यूवी और गीतिका दोनों एक दूसरे की आंखों में देखने लगते है। तभी बंटी बोलता है, "क्या हुआ उठ नहीं रही है क्या"।
तब यूवी बोलता है, "उठा रहा हूं"।
उसके बाद यूवी गीतिका को गोद में उठा कर बाहर लाता है और, खड़ा कर देता है।
तब गीतिका बोलती है, "मुझ से खड़ा नहीं हुआ जा रहा है, मेरे पैर में बहुत दर्द हो रहा है"।
तब यूवी बोलता है, "लगता है तुम्हारा पैर तो गया, अब चलो एक पैर पर "।
तब बंटी बोलता है, "अरे यार ये क्या बोल रहा है, मैने तो सुना है कि जिस लड़की का पैर टूट जाता है, उसकी शादी नहीं होती है "।
तब यूवी बोलता है, "वैसे भी किसी को इससे शादी करके अपनी किस्मत थोड़े ही खराब करनी है "।
तब मीरा बोलती है, "भाई प्लीज बंद करो अभी ये मजाक, और बताओ कि क्या करु मैं, क्योंकि अगर घर में किसी को पता चल गया तो मैं तो बहुत ही पीटूंगी, क्योंकि मैं ही जिद करके इसे अपने साथ लाई थी "।
तब यूवी बोलता है, "तुम परेशान मत हो, बस हल्का सा पैर ही तो मुड़ा है, ठीक हो जाएगा "।
तब गीतिका बोलती है, "हल्का सा पैर मुड़ा है, तुम्हे पता भी है कि कितना दर्द हो रहा है, और अब मैं क्या करूंगी, कितने सपने देखे थे मैने, की मैं आज नाचूंगी गाऊंगी, और ये सब क्या हो गया "।
तब यूवी बोलता है, "देखा भगवान भी नहीं चाहते कि तुम इंजॉय करो "।
तब गीतिका गुस्से में बोलती है, "तुम मुंह बंद करो अपना "।
तब यूवी बोलता है, "नहीं करूंगा मुंह बंद , क्या कर लोगी तुम, बोलो "।
तब मीरा बोलती है, "मैं क्या करु, मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा है "।
तब बंटी बोलता है, "देखो परेशान मत हो, तुम इसे घर पर ले जाओ और वही पर इसका इलाज करो "।
तब मीरा बोलती है, "मगर घर पर इसकी हालत देख कर लोग, मेरा क्या हाल करेंगे आप नहीं जानते भाई "।
तब यूवी बोलता है, "तुमने इसके साथ थोड़े ही कुछ किया है, जो भी किया है इसने अपने आप किया है "।
तब बंटी बोलता है, "देखो यहां पर बैठ कर रोने से कुछ भी नहीं होगा"।
तब यूवी बोलता है, "मीरा देखो तुम अपना मूड मत खराब करो, इसकी वजह से, मैं तुम्हे घर पर छोड़ देता हूं और काका और काकी को भी समझा दूंगा "।
तब मीरा बोलती है, "इसे तो गोद में ले कर ही जाना होगा आपको "।
तब यूवी गीतिका की तरफ देखने लगता है और बोलता है, "तुम चलो, मैं लाता हूं इसे "।
उसके बाद यूवी गीतिका को गोद में उठा कर लाता है और अपनी कार में बैठा देता है और बोलता है, "अगर आज मीरा की सगाई न होती न, तब मैं तुम्हे कभी भी अपनी गोद में उठा कर अपनी कार तक ना लाता"।
तब गीतिका बोलती है, "बोल तो ऐसे रहे हो कि, जैसे कि मैं तो मरे जा रही हूं तुम्हारे लिए और तुम्हारी इस फटीचर सी कार में बैठने के लिए, मेरे पास इतनी महंगी महंगी कार है न, जितनी तुमने कभी सोची भी नहीं होगी "।
तब यूवी बोलता है, "तो फिर मेरी गोद में आ कर मेरी कार में क्यों बैठ गई "।
तब गीतिका बोलती है, "मजबूरी है मेरी "।
तब मीरा बोलती है, "बस करो भाई और जल्दी चलो, वैसे भी घर जा कर डांट ही खानी है"।
उसके बाद यूवी कार चलाने लगता है।
उधर गीतिका की मॉम बहुत ही गुस्से में अपने बेटे के कमरे में आती है और उसे एक थप्पड़ मारती है।
ये देख कर गीतिका की भाभी भी चोक जाती हैं कि आखिर इन्हें क्या हुआ जो इन्होंने मेरे पति को थप्पड़ मार दिया.........