अपराध ही अपराध - भाग 4 S Bhagyam Sharma द्वारा क्राइम कहानी में हिंदी पीडीएफ

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अपराध ही अपराध - भाग 4

अध्याय 4

 

“मैंने तो शुरू में ही बोल दिया… हम किसी भी बात के लिए कोर्ट और पुलिस में नहीं जाते हैं।”

“क्यों ऐसा, वे लोग फिर किस लिए हैं?”

“उनके पास जाओ तो भी कई प्रश्न पूछेंगे। उसके जवाब देने के स्थान पर हम नहीं हैं।”

“समझ रहा हूं…वह करोड़ रूपया काला धन है?”

“किस पैसे वालों के पास आज काला धन नहीं है? सचमुच में वह अच्छा पैसा है। तिरुपति भगवान का ही है । उसका ही उस पर हक है उन्हीं के पास पहुंचना चाहिए।”

“मैं कह रहा हूं उसे गलत मत लीजिएगा। उस भगवान के लिए तो सभी लोग ले जाकर डंप कर रहे हैं…. आप भी? इस देश में कितने गरीब हैं। अगले समय का खाने के लिए भी उनके पास कुछ नहीं होने से कष्ट पा रहे हैं। उनको देकर मदद कर सकते हैं ना?”

“हमने ऐसे मदद नहीं की आपको पता है?”

“ऐसे मदद कर रहे हो तो खुशी की बात है…. फिर भी करोड़ों रुपया उसे मंदिर के दान पेटी में डालने की बात को मैं हजम नहीं कर पा रहा हूं। उस भगवान के पास पहले से ही कई हजारों करोड़ों रूपया उनके दान पेटी में पड़ा है। यह रुपए जाकर कुछ भी नहीं होने का।”

“वह हमें पता है। परंतु मेरे पिताजी को यह रुपए वहां जाकर दें तो उनके मन को शांति मिलेगी।”

“ठीक है…. इस पर क्यों दामोदर रोड़ा अटका रहें हैं। इसमें उन्हें क्या मिलेगा?”

“बस करो मिस्टर धनंजयन। इससे आगे कुछ मत पूछिए। आप इस असाइनमेंट को पूरा कर सकेंगे… सिर्फ उसके बारे में ही बोलिए?”

“मैं तैयार हूं मैडम…अपने आदमी, सोच कर मुझे जो मन में लगा मैंने आपसे पूछा। कर्मचारी के रूप में आप जो कह रहे हैं उसे ही सुनना मेरे लिए अच्छा है।”

“गुड…परंतु, वह, एक आफत वाला काम है। उसे आपको समझना चाहिए।”

“समझ गया। ठीक है, वह दामोदर ऐसा क्या करेगा…. पहले उन्हें मेरे बारे में मालूम होना चाहिए?”

“इसी समय, आपका फोटो के साथ उसको यह समाचार चला गया होगा आप विश्वास करोगे?”

“ओ…यहीं भी ‘जासूस’ है आपने बोला था ना…हां, वह जासूस कौन है आपको पता नहीं चला?”

“एक जासूस हो तो मालूम होगा। यदि सभी जासूस हो तो?”

“माय गॉड…आप क्या कह रहे हो?”

“हो सकता है आपको भी वह दामोदरन और उसका लड़का विवेक खरीदने की कोशिश करें। हम आपको तीन लाख रुपए वेतन देने की बात बोलें। वह आपको चार लाख रुपए देने को बोलेगा तो आप क्या मना करोगे?” कुर्सी से उठकर उसे देखते हुए कार्तिका ने पूछा।

उसकी चोटी आगे की तरफ आकर गिरी वह बहुत ही सुंदर उसकी आंखों में दिखाई दिया। वह एक देवी जैसे ही उसके आंखों के सामने दिखाई दी। वह उसके रसिकता में अपने प्रश्न को वह भूल गया।

कृतिका ने अपने उंगलियों से चुटकी बजाकर उसे उसमें से निकाला, “क्यों मिस्टर धना…मैं सुंदर हूं?” बिल्कुल सही पूछा।

“हां…आप बहुत ही सुंदर है मैडम। आई एम सॉरी…. आपके प्रश्न का ही मैंने जवाब दिया” धना बोला।

“यह सुंदरता ही धना, बहुत ही आपत्तिजनक है धना। मुझे अपने के लिए करने के लिए इस विवेक ने पता नहीं क्या-क्या योजना बनाकर रखा है। मैं सिर्फ सुंदर ही नहीं हूं…. 5 हजार करोड़ रुपए के प्रॉपर्टी की वारिस भी तो हूं ! क्या यह ऐसे ही?”

“फिर से कह रहा हूं मैडम…मसाला तेलुगू सिनेमा जैसे ही है आपकी स्थिति …”

“फिर आप ‘हीरो’ बनकर हमारे साथ खड़े हो जाइए।”

“बिल्कुल निश्चित…अभी मुझे इन रूपयों को तिरुपति के दान पेटी में जमा कराना है। सिर्फ इतना ही?”

मुस्कुराते हुए आंखों को बंद किए हुए थी कार्तिका।

“यह आपके पैसे हैं, आपको ही तो डालना चाहिए। आपको मैं दान पेटी तक लेकर जाऊंगा। आप आएंगी?”

“नहीं बहुत आफ़त है।”

“इसे कितनी बार बोलेंगी…. मैं हजा़र ,दो हज़ार के लिए उड़ने वाला हूं। एक ही अच्छी बात है, एम.ए. डिग्री वह भी साइकोलॉजी सब्जेक्ट में।

“नौकरी नहीं मिलने से यह एक पाठ है। सब लोग बहुत ज्यादा पढ़ते नहीं हैं। परंतु मैंने विश्वास करके पढ़ा। आज वही मेरे लिए आपके सामने खड़े होने का कारण है। वह पढ़ाई ही अब मेरा साथी होगा। कल ही हम दान पेटी में रुपए जमा कर रहे हैं। आप तैयार रहियेगा।

“मैं तिरुपति देवस्थानम में बात करके करोड़ रुपये आने वाला है कहकर ‘स्पेशल परमिशन’ लेता हूं। किसे पकड़ो तो यह होगा मुझे अच्छी तरह मालूम है।

“हम कल सुबह 2:00 बजे रवाना होंगे। 6:00 मंदिर में पहुंच जाएंगे। 6:15 बजे यह रुपए दान पेटी में पड़ जाएगा। ठीक है मैडम?” धनराजन बोला।

“आर यू श्योर?” कार्तिका बोली।

“कसम खाऊं तो ही मानोगे क्या…. कसम भी खा लेता हूं,” धनंजयन बोला।

“फिर से कह रही हूं, यह इतना आसन विषय नहीं है” कार्तिका बोली।

“फिर से कह रहा हूं इसे हम करेंगे। अभी मैं इस पेटी के साथ नहीं जा रहा हूं। आपको गाली देता हुआ ही जाऊंगा। पहले हमारी जासूसी करने वाले जासूस को दूसरी तरफ मोड़ना है। फिर से मैं फोन में बताऊंगा। मैं चलता हूं” ऐसा कहते हुए बड़े गंभीरता के साथ बाहर निकाला धनंजयन।

पहली बार उसे विश्वास के साथ कार्तिका ने देखा।

आगे पढ़िए….