घटिया टाइप लफंगों को प्रमोट करते सीरिअल R Mendiratta द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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घटिया टाइप लफंगों को प्रमोट करते सीरिअल

घटिया सीरियल जेसे bigg boss के किरदार लफंगे हों तो उसे देखना एक अलग ही अनुभव हो सकता है। आइए, इस पर एक हास्य व्यंग्य लिखते हैं:

घटिया सीरियल और लफंगे किरदार: एक अनोखा अनुभव

आजकल के सीरियल्स में अगर लफंगे किरदार न हों, तो मानो कहानी में जान ही नहीं होती। ये लफंगे किरदार ऐसे होते हैं, जैसे बिना नमक के पकवान। आइए, इन पर थोड़ा हंसी-मजाक करते हैं।

   लफंगे किरदारों की पहचान:

1. हर समय षड्यंत्र रचते हुए: ये किरदार हर समय किसी न किसी षड्यंत्र में लगे रहते हैं। इन्हें देखकर लगता है कि अगर ये अपनी ऊर्जा किसी अच्छे काम में लगाते, तो शायद देश का भला हो जाता।

2.    डायलॉग्स का जादू: इनके डायलॉग्स इतने प्रभावशाली होते हैं कि सुनते ही हंसी आ जाती है। "तुम्हें क्या लगता है, मैं तुम्हें छोड़ दूंगा?" जैसे डायलॉग्स सुनकर लगता है कि इन्हें छोड़ने का काम तो दर्शकों का है।

3.   फैशन सेंस. इनका फैशन सेंस भी कमाल का होता है। चमकीले कपड़े, बड़े-बड़े गॉगल्स और अजीबोगरीब हेयरस्टाइल देखकर लगता है कि ये किसी फैशन शो में भाग लेने आए हैं।

4. *हर जगह मौजूद: चाहे कोई भी सीन हो, ये लफंगे किरदार अविनाश, Vivian, ईशा आदि हर जगह मौजूद रहते हैं। इन्हें देखकर लगता है कि ये सीरियल के निर्माता के रिश्तेदार हैं, जिन्हें हर सीन में दिखाना जरूरी है।

   देखना या न देखना:

अब सवाल यह उठता है कि ऐसे सीरियल्स को देखना चाहिए या नहीं। इसका जवाब है, अगर आप हंसी-मजाक और मनोरंजन के शौकीन हैं, तो जरूर देखें। ये लफंगे किरदार आपको हंसाने का पूरा इंतजाम करते हैं। लेकिन अगर आप गंभीरता से कहानी देखना चाहते हैं, तो शायद आपको निराशा हो सकती है।

  शो का अंत होता है, पर यादेंजाती हैं,

यहाँ एक कविता है जो Bigg boss शो के कुछ participants के लफंगों जेसे व्यवहार को दर्शाती है:

    लफंगों का शो

जब पर्दा उठता है, मंच पर आते हैं लफंगे,
हरकतें उनकी, जैसे हों रंग-बिरंगे पतंगे।
शोर मचाते, हँसी उड़ाते, करते हैं तमाशा,
दर्शकों के दिलों में भरते हैं हंसी का झमाझम।

हर किरदार में छुपी है एक नई कहानी,
कभी हँसी, कभी रुला दे, ये उनकी नादानी।
मंच पर आते ही, बदल जाती है फिजा,
लफंगों की टोली, मचाती है धूमधड़ाका।

कभी बनते हैं हीरो, कभी होते हैं विलेन,
हर पल में छुपा है, एक नया सस्पेंस।
दर्शक भी हँसते हैं, कभी-कभी हो जाते हैं हैरान,
लफंगों की टोली, देती है हर बार नया इम्तिहान।

लफंगों की हरकतें, दिलों में बस जाती हैं।
हर बार की तरह, अगली बार फिर आएंगे,
लफंगों की टोली, नया रंग जमाएंगे।

शो का अंत होता है, पर यादें रह जाती हैं,
हर हंसी, हर मजाक, दिलों में बस जाती हैं।
लफंगों की टोली, जब भी मिलती है,
हर बार एक नई कहानी लिखती है।

कभी हंसी के ठहाके, कभी आँखों में आंसू,
हर पल को जीते हैं, बिना किसी फांसू।
दोस्ती की ये डोर, कभी टूटे ना,
लफंगों की टोली, हमेशा साथ रहे ना।

हर बार की तरह, अगली बार फिर आएंगे,
नए जोश, नए रंग, नया माहौल बनाएंगे।
लफंगों की टोली, जब भी साथ होती है,
हर पल को खास, हर लम्हे को यादगार बनाती है।

शो का अंत होता है, पर यादें रह जाती हैं,
लफंगों की हरकतें, दिलों में बस जाती हैं।
हर बार की तरह, अगली बार फिर आएंगे,
लफंगों की टोली, नया रंग जमाएंगे।

इस बार की यादें, अगले शो तक रहेंगी,
लफंगों की टोली, फिर से धूम मचाएगी।
हर बार की तरह, अगली बार फिर आएंगे,
लफंगों की टोली, नया रंग जमाएंगे।