Chapter - 12
कुछ पुरानी यादें
अब तक
नील बिना किसी एक्सप्रेशन के,"मैं नहीं आ सकता मुझे...(आगे कुछ कहता)
पुलकित रिक्वेस्ट करते हुए," प्लीज नील तू आएगा....,मेरे लिए प्लीज...."।
नील पुलकित के ऐसे रिक्वेस्ट करने पर ना नही कर पाता क्योंकि एक वही था जिसकी बात नील सुन लेता था जिससे नील बस अपना सर हाँ में हिला देता है ।
अब आगे .....
#Scene_1
#रात....
#हॉस्पिटल
चाहत किसी पेशेंट को अटेंड कर रही होती है तभी नर्स आती है चाहत के पास भागकर....,
नर्स जल्दी में चाहत से," मैम....,उन्हें होश आ रहा है...."।
चाहत नर्स की बात सुनकर चौकती है,"क्या...."(और वो भागकर जाती है..,एक रूम था उसके सामने रुककर बहोत हिम्मत से डोर को ओपन करती है....,सामने एक आदमी लेता हुआ था...,वो उसके पास जाती और उसकी आँखें भर आयी थी वो उस आदमी का हाथ अपने हाथ मे लेकर," पापा😢...,।
व्यक्ति slowly आंखें खोलता है..,उसकी आंखें अभी हल्की ही खुली थी और उसकी लड़खड़ाती जुबान एक नाम लेती है,"कार्तिक...." ।
चाहत ये सुनकर भरी आवाज में,"पापा😢....,मैं...,मैं चाहत...."।
लेकिन वो व्यक्ति तो मानो होश में होकर भी होश में नही था वो बस एक ही नाम रटे जा रहा था,"कार्तिक...."।
चाहत के पिता लगातार कार्तिक कार्तिक बोले जा रहे थे....,उन्हें अभी अच्छे से होश नहीं आया था....,
डॉक्टर अंदर आते है,"इन्हें अभी ठीक से होश नहीं आया है चाहत...."।
चाहत अपनी नम आँखो से अपने पिता को देख रही थी,
डॉक्टर चाहत से,"चाहत control your self....,इतने साल इंतजार किया तो कुछ समय और, फिर ये अच्छे से ठीक हो जाएंगे...."
चाहत अपनी आँसू पोछते हुए हाँ में सर हिलाती है😢....,
डॉक्टर चाहत के सर पर हाथ रखकर,"तुमने आज बहुत ओवरटाइम कर लिया....,अब तुम घर जाओ...,और आराम करो...."।
चाहत डॉक्टर की तरफ देखकर,"डॉक्टर अंकल....,मैं कुछ देर यही बैठना चाहती हूं..."।
डॉक्टर स्माइल करके,"ठीक है बेटा..."।
और फिर सब चले जाते .....,चाहत अपने पापा के पास ही बैठी थी....,उनका हाथ अपने हाथ में लेकर....,और बहोत प्यार से उनके सर पर अपना हाथ फेरती है ।
#फ्लैशबैक...
सुबह की पहली किरण.....चाहत रूम में भागते हुए आती है, और चादर हटा कर जोरसे,"कार्तिक भैया उठिये...,कार्तिक भैया...."।
कार्तिक अपने कानों पर पिलो रखकर,"अरे यार छोटी....,सोने दे ना...."।
चाहत कार्तिक का हाथ पकड़कर,"भैया उठिये ना....,मुझे देर हो जाएगी ना......,आज मेरा कॉम्पिटिशन है आप बोले थे चलेंगे....,उठिये...."।
कार्तिक अपने कानों पर दूसरा तकिया रख लेता....,
चाहत मुँह बनाकर,"कौन कहता है आप आर्मी में है...,इतनी देर तक कोई आर्मी मैन नही सोता होगा...."
कार्तिक स्लिपी वॉइस,"वहां सोने नहीं मिलता इसलिए तो यहाँ सो रहा हूं..."।
चाहत पिलो को खीचते हुए,"भैया उठिए वरना मैं पानी डाल दूंगी आपके ऊपर..."।
कार्तिक को तो जैसे कुछ सुनाई नही दे रहा था वो घोड़े बेच कर सो रहा था 😴....,
चाहत कार्तिक को ना ऊठता देख टेबल से मग उठाती है और पूरा का पूरा पानी कार्तिक के ऊपर डाल देती है...)
कार्तिक एकदम से हकबकाकर उठता और सामने चाहत को देखकर,"चाहत😣...." चाहत भाग जाती है रूम से और कार्तिक उसके पीछे....,
कार्तिक उसके पीछे भागते हुए,"चाहत की बच्ची रुक जा तू...."
चाहत मॉम दोनो को देखकर,"अरे तुम दोनों फिर शुरू हो गए...."
चाहत सोफे के इधर उधर हो रही थी कार्तिक को चिढ़ाते हुए ....,
कार्तिक चाहत को पकड़ने की कोशिश करते हुए,"मॉम....,इसे देखो....,रोज के रोज ये मुझपर पानी डालती है..."।
चाहत बचते हुए और अपनी मॉम से," हा तो मम्मा...,मुझे लेट हो रहा था....,भैया उठ ही नहीं रहे थे...."।
कार्तिक चाहत को पकड़ने के लिए होता है," तो तू ऐसे उठाएगी?...."
#Flashback_Continued....
To be Continued....
आगे की स्टोरी जानने के लिए बने रहे हमारे साथ, और रिव्यु देना ना भूले ।
~Shweta Pandey