बैरी पिया.... - 14 Wishing द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बैरी पिया.... - 14

संयम जैसे ही बाथरूम में जाने लगा तो पीछे से कुछ गिरने की आवाज उसे आई । " क्या गिरा दिया... " बोलते हुए संयम ने पीछे मुड़कर देखा तो शिविका सोफे से नीचे गिर गई थी । वो आंखें छोटी करके देखने लगा ।


शिविका नीचे बैठी अपना सिर सहला रही थी ।


संयम उसके पास आया और घुटनों के बल बैठते हुए बोला " are you trying to seek my attention..... " बोलते हुए उसने शिविका को बाजू से पकड़ा ।




शिविका सहमी हुई सी उसे देखने लगी । संयम उसकी ड्रेस की स्ट्रैप को पकड़ कर उसके कंधे पर ले आया । शिविका हैरान सी उसे देखने लगी ।




नींद से जागी हुई शिविका किसी बुत की तरह बैठी उसे देख रही थी । संयम को उसमे बोहोत मासूमियत नजर आ रही थी । दोनों ही एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे ।


उसने शिविका को पकड़कर खड़ा किया और बोला " क्यों भगाया राठी को... ??? और खुद क्यों भाग रही थी... ?? " बोलते हुए उसकी पकड़ शिविका की बाजू पर कस गई । " बोलो.... " बोलते हुए उसने शिविका को झटके से हिलाया तो शिविका उसके ऊपर ही गिर पड़ी । और उसके सीने पर सिर रख दिया ।


संयम ने कुछ सेकंड तिरछी नजरों से उसे देखा । उसे समझ नहीं आया कि आखिर शिविका उसके गले क्यों लग रही थी ।




उसके हाथ अभी भी शिविका को बाजुओं से पकड़े हुए थे । उसने शिविका को दूर किया और देखने लगा तो उसकी आंखें बंद थी और चेहरा एक तरफ के कंधे पर ढल गया था । संयम ने गाल थपथपाया पर उसने आंखें नहीं खोली । " What the hell is happening....." बोलकर संयम ने ceiling की ओर देखते हुए गहरी सांस ली और फिर शिविका को गोद में उठाकर कमरे से बाहर निकल गया ।


नीचे आकर डॉक्टर वाले रूम में आकर उसने शिविका को बेड पर लेटा दिया ।


" Check her.... क्या हुआ है इसको.... । बेहोश क्यों हुई.... ?? " बोलकर संयम उसके पास ही खड़ा रहा ।
डॉक्टर ने आकर उसे चेक किया और फिर बोला " SK ये वीकनेस की वजह से है । इन्होंने काफी वक्त से कुछ खाया नहीं है ऐसा लग रहा है.... और उसी वजह से बेहोश हो गई " ।


संयम ने याद किया तो उसने शिविका को परसों शाम से लेकर कुछ भी नहीं खाने दिया था ।


पर संयम को ये नहीं पता कि शिविका उससे पहले से भी काफी वक्त से भूखी थी ।


डॉक्टर ने शिविका को glucose की ड्रिप लगा दी । फिर उसके चेहरे पर पानी के छींटे मारे तो शिविका को हल्का होश आ गया ।


संयम ने घड़ी में टाइम देखा तो शाम के 7 बज चुके थे । उसने शिविका की ड्रिप निकाली और उसे गोद में उठाए बाहर निकल गया । डॉक्टर स्तबद सा खड़ा उसे देखता रहा ।


संयम ने ग्लूकोज की चालू सप्लाई में से ही ग्लूकोज की ड्रिप हटा दी थी । डॉक्टर ने सप्लाई रोक दी । और अपने काम में वापिस से लग गया ।


बाहर निकलकर वो डाइनिंग एरिया में चला गया और संयम ने शिविका को एक कुर्सी पर बैठाकर उसके लिए टेबल पर खाना लगवा दिया । शिविका एक टक घूरकर उसे देखने लगी ।


" खाओ.... " बोलकर संयम उसके साथ वाली आर्मचेयर पर बैठ गया ।


शिविका अभी भी उसे ही देखे जा रही थी । फिर खाने को देखा तो उसमे करेला नजर नहीं आया । उसनेेे राहत की सांस ली ।




सर्वेंट ने एक थाली में कई सारी dishes परोस दी थी... । शिविका खाने को देखकर मन में बोली " कहीं इसमें ज़हर तो नहीं मिलाया होगा ना.. । इतनी मेहरबानी मेरे उपर क्यों हो रही है...... " ।


" बिना जहर के भी मार सकता हूं... कोई कुछ नहीं कर सकता मेरा... " संयम ने कहा तो शिविका उसे देखने लगी । उसकी आंखें बड़ी हो गई । उसने जोर से तो नहीं बोला था तो फिर संयम को कैसे पता कि वो क्या सोच रही है ।


" Don't stare at me... " बोलकर संयम ने उसे देखा । शिविका ने नजरें फेर ली ।


सर्वेंट शिविका के हाथ धुलाने लगा तो शिविका ने पूछा " ये सब क्या है.... ?? " ।


सर्वेंट संयम को देखने लगा । संयम सर्वेंट से बोला " explain her " ।


" जी सर.... । ( शिविका से ) मैम ये दाल बाटी चूरमा... प्याज की कचौरी ... मिर्ची वड़ा ... गट्टे की सब्जी ... कढ़ी ... केर सांगरी ... कलमी वड़ा.... " ।


सर्वेंट ने बताया तो शिविका को सुनने में भी सब ठीक लगा और खुशबू भी अच्छी आ रही थी ।
उसने एक नजर संयम को देखा और फिर खाने लग गई ।


शिविका को बोहोत भूख लगी थी इसलिए वो जल्दी जल्दी खा रही थी । सर्वेंट वहां से चला गया ।


संयम उसे देखने लगा । संयम केेे लगातार घुरने से शिविका खाते खाते खांसने लगी । संयम ने पानी का ग्लास उसकी ओर बढ़ा दिया ।


शिविका ने पानी पिया और तिरछी नजरों से नजरें बचातेेे हुए संयम को देखने लगी । सुबह वो उससे जबरदस्ती कर रहा था , कुछ देर पहले आंखें दिखाते हुए सवाल कर रहा था और अभी वो उसे खाना खाते हुए इतनीीी तसल्ली देख रहा है । क्यों...... ????


वो जितना सोच रही थी कि संयम के स्वभाव को जानने लगी है वो उसे उतना ही mysterious लगने लगा था ।


शिविका ने पूरी थाली खतम कर दी । सर्वेंट ने आकर उसके हाथ धुलवा दिए ।


संयम ने उसे गोद में उठाया और कमरे की ओर चल दिया । शिविका को संयम के इस behaviour से अलग सा ही एहसास हो रहा था ।


संयम ने उसे सोफे पर बैठा दिया । और खुद बाथरूम की ओर चला गया ।


शिविका को याद आया कि कुछ वक्त पहले भी संयम बाथरूम की ओर जा रहा था लेकिन उसकी वजह से वापिस आ गया था ।


शिविका ने अपने पांव की ओर देखा वो सूज गया था । संयम ने उसे हर्ट किया था और अब वो इतना जेटली क्यो बिहेव कर रहा था । शिविका को अंदेशा था कि संयम के दिमाग में कुछ तो चल रहा है ।




उसने इधर उधर देखा तो उसका ध्यान दीवारों पर लगी पेंटिंग्स पर गया । सब अजीब सी पेंटिंग्स थी ।
शिविका के कमरे से attached दरवाज़े की ओर देखा । उसका अंदर जाने का मन हुआ लेकिन फिर संयम का खयाल आने पर उसने मन बदल लिया ।




उसके पांव तो चलने लायक अभी थे नहीं...... वही ऊपर से अपनी दोनो टांगें वो अब नहीं तुड़वाना चाहती थी । राठी से शिविका को एक उम्मीद नजर आई थी लेकिन अब उसके अलावा उसके पास यहां से भागने का और कोई रास्ता नहीं था । शिविका वहीं सोफे पर बैठी रही ।


संयम नहाकर बाहर आया तो उसने bathrobe पहना हुआ था । शिविका ने एक झलक उसे देखा और फिर नजरें फेर ली । संयम शिविका की ओर बढ़ गया और उसके बगल में बैठ गया ।


शिविका थोड़ा सा उससे दूर खिसक गई । संयम भी उसकी ओर खिसक गया । शिविका ने देखा तो वो थोड़ा और दूर खिसक गई । संयम भी उसके और नजदीक खिसक गया । शिविका का दिल जोरों से धड़कने लगा । आखिर संयम इतना क्रीपी क्यों बिहेव कर रहा था.... ???


वो सोफे के किनारे पर पहुंच गई तो संयम भी उसके बोहोत करीब आ गया । शिविका घबराहट से उठी और लड़खड़ातेेे हुए चलकर सोफे से दूर खड़ी हो गई ।


संयम उठा और उसे पीछे से hug कर लिया । और उसके कंधे पर चिन रख दिया ।




शिविका ने मुट्ठी कस ली । संयम के हाथ शिविका के कंधे से होकर उसकी बाजू पर उपर से नीचे की ओर फिसलते हुए उसके हाथों की मुट्ठियों तक पहुंच गए । फिर उसने अपने हाथों को शिविका के पेट पर लपेट लिया ।


शिविका की सांसें मानो थम सी गई हो । उसकी धड़कने बुलेट एक्सप्रेस की स्पीड से दौड़े जा रही थी । ये संयम क्या करने लगा था..... ?? । शिविका की टांगें कांपने लगी थी । संयम ने उसकी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए । शिविका ने कसकर आंखें मिच ली और सिसकी भरी गहरी सांस ली ।

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What is sanyam sensing upto.. ????