विराट हाथों में शराब का गिलास पकड़ कर एक टक बस तपस्या को ही देखे जा रहा था ।और जैसे ही सिद्धार्थ ने तपस्या को रिंग पहनाया पूरे हॉल में तालियों की गूंज सुनाई देने लगी ।
विराट ने अपने हाथों में पकड़े हुए ग्लास को हाथों में ही कस लिया। ग्लास टूटकर कुछ उसके हाथों में लगे और कुछ फर्श पर बिखर गए ।कांच लगने से हाथों से बेतहाशा खून बहने लगी। वही खडा एक वेटर फिक्र भर आवाज में उसके और आते हुए बोला,
"सर छोड़िए कांच को ।आपके हाथों से खून बह रहा है।"
कहते हुए वो विराट के हाथों से कांच के टुकड़ों को निकाल ने लगा । विराट बस तपस्या को ही देखे जा रहा था ।और वैसे ही तपस्या को देखते हुए वेटर के हाथ से अपना हाथ छुड़ाने हुए सर्द आवाज़ से बोला ,
"लीव इट ।आई एम फाइन।"
कहते हुए वो पॉकेट से रुमाल निकाल कर अपने हाथ में लपेट देता है । विराट अपने नजर तपस्या के ऊपर से हटाकर अपने खून से सने हाथों पर डालता है ।एक दर्द और नफरत भरी मुस्कान लिऐ वापस तपस्या के और नजर डालकर बोला,
"12 साल बाद आज फिर आप के चौखट में खड़ा हुआ हूं ।आज फिर चोट लगी है। आज फिर खून बह रहा है। आज भी वैसे ही दर्द महसूस हो रही है।और आज भी वजह आप ही है ।"
कहते हुए वो अपने चोट लगे हाथ को दूसरे हाथ से सहलाने लगा ।और तपस्या जो कि लोगों के मुबारकबाद का जवाब मुस्कुरा कर दे रही थी ,नफरत भरी नजर से उसे देखते हुए नशे में डूबा हुआ बहके अंदाज में बोला,,
"Ufffff.....,प्रिंसेस..., प्रिंसेस .... प्रिंसेस,कहां से लाती है इतने सारे मुखोटें? अभि कुछ पल पहले मेरी बाहों में बिखर रही थी और दूसरे ही पल हमेशा केलिए किसी और की होने चली हैं। इतनी .....,इतनी .....,बेवफाई। आपकी बेवफाई के तो हम कायल बन गए। तब भी आपके दिए दर्द के आगे सारे दर्द फीके थे ।और आज भी आलम वही है।"
बोलते हुए वो खुद से एक नफ़रत भरी स्माइल देने लगा। लेकीन आंखों में बेसुमार दर्द थे।और अपने कदम सिद्धार्थ और तपस्या की ओर बढ़ा देता है।
"कंग्रॅजुलेशन मिस्टर ओब्रॉय।"
आवाज सुनकर दोनों तपस्या और सिद्धार्थ मुड़कर पीछे देखते हैं। विराट अपने चेहरे पर एक मिस्ट्रियस स्माइल लिए उन दोनों के सामने खड़ा था ।तपस्या कुछ पल विराट के लाल पड़ चूके सर्द नजरों को देखती है। उसे अन्दर से ही कुछ टूटता हुआ महसूस होता है। उसकी नजर जब विराट के खून से लतपत हाथ पर पढ़ती है फिक्र और बेचैनी भरी आवाज में बोलि,
"इतनी कैसे लग गई आपको ?कितना खून बह रहा है ।चलिए हम दवा लगा देते हैं ।"
कहते हुए वो विराट के चोट लगी हाथ को अपने हाथों में भर लेती है।
जहां ये देखकर सिद्धार्थ तपस्या को गुस्से से घूर ने लगता है वहीं विराट अपने हाथ उससे छुड़ाते हुए बेफिक्र अंदाज में बोला ,
"कोई बात नहीं मिस रायचंद। बचपन की आदत है फालतू चीजों से टकराकर खुद को चोट पहंचाने की। अब बचपन की आदत है तो जाते-जाते ही जाएगी ना ।डोंट वरी आप अपनी इंगेजमेंट पार्टी इंजॉय कीजिए।
कह कर वो एक गहरी नजर तपस्या पर डालकर वहां से चला गया ।कुछ तो था उन नजरों में जो तपस्या के सिर से लेकर पांव तक झंझोड़ कर रख दिया । वो बस विराट को जाते हुए एक टक देखने लगी।
विराट चलते चलते एक सर्द नजर पुरे hall की सजावट पर डालते हुए एक नफरत भरी स्माइल लिऐ बोला,
"चाहे जिसके साथ जितने भी रस्में निभालें प्रिंसेस, नाम तो आप का मेरे साथ ही जुड़ने वाला है।"
कहते हुए वो मुडकर पुरे पार्टी पर एक नजर डालता है और अपना डेविल स्माइल बरकरार रखते हुए बोला,
"तारीख भी वही होगी, वक्त भी वही होगा, बस अगर कुछ बदलेगा तो,
कहते हुए वो सिद्धार्थ पर एक अंगारों भरी नजर डाल कर वहां से चला गया।
सीटी हॉस्पिटल
हॉस्पिटल में जानवी काफी देर तक करवट बदलती रही। उसने घड़ी की तरह देखा जहां रात के 11:00 बज रहे थे। उसका मुरझाया हुआ चेहरा और भी मुर्झा गया ।उसने मन ही मन सोचा ,
"पता था मुझे, तू उसके पास जाएगा तो भूल जाएगा मुझे।"
मन में ही बड़बड़ाए उसकी आंखों में आंसू भर गए । दूसरे ही पल जब मोबाइल रिंग हुआ तो झट से बिस्तर से उठकर इधर-उधर फोन ढूंढने लगी। जो उसे काफी जत्तोज़हत के बाद पिल्लो के नीचे से मिल ही गई । लेकिन तब तक रिंग कट चुका था ।उसने स्क्रीन पर फ्लैश नंबर को देखा तो उसके होठों पर मुस्कुराहट खिल गई ।
उसने call बैक किया । दूसरे और से विराट जो रायचंद हाऊस के पार्किंग के तरफ ही बढ़ते हुए जानवी को कल लगा रहा था ,जानवी का call देखने पर रिसीव करते हुए बोला,
"सो गई थी क्या ?"
विराट बिना किसी भाव के call पिक करते हुए पूछा ।
उसकी बात सुनकर जानवी शरारती अंदाज में बोलि ,
"जो मजा तेरे साथ सोने में है , वो हॉस्पिटल के इस तंग बेड पर कहां जानेमन।"
विराट अभी भी अपनी उसी कोल्ड voice में,
"शट योर ब्लडी माउथ ओके ।"
विराट ने गुस्से से कहा तो जानवी बस इतना ही बोलकर होठों पर उंगली रख देती है ।
"मेडिसिंस ली ?"
विराट गाड़ी के और बढ़ते हुए पूछा ।
उस तरफ से कोई आवाज नहीं आई तो विराट एक फ्रस्ट्रेट voice में,
"जान, डोंट इरिटेट में । जितना पूछा जवाब दो वरना डॉक्टर को बोलकर दो हफ्ते तक हॉस्पिटल में ही एडमिट करवा दूंगा ।"
ये सुनकर जानवी होठों से उंगली हटाकर झट से बोली,
"नो नो नो नो ,....मेने दवाई खा ली और हॉस्पिटल का बोरिंग खाना भी खा लिया ।अब तू जल्दी से आजा तुझे भी खा लूं तो पूरी भूख मिट जाए ।"
जानवी कहते हुए मुस्कुराने लगी।
विराट एक होपलेस अंदाज से सिर झटकते हुए,
"पागल है तू ।"
उसकी बात सुनकर जानवी झटसे बोली,
"तेरे लिए ही हूं ।और तू ही है मेरी पागलपन।"
"बकवास बंद कर। आ रहा हूं । बट प्रॉमिस मि कोई शरारत नहीं करेगी ।चुपचाप सो जाएगी , वरना मैं सीधे घर चला जाऊंगा ।"
विराट ने गाड़ी तक पहुंचते हुई कहा और जवाब के इंतजार में गाड़ी के पास ही खड़ा रहा।
जानवी मुंह बनाते हुए,
"ठीक है गुड गर्ल की तरह तेरे सीने में सर रखकर चुपचाप सो जाऊंगी ।प्रॉमिस कोई शरारत नहीं करूंगी। एक किस भी नहीं मांगूंगी।"
"फोन रखता हूं । बस 15 मिनट में पहुंच रहा हूं ।"
कहते हुए विराट कार का डोर खौल ता है। और सामने ड्राइविंग सीट पर बैठे सक्स को देख कर उसके भौहें चढ़ जाती हैं।
कार के अंदर ड्राइविंग सीट पर सोते हुए श्लोक को देखकर आंखें छोटी कर उसे घूर ने लगता है। श्लोक ड्राइविंग सीट पर सीट को पीछे पुश करके आराम से सोया हुआ था ।विराट उसे घूर कर एक नजर डाल पैसेंजर सीट पर जाकर बैठ जाता है । और एक हाथ से हॉर्न जोर से दबाता है। श्लोक जो पिछले 1 घंटे से विराट का इंतजार करते हुए गहरी नींद में जा चुका था , हॉर्न की आवाज सुनकर ही एक ही झटके में उठकर बैठ इधर-उधर देखने लगा ।विराट सीट से टिकट आंखें बंद कीए सर्द आवाज में,
"कब से बैठा है यहां?"
श्लोक नींद से वापस आकर सिर झटक ते हुए अपने रीस्ट वॉच देखकर बोला ,
"1 घंटे से।"
विराट और कुछ नहीं बोला और वैसे ही सीट से सिर टिकाए आंखे बन्द कर खामोश रहा ।श्लोक एक नजर उस पर डालता है। और फिर उसकी नजर विराट के खून से लतपत रुमाल से लिपटी हाथों पर जाती है ।
उसे देख वो पीछे से फर्स्ट एड बॉक्स उठाकर कॉटन निकालते हुए बड़बड़ाकर बोला ,
"कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए तुझे श्लोक । ये तो तुझे पता ही था ।"
खुद से बडबडा कर ही वो विराट के हाथ को अपने हाथों में भर उस में से रुमाल निकालकर कॉटन और एंटीसेप्टिक से साफ करने लगा ।विराट कुछ नहीं बोला । इस बख्त यो बिल्कुल शांत था ।उसकी जहन में बस रिंग एक्सचेंज की सीन ही फ्लैशबैक में चल रही थी । उसे इतना शांत देख श्लोक भी मन ही मन कांप रहा था। तूफान के पहले का सन्नाटा।
कहानी आगे जारी है ❤️❤️
क्या तपस्या विराट केलिए अपने फर्लिंग्स समझ पाएगी?
क्या करनेवाला है विराट आगे?
जानने केलिए पड़ते रहें और रेटिंग रिव्यू दें।