर से उस दर्दनाक घटना के बारे में बताया। आज ही के दिन अपने जन्मदिन पर जब उसने अपनी मां से मनपसंद मिठाई की मांग की थी। मां जब उसके साथ मिठाई लेने बाजार गई तभी अचानक तेज बारिश शुरु हो गई। जिस कारण उसकी गाड़ी एक तेज रफ्तार ट्रक से दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसमें उसके माता - पिता का देहांत हो गया। इस दुर्घटना में पूनम का चेहरा भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसे सही होने में कुछ सालों का समय लगा। लेकिन आज भी उसके चेहरे पर वे दाग उस दुर्घटना को फिर से ताजा कर देते हैं। सुमन चाची ने जब उसके सर पर प्यार से हाथ रख कर उसे बताया कि जो होता है सब अच्छे के लिए ही होता है। व्यक्ति की असली सुंदरता उसके रंग-रूप से नहीं आंकी जाती है। सुंदरता तो मन के अच्छे विचारों और बुद्धिमता से आती है। यदि कोई खूबसूरत होकर भी मूर्ख है और कोई अपने मन से खुश नहीं है तो ऐसी खूबसूरती का क्या लाभ। 

लेकिन परिवार में सभी ने संभाला और फिर से आगे बढ़ने तथा अपने सपनों को लक्ष्य बनाने का साहस दिया। विशेष रूप से उसकी सुमन चाची जो उसे मां की तरह ही प्यार करती थी। उसके हर कदम पर उसकी हिम्मत बनती थी। यही कारण है कि पूनम आज एक सफल पत्रकार बन गई है। सुमन चाची ने ही उसे जीवन का सही अर्थ समझाया। उनकी मदद से ही आज सफलता पूनम के कदमों को छू रही है।