बेपनाह मोहब्बत - 22 Wishing द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बेपनाह मोहब्बत - 22

अब तक :

अंजली एक टक उसकी आंखों में देखने लगी । प्रिंसिपल उसकी नजरें अपने उपर पाकर एक पल को ठिठक सी गई थी । उसकी चोरी पकड़ी गई थी और अंजली की घूर उसे ये बताने के लिए काफी थी कि वो अब शांत नही रहने वाली थी ।

अब आगे :

" आपने झूठ क्यों बोला मैम ? "

" जाओ , अपनी क्लास में जाओ " प्रिंसिपल उसकी बात को इग्नोर करते हुए चेयर पर बैठ गई ।

" आपको मेरे सवाल का जवाब देना चाहिए । क्या आपने वीडियो देखी ही नही या फिर देख कर भी आंखों पर कुछ ना नजर आने वाला चश्मा पहन लिया "

" देखो अंजली, मुझे बहुत काम है । तुम्हे भी अपनी क्लासेज नही छोड़नी चाहिए । जाओ जाकर अटेंड करो "

" और आप चाहती हैं कि जो गलत मेरे साथ हुआ और जो मैने देखा मैं उसको अनदेखा कर दूं और श्वेता को ऐसी हरकतें और करने के लिए बढ़ावा दे दूं "

प्रिंसिपल ने सुना तो सख्त भाव से उसे देखने लगी लेकिन कोई जवाब नही दे पाई ।

फिर बात घुमाकर सख्ती से बोली " तुम मेरे ऑफिस में आकर छेड़छाड़ नही कर सकती और मैं किसी को भी अपने फैसले के लिए जवाबदेह नहीं हूं और जहां तक मैने देखा वो नॉर्मल एक्सीडेंट था । वो गलती से तुम्हारे ऊपर गिर गई थी । अब बात यहीं खत्म करो और जाओ यहां से "

अंजली ने सवालिया नजरों से प्रिंसिपल को देखा । प्रिंसिपल समझ गई कि अंजली उसकी बात से संतुष्ट नहीं थी ।

" आप मुझसे बहुत बड़ी है मैम उम्र में भी और तजुर्बे में भी । काफी कुछ देखा होगा आपने और शायद ऐसे ही गलत हरकतों को नजरंदाज भी करती रही होंगी , लेकिन ये गलत है । आंखों से सच देख लेने के बाद भी जो इंसान आंखें बंद करके चलता है वो मूर्ख कहा जाता है "

उसकी बातें प्रिंसिपल को गुस्सा दिला रही थी । वो जो कह रही थी बिलकुल सटीक था लेकिन प्रिंसिपल को वो सच भी चुभ रहा था ।

" तुम मुझे मत सिखाओ लड़की । कॉलेज मेरा है और कैसे चलाना है मैं अच्छे से जानती हूं । तुम तो अभी आपको कॉलेज की शुरुवात में हो लेकिन मैं तुम जैसे हजारों लाखों बच्चों को पढ़ा चुकी हूं । मेरा तजुर्बा इसे एक्सीडेंट बता रहा है तुम्हारा नजरिया अलग है तो इसमें मेरी गलती नही है । अब तुम्हारे सवाल जवाब हो गए हों.. तो तुम यहां से बाहर जा सकती हो "


अंजली समझ चुकी थी कि अब प्रिंसिपल से बहस करने का कोई मतलब नहीं था । वो अभी बातों पर हो अड़ी रहने वाली थी ।

बिना कुछ कहे अंजली चुपचाप वहां से बाहर निकल गई । प्रिंसिपल उसकी बातों से घबरा सी गई थी । उसकी आंखों में उसने गजब का आत्मविश्वास देखा था और बातों में भी वजन था ।

इन सब बातों को एक तरफ करने प्रिंसिपल कुछ रजिस्टर देखने में लग गई ।

अंजली बाहर निकली तो बाहर ही उसे अक्षत मिल गया । अक्षत उसे देखकर मुस्कुरा दिया ।

" वीडियो लाने के लिए थैंक यू " अंजली ने कहा तो अक्षत बोला " अरे इसकी कोई जरूरत नही है । पर मेरी तरफ से सॉरी रख लो "

" सॉरी किस लिए ? " अंजली ने पूछा तो अक्षत इधर उधर देखते हुए बोला " वो इतना सब कुछ हुआ और सब लोग तुम्हारे ऊपर ही इल्जाम लगाते रहे "

" पर इसमें आपका तो कोई हाथ नहीं था । तो सॉरी किसलिए ? "

अक्षत ने फीका सा मुस्कुराया और बोला " वो तुम मत जानो "

बोलकर वो जाने लगा तो अंजली बोली " क्योंकि आपने झूठ को भी छुपाया है इसलिए सॉरी कहा ना " अंजली ने कहा तो अक्षत के कदम रुक गए ।

अक्षत पलटता इससे पहले ही अंजली ने पूछा " आपने वो वीडियो देखी होगी ना अक्षत जी ? और आपने भी अपनी दोस्त की गलती पर कुछ ना बोलना ही सही समझा । ताकि उसके उपर कोई सवाल ना उठाए । मैने सही कहा ना ! "

अक्षत उसकी ओर पलट गया और बोला " मैने वीडियो देखी या नही , उससे क्या फर्क पड़ता है । प्रिंसिपल ने बोल दिया कि तुम्हारी गलती नही थी और तुम्हे कोई पनिशमेंट नही मिली.. तो इससे ज्यादा क्या चाहिए.. । तुम्हे तो खुश रहना चाहिए.. । अब सवाल जवाब का क्या मतलब.. ? " ।

अंजली बेमन सा मुस्कुराई और बोली " क्या अब यहां सवाल जवाब का भी हक नही है.. ? जब ये भी पता हो कि प्रिंसिपल मैम ने भी नाइंसाफी की है तो मैं कैसे चुप रह जाऊं ? " अक्षत उसकी बात पर कुछ नही बोला ।

अंजली आगे बोली " सवाल तो मेरे हैं लेकिन शायद जवाब देने वाला कोई नहीं है । सबके पास सिर्फ ये जवाब है कि मुझे सवाल करने का भी हक नही है "

अंजली की बात सुनकर अक्षत चुप हो चुका था । उससे कोई जवाब देते नही बन रहा था।

" आपकी दोस्त है तो कुछ भी कर सकती है.. कोई उसके खिलाफ कुछ भी नहीं करेगा.. । यहां पर शायद यही होता है.. । आप सच का साथ देने की बात करते हैं लेकिन आप फिर भी झूठ का साथ देते हैं ।

आप रैगिंग के खिलाफ भी होते हैं लेकिन फिर भी आप रैगिंग करने वालों का ही साथ देते हैं । आपके दोस्त रैगिंग करते हैं तो आप दूसरे बच्चों की फिक्र तो करते हैं लेकिन अपने दोस्तों को उन्हें परेशान न करने के लिए मना नही पाते... ।

आपको सब सही गलत पता होता है लेकिन फिर भी आप गलत के साथ मौजूद रहते हैं... । ऐसा इंसान डबल स्टैंडर्ड का कहा जाता है.. ना इधर का ना उधर का.. "

अक्षत चुप चाप उसकी बात सुनता रहा । वो जानता था कि अंजली जो भी कह रही है वो सही है ।

उसने कुछ बोलना चाहा कि इतने में शिवाक्ष ने अंजली को बाजू से पकड़कर अपनी ओर खींच लिया और उसकी पीठ को झटके से दीवार से लगा दिया । फिर अकड़ते हुए बोला " how dare you ? "

अंजली उसके अचानक खींचे जाने से घबराई हुई सी उसे देखने लगी ।

शिवाक्ष ने उसकी बाजू पर पकड़ मजबूत की ओर बोला " बोलना आता है इसका मतलब कुछ भी बोलोगी क्या ? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई अक्षत को डबल स्टैंडर्ड बोलने की ? तुम होती कौन हो उसे कुछ भी बोलने वाली ? कौन हो तुम जो उसके नेचर पर सवाल उठा रही हो ? कौन हो तुम ? " बोलते हुए शिवाक्ष की आवाज भी सख्त हो चुकी थी । आखिरी बात बोलते बोलते वो चिल्ला भी दिया था ।

अंजली ने उसका चिल्लाना सुनकर कसकर आंखें बंद कर ली । अंजली ने अपनी बाजू छुड़ानी चाही तो शिवाक्ष ने और कसकर पकड़ ली ।

" अभी उसने तुम्हारे लिए रिकॉर्डिंग लाई लेकिन एक एहसान फरामोश की तरह तुम उसी पर सवाल उठाने लगी । इतने सवाल उठाने का शौक है तो वकालत करने लगो पर मेरे दोस्त के साथ ये सब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा "

" मैं तो बस सच " अंजली ने बोलना चाहा लेकिन शिवाक्ष उसके होठों पर उंगली रखते हुए बोला " shhh..., Just shut up... "

अंजली अब खामोश हो गई । शिवाक्ष की आंखों में गुस्सा था । अंजली की आंखें नम सी हो आई थी । पहले उसके साथ गलत हुआ और अब एक बार फिर शिवाक्ष उसी को डांट रहा था । वहीं शिवाक्ष की पकड़ भी बाजू पर कसी हुई थी ।

" आपको अपनी दोस्त के कारनामे भी देखने चाहिए । हमेशा सामने वाला ही गलत नही होता । श्वेता ने " अंजली बोल रही थी कि शिवाक्ष बीच में ही बोल पड़ा " क्यों सुनूं मैं तुम्हारी बात ? तुम किसी की सुनती हो क्या ? और तुम्हे क्यों लगता है कि मैं तुम्हारी मदद करूंगा या समझूंगा ? तुम्हे तो किसी की मदद की जरूरत नही होती ना "

" आप मेरी बात सुनो क्योंकि मैं गलत नही हूं । अगर आप वो वीडियो देखेंगे तो आपको भी सच का पता चल जायेगा "

शिवाक्ष ने उसके सिर के पास दीवार पर हाथ रखा और बोला " मैं फिर भी मदद नहीं करूंगा क्योंकि तुमने मदद नहीं मांगी । पहले मदद मांगो "

" Oh तो मतलब आप किसी की मदद तभी करते हैं अगर कोई मांगे । सड़क पर कोई आदमी मरने की हालत में होगा तो क्या आप उसके मदद मांगने का इंतजार करेंगे ? "

शिवाक्ष ने उसे झटके से अपनी तरफ खींचा और उसकी आंखों में घूरते हुए बोला " बाकियों का पता नही , लेकिन तुम्हे मदद सिर्फ मांगने पर ही मिलेगी । बहुत बेचारी होने का राग अलाप्ति हो ना । बहुत हिम्मत दिखाती हो , तो अब दिखाओ । असली बेचारी होना क्या होता है वो अब तुम्हे महसूस होगा और वजह मैं दूंगा "

बोलकर शिवाक्ष ने उसे छोड़ा और पीछे दीवार की तरफ धीरे से धकेल दिया ।

बोलकर वो निकल गया । अंजली ने एक झलक अक्षत को देखा । अक्षत ने गहरी सांस ली और वहां से निकल गया ।

अंजली की आंख से आंसू की बूंद बह निकली तो उसने आंखें पोंछ ली और सुबुकते हुए बोली " सही कहा था श्रुति ने । जितना बड़ा कॉलेज उतना ही बुरा बर्ताव । इतना ज़िद करके यहां आई हूं । अगर सब ऐसा ही रहा तो मैं यहां इन सबसे कब तक लडूंगी । फिर पढ़ाई होगी या सिर्फ लड़ाई "

बोलते हुए वो आसूं पोंछते हुए म्यूजिक रूम की तरफ बढ़ गई जहां खुशी और आकाश थे ।

आकाश और खुशी म्यूजिक रूम में बैठे हुए थे खुशी गिटार बजा रही थी और आकाश उसे देख रहा था ।

खुशी ने आकाश को गिटार पकड़ाया और कुछ देर के लिए पास में बैठे स्टूडेंट्स के पास चली गई । आकाश खुशी को देखने लगा ।

" मैं जानता हूं खुशी तुम्हे गाना गाने वाले लोग बोहोत अच्छे लगते हैं... । तो एक गाना मैने भी तैयार किया है " बोलते हुए आकाश के चेहरे पर स्माइल थी । उसने अपने चश्में को ठीक किया फिर गिटार की स्ट्रिंग्स को बजाते हुए आंखें बंद करके गाने लगा

" तुझको देखा तो ये जाना सनम
प्यार होता है दीवाना सनम
अब यहां से कहां जाएं हम
तेरी बाहों में मर जाएं हम । "

आकाश बहुत जोर से और बहुत बेसुरा गा रहा था ।

खुशी ने उसे सीखने सुना तो अपने कानों पर हाथ रख लिए ।

कमरे में बैठे सभी बच्चे आकाश को देखकर हंसने लगे । वहीं कुछ तो उसकी आवाज सुनकर एक पल के लिए डर से गए थे ।

एक लड़की गुस्से से आकाश के पास आई और झल्लाते हुए बोली " अरे खुद तो शायद तुम्हे सुनाई नहीं देता, पर हमारे कानों पर तो रहम खाओ हमसे किस बात का बदला ले रहे हो ? " ।

आकाश ने सुना तो गाना बंद कर दिया और आंखें खोल कर सामने खड़ी लड़की को देखा फिर खुशी की ओर देखा जो अपने कानों पर हाथ रखे हुए खड़ी थी । आकाश के चेहरे की मुस्कान फीकी पड़ गई ।

खुशी ने कान से हाथ हटाए और आकाश को देखते हुए हंसते हुए बोली " आकाश, ये तुम क्या कर रहे हो, atleast पहले बता तो देते कि तुम गाना गाने वाले हो.. मैं अपने आप को थोड़ा तैयार कर लेती, इस Disaster के लिए.. ।"

आकाश ने जब खुशी को इस तरह से अपने उपर हंसते हुए देखा तो उसके चेहरे से स्माइल पूरी तरह से गायब हो गई ।

आकाश ने अपने चारों ओर देखा तो उसे लगा जैसे हर कोई उसका मजाक उड़ा रहा हो । और खुशी के हंसने से आकाश की आंखों में नमी तैर गई जो उसके चश्मे को भिगोने लगी ।

खुशी को देखकर वो भी हल्का सा हंस दिया उसके दिल पर इस वक्त क्या गुजर रही थी सिर्फ वही समझ सकता था ।