बारिश की बूंदें और वो - भाग 9 ANOKHI JHA द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बारिश की बूंदें और वो - भाग 9

एक नई शुरुआत

आदित्य के दिल में एक नए अध्याय की शुरुआत का अहसास था, लेकिन यह सफर आसान नहीं था। उसने अपनी पत्नी प्रिया से अलग होने का निर्णय लिया था, जो उसके लिए एक कठिन कदम था। अब उसे अपनी भावनाओं का सामना करना था और यह देखना था कि उसका यह निर्णय उसे और स्नेहा को कहाँ ले जाएगा।

एक दिन, आदित्य ने स्नेहा को बुलाया। बारिश फिर से शुरू हो गई थी, और उन्होंने उसी बस स्टॉप पर मिलने का फैसला किया जहाँ उनकी पहली मुलाकात हुई थी। यह स्थान उनके लिए खास था, और आदित्य चाहता था कि इस स्थान पर उनकी कहानी का नया अध्याय शुरू हो।

स्नेहा वहाँ पहले से ही खड़ी थी, उसकी आँखों में उम्मीद और उत्सुकता थी। जैसे ही आदित्य वहाँ पहुँचा, स्नेहा ने उसकी ओर देखा। "क्या तुमने सच में फैसला कर लिया है?" उसने धीमी आवाज में पूछा।

"हाँ, मैंने प्रिया से अलग होने का निर्णय लिया है। मैं अब तुम्हारे साथ पूरी तरह से रहना चाहता हूँ," आदित्य ने कहा, उसकी आवाज में विश्वास था।

स्नेहा की आँखों में आँसू थे, लेकिन ये खुशी के आँसू थे। "आदित्य, तुम सच में यह कर रहे हो? यह तो बहुत बड़ी बात है," उसने कहा, उसकी आवाज में एक अद्भुत मिठास थी।

"मैं जानता हूँ कि यह कठिन होगा, लेकिन मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता," आदित्य ने कहा। "मैं तुमसे प्यार करता हूँ और इस नए जीवन की शुरुआत करना चाहता हूँ।"

स्नेहा ने आदित्य के हाथ को अपने हाथों में लिया। "मैं तुम्हारे साथ हर कदम पर रहूँगी। हम एक-दूसरे का सहारा बनेंगे।"

उस पल, बारिश की बूँदें जैसे उनके प्यार को और भी गहरा कर रही थीं। दोनों ने एक-दूसरे की आँखों में देखा और महसूस किया कि उनकी कहानी अब एक नए मोड़ पर आ चुकी है।

"हमें एक नई शुरुआत करने की जरूरत है," आदित्य ने कहा। "हम दोनों को इस नए रिश्ते को मजबूती से आगे बढ़ाना होगा।"

"मैं तैयार हूँ," स्नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा। "हम एक साथ सभी चुनौतियों का सामना करेंगे।"

उनकी आँखों में एक-दूसरे के प्रति प्रेम की चमक थी, और उन्होंने एक-दूसरे का हाथ थाम लिया, जैसे वे एक नई यात्रा की शुरुआत कर रहे हों।

जैसे ही बारिश ने तेज़ी से गिरना शुरू किया, उन्होंने अपनी नई जिंदगी के सपनों को साझा करना शुरू किया। स्नेहा ने कहा, "मैं तुम्हारे साथ सभी खुशियों और दुखों को साझा करना चाहती हूँ।"

आदित्य ने उसकी बात सुनकर कहा, "हम हर स्थिति में एक-दूसरे का साथ देंगे। हमें अपने रिश्ते को मजबूत बनाना होगा।"

उनकी मुलाकात एक नई शुरुआत का संकेत थी, और दोनों ने यह तय किया कि वे अपने प्यार को हर स्थिति में जिंदा रखेंगे।

आदित्य ने महसूस किया कि यह नया सफर कठिनाइयों से भरा हो सकता है, लेकिन वह स्नेहा के साथ रहने का दृढ़ निश्चय कर चुका था। प्यार की इस यात्रा में, उन्होंने एक-दूसरे के लिए अपनी भावनाओं को सच्चाई से जीने का निर्णय लिया।

क्या यह नई शुरुआत उन्हें खुशियों से भर देगी? क्या वे अपनी प्रेम कहानी को एक सफल मोड़ पर ले जा सकेंगे? ये सवाल उनकी आँखों में थे, लेकिन उनके दिलों में एक नई उम्मीद भी थी।