मैं मोमल मैरी, मैं छब्बीस साल की एक लोगों द्वारा सताई हुई लड़की हूं। मैं एक गांव की लड़की हूं। मेरा ब्लड ग्रुप B+ है। मैं 30 दिसंबर 1997 में पैदा हुई थी। मैं अपने मां बाप की तीसरी औलाद हूं। एनिमल लवर हूं क्यों के इंसान तो प्यार के काबिल रहे नहीं। मेरी बहुत सारी हॉबीस हैं जैसे की टीचिंग,आर्ट एंड क्राफ्ट, सिंगिंग, कुकिंग, पेंटिंग और रीडिंग! मुझे पढ़ने लिखने का बहुत शौक था या यूं कहें कि मैं किताबी कीड़ा थी इस लिए मैं अपने स्कूल में हमेशा टॉपर रही।
मुझे कई तरह के फोबिया भी हैं, जिनमे से एक Entomophobia...fear of insects मुझे उड़ने वाले कीड़ों से बहुत डर लगता है। दूसरा बड़ा यह फोबिया है Gamophobia — a fear of commitment or fear of marriage — ये फोबिया मुझे पहले नही था लेकिन एक ऐसा हादसा हुआ जिस ने मेरी दुनिया को उलट पलट कर रख दिया।
मैं एक डिसॉडर के साथ भी जी रही हूं और वो ये है Post traumatic stress disorder (PTSD) जिस वजह से मुझे बुरे सपने आते हैं और मैं ठीक से सो नहीं पाती हूं। ये डिसॉडर भी मुझे उस हादसे की वजह से हो गया। तो अब मैं अपने लाइफ के सबसे भयानक पलों को लिखने जा रही हुं!
बाइस साल तक की उमर में मैं सिर्फ किताबों की दुनिया में थी और उसी में खोई हुई थी, स्कूल कॉलेज में मैने किसी को ब्वॉयफ्रेंड नही बनाया यहां तक के कोई लड़का दोस्त भी नही था। किताबों से नज़र हटी ही नही तो किसी को क्या देखती। मेरी सिर्फ एक ही बेस्ट फ्रेंड थी। मैं उसी से बाते करती रहती थी। सारे लड़के मुझे घमंडी समझते थे। किताबों की दुनिया में इतनी मशगूल थी के असल दुनिया की कड़वी और घिनौनी शक्ल देख ही नहीं पाई ! जब मेरा कॉलेज खत्म हुआ तब मेरे पास मोबाइल फोन आया। मैंने एक सोशल मीडिया में अपना अकाउंट बनाया और यही मेरी सबसे बड़ी गलती थी। मुझे ऑनलाइन एक लड़का मिला जिसका नाम था मार्को "मुझे इस नाम से नफरत है! कभी बेहद मोहब्बत हुआ करती थी। अब जब कभी खयाल आता है की इस आदमी से मैं खुद से ज़्यादा प्यार करती थी तो अपने आप से भी नफरत होने लगती है। मार्को से सिर्फ फोन पर बातें होती थी और उसकी बातें इतनी अच्छी थी की बस में पिघलती चली गई और धीरे-धीरे जैसे मैं उसकी गुलाम बनती चली गई वह जो कहता मैं वही करती, जैसे मेरी रूह अब उसके हाथ में थी। मैंने कभी सपने में भी नही सोचा था के कोई मुझे इस क़दर अपने प्यार में पागल कर सकता है। मैं उससे कभी मिली नहीं, ना उसे कभी सामने से देखा था सिर्फ फोटोस में ही देखा था। कुछ दिन ऐसा ही चला, फिर मैं ने उसे शादी के लिए घर पर बात करने को कहा, वो अपने घर से दूर रह कर एक कंपनी में नौकरी करता था। उसने कहा कि वह अपने घर पर बोल चुका है और घर पर सभी लोग राजी हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं था वह मुझे बस झूठ बोल रहा था। उसने कहा कि तुम भी अपने घर पर बता दो तो मैंने भी अपने घर पर बता दिया। मेरे घर वाले नाराज तो हुए मुझसे ये जान कर के लड़का ऑनलाइन मिला है। लेकिन मेरी खुशी के खातिर उन्होंने सोचा कि अगर लड़का अच्छा हो तो शादी कर देंगे। मेरे घरवाले उसके घर वालों के जवाब का इंतजार करने लगे और मैं भी बेसब्री से इंतजार करने लगी लेकिन वह शादी की बात को टालता रहा, कोई ना कोई बहाना देता रहता।
एक दिन उसके दोस्त के जरिए मुझे पता चला कि वह मुझे धोखा दे रहा है लेकिन मैंने उसकी बातों का विश्वास नहीं किया उसके दोस्त ने कहा कि देखिए आप बहुत मासूम है इसलिए मैं आपको बता रहा हूं कि वह आपके लायक नहीं है!"
लेकिन मैं ने उसे ही बुरा भला सुना दिया, मुझे लगा कि वह शायद मार्को से जलते हो लेकिन मैं गलत थी और वह सही था। अब ऐसा हुआ कि उसने मुझे इग्नोर करना शुरू किया मेरे मैसेज इग्नोर कर देता मेरे कॉल्स को इग्नोर कर देता। मैं हर मुमकिन उसे मनाने की कोशिश करती रहती फिर भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।
एक दिन सुबह 8:00 बजे मैंने उसे फोन किया लेकिन उधर से किसी लड़की ने फोन उठाया मैंने पूछा कि यह तो मार्को का फोन है सुबह-सुबह आपके पास क्या कर रहा है?
फिर जो उसने बताया मेरा दिमाग जैसे सुन पड़ गया, मेरी आंखों के सामने अंधेरा ही अंधेरा था। मेरा जिस्म जैसे जम सा गया था।
खैर! उस लड़की ने बताया कि वह तीन साल से उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही है। उस लड़की ने उसकी सारी हकीकत मुझे बता दी, उसने एक-एक बात बताई जो हमारे बीच हुआ करती थी उसने यह भी बताया कि जब वह बीमार पड़ा था तब आपने उसे इलाज के लिए पैसे दिए थे!"
हां मैंने उसे कुछ पैसे दिए थे।
उसने ऐसी ऐसी बातें बताई कि मेरे पास यकीन करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। उसने कहा के मैं बहुत पहले आपको ये सब बताना चाहती थी लेकिन वो अपना मोबाईल छूने भी नही देता , आज किस्मत से वो फोन भूल कर ऑफिस चला गया है और आपका कॉल भी आ गया ।"
यह सब बातें सुनने के बाद मैं बहुत ज्यादा रोई ,इतना रोई जैसे की मेरे आंख से आंसू नहीं बल्कि अब खून निकल पड़ेगा। मेरे दिल में दर्द सा महसूस होने लगा, मैंने यह दर्द इससे पहले कभी महसूस नहीं किया था यह सब मैं अकेले ही झेल रही थी।
आखिरकार मैं ने खुद को किसी तरह संभाला, मेरा दिल कर रहा था कि काश वो मेरे सामने आता तो मैं उसे मार डालती ,मुझे इतनी नफरत हो गई, इतना गुस्सा आया कि मैंने उसके छोटे भाई को मैसेज कर के उसकी यह सारी गंदी हरकतें बता दी। उसके घर वालों को कानों कान खबर नहीं थी कि वह किसी लड़की के साथ तीन साल से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा है और साथ में मुझे भी बेवकूफ बना रहा है। सिर्फ मैं ही नहीं कई सारी लड़कियां उसके जाल में फंस चुकी थी क्योंकि वह बातें बहुत अच्छी करता था और दिखने में भी बहुत अच्छा था और यही उसकी ताकत थी। लड़कियां ज्यादा इमोशनल होती है इसलिए अगर उससे कोई चार बातें भी प्यार से कर लेता है तो वह उसके सामने पिघल जाती है और इमोशनली अटैच होती चली जाती है! इसी वजह से अक्सर वह धोखे का जाती है। मैं यह नहीं कहती कि सारे लड़के बुरे होते हैं और सारी लड़कियां अच्छी होती है। अच्छाई और बुराई दोनों जेंडर में पाए जाते हैं लेकिन बुरा अक्सर लड़कियों के साथ ही होता है।
मार्को के घर वाले शरीफ़ लोग थे ,उसके डैड की मौत बहुत पहले हो गई थी। जब मैं ने उसके छोटे भाई को यह सब बता दिया तो उसके भाई ने अपने घर में बताया ,उसके घर वाले यह सब जानकर बहुत गुस्सा हो गए और उसे फोन कर के बहुत लान तान सुनाया। यहां तक के उसके बड़े भाई ने उसे जायदाद से बेदखल कर दिया।
मुझे यह सब नहीं पता था कि मेरे बताने के बाद क्या हुआ नहीं हुआ, मैं तो खुद को किसी तरह संभालने में लगी थी, मैं बहुत ज्यादा डिप्रेशन से गुजर रही थी। मुझे किसी ने सलाह दी कि तुम कोई क्लास ज्वाइन कर लो तो मैं ने ड्राइंग की क्लास ज्वाइन की लेकिन मुझे इस बात की बिल्कुल खबर नहीं थी कि वह सनकी मार्को मेरे ताक में बैठा है। मैंने उसके घर वालों को सब कुछ बता दिया जिस वजह से उसे बहुत कुछ सुनना पड़ा और उसे जायदाद से बेदखल कर दिया गया। वो मुझसे इस बात का बदला लेना चाहता था। एक दिन मैं क्लास के लिए सुबह-सुबह जा रही थी तभी तेज़ी से एक वैन आई और मुझे चील की तरह झपट कर ले गए।उसने मेरा किडनैप करवा लिया। मुझे एक खंडहर में ले गए, तीन दिन तक भूखा प्यासा रखा और गुस्से में आकर उसने मुझे बहुत मारा पीटा , उसकी वह हैवानियत और दरिंदे जैसी आंखें आज भी मुझे डरा देती है। उसने मेरा गला दबाना शुरू किया, वह मुझे जान से मारने ही वाला था कि उसकी लिव इन पार्टनर वहां आई और पीछे से उसकी गर्दन में ड्रग्स इंजेक्ट कर दिया। धीरे धीरे उसकी आंखे मंद हो गई और वोही ज़मीन पर गिर पड़ा।
मैं तो अधमरी हो ही चुकी थी मुझ में अब थोड़ी सी ही जान बाकी थी। उसकी पार्टनर ने मुझे वहां से निकाला और कहा कि जल्दी से भाग जाओ वरना यह तुम्हें मार देगा! तुम नहीं जानती यह कितना बड़ा साइको है।"
मैं हैरान थी। मैंने उससे कहा कि तुम इसके साथ क्यों रहती हो आखिर क्या मजबूरी है जो तुम ऐसे इंसान के साथ रहती हो तो उसने मुझे जल्दी-जल्दी में बताया कि मैं एक कॉल गर्ल थी वह मेरे पास अक्सर आता था। मैं मजबूरी में यह धंधा करती थी और मैं वहां से निकलना चाहती थी तो मैंने उससे कहा कि मुझे यहां से निकालो मैं तुम्हारी गुलाम बन कर रहूंगी तो वह मुझे वहां से ले आया! मैं उस धंधे में वापस नहीं जाना चाहती इसलिए मैं बस उसके साथ रहती हूं और कुछ भी नहीं है। अगर वह मुझे कभी मारता पीटता भी है तो भी मैं सह लेती हूं अब देखो कब तक सह पाती हूं! कहीं-कभी सोचती हूं के मेरे ही हाथों इसका खून हो जाए और मैं हमेशा के लिए जेल में बंद हो जाऊं शायद यही मेरे लिए अच्छा रहेगा।"
उस लड़की की बातें सुनकर मेरा दिल फट गया और ऐसा लगने लगा कि मैं इससे तो काफी बेहतर हालत में हूं मुझे गॉड का शुक्रिया अदा करना चाहिए! मैं किसी तरह वहां से बच निकली, मेन रोड पर गई तो भूखी प्यासी और जख्मी होने की वजह से बेहोश होकर गिर पड़ी जब होश आया तो पता चला के मैं एक सरकारी अस्पताल में थी, कुछ पुलिस अधिकारियों ने मुझे वहां पहुंचाया था। अस्पताल वालो ने मुझसे नंबर पूछ कर मेरे घर में फोन किया गया । घर से मेरे बड़े भाई आए और मुझे ले गए, लेकिन जब घर पहुंची तो यहां अलग ही कहानी बनी हुई थी। पूरे गांव में और पड़ोसी गांव में यह हल्ला मचा था कि मैं अपने बॉयफ्रेंड के साथ भाग गई हूं। इन तीन दिनों में जब तक मैं गायब रही मेरे परिवार का घर से निकलना भी दुश्वार हो गया था उनकी बहुत ज्यादा बेइज्जती हुई, मेरे पापा बीमार पड़ गए थे , मां की हालत अधमरी सी थी। मेरे परिवार को भी कहीं ना कहीं लग रहा था कि मैं मार्को के साथ भाग गई हूं इसलिए वह लोग मुझसे नाराज थे लेकिन मैं ने फिर सारी बात बताई और मेरे जिस्म में लगे ज़ख्म भी मेरी बेगुनाही साबित कर रही थी। क्योंकि मैं घर में सबकी बहुत लाडली थी इसलिए उन्होंने मेरी बात मान ली लेकिन मैं खुद को मना नहीं पाई! सारी गलती मेरी थी, मैं मार्को के जाल में फसी जिस वजह से आज मेरे घर वालों की इतनी बेइज्जती हुई! मैं खुद की नजर में गिर गई! अब गांव में मेरा जीना दुश्वार हो गया ,हर कोई मुझे बदचलन कहता और आपस में मेरी बुराई करते रहते लोग मुझे इस तरह देखने आते जैसे कि मैं चिड़ियाघर से भागी हुई कोई अजूबा जानवर आ गई हूं। लोगों को लग रहा था कि मैं जिसके साथ भागी थी उसने मेरे साथ रेप करके छोड़ दिया है इसलिए गांव के लोग मुझे ऐसे देखते जैसे मैं नापाक हूं। आखिर मैं किस-किस को अपनी कहानी बताती? जिनको बताती उनमें से कोई यकीन करता तो कोई कहता कि बस कहानी बनाकर सुना रही है। जो लोग मुझे अच्छी तरह जानते थे वह मेरी बातों का यकीन कर लेते थे लेकिन दूर दराज के गांव के लोग ना जाने क्या-क्या बातें बना रहे थे। मैं हर तरह से बस टॉर्चर हो रही थी। कभी-कभी ख्याल आता था कि अपनी जान ले लूं लेकिन मैं एक रिलिजियस लड़की हूं मैं अपने गॉड के बहुत करीब हूं और गॉड ने सुसाइड करने से मना किया है और तो और मेरी मां, मेरे पापा मेरे चाहने वालों को मैं इस तरह से और ज़्यादा रुलाना नहीं चाहती थी इसलिए बस किसी तरह सांस ले रही थी।
इस हादसे के बाद मुझे नींद नहीं आती और जब किसी तरह नींद आ भी जाती है तो वोही सपना आता जिसमे मार्को मुझे टॉर्चर कर रहा होता है और मेरा गला दबा रहा होता है।
अक्सर रात को बड़ी-बड़ी सांसे लेते हुए और पसीने से लथपथ डर कर उठ जाती हूं।
मेरे जिस्म से उसके मारने पीटने का निशान तो मिट गया लेकिन मेरे दिमाग में एक चोट रह गया जो मुझे ठीक से सोने भी नहीं देता और बार-बार लगभग हर रोज मैं सपने में डर कर उठ जाती हूं! आज 4 साल हो गए हैं लेकिन मेरे दिमाग का चोट अब तक ठीक नहीं हुआ और मैं इसी के साथ जी रही हूं।
मैंने library and information science में बैचलर डिग्री हासिल की है ताकि मैं लाइब्रेरियन बन कर फिर से अपनी किताबों की दुनिया में वापस जा सकूं, क्यों के अब मुझे प्यार होना तो दूर किसी लड़के से दोस्ती भी नही हो सकती। मुझे लोगों से नफरत हो गई है। लोग सिर्फ अपनी जिंदगी नही जीते बल्के दूसरों का जीना हराम करते हैं। मैं अपने गांव से दूर बस जाना चाहती हूं ताकि मुझे और खरी खोटी सुनना ना पड़े, जहां पर मुझे कोई जानता ना हो, मेरा कोई रिश्तेदार ना हो!
अब मुझे किसी चीज से फर्क नहीं पड़ता ना मुझे रोना आता है। पहले मैं भूतों से बहुत डरती थी लेकिन अब उनसे ज्यादा इंसान से डरती हूं।
मैं अपनी डायरी में यह सब इसलिए लिख रही हूं ताकि अगर मैं कभी अचानक दुनिया से चल बसी तो मेरी यह सच्चाई यह डायरी कभी ना कभी किसी न किसी के सामने जरूर खोल देगी और शायद तब मेरी रूह को सुकून मिले।"
डायरी को पढ़ते पढ़ते अब्राहम के बार-बार रोंगटे खड़े हो रहे थे।
(अगला भाग जल्द ही)