अनंता - पार्ट 4 zarna parmar द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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अनंता - पार्ट 4

शिव वहां से खड़े होकर चल जाता है ... उसके जाते ही अनंता उसको देखते ही रहती है .. अनंता को अब वह पर घुटन महसूस हो रही थी.. इसलिए वो भी बाहर चली जाति है .. उसके जाने के बाद पीहू विवेक के सामने देख कर कहती हैं: तुम दोनो को नहीं लगता हैं .? ये दोनो एक दूसरे प्यार तो करते हैं.. लेकिन उस बात को भूल नई पाए . जिसकी वजह से आज ये दोनो साथ में नहीं है ..... 


अभिषेक: कौनसी बात??? 


विवेक उसकी सामने देख कर कहता हैं: क्या तुम्हे नई पता???


पीहू: कहा से पता होगा!  ये वेकेशन के लिए चल गया था! रुक में बताती हु! बात ये हैं कि व्यक्ति जब हुआ था! उस वक्त .. हम सभी एक पार्टी में गए थे .. तुम्हे पता हैं शिव को क्लब कितना पसंद हां.. लेकिन अनंता नहीं आती .. उस दिन मैने उसको अपने दिल की बात शिव को कहने के लिए कहा था! 

वो मान भी गई थी.. हम चारों क्लब तो आ गए ... 


अभिषेक बीच में बोलते हुए  कहता हैं: एक मिनिट तुम चारों ने मुझे छोड़ कर ऐश कर लिया??? क्यों?? 


विवके: तू पहले इसकी बात सुन.. ओर है तुम्हे में बाद में लेकर जाऊंगा.... 


अभिषेक: पक्का?? 

पीहू उन दोनो को घूरने लगती है .. और कहती है .. ये क्या हो रहा हैं??? 

पीहू की बात सुनकर दोनों ही चुप हो जाते है! 

पीहू आगे बोलते हुए कहती हैं: चारों गए थे मजे भी किए थे.. लेकिन .. जब अनंता अपने दिल की बात बताने के लिए शिव के पीछे जाती हैं .. तभी वो देखती हैं एक लड़की अचानक से शिव के गले में हाथ रख कर उसको किस्स कर देती है ... 


अभिषेक: क्या???? 🙄🙄😱

विवके: हा.. 


पीहू: बस तबसे अनंता शिव से दूर रहती है ... 

अभिषेक: तो फिर शिव को अभी बुरा क्यों लगा जब अनंता ने मना किया तो??? 

विवेक: क्योंकि शिव भी कही न कही उसे प्यार करता है .. उस दिन वो देख लेता हैं अनंता को ओर उसके पीछे जाता हैं. लेकिन वो अपनी बात अनंता के सामने नई रख पाता... 


अभीषेक: ये तो बड़ी ही गलतफेमली हैं.... 

पीहू अपने मुंह से डच आवाज करते हुए कहती हैं: यही तो बात हैं. ये दोनो ही एक दूसरे से प्यार करते है ..लेकिन दोनो ही बात नई करना चाहते .. 


विवेक: दोस्तो मुझे क्या लगता है! हमे कुछ करना चाहिए .. 


पीहू: क्या?? 

अभीषेक: क्या?? 

विवेक: क्यो न हम सब कही पर घूमने चले?? 

पीहू ये बात सुनते ही खुश हो जाति हैं: और वो कहती हैं: हा ये बात तो सही है! चलो न कही घूमने चलते हैं.... 

अभिषेक; हा idea तो अच्छा है .. 

विवेक : हा लेकिन कहा पर??

पीहू अचानक से बोलते हुए कहती हैं: ये मुझे मालूम हैं कहा जाना है .... 

विवके : कहा?? 

पीहू: मेने कई बार अनंता के मुंह से सुना था कि उसक गांव बेहद ही प्यारा है! क्यों न हम उसके गांव चले?? 

विवके: लेकिन वो चलेगी??

पीहू: वो तो मालूम नई.. 

अभिषेक: एक बार पूछ लेंगे .. 

विवेक: नहीं सरप्राईज देंगे .. तुम्हे पता हैं पीहू गांव का नाम??

पीहू: nai . याद नहीं .. रुको डायरेक्ट सरप्राईज नई उसे कह कर ही जाएंगे... 

अभिषेक: ये सही कह रही hain! 

विवेक: ठीक है ... 

दूसरी ओर ..

अनंता पार्टी हॉल से बाहर निकल कर एक पेड़ के नि खड़ी थी! अभी रात के ८ बजे थे .. वो बैठे बैठे चांद को निहार रही थी! तभी उसके इस लगता हैं उसके सिर के ऊपर कुछ है .. लेकिन वो ध्यान नई देती ... 

उसके ऊपर हरे colour का सांप था! जो पेड़ के डाली से लिपटा हुआ था.... वो नीचे सरकते हुए अनंता के पास ही आ रहा था!लेकिन उसके पहले ही अनंता उसको पकड़ लेती हैं.. सांप अनंता को देख कर कुछ हलचलन नई करता.. सांप और अनंता एक दूसरे के सामने ही देख रहे थे ,।।। तभी पीछे से कोई अनंता के कंधे पर हाथ रख देता है .. . और वो होश में आ जाति है.. जब अपने हाथ में सांप देखती हैं तो वो जल्दी से सांप को फेक देती है .... 


To be continued 💫 🦋 💙