मोमल : डायरी की गहराई - 34 Aisha Diwan द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मोमल : डायरी की गहराई - 34

पिछले भाग में हम ने देखा कि अब्राहम फीलिक्स के गांव में गया था वहां उसे एक बुज़ुर्ग मछुवारे ने हैरान कर देने और खौफ पैदा करने वाली फीलिक्स की सच्चाई बताई, उन्होंने एक ज्ञानी गुरु का पता भी बताया। आज लूना का बर्थडे है और घर में चहल पहल है। बच्चे कुछ ज़्यादा ही मज़े में थे लेकिन अब्राहम और मोमल के मन में एक उदासी छाई हुई थी। वो बस दिखाने को हंस बोल रहे थे।

अब आगे :__

अंकल हैरी आ चुके थे। वैसे तो उनका चहरा हमेशा उदास रहता था लेकिन आज बच्चो के साथ बहुत खुश दिखाई दे रहे थे। अब्राहम दिल से खुश नहीं हो पा रहा था। जब भी फीलिक्स को हंसते खेलते देखता और भी चिंता में खो जाता। वो मुरझाया हुआ सा था।
उन सब ने खुशी खुशी बर्थडे सेलिब्रेट किया। रात को फीलक्स ने ज़िद की के वो लूना के साथ ही सोएगा। इस लिए उसे बच्चों के कमरे में रख कर आए, अपने कमरे में आकर अब्राहम ने मोमल से कहा :" हम सुबह सुबह ही फीलिक्स को लेकर घर से निकल जायेंगे! लूना को लेकर नही जा सकते काफी लंबा सफर होगा! उसे यही रहना होगा दिन भर !"

मोमल :" लेकिन बात क्या है आप मुझे साफ साफ बताइए ना!"

अब्राहम ने गहरे फिक्र में एक लंबी सांस ली और वो सारी बातें बताई जो उसने मछुआरे से सुनी थी। 
अब तक सिर्फ अब्राहम को चिंता सता रही थी अब मोमल को उस से ज़्यादा चिंता सताने लगी। 
अब्राहम सो गया था। थकान से उसे नींद आ गई लेकिन मोमल सो नही पाई, नींद आंखों से गायब ही हो गई थी। 

देर रात हो रही थी। मोमल अब भी सोने की कोशिश में करवटें बदल रही थी लेकिन अब तक पलकें तक भारी नही हुई थी के तभी उसे बच्चों के कमरे से आवाज़ सुनाई दी। लूना के चीखने की आवाज़ लग रही थी। मोमल बेतहासे उठ कर भागी। उसके हड़बड़ा कर उठने से अब्राहम भी जाग उठा। वो भी घबराहट में उसके पीछे भागा। कमरे में जा कर देखा तो लूना टेडी बीयर को डर से कस के पकड़ कर कोने में खड़ी है। उसके कुछ फासले में फीलिक्स एक चूहे को पैर से लगातार मार रहा है। चूहा लगभग मर कर फर्श से चिपक गया था लेकिन फिर भी फीलिक्स गुस्से में ये बोलते हुए उसे लात से बिना रुके मार रहा था :" मेरी बहन को डराया! मेरी बहन डर गई, मेरी बहन डर गई न, मार दूंगा तुझे!"

मोमल को देखते ही लूना मम्मा चूहा, मम्मा चूहा कह कर उस से लिपट गई। अब्राहम ने फीलिक्स को रोक कर कहा :" चूहा मर गया है फीलिक्स!"

फीलिक्स की सांसे फूल रही थी। जब अब्राहम ने उसके चहरे में देखा तो उसके होश उड़ गए, उसकी आंखे बिल्कुल लाल थी। बिल्कुल उसी चिड़िया की तरह जिसकी बात मछुवारा और फीलिक्स ने खुद बताई थी। वो आंखे इंसान की नही लग रही थी। चमचमाती लाल आंखे काफी भयानक थी।
उसे इस रूप में देखते ही अब्राहम ने घुटनों पर बैठ कर उसे गले लगा लिया। वो उसके दिल की धड़कन महसूस कर सकता था जो बहुत ही तेज़ थी। आम इंसान से दुगनी रफ़्तार से धड़क रहा था। अब्राहम ने उसके पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा :" रिलैक्स फीलिक्स रिलैक्स !.... गुस्सा नही करते, वो तो बे ज़ुबान चूहा था उसे क्या पता की लूना उसे देख कर डर जायेगी। तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए बेटा।"

धीरे धीरे वो शांत हुआ। अब्राहम का गले लगाना और प्यार से समझाना उसके गुस्से पर पानी जैसा था। 
उसकी आंखे अब पहले जैसी हो गई और फिर सर झुका कर कहा :" सॉरी डैड !... लूना बहुत डर गई थी चूहे को देख कर इस लिए मैं ने मार दिया! अगली बार ऐसा नहीं करूंगा प्रॉमिस!"

मोमल का फड़फड़ाता हुआ दिल अब कहीं जा कर शांत हुआ और चैन की सांस लेते हुए उसने कहा :" चलो आराम से सो जाओ हम ये मरा हुआ चूहा बाहर फेंक देंगे!... पता नहीं ये चूहा अंदर कैसे आ गया।"

कुछ देर तक अब्राहम और मोमल उन दोनों के पास ही रहे।  उनको ठीक से सुला कर फिर अपने कमरे में आए, मोमल थकी हुई सी बिस्तर पर लेट गई, अब्राहम पास लेटते हुए बोला :" तुम डर गई थी न?

मोमल :" मेरी जान हलक पर आ गई थी!.... ऐसे ही मन में बुरे बुरे खयाल आते रहते हैं और फिर लूना का चिल्लाना! ओह गॉड "

फिलिक्स की लाल आंखे सिर्फ अब्राहम ने देखा था। उसने मोमल को नही बताया के उस समय फीलिक्स में शैतानी असर आ दिख रहा था।

सुबह सुबह लूना को बाकी बच्चों के साथ रख कर वे जाने के लिए तैयार हो गए, लूना का मुंह लटका हुआ था लेकिन मोमल और अब्राहम ने समझाया तो घर में रुकने के लिए मान गई। एक तो वो जाना चाहती थी ऊपर से मझली भाभी ने और बहकाने का काम किया ये कह कर :" कहीं तुम लोग बच्ची के साथ भेदभाव तो नही कर रहे हो!... इतनी अच्छी जगह घूमने जा रहे हो एक बच्चे को लेकर और दूसरे को घर में रख कर ! ये तो बहुत गलत बात है अब्राहम!"

अब्राहम ने नाराज़गी से कहा :" भाभी हम घूमने नही जा रहें हैं! फीलिक्स को एक प्रोब्लम है उसी के लिए जा रहे हैं। और आपको लगता है मैं भेद भाव करूंगा ? सीरियसली!... लूना घर में सेफ रहेगी इस इसे छोड़ कर जा रहा हूं। वैसे भी हम रात तक घर पहुंच जायेंगे।"
लूना ने बात को खत्म करते हुए कहा :" कोई बात नही पापा! मैं नताशा के साथ और मीनल दीदी के साथ खेल लूंगी बस आप लोग जल्दी आ जाना।"
बड़े भाई कमरे से बाहर आते हुए बोले :" ज़्यादा रात मत करना आज हमारी रात की फ्लाइट है। हमे see off करने आना वरना मीनल रास्ते भर रोते हुए जायेगी।"

अब्राहम :" ओके भैया।"

अब्राहम ने लूना के गाल पर किस कर के कहा :" मेरी समझदार बच्ची! हम जल्दी आ जायेंगे ओके!"

फीलिक्स को साथ लेकर वे तीनों पहाड़ों के सफर के लिए निकल पड़े। 

ऊपर तक जाने में दो से ढाई घंटे लगेंगे। जब पहाड़ के रास्ते में चढ़ने लगे तो मोमल ने कहा :" आपने पहले भी पहाड़ पर गाड़ी चलाया है ना ? क्यों के ऐसे टर्निंग वाले रास्तों पर गाड़ी चलाने के लिए एक्सपीरियंस होना चाहिए!"

अब्राहम मुस्कुरा कर बोला :" डरो मत मैं ने इन रास्तों पर बहुत बार ड्राइव किया हैं! छुट्टियों में मैं डेनियल और मयंक के साथ यही आया करता था। क्यों के हम beach से ज़्यादा माउंटेन पसंद करने वाले लोग थे। हमे माउंटेन में घूमना ज़्यादा पसंद था। बस फर्क इतना है की उस समय हम स्पोर्ट्स बाइक से यहां आते थे।"

मोमल :" तो मतलब आप पहली बार कार चला रहे हैं? कहीं आप से कार संभाला न गया तो हम सीधा खाई में गिरेंगे !"

अब्राहम उत्काहत से :" क्या मोमो तुम भी ! बच्चे के सामने बच्चो जैसी बाते कर रही हो!... मैने कार भी चलाया है यहां don't worry "

मोमल :" sorry!... एक्चुअली मैं पहली बार जा रही हूं ना इस लिए डर सा लग रहा है। ये खाई देख कर पैर में गुदगुदी हो रही है।"

अब्राहम हंसते हुए :" अच्छा तो तुम पहली बार जा रही हो? कोई बात नही देखो रोड कितने चौड़े और अच्छे बने हुए हैं इसमें डरने की कोई बात नही !"

वे बातों बातों में चले जा रहे थे। फीलिक्स पीछे की सीट पर बैठा था। उसे मालूम नही था के वो कहां जा रहा है और क्यों जा रहा है। उसने बड़ी मासूमियत से पूछा :" मॉम डैड!... लूना को क्यों नहीं साथ लाए? मुझे कहां ले जा रहे हैं?

अब्राहम ने समझा कर कहा :" देखो बेटा लूना कार में बैठ बैठ कर थक जाती इस लिए हम उसे नही लाए और हम एक गुरु जी से मिलने जा रहे हैं! ये जो तुम्हे लोगों का दिल दिखाई देता है ना और तुम्हारे घबराने से आग लग जाती है इसके बारे में बाते करने जा रहे हैं! हो सकता है उनके पास इसका इलाज हो!"

फीलिक्स खुश हो गया। उसकी आंखों में चमक आ गई और बड़ी सी मुस्कान से कहा :" सच में डैड! मैं ठीक हो जाऊंगा?

मोमल :" हां फीलिक्स हम पूरी कोशिश करेंगे तुम्हे ठीक करने के लिए!"

जैसे जैसे ऊपर चढ़ते गए , मौसम में बदलाव आता गया। बादलों का रुई की तरह इधर उधर उड़ना और बर्फीली हवाओं का झोंका मन में अलग ही सुकून पैदा कर देती थी। 

मोमल बाहर झांकते हुए हैरत में बोली :" वाह!... क्या नज़ारा है। वो देखिए हम बादलों के बराबरी में हैं!.... कुछ बादल तो हमारे नीचे उड़ रहे हैं।"

अब्राहम :" हां क्यों के हम ऊपर आ गए हैं।"

दो घंटे लगातार गाड़ी चलाने के बाद वे लोग गुरु जी के घर के बाहर रुके, उनका एक छोटा सा लकड़ी से बना हुआ घर था। उस घर के आसपास कोई दूसरा घर नही था। सिर्फ एक सब्जियों का गार्डन था। यहां बहुत शांति थी। गाड़ी से उतर कर अब्राहम ने ठीक से देखते हुए कहा :" एड्रेस तो यहीं का है! I hope के गुरु जी घर पर ही हों। चलो देखते हैं।"

मोमल ने फीलिक्स का हाथ पकड़ा और गुरु जी के दरवाज़े के बाहर खड़ी हुई। अब्राहम ने दरवाज़ा थपथपाया। दो तीन बार थपथपाने के बाद दरवाज़ा खुला। सामने एक बूढ़ी औरत थी। चहरे पर झुर्रियां कमर झुकी हुई और कांपता हुआ हाथ। उन्होंने अपने मोटे मोटे चश्मे को आंखो पर टिकाते हुए कहा :" कौन हो बेटा! हे भगवान ठीक से दिखाई भी नहीं दे रहा है।"

अब्राहम ने कहा :" नमस्ते दादी जी! हम गुरु जी से मिलने आएं हैं! क्या वो घर ही हैं?

बूढ़ी दादी ने कहा :" हां हां घर में ही हैं! अजाओ अंदर"

अंदर आते हुए मोमल ने अब्राहम के कान में कहा :" ये घर टूट कर गिर तो नही जाएगा? ऐसा लगता है पहाड़ से लटका हुआ है बस किसी तरह!"

अब्राहम :" मोमो ये लकड़ी का घर है! बहुत हल्का होता है।"

बूढ़ी दादी ने आवाज़ दी :" अजी कोई आया है आप से मिलने! बाहर आओ!"

लकड़ी के बने छोटे छोटे सोफे रखे थे। वहां वो लोग बैठे, गुरु जी अपना कुर्ता ठीक करते हुए आए। काफी बूढ़े तो हो गए थे लेकिन फिर भी अपनी पत्नी से ठीक ठाक ही दिख रहे थे। उनके चेहरे पर इतनी झुर्रियां नहीं थी जितनी दादी मां के चहरे पर थी। उन्हे बिना चश्मे के भी अच्छे से दिखता था। 
आकर सोफे में बैठते हुए बोले :" क्यों बच्चों ऐसे हैरान हो कर क्यों देख रहे हो? मेरी पत्नी उमर में मुझ से छोटी है फिर भी मुझ से ज़्यादा बूढ़ी हो गई है! दरअसल घर में औलाद का होना जरूरी है। हमे कोई औलाद नहीं हुआ इसी चिंता में बूढ़ी हो गई। खैर ये बताओ आप लोग कौन है?

अब्राहम ने हाथ मिला कर कहा :" मैं डॉक्टर अब्राहम विल्डर और ये मेरी पत्नी मोमल विल्डर!.... हम बहुत दूर नीचे से यहां आएं हैं! आप से बहुत ज़रूरी बात करनी है। 

गुरु जी ने कहा :" आप को जिस ने भी मेरा पता दिया है वो बड़ा ही बेवकूफ होगा। उसे मालूम होना चाहिए के अब मैं 80 साल से ज़्यादा उमर का हो चुका होंगा। क्यों के अब मैं बूढ़ा हो चुका हूं मैं घर के बाहर ठीक से टहल भी नही सकता, अगर टहलने निकल गया तो लुढ़कते हुए किसी खाई में गिर जाऊंगा! इस उमर में मैं किसी की क्या मदद कर सकता हूं। अब मैं भूतों और शैतानों के पीछे नहीं भाग सकता। शायद आप लोगों का इतनी दूर सफर करना बेकार हो गया।"

अब्राहम :" ओह नही गुरु जी! हम बस आप से बात करने और सलाह लेने आएं हैं! भूत हम ने खुद भागा दिया है बस कुछ अजीब बात है जिसकी समझ हमे नहीं है।"

गुरु जी ने कुछ देर सोचा फिर अपनी पत्नी से कहा :" बच्चे को कमरे में ले जाओ और कुछ खिलोआ पिलाओ! हमारे पोते जैसा है ये।"

फीलिक्स ने मोमल की ओर सवालिया नज़रों से देखा जैसे पूछ रहा हो जाना चाहिए या नहीं ? 

मोमल ने कहा :" जाओ दादी है कोई बात नही!"

बूढ़ी दादी ने फीलिक्स को साथ लिया और प्यार से बात करते हुए कमरे में ले गई :" हाय कितने प्यारे हो तुम! तुम्हारी आंखे कितनी सुंदर है। चलो तुम्हे हॉट चॉकलेट बना कर देती हूं।"

गुरु जी ने कहा :" मैं बच्चों के सामने ज़रूरी बात नही करता! इनका कोई भरोसा नहीं होता। जा कर स्कूल के दोस्तों को बता देंगे फिर उनके दोस्त अपनी मां को बताएंगे और इस तरह से राज़ राज़ नही रहता। हां तो अब बताइए बात क्या है?"

अब्राहम ने फीलिक्स के बारे वो सारी बातें बताई जो उसके मिलने के बाद से हुई, और जो कुछ उस मछुवारे ने कहा था वो भी। 

गुरु जी ने सारी बातें बड़े गौर से सुनी फिर गहरी सांस लेते हुए बोले :" तो इस बच्चे में शैतान का खून दौड़ रहा है। ये बहुत दुखद बात है। मेरी पूरी ज़िंदगी में मैं ने एक ही ऐसा केस देखा था अब दो हो गए!... जब मैं जवान था तब एक ऐसा ही मामला सामने आया था लेकिन वो शैतान का बच्चा एक लड़की थी। वो अपने ही लगाए हुए आग में जल कर मर गई थी। यही उसका अंत था। वो आग से बच सकती थी आकर वो पूरी तरह से शैतान होती तो क्यों के उस में इंसान का खून भी शामिल था इस लिए वो नही बच पाई, लड़की की उम्र इस बच्चे से बड़ी थी। 
आप लोगों को इस बच्चे से बहुत लगाव और प्यार हो गया होगा लेकिन मैं सच बताऊंगा और सच कड़वा लग सकता है। दिल को तार तार कर सकता है लेकिन सच यही है की जैसे जैसे ये बच्चा बड़ा होगा वैसे वैसे इसमें शैतानी असर दिखेगा और जब जवान हो जायेगा तो हो सकता है एक शैतान ही बन जाए लेकिन इंसान की सूरत में! ये भी हो सकता है की उसे बुरे बुरे कामों में मज़ा आने लगे तब आप लोग इसे संभाल नहीं पाएंगे!"

मोमल की आंखे भर आई उसने कांपते हुए आवाज़ में कहा :" गुरु जी इस लिए ही तो हम आप के पास आए हैं ताकि आप इसका कोई समाधान बताए की हम किस तरह अपने बच्चे को बचा सकते हैं?..... इस बच्चे की क्या गलती है वो तो अपने वजूद से भी अनजान है।"

गुरु जी :" मैं आपके जज़्बात समझ सकता हूं बेटी!.... ये बच्चा आप लोगों के मौत का कारण भी बन सकता है। इसका कोई समाधान नहीं है। हम इसके रगों से शैतान का खून निचोड़ तो नही सकते है!.... हां इसे शैतान बनने से रोकने का एक उपाय है लेकिन वो कारगर साबित होगी या नहीं ये नही कह सकते!"

अब्राहम एक उम्मीद लेकर बोला :" कोन सा उपाय है ? जो भी करना पड़े करूंगा बस आप बताइए क्या करना है। कारगर साबित होगी या नहीं ये बाद की बात है पहले हमे कोशिश करनी चाहिए!"

फिलिक्स कमरे के दरवाज़े के पास खड़ा सारी बातें सुन चुका था। उसकी आंखों से मोटे मोटे आंसुओ के कतरे टपक रहे थे। उसके कान और नाक लाल हो गए थे। वो बेहद दुखी लग रहा था। 

(अगला भाग जल्द ही)