बड़ा आदमी Vikas rajput द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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बड़ा आदमी

रतन सिंह और बच्चन सिंह दो भाई होते हैं। वे दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं लेकिन वह दोनों एक ही लड़की को प्यार करते थे । बच्चन सिंह कॉलेज में पढ़ता था। उनके पिता कि गांव में पूरी पहचान थी। रतन सिंह बच्चन सिंह से कहा करता था कि व्यक्ति पूरा तब होता है जब हाथ में छड़ी हो, बगल में शराब की बोतल हो और दिल में किसी औरत की तस्वीर हो। अचानक बच्चन सिंह के पिता की गांव में मृत्यु हो गई। बच्चन सिंह घर आ गया। फिर बच्चन सिंह कॉलेज में नहीं गया वह जानता था कि उनके गांव में बहुत दुश्मन है और रतन सिंह अकेला है। बच्चन सिंह ने गांव में मीना को देखा उसे देखते ही मीना से प्यार हो गया। वह हर रोज सुबह घोड़ी पर सवार होकर उसे मिलने के लिए जाया करता था। एक दिन रतन सिंह तीन-चार दिनों बाद कहीं से मेला देखकर आया था उसने बच्चन सिंह से कहा कि अगर वह किसी लड़के को मिलने जा रहा है तो बेशक जाए लेकिन अगर किसी लड़की को मिलने जा रहा है तो वह उसे अकेला नहीं जाने देगा क्योंकि गांव में उनके दुश्मन है। बच्चन सिंह ने कहा कि वह उसके साथ  उसकी भाबी देखने चले। रतन सिंह बच्चन सिंह के पीछे घोड़ी पर चढ जाता है। दोनों भाई जाते है। बच्चन सिंह ने जब घोड़ी का मुंह रामपुर गांव की ओर मोड़ा तो रतन सिंह हैरान था । रतन सिंह के पूछने पर बच्चन सिंह ने कहा कि वह हरिदास की पुत्री मीना है। रतन सिंह हैरान था उसने बच्चन सिंह को घोड़ी रोकने के लिए कहा। दोनों भाई उत्तर गए । बच्चन सिंह हैरान था। रतन सिंह ने कहा कि आज उन दोनों में से एक ही मीना का मुंह देखेगा। मीना एक है और वह दो है। रतन सिंह ने बच्चन सिंह पर बरछीसे हमला किया। बच्चन सिंह पीछे हटकर बच गया। रतन सिंह ने दूसरी बार फिर बरछी से हमला किया। बच्चन सिंह ने हाथ जोड़ दिए और कहा कि भाई तू जीत गया। फिर बच्चन सिंह वापस आ गया और अगले दिन वह फौज में भर्ती हो गया। 7 साल उसने वहां नौकरी की । उसके बाद पास के गांव में नौकरी करने लगा। उसे अपने भाई की याद हमेशा आती थी । ऐसा कोई दिन नहीं बीता जब उसे अपने भाई की याद ना आई हो। उसे उसका पीला चेहरा हमेशा याद था। बच्चन सिंह को गांव के किसी व्यक्ति ने बताया कि रतन सिंह को किसी ने हंसते नहीं देखा और मीना भी मुरझाई सी रहती है। " बड़ा आदमी " का मतलब है कि व्यक्ति केवल  शरीरसे ही बड़ा नहीं होता दिलसे भी बड़ा होता है। बच्चन सिंह ने अपने भाई की खुशी के लिए अपने प्यार का त्याग कर दिया। बच्चा सिंह चाहता तो वह उसे लड़ सकता था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया । इससे उसके बड़े दिल का पता लगता हैं। हालांकि उसका अपने भाई से प्यार कम नहीं हुआ। आज भी उनके दिल में प्यार की भावना जगाई जा सकती है।