मोमल : डायरी की गहराई - 35 Aisha Diwan द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • आई कैन सी यू - 40

    अब तक हम ने पढ़ा की रोवन और लूसी की रिसेपशन खत्म हुई और वो द...

  • जंगल - भाग 9

    ---"शुरुआत कही से भी कर, लालच खत्म कर ही देता है। "कहने पे म...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 52

    अब आगे वाइफी तुम्हारा रोना रूही गुस्से में चिल्लाई झूठ बोल र...

  • स्पर्श की ईच्छा

    वो परेशान था   शरीर उसका सामने पड़ा था वह कुछ भी नहीं कर पा...

  • बैरी पिया.... - 55

    अब तक : वाणी जी ने उसके सिर पर हाथ फेरा तो शिविका बोली " मैं...

श्रेणी
शेयर करे

मोमल : डायरी की गहराई - 35

पिछले भाग में हम ने देखा कि अब्राहम और मोमल फीलिक्स को लेकर गुरु जी के पास गए थे। उन्होंने मायूस कर देने वाली बातें बताई और ये कहा के जब ये बच्चा जवान हो जायेगा तब हो सकता है इसमें शैतानी असर हावी हो जाए, इस से किसी को भी खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा के इसे बचाने का एक उपाय है लेकिन वो कारगर साबित होगी या नहीं ये भी कहा नही जा सकता। ये सारी बातें फीलिक्स ने सुन ली थी।

अब आगे :__
दरवाज़े पर खड़े झर झर आंसू बहाते हुए फीलिक्स को मोमल ने देख लिया। वो जल्दी में उठी और उसके पास जा कर बोली :" क्या हो गया ऐसे क्यों रो रहे हो?

दादी मां अंदर से आवाज़ देती हुई आई :" अरे बेटा तुम ने पूरा हॉट चॉकलेट खतम नहीं किया है।"
दादी मां ने उसे रोता देख कर हैरत में बोली :" क्या हो गया इसे अभी तो अंदर बैठा था?

मोमल ने प्यार से पूछा :" क्या हुआ फीलिक्स? ऐसे नही रोते बेटा।"

फीलिक्स ने भरी भरी आवाज़ में कहा :" मॉम मैं आप लोगों के लिए खतरा हूं ना ?.... लेकिन मैं आप लोगों से बहुत प्यार करता हूं! मैं आप , डैड और लूना के साथ गलत नहीं करूंगा।"

मोमल ने उसके आंसू पोंछ कर कहा :" हां बेटा हम जानते हैं! तुम हमारे से कुछ गलत नहीं करोगे! अब चुप हो जाओ बस थोड़ी देर में हम यहां से चले जायेंगे।"

अब्राहम और गुरु जी ने उसे रोते हुए देखा तो गुरु जी ने कहा :" हमे घर से बाहर जा कर बात करनी चाहिए! इस छोटे से घर में हमारी आवाज़ सुनाई देगी।"

ये कह कर वे दोनों घर के बरामदे में आए, वहां दो कुर्सियां रखी हुई थी। गुरु जी ने बैठते हुए कहा :" बैठ जाइए हम आगे की बात करते हैं।"

अब्राहम ने बैठते हुए दुखी हो कर कहा :" उसने अपने शैतान होने की बात सुन ली! उसे कितना बुरा लग रहा होगा। वो आठ साल का है लेकिन अठारह साल के लड़के जितना समझदार है।"

गुरु जी ने कहा :" हां अभी छोटा है इसीलिए उसे बुरा लग रहा है लेकिन जैसे-जैसे बड़ा होता जाएगा वह इस बात को मानने लगेगा कि वह एक शैतान है और हो सकता है शैतानी हरकतें भी करें !...इसी दौरान एक और बात का ध्यान रखना पड़ेगा, जब भी अमावस की रात हो मतलब जब चांद हमारे आसमान से बिल्कुल गायब हो जाते हैं तब इस बच्चे को बचा कर रखना होगा क्योंकि जब शैतानों को पता चलेगा कि यह उनका बच्चा है वह इसे ले जाने की कोशिश करते रहेंगे! आप लोगों को इससे प्यार नहीं होता तो मैं यही सलाह देता कि इसे उनके ही हवाले कर दो लेकिन मुझे लगता है कि आप लोग इस से बहुत प्यार करते हैं।"

अब्राहम :" शायद शैतानों को पता चल गया है। लेकिन अमावस की रात को ही क्यों?

गुरु जी :"क्योंकि सूरज और चांद की रोशनी में उनकी शक्तियां कमज़ोर होती है! जब आसमान में चांद ही नहीं रहेगा तो जाहिर सी बात है उनकी शक्तियां काफी हद तक बढ़ जाएगी! उन दो रातों में वो बहुत ताकतवर होते हैं इस लिए उन्हें the devil of sky, आसमान का शैतान भी कहा जाता है। बड़े बुजुर्ग इसलिए कहा करते थे की अमावस के रात को आसमान में घूरना नहीं चाहिए क्योंकि बहुत सी ऐसी शक्तियां वहां रहती है जो एक पल में हमारी बिनाई चुरा ले जा सकती है।"

अब्राहम :" हम फीलिक्स को कैसे बचा सकते हैं? वो कौन सा उपाय है?

गुरु जी ने गहरी सांस लेकर कहा :" देखो बेटा ये थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है आप के लिए क्यों के आप दोनों ने इस बच्चे को दिल से अपना बेटा मान लिया है। लेकिन यही एक रास्ता है जिस से मुमकिन है की उस बच्चे मे से शैतानी असर खत्म हो जाए!..... अभी तो नया चांद है लेकिन इसी चांद के अमावस वाली दो रातों में इस बच्चे को एक मैदान में ले जाना होगा जहां उसकी अग्नि परीक्षा होगी। इसे एक लोहे के पिंजरे में कैद करना होगा। उसे रात भर वहां अकेला छोड़ना होगा। उसके प्रजाति के शैतान उसे लेने आयेंगे लेकिन अगर इस बच्चे ने सबर रखा और जज़्बात और गुस्से में काबू कर लिया तो वे लोग इसे नही ले जायेंगे! वे लोग इसके शैतानी ताकतों से पिंजरे को तोड़ने के इंतज़ार में रहेंगे अगर इस ने पिंजरा तोड़ दिया तो वो लेकर चले जायेंगे! अगर एक रात इसने सही से गुज़ार लिया तो दूसरी रात में आसानी होगी। इन दोनों रातों में अगर इसने खुद को साबित कर दिया तो ये बच्चा हमेशा के लिए अपने शक्तियों पर काबू पा लेगा और इसके प्रजाति के शैतान इसका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे।"

ये सब सुन कर अब्राहम के मन में पहले से ज्यादा बेचैनी और तड़प होने लगी। उसने परेशानी में कहा :" लेकिन गुरु जी यह कोई उपाय नहीं है यह तो उसकी आजमाइश है और अगर इसमें वह खरा न उतर पाया तो हम तो उसे खो  देंगे! छोटा सा बच्चा है हम उसके साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं!... रात भर पिंजरे में, अंधेरे में, किसी मैदान में उसे कैसे रख सकते हैं! ये तो उस पर ज़ुल्म हो जाएगा।"

गुरु जी :" ये बच्चे की भलाई के लिए ही है! अगर आप ऐसा सोचेंगे तो आप उसे बचा नही पाएंगे!.... अगर वो आप लोगों से प्यार करता है तो ये काम वो कर लेगा। आप लोगों का प्यार उसे जीतने में मदद करेगा। उसे समझाना और सीखाना आप लोगों का काम है। बस यही एक रास्ता है जिस से एक उम्मीद लगाई जा सकती है वरना आप को मैं ने बताया ही है क्या होगा।"

अब्राहम के पास अब और कोई शब्द नहीं थे। वो मजबूर और बे बसी के हालात में उठा और कहा :" हम कोशिश करेंगे फीलिक्स को अच्छा इंसान बनाने की!... अब हमे इजाज़त दीजिए!"

फिर उसने मोमल को आवाज़ दी :" मोमो आजाओ हमे निकलना है!"

मोमल फीलिक्स का हाथ पकड़ कर बाहर आई। 
गुरु जी ने उन्हे जाते हुए देख कर कहा :" डॉक्टर साहब वो मुझे एक परेशानी है! घुटने में बहुत दर्द रहता है क्या करूं?"

अब्राहम ने समझाते हुए कहा :" गुरु जी मैं वो वाला डॉक्टर नहीं हूं! मैं प्लांट्स का डॉक्टर हूं! हां फिर भी बता सकता हूं की जो घुटने में ऊपर की कटोरी जैसी हड्डी है ना उसके नीचे एक लिक्विड होता है जो हड्डी को मूव करने में हेल्प करता है। उमर बढ़ने से वो लिक्विड सूखने लगता है इस वजह से हड्डी आपस में रगड़ खाता है इस लिए पेन होने लगता है। ज़्यादा से ज़्यादा कैल्शियम युक्त खाना खाने की कोशिश कीजिए, आराम मिलेगा।"

गुरु जी :" ओह बहुत बहुत शुक्रिया बेटा may God bless you and your family!"

अब्राहम और मोमल ने आमेन कहा और गाड़ी में सवार हो गए। 

अब तक मोमल को कुछ पता नहीं था कि गुरुजी ने क्या उपाय बताया है लेकिन वह अब्राहम के चेहरे को देखकर समझ सकती थी कि जो भी उपाय है वह आसान नहीं है।
अब्राहम बिना पलकें झपकाए बेसुध होकर बस गाड़ी चला रहा था ना कोई बातचीत न ही उसके चेहरे पर कोई रौनक थी। मुरझाया हुआ सा दिखने लगा था। 
फीलिक्स भी बिलकुल अब्राहम की तरह ही बैक सीट पर बैठा था। छोटे से बच्चे के आंखो में गहरे तनाव के झलक दिख रहे थे। 
मोमल ने एक बार उसे मुड़ कर देखा फिर अब्राहम को देखते हुए बोली :" गुरु जी ने कुछ बताया हम क्या कर सकते हैं फीलिक्स को ठीक करने के लिए?

अब्राहम ने मोमल के सवाल का जवाब नहीं दिया। बात को बदलने के लिए उसने कहा :" मोमो हमे जल्दी पहुंचना है! शाम को भैया भाभी की फ्लाइट है।"

मोमल समझी नहीं के वो बात टालने की कोशिश कर रहा है। उसे जानने की तड़प हो रही थी इस लिए उसने फिर से कहा :" हां ये मैं जानती हूं लेकिन मैं तो गुरु जी की बात कर रही थी।"

अब्राहम ने कहा :" हम घर जा कर बात करें इस बारे में ? प्लीज़!"

फीलिक्स ने उनके बीच कहा :" डैड !.... मैं जानता हूं गुरु जी ने क्या कहा है! शायद मेरी शक्तियों में से एक और शक्ति ये भी है की मैं दूर से भी आवाज़ सुन लेता हूं!... आप दोनों की बातें मॉम को ठीक से सुनाई नही दी थी लेकिन मुझे आप दोनो की आवाज़ साफ साफ सुनाई दे रही थी तो मुझसे छुपाने का कोई फायदा नही है। मैं सब जानता हूं! मुझे दो रातें पिंजरे में बितानी है।"

ये सब सुन कर मोमल हैरत में आंखे बड़ी बड़ी करते हुए बोली :" क्या ?.... क्या सच में गुरु जी ने ऐसा कहा है? कौन सा पिंजरा कैसा पिंजरा?

अब्राहम के मन में उथल पुथल मची थी उसने कहा :" हम बाद में बात करेंगे!.... अभी मैं बातें करना नही चाहता।"

मोमल :" ठीक है!"

मोमल के मन में हज़ार तरह से सवाल उठ रहे थे। जब तक वो पूरी बात नही जान लेती तब उलझन में उलझी रहेगी। रास्ते भर बस यही सोचती हुई गई के फीलिक्स को पिंजरे में कैद क्यों करना है और कौन सी दो रातों की बात हो रही है?

इसी उलझन में वे तीनों घर पहुंचे। शाम हो गई थी। भैया भाभी और मीनल बस तैयार हो कर उन्ही के इंतज़ार में थे। 
उन्हे देखते ही सब से पहले लूना दौड़ी चली आई, एक बार अब्राहम के गोद मे एक बार मोमल के गोद में चढ़ कर उतर गई। साथ ही साथ दिन भर में उसने क्या क्या किया सब पटर पटर बताने लगी। अब्राहम ने मोमल से कहा :" तुम घर में आराम करो थक गई होगी मैं एयरपोर्ट तक उनके साथ जाता हूं!"

मोमल :" हम्म जल्दी आना!... आप भी थक गए हैं ड्राइव करते करते।"

भैया भाभी ने सब से विदाई ली। भाभी ने मोमल से कहा :" छोटी उम्र में तुम बड़ी ज़िम्मेदारी ली है! मुझे उम्मीद है के तुम अच्छी मां बन कर उनकी परवरिश करोगी! लेकिन अपने कोख से भी एक दो बच्चे को जन्म देना! और अब्राहम तो है ही बचापन से ज़िम्मेदार टाइप का तो इसको कुछ टिप्स देने की ज़रूरत नहीं है। कॉल करना मैं वेट करूंगी ओके!"

मोमल मुस्कुरा कर :" जी भाभी!"

बड़े भैया अब्राहम से :" तो कब तक हो तुम इस घर में ? 

अब्राहम :" बस और तीन दिन में घर रेनोवेट हो जायेगा फिर हम चले जायेंगे !"

बड़े भैया :" यही क्यों नहीं रह जाते ? सबके साथ रहने में अलग ही सुकून है! मेरा अगर बिजनेस जर्मनी में नहीं होता तो मैं तो तुम सबके साथ यहीं पर रहता!....खैर अब जहां पर कंफर्टेबल हो वहीं रहो।"

जाते हुए मीनल ने सारे बच्चों को गले लगाया फिर मोमल के गले लग कर बोली :" I will miss you a lot चाची!"

मोमल :" me too !"

सभी लोग चले गए, उनके जाते ही फीलिक्स उदासी में अपने कमरे में चला गया। अभी सब दरवाज़े पर ही खड़े थे। मोमल ने देखा के वो कमरे में चला गया है तो वो भी उसके पीछे चली गई। मझली भाभी असमंजस में उन्हे देखते हुए बोली :" पता नही इस बच्चे में क्या गड़बड़ है! कुछ तो खिचड़ी पक रही है इन तीनों में पर क्या कुछ समझ नहीं आ रहा है।"

जेकॉब भाई ने उन्हे अकेले में बड़बड़ाते देखा तो कहा :" क्या हो गया तुम्हे ? क्या बड़बड़ा रही हो बड़ी भाभी चली गई अब तो चैन की सांस ले लो तुम! बहुत प्रोब्लम हो रही थी तुम्हे उनके होने से, अब खुश !"

हां खुश!" 
ये कह कर वो मुंह बिचका कर चली गई। 
मोमल फीलिक्स से सारी बाते जानना चाह रही थी जो कुछ उसने गुरु जी से सुना था। लेकिन पूछने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी क्यों के वो बहुत उदास था। उसका मुरझाया हुआ चहरा देख कर, इतना तो समझ रही थी के उसका दिल इस समय तार तार है।

(To be continued)