फर्स्ट साइड लव pooja द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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फर्स्ट साइड लव

एक गांव में एक सोहेल नाम का लड़का रहता था। सोहेल की उम्र लगभग 18 साल हो रही थी वह कॉलेज में ग्रेजुएशन यानी कि स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे। वह लड़का पढ़ने लिखने में तो काफी ज्यादा नॉर्मल था।

मतलब की पढ़ाई लिखाई के मामले में वह लड़का ना तो ज्यादा तेज था और ना ही ज्यादा खराब था। उसका रोल नंबर मतों की सोहेल का रोल नंबर अपनी कक्षा में हमेशा तीन या चार नंबर पर होती थी।

सोहेल पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ प्यार मोहब्बत वाली चीजों पर भी काफी ज्यादा विश्वास करता था। सोहेल चाहता था कि वह अपनी पूरी जिंदगी में किसी ने किसी लड़की से प्यार करके ही शादी करेगा।

जयपुर शुरुआत में ग्रेजुएशन में पढ़ाई कर रहा था तो प्रथम सेमेस्टर में उसे किसी प्रकार की कोई प्यार करने की हिम्मत नहीं लगी थी लेकिन जैसे ही वह दूसरे सेमेस्टर में जाते हैं उसे एक लड़की में काफी ज्यादा सुंदरता देखने लगती है।

लेकिन वह लड़की क्लास में हमेशा प्रथम नंबर पर आती थी इसका मतलब है कि वह लड़की जिसका नाम नेहा थी यहां हमेशा क्लास में प्रथम आती थी और पढ़ाई लिखाई करने में सोहेल से भी काफी ज्यादा आगे था।

पहले तो सोहेल अपने कॉलेज पर भी दिन नहीं जाया करता था लेकिन जब से वह उस लड़की मुझको कि नेहा को देखा था तो वह कॉलेज पर प्रतिदिन जाने के लिए बेबस हो गया था।

उसी लड़की से एकतरफा प्यार होने के कारण सोहेल कॉलेज प्रतिदिन और लगातार जाया करता था। जिससे कि उसकी पढ़ाई अच्छी होने लगी थी अब उसे और भी अच्छी तरह से समझ आने लगा था क्योंकि अपने प्यार के सामने बेज्जती होने के डर से वह सभी डांस और सभी लिखने वाली चीजें सबसे पहले ही कर लिया करते थे।

नेहा जिस तरह सेमेस्टर में फर्स्ट आते थे ठीक उसी तरह सोहेल भी सोच रहा था कि अगर मैं भी पढ़ने लिखने में काफी तेजतर्रार बन जाऊंगा तो हो सकता है नेहा मुझे पसंद करने लगेगी



लेकिन यह बात तो अलग है सोहेल तो पहले से ही नेहा को मन ही मन पसंद करने लगा था। अब तो नेहा को ही बार-बार देखने का मन करता था सोहेल को। आपको बता दें कि सोहेल हमेशा उसे टेबल में बैठा करता था जिसके सामने नेहा बैठा सकती है।

अब धीरे-धीरे दोनों में काफी ज्यादा बातचीत में होने लगी थी क्योंकि प्रतिदिन कॉलेज जाने के कारण उसे रोजाना कॉलेज जाने वाले लड़कियों लड़के से काफी ज्यादा मिलजुल तथा पहचान हो गया था।

नेहा भी थोड़ा बहुत उससे बात किया करते थे लेकिन नेहा का इरादा प्यार करने का बिल्कुल भी नहीं था। लेकिन समझ में नहीं होना अपने मन में खेतड़ी बना रहा था कि वह नेहा से ही प्यार करता है और उसी से शादी करेगा।

अब तो धीरे-धीरे सुहेल का मन में बिल्कुल भी नहीं लगने लगा था क्योंकि वह नेहा से बिल्कुल भी किसी भी हालत में बिछड़ने के लिए नहीं सोच रहा था। आपको बता देगी सोहेल धीरे-धीरे अब तो रोने का जैसा हालत बना लिया था। क्योंकि अब तो उन्हें यह भी लग रहा था कि महज कुछ दिनों की बात है कॉलेज बंद हो जाएंगे सभी की छुट्टियां हो जाएगी।

फिर अब कौन सा कौन कॉलेज में नामांकन कर आएगा तो सभी लोग अपने अपने घर जाकर अपने अपने शहर में ही पढ़ाई करने वाले थे। ऐसे में सोहेल काफी ज्यादा दुखी रहने लगा था। एक दिन जब समेस्टर 6 आखिरी एग्जाम चल रहा था।


तुम सभी लोगों को एक दूसरे से बिछड़ने का वक्त आने ही वाला था। उसी पहले हुए चाहता था कि वह नेहा से बात करें कि वह उससे प्यार करता है और उसका फोन नंबर वगैरह लेकर उसे सब दिन के लिए बात करने के लिए तैयार करने के बारे में सोच रहा था।


उस दिन तो परीक्षा का आखरी ही दिन था उस दिन के बाद से अब कोई किसी को नहीं मिलने वाला था। जैसे ही सभी लोग अपने अपने घर जाने लगे थे तो सुमेर का घर काफी ज्यादा दूर था और नेहा का घर भी काफी ज्यादा दूर था। परीक्षा खत्म होते ही सभी लोग अपने-अपने घर की तरफ चल पड़े थे साथ-साथ नेहा और सोहेल भी अपने घर की तरफ चल पड़े थे।


वैसे तो पहले नेहा को लेने के लिए उसके पिताजी को ले जाया करते थे। लेकिन उस दिन एग्जाम दूसरी पाली में चल रही थी और काफी ज्यादा शाम हो गया था। हो सकता है नेहा के पापा को किसी तरह का कोई काम हो और से लेने के लिए नहीं आया था। नेहा को इस बात की जानकारी बिल्कुल भी पहले से ही थी इसलिए वह अपने घर जाने के लिए बस तथा ट्रेन का बारे में पता करने के लिए स्टेशन तथा स्टेशन के बगल में बस अड्डे पर पहुंचने लगी थी।

लेकिन सोहेल हमेशा से ही ट्रेन के माध्यम से ही अपना घर जाया करता था। क्योंकि कॉलेज से महज तीन स्टेशन ही होते थे उन्हें घर जाने के लिए। क्योंकि सोहेल का घर और कॉलेज मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर ही थी। लेकिन हम बस तथा ऑटो में किराया ज्यादा होने के कारण वह हमेशा ट्रेन से ही सफर किया करता था।



हमेशा की तरह उस दिन भी सोहेल अपना घर जाने के लिए रेलवे स्टेशन में जाकर ट्रेन का इंतजार कर रहा था। ठीक वैसे ही उधर से नेहा गुजरती हुई आ रही थी। जैसे ही सोने की नजर नेहा पर पड़ती है वह काफी ज्यादा विचलित हो जाता है और आश्चर्यचकित हो जाता है। सोहन सोचता है कि आज नेहा स्टेशन पर क्या कर रही है हो सकता है नेहा भी अपना घर उसी ट्रेन से जाने वाली है जिस ट्रेन से मैं जाऊंगा।

ऐसे में जैसे ही नेहा की नजर सोहेल पर पड़ी वह तुरंत जाकर सोहेल से पूछती है कि मुझे भी घर पे ही ट्रेन से जाना है चलो अच्छा हुआ तुम मिल गए हो अब हम दोनों साथ में अपने घर के लिए चलेंगे। तभी सोहेल कहता है कि हां ठीक है हम दोनों साथ में चलेंगे उसके बाद नेहा पूछती है कि ट्रेन कितने बजे आएगी तभी सुनील कहता है कि अभी ट्रेन की कोई जानकारी उपलब्ध तो नहीं है हो सकता है कुछ टाइम लगेगा उसके बाद ट्रेन आ जाएगी।

फिर दोनों में आपस में बातचीत शुरू हो जाती है दोनों काफी घंटे तक लगभग 1 घंटे तक बातचीत करते हैं। फिर उसके बाद दोनों हरियल आते ही उस पेड़ पर चढ़कर अपने घर के तरफ चल पड़ते हैं दोनों एक साथ एक ही सीट पर बैठते हैं। दोनों में काफी मेल होने के कारण दोनों आपस में अपने मोबाइल नंबर शेयर कर लिए थे ताकि बहुत समय किसी प्रकार की जानकारी शेयर करने के लिए उसे कठिनाइयों का सामना करना ना पड़े।



घर जाते ही उसके एक दिन बाद दोनों आपस में बातचीत करने के लिए थे मोबाइल फोन पर है। दोनों में काफी है ना अच्छी मित्रता हो गई थी कॉलेज के बाद दोनों अपने घर में बोर हो रहा था दोनों पांच जीत करके अपना अपना मन बहलाया करता था। ऐसे में धीरे-धीरे दोनों में काफी जगह प्यार हो गया था और सोहेल को अब तो उसके सपने वाली जिंदगी मिलने ही वाली थी।




क्योंकि सोहेल के मन में जो चल रहा था उसका एक तरफा प्यार जो उसके मन में चल रहा था वह पूरा ही होने वाला था। बात करते-करते करीब 1 साल बीत जाने के बाद दोनों में काफी ज्यादा प्यार हो गया था वह शादी करने के लिए राजी हो गई थी। तभी दोनों के घर वाले एक दूसरे से मिलते हैं और शादी के बाद करते हैं फिर शादी कर कर दोनों नेहा तथा सोहेल एक साथ खुश रहने लगते हैं।






धन्यवाद 🙏🙏...।