बैरी पिया.... - 42 Wishing द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बैरी पिया.... - 42


अब तक :

लड़के उसे घूरते हुए देखकर हंसने लगे । एक लड़का बोला " नहीं कर पाएगी चुप चाप से खुद से इधर आजा । ज्यादा कुछ नहीं करेंगे और छोड़ भी देंगे ।लेकिन अगर हमने खुद पकड़ लिया ना तो उम्मीद करना कि तुम्हे जीने लायक भी छोड़ेंगे " ।


उसकी बात सुनकर पाखी जोरों से हंसने लगी । उसके चेहरे पर दर्द वाली हंसी की झलक साफ देखी जा सकती थी । उसे इस तरह से हंसता देखकर सब लड़के हंसना बंद हो गए ।


अब आगे :


अपना अतीत बताते हुए शिविका का गला रूँझ गया । उसने संयम की कमीज को कसकर पकड़ा और फिर सिसकते हुए रोने लगी उसके गले से आवाज नही निकल पा रही थी ।


संयम ने अंदाजा लगा लिया कि उसके बाद क्या हुआ होगा ।


संयम " और उसके बाद तुम्हारी बहन ने जान दे दी... " । ।


ये सुनकर शिविका ने कसकर आंखें मूंदी... आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे मानो आंखों में समुंदर समाया हुआ हो... ।


" दी.... । " कहते हुए शिविका फूट फुटकर रोने लगी । संयम ने अपने दोनो हाथों में उसके चेहरे को भरा और उसके सिर से अपना सिर टिका दिया फिर उसे सीने से लगाया और उसे लिए रेत पर लेट गया ।


शिविका नीचे थी और संयम उसके उपर । अभी तक दोनो को थोड़ा होश था लेकिन अब चढ़ती रात के साथ बढ़ती मदहोशी ने दोनो को घेर लिया था ।



संयम नशे में डूब चुका था । वहीं शिविका को देखकर उसका होश में रहना बनता भी नही था । संयम ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और kiss करने लगा और मदहोशी में दोनो एक दूसरे के आगोश में समा गए । शिविका उसकी बाहों में बिखर गई


कुछ देर बाद संयम ने उसे अपना कोट पहना दिया और अपने ऊपर ले लिया ।


शिविका एक बच्चे की तरह उससे लिपट गई । संयम ने उसे अपने ऊपर लिया और उसकी पीठ सहलाते हुए उसे शांत कराने लगा । शिविका ने उसकी गर्दन में सिर छुपा दिया ।


संयम आसमान की ओर देखते हुए बोला " uff ये अतीत... एक बार जिंदगी में आ जाए तो जाता ही नही है... जिंदगी भर अपने पीछे घुमाता है.... " । बोलते हुए संयम ने शिविका को देखा जो अब सो चुकी थी ।



संयम शिविका को अपने सीने से लगाए रहा ।

शिविका के ऐसे उससे लिपटने का एहसास संयम को बोहोत प्यारा एहसास दे रहा था । उसे यकीन था कि शिविका उसपर बोहोत विश्वास करने लगी है ।


संयम ने करवट लेकर उसे अपने बगल में लेटाया और उसकी टांगों को अपनी टांगों के बीच दबाकर उसे बाहों में भरकर सो गया ।


रात भर दोनो हल्की गरम रेत की बाहों में सोते रहे ।



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सुबह का वक्त :


शिविका की आंख खुली तो वो संयम के कमरे में उसके बेड के उपर थी । उसने सिर्फ संयम का कोट पहना हुआ था । शिविका का सिर चकरा रहा था । पिछले कल की बातें उसके दिमाग में चलने लगी ।


रात को जब उसने ड्रिंक किया तो उसके बाद का धुंधला धुंधला उसे याद था । हालांकि उसने बोहोत पी थी लेकिन फिर भी वो याद कर पा रही थी ।


संयम कमरे में आया तो शिविका उसे देखने लगी । शिविका ने अपनी हालत देखी तो जल्दी से कंबल से खुद को कवर कर लिया ।


संयम उसके पास आया और नींबू पानी का ग्लास उसकी ओर बढ़ा दिया और बोला " इसकी जरूरत नहीं है... । कोट भी मैने ही पहनाया है.... " ।


शिविका के गाल शर्म से लाल हो गए । उसने सिर झुका लिया ।


संयम बेड पर बैठ गया तो शिविका थोड़ा दूर खिसक गई । संयम ने उसके चेहरे के आगे ग्लास कर दिया ।


शिविका ने संयम को देखते हुए ग्लास ले लिया ।
शिविका को सिर दर्द था तो उसने जल्दी से पूरा ग्लास पी कर खतम कर दिया ।


संयम " कुछ भूल पाई या नहीं.... " ।


शिविका ने उसे देखा और ना में सिर हिला दिया ।
संयम ने उसे घूरा और पूछा " मतलब सब कुछ याद है... ?? " ।


" Hmm.. " शिविका ने छोटा सा जवाब दिया ।


संयम " इतनी तेज शराब का कोई असर कैसे नहीं हुआ.... ?? " ।


शिविका " हुआ ना... असर तो हुआ सिर भी घूम रहा है और मुंह भी कड़वा है... पर मैं कुछ भूली नहीं.... ।सब कुछ याद रहा... ना रात को कुछ भूली और न सुबह कुछ भूल पाई.... । पर सच तो ये भी है कि ये सब मैं भुलाना भी नहीं चाहती... । ये सब जेहन में जिंदा रहेगा... तभी तो इस आग में सबको जला पाऊंगी... " ।



संयम " अच्छा..... क्या याद है तुम्हे... ?? " ।


शिविका " यही कि अपनी बहन के बारे में आपको बताया था.... । उसके साथ क्या हुआ वो आपके साथ बांटा.... । " ।


संयम ने सुना तो आइब्रो उपर उठाते हुए बोला " beverage resistive... । अक्सर लोगों को पीने के बाद की हरकतें याद नहीं रहती.... पर तुम्हे रह गई... । " ।


शिविका " जख्म गहरे हों तो कहीं से नही जाते हैं... । भुलाना तो कुछ नहीं था पर हां... थोड़ा दर्द जरूर कम करना चाहती थी... । जो हुआ नही... " ।


संयम " तो ये भी याद होगा बताने के बाद क्या हुआ.. ?? " ।


शिविका " नहीं याद... पूरी बातें नही याद.. शायद सो गई थी । "। ।


संयम " नही... चढ़ी देर से थी... । जब चढ़ी उस वक्त का सब कुछ तुम भूल गई । " ।


शिविका ने सिर हिलाते हुए कहा " hmm... शायद... " ।


संयम " क्या पूरी बात जान सकता हूं... ?? तुम कहती हो की तुम्हारा कोई भी नहीं है.. तो बाकी लोग कहां गए.... ?? " ।


शिविका " जब उन लोगो के अगेंस्ट... FIR फाइल की तो पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिए.. । मंत्री का बेटा शामिल था तो case को पूरी तरह से दबा देने की कोशिश की जाने लगी ।


इलेक्शन सिर पर थे तो वो लोग ऐसा कोई इल्जाम अफोर्ड नहीं कर सकते थे । पुलिस वाले जो हमारे सपोर्ट में थे उनके रातों रात तबादले करवा दिए गए । और वो लोग जिन्हें पिछले 15 सालों से प्रमोशन नही मिल रहे थे । उन लोगों को भी रातों रात अफसर बना दिया गया ।


मैने और पापा ने बोहोत कोर्ट के चक्कर काटे कि कहीं से कोई मदद मिले... कहीं पर हमे इंसाफ दिलाया जाए... । लेकिन कोई फायदा नही हुआ.. । हमने हाई कोर्ट जाने का फैसा लिया तो घर पर धमकी भरे खत आने लगे । घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया क्योंकि वो लोग खुलेआम घूम रहे थे और हमे भी नुकसान पहुंचाने की ताक में थे ।


फिर जब हम लोग नहीं रुके तो न्यूज़ फैलने लगी तो हाई कोर्ट जाने से एक रात पहले.... मौका पाकर उन लोगों हमारे घर पर सरेआम हमला कर दिया ।


सारे पड़ोसी अपने घरों के दरवाजे बंद करके बैठ गए , पुलिस वालों ने आंखें मूंद ली.. । उनको बढ़ावा मिलता रहा और उन्होंने आकर मेरे पूरे परिवार को खत्म कर दिया । मेरी बहन को तो पहले ही मार चुके थे.. । फिर मेरी मम्मी पापा.. और 15 साल के भाई को भी गोलियों से भूनकर मार डाला.. । उनकी गंदी नजरें मुझपर पड़ी तो पापा ने आखरि वक्त में अपनी कसम देकर भाग जाने का बोला था... ।


मैं न चाहते हुए भी उनको छोड़कर भाग गई । कई रिश्तेदारों के दरवाजे खटखटाए पर कोई मदद नहीं मिली.. । मानो हर किसी ने काले चश्मे चढ़ा लिए हों... और कुछ भी दिखाई ने दे रहा हो.. ।


घर से तो भाग गई... और मेरे पीछे उन्होंने सबको मार भी दिया... । लेकिन उसके बाद अपनी इज्जत बचाने के लिए मैं बोहोत भागी... । और फिर आखिर में वहां से बाहर निकल आई और इस अंजान शहर में पहुंच गई... । जहां मैं किसी को भी नही जानती... ।



गलत तो मेरी बहन के साथ हुआ लेकिन कोई इंसाफ नहीं मिला और एक गंदी राजनीति के चलते मेरा पूरा परिवार उसमें तबाह हो गया..... । बस मैं अकेली बच गई इस दुनिया में जहां अपना कहने को अब मेरे पास कोई भी नहीं है...... । अब अगर कुछ बचा है तो वह है इंसाफ की उम्मीद लेकिन वो उम्मीद अब.... अब कानून से नहीं बल्कि खुद से है । इन लोगों को मैं खुद सजा देना चाहती हूं । बदले की भावना आग बनकर दहक रही है मेरे सीने में... " ।


संयम ने सुना तो गहरी सांस छोड़ी और शिविका की आंखों में देखा जो आंसुओं से भरी पड़ी थी... ।


संयम ने उसे गोद में उठाया और उसे लिए बाथरूम की ओर चल दिया ।


अंदर जाकर संयम ने उसे उतारा और शावर के नीचे खड़ा कर दिया । पानी की बूंदें दोनो के ऊपर गिरने लगी । संयम ने शिविका के होंठों से होंठ जोड़ लिए और kiss करने लगा । शिविका इस वक्त चाहते हुए भी दूर नहीं जा सकी.... । वो भी उसे रिस्पॉन्स करने लगी ।


संयम ने उसका कोट उतार दिया और अपनी शर्ट भी उतार दी । दोनो बेतहाशा एक दूसरे को चूमे जा रहे थे ।


कुछ देर बाद संयम ने उसे बाथरोब पहनाया और बाथरूम से बाहर ले आया । शिविका ने खरीदे हुए सभी कपड़े अब खतम हो चुके थे । कुछ फट चुके थे कुछ गीले थे... तो कुछ धोने को पड़े हुए थे.... जिसे धोएगा कौन... ये किसी को नहीं पता था.. ।


शिविका " मेरे पास कपड़े नही हैं.... " ।


संयम " तो मेरे पहन लो... " ।


संयम ने कहा तो शिविका उसे देखने लगी । संयम ने वॉर्डरोब की ओर इशारा कर दिया । शिविका अंदर चली गई ।


अंदर जाकर उसने कैजुअल वियर्स देखे.... । सारे लोअर और t shirt शिविका को बोहोत बड़े थे । एक t shirt ही शिविका की knee length dress का काम कर रही थी ।


खैर शिविका ने ब्लैक लोअर और व्हाइट t shirt पहन ली... और बाहर आ गई । संयम कॉल पर था.. । जैसे ही उसने शिविका को देखा तो फोन पर बात करना ही भूल गया और शिविका को देखने लगा ।


शिविका को घुटने तक t shirt आ रही थी । बाजुओं को उसने फोल्ड कर रखा था और लोअर को भी उसने नीचे से 3 से 4 फोल्ड करके फोल्ड किया हुआ था ।


संयम ने उसे देखा तो उसे हंसी आ गई... ।


शिविका ने घुटकर उसे देखा.. और बोली " आप हंस क्यों रहे हैं.. ?? " ।


संयम हंसी रोकते हुए " नई कुछ नही... । अच्छी लग रही हो... "। बोलकर संयम उसकी ओर आ गया ।
शिविका उसे देखने लगी । संयम ने शर्ट उपर करके शिविका की कमर के एक तरफ knot बांध दी । और लोअर को भी सही से फोल्ड कर दिया ।


शिविका एक टक उसे देखती रही ।


संयम शिविका को गोद में लिए सोफे पर बैठ गया और फोन में फोटोज दिखाते हुए बोला " क्या ये वहीं हैं.. जो तुम्हारी बहन की मौत के जिम्मेदार हैं... ?? " ।


शिविका ने फोटोज देखी और फिर संयम को देखने लगी । शिविका ने सिर हिला दिया ।


संयम " कल सुबह तक ये लोग मेरी इस जेल में शामिल हो जायेंगे... " ।


शिविका की आंखों में नमी भर आई । संयम उसके लिए ऐसा कुछ करने वाला था ।



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Kya lagta hai sanyam ko pahle pyar hoga ya shivika pahle pyar kar baithegi ????

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