बारिश की बूंदें और वो - भाग 3 ANOKHI JHA द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बारिश की बूंदें और वो - भाग 3

पहली डेट

कुछ दिनों बाद, आदित्य और स्नेहा ने फिर से मिलने का निश्चय किया। दोनों ने एक कैफे में मिलने का तय किया, जहाँ बारिश की बूंदें खिड़की पर गिर रही थीं और मौसम बहुत खुशनुमा था। जैसे ही आदित्य कैफे में पहुँचा, उसने स्नेहा को एक कोने की टेबल पर बैठा देखा, जहाँ वह अपनी कॉफी का आनंद ले रही थी।

"आप यहाँ पहले से ही आ गईं?" आदित्य ने कहा, उसकी आँखों में चमक थी।

"हाँ, मैंने सोचा कि मैं थोड़ी देर पहले आ जाऊँगी, ताकि मौसम का मजा ले सकूँ," स्नेहा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

जैसे ही वे बातें करने लगे, बारिश के साथ-साथ उनकी बातचीत में भी गहराई आने लगी। आदित्य ने स्नेहा को अपने परिवार के बारे में बताया—कैसे उसकी माँ एक शिक्षिका हैं और उसके पिता एक छोटे व्यवसायी। वह अपने परिवार की ज़िंदगी और मूल्य को बहुत महत्व देता था।

"आपका परिवार कैसा है?" आदित्य ने स्नेहा से पूछा।

"मेरे परिवार में मेरी माँ और एक भाई है। हम लोग हमेशा एक-दूसरे के साथ रहते हैं और एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। मेरा भाई भी एक कलाकार है," स्नेहा ने अपनी आँखों में गर्व के साथ कहा।

उनकी बातचीत में विश्वास और खुलापन बढ़ रहा था। आदित्य ने स्नेहा से पूछा, "क्या आपको लगता है कि हम एक-दूसरे से फिर मिलेंगे?"

स्नेहा ने थोड़ी देर विचार किया और फिर मुस्कुराते हुए कहा, "क्यों नहीं? मुझे तो आपसे मिलना बहुत अच्छा लगता है। और इस बार बारिश भी है, तो यह और भी खास हो जाता है।"

"यह सही है," आदित्य ने सहमति में सिर हिलाया। "मुझे लगता है कि बारिश के साथ-साथ हमारी दोस्ती भी बढ़ रही है।"

वे दोनों हंस पड़े और उनकी आँखों में एक नई चमक आ गई। जैसे ही वे अपने कप की चुस्की ले रहे थे, आदित्य ने स्नेहा की आँखों में देखा और महसूस किया कि उनकी बातें केवल संवाद नहीं थीं, बल्कि एक गहरी संबंध की शुरुआत थीं।

"क्या आप कभी सोचती हैं कि प्यार कैसे शुरू होता है?" आदित्य ने पूछा, उसके दिल की धड़कनें तेज हो गईं।

"मुझे लगता है कि प्यार धीरे-धीरे विकसित होता है, जैसे कि बारिश की बूँदें। कभी-कभी यह अनपेक्षित होता है, लेकिन जब यह होता है, तो यह जीवन को नया रंग देता है," स्नेहा ने उत्तर दिया, उसके चेहरे पर एक हल्की मुस्कान थी।

उनकी बातचीत ने उन्हें और करीब ला दिया। उन्होंने अपने सपनों और भविष्य के बारे में बात की, और यह महसूस किया कि उनके विचार एक-दूसरे से मिलते हैं। इस मुलाकात ने उन्हें एक-दूसरे के प्रति और भी आकर्षित कर दिया।

जैसे ही बारिश धीमी हुई, आदित्य ने कहा, "क्या आप अगले सप्ताह फिर से मिलेंगी?"

"ज़रूर," स्नेहा ने कहा, "मैं इस मुलाकात का बेसब्री से इंतज़ार करूँगी।"

उनकी आँखों में चमक थी, और उन्होंने एक-दूसरे को अलविदा कहा, लेकिन इस बार उनके दिलों में एक नई उम्मीद और खुशी थी। उन्होंने वादा किया कि यह पहली डेट केवल शुरुआत है, और वे एक-दूसरे के साथ अपने रिश्ते को और आगे बढ़ाने के लिए तैयार थे।