बेपनाह मोहब्बत - 8 Anjali Vashisht द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बेपनाह मोहब्बत - 8

अब तक :

ऐसा कुछ नहीं होगा... । मैं अकेले थोड़ी जाऊंगी.. अपने भाई को साथ लेकर जाऊंगी... । मेरे भाई भी यहां फाइनल ईयर में पढ़ते हैं.. उनकी भी कॉलेज में बोहोत चलती है... । मैं उनसे कहूंगी... । और फिर देखना वो उन लोगों को कैसे मजा चखाते हैं.. । सब के सब इधर उधर भागते नजर आएंगे... " । बोलते हुए खुशी की आंखों में चमक थी । |

अंजली और आकाश एक दूसरे की तरफ देखने लगे ।

अब आगे :

आकाश excitement से भरकर बोला “ अच्छा.. ये तो बोहोत अच्छी बात है.. । फिर तो हो सकता है कि हमे हमेशा के लिए इन लोगों से छुटकारा मिल जाए । “ ।

ये सुनकर अंजली को भी एक उम्मीद सी मिल गई । उसने खुशी का हाथ पकड़ते हुए कहा “ खुशी.. । मुझे और कुछ नही चाहिए.. । बस आपने भाई से कहना कि मेरी घड़ी को बिल्कुल सही सलामत ले आए.. । इन सब में वो नही टूटनी चाहिए... “ ।

बोलते हुए अंजली एक आस से खुशी को देखने लगी ।

“ don’t worry.. । मेरा भाई बोहोत तेज़ और खुराफाती है.. । वो कुछ भी करके तुम्हारी घड़ी को ले ही लेगा.. । “ बोलकर खुशी ने अंजली को भरोसा दिलाया ।

अंजली ने सिर हिला दिया ।

खुशी ने कुछ सोचा और फिर एक्साइटमेंट से बोली” अच्छा.. म्यूजिक रूम चलें क्या.. ? । मेरे भाई अक्सर वहीं रहते हैं.. हो सकता है वहीं पर मिल जाएं.. । “ ।

अंजली ने जल्दी से सिर हिला दिया ।

तीनो म्यूजिक रूम की ओर चल दिए ।

म्यूजिक रूम पहुंचे तो वहां पर बस कुछ ही बच्चे बैठे हुए थे ।

खुशी चारों तरफ देखते हुए बोली “ अभी तो भाई यहां पर नही है.. । हम थोड़ी देर इंतजार कर लेते हैं.. और तब तक मैं तुम्हे गिटार बजाकर सुनाती हूं... “ बोलकर खुशी ने एक गिटार लिया और बेंच के उपर बैठ गई ।

फिर गिटार के स्ट्रिंग्स हिलाते हुए गिटार बजाने लगी । अंजली और आकाश भी बेंच पर बैठकर उसे देखने लगे ।

खुशी ने गिटार बजाना बंद किया तो आकाश बोला “ wow.. खुशी.. तुम्हे तो बोहोत अच्छा गिटार बजाना आता है... “ ।

खुशी “ अच्छा.. थैंक यू.. । ये मुझे मेरे भाई ने सिखाया है.. “ बोलते हुए खुशी मुस्कुरा दी ।

“ वाकई खुशी तुमने बोहोत अच्छा बजाया है.. । मैं भी हमेशा से ये सीखना चाहती थी.. लेकिन ना कभी गिटार खरीद पाई और न ही कभी इसे सीख पाई “ बोलते हुए अंजली के चेहरे पर उदासी सी छा गई ।

खुशी ने देखा तो झट से बोली “ अरे तो क्या हुआ अगर पहले नही सीख पाई तो.. अब सीख जाओगी.. “ ।

“ कैसे.. ?? मैने तो म्यूजिक सब्जेक्ट भी नही रखा.. “ बोलते हुए अंजली ने खुशी को देखा ।

“ तो क्या हुआ अगर म्यूजिक सब्जेक्ट नही रखा है तो.. गिटार मैं तुम्हे सिखाऊंगी.. “ । बोलते हुए खुशी ने गिटार उसकी ओर बढ़ाया.. ।

अंजली ने गिटार पकड़ लिया ।

खुशी ने उसके हाथ पर हाथ रखा और कुछ स्ट्रिंग्स को टच करते हुए उसे सिखाने लगी ।

थोड़ा बोहोत सीखाने के बाद खुशी अंजली से बोली " अच्छा तुम्हें गाना गाना आता है क्या... ?? " ।

" ज्यादा अच्छा तो नहीं गाती लेकिन थोड़ा बोहोत गुनगुना लेती हूं... " अंजली ने सहजता के साथ जवाब दिया ।

" परफेक्ट " बोलते हुए खुशी ने दोनो हाथों को आपस में जोड़ा और बोली " तुम कोई गाना गाओ और मैं उसपर गिटार बजाकर तुम्हे दिखाती हूं... " ।

" नही नही खुशी... मैं इतना अच्छा भी नही गाती.. बस थोड़ा बोहोत गुनगुना लेती हूं... " बोलते हुए अंजली ने उसे मना कर दिया ।

" तो क्या हुआ.. तुम गुनगुनाती हो तो वही गुनगुनाओ.. मुझे सुनना है... " बोलते हुए खुशी जिद वो उतर आई ।

अंजली ने फिर से न में सिर हिलाया तो खुशी आकाश से बोली " अरे तुम भी बोलो ना आकाश.. । देखो कैसे नखरे कर रही हैं ये मैडम.... " ।

आकाश में अंजली को देखा और बोला " गा दो ना अंजली... वैसे भी यहां पर कौन सुन रहा है.. बस कुछ ही बच्चे तो बैठे हैं यहां पर... " ।

आकाश की बात सुनकर अंजली आस पास बैठे बच्चों को देखने लगी ।

तभी खुशी बोली " चलो शुरू करो.... " ।

" खुशी.. " अंजली ने कहा तो खुशी उसे देखने लगी । " मुझे नए गाने याद नही हैं बस पुराने गाने आते हैं... " बोलते हुए अंजली ने बात पूरी की ।।

" अगर ऐसा है तो पुराना गाना ही सही.... तुम गा दो बस.. " बोलकर खुशी जिद पर अड़ी रही ।

" अब गा भी दी अंजली जी.. कितनी मिन्नतें कर रही है खुशी आपसे... " बोलकर आकाश में पलकें झपका दी ।

दोनो के इतना कहने पर अब अंजली मना नही कर पाई । उस ने धीरे से हां में सिर हिला दिया और आंखें बंद करके गाना शुरू किया ।

आदमी मुसाफिर है.. आता है जाता है..

आते जाते रास्ते में यादें छोड़ जाता है ।

खुशी ने उसके साथ गिटार बजाना चाहा लेकिन फिर गिटार बजाना छोड़कर अंजली को ही सुनने लगी ।

झोंका हवा का, पानी का रेला

मेले में रह जाए जो अकेला

फिर वो अकेला ही रह जाता है ।

अंजली की आवाज कमरे में गूंजे जा रही थी । जिससे बाहर को भी उसकी आवाज जा रही थी । अंजली का गाना सुनकर बाहर से गुजर रहे स्टूडेंट्स भी म्यूजिक रूम के अंदर आकर बैठने लगे ।

अंजली उन सब के आने से बेखबर आंखें बंद करके गाए जा रही थी ।

कब छोडता है ये रोग जी को

दिल भूल जाता है जब किसीको

वो भूलकर भी याद आता है ।

अंजली ने गाना खतम किया तो पूरा कमरा तालियों की आवाज से गूंज उठा । तालियों की आवाज से अंजली ने आंखें खोली तो देखा कि पूरा कमरा स्टूडेंट्स से भर चुका था । और कुछ टीचर्स भी वहां खड़े अंजली को देखते हुए तालियां बजा रहे थे ।

गाना गाते हुए अंजली इतना खो सी गई थी कि उसे एहसास ही नही हुआ कि कब पूरा कमरा स्टूडेंट्स और टीचर्स से भर गया ।

तभी भीड़ में से लड़की ने उसे compliment देते हुए कहा " wow यार क्या गाया है तुमने ! ! , really मुझे तो लग रहा था कि यहां पर song की recording चल रही है । Literally......... Amazing.............. " ।

" थैंक यू.... " कहते हुए अंजली ने सिर झुका लिया ।

खुशी में अंजली के गले लगते हुए कहा " वाह मेरी सिंगर तुमने तो कमाल कर दिया । मैने सोचा नही था कि तुम इतना अच्छा भी गाती होगी... " ।

अंजली ने सुना तो हल्का सा मुस्कुरा दी ।

तभी आकाश ने बैग उठाते हुए कहा " वाकई अंजली.. तुमने बोहोत अच्छा गाया... । मन कर रहा था कि तुम कभी गाना बंद ही ना करो और मैं सुनता ही जाऊं... । सच में.. अब तो लग रहा है कि आज का दिन ही बन गया मेरा तो । "।

" शुक्रिया आकाश " कहते हुए अंजली मुस्कुराई और फिर फोन में टाइम देखा तो अगली क्लास का वक्त हो गया था । तीनों अगली क्लास लगाने चले गए ।

उनके जाते ही शिवाक्ष भागते हुए music room में आया । उसे अंदर काफी बच्चे दिखाई दिए ।

" अभी यहां कौन गा रहा था.. ?? " शिवाक्ष ने एक लड़के से पूछा ।

" पता नही कौन थी.. अभी अभी बाहर निकल गई... " लड़के ने जवाब दिया ।

शिवाक्ष ने अपने सीने पर हाथ रखा और गहरी सांस ली वह नीचे से तीसरी मंजिल तक भागते हुए आया था । पता नहीं क्यों लेकिन इस आवाज को सुनने के बाद वह जानना चाह रहा था कि आखिर यह आवाज थी किसकी ।

कुछ वक्त बाद जब तीनो ने क्लास लगा ली तो वापिस म्यूजिक रूम की ओर आ गए ।

अंजली का फोन बजने लगा तो वह बाहर खड़ी होकर अपना फोन सुनने लगी वही खुशी और आकाश अंदर जाने लगे तो दरवाजे के पास से ही आकाश ने अंदर बैठी बुली गैंग को देख लिया था । उसकी कदम दरवाजे पर ही ठहर गए । वही खुशी बिना रुके अंदर चली गई ।

आकाश उसे रोकना चाहता था लेकिन खुशी काफी अंदर जा चुकी थी और आकाश अब आवाज देकर उसे रोक नहीं सकता था वरना बुली गैंग का ध्यान उसकी तरफ जरूर आ जाता ।

वो दीवार के पीछे छिपकर वहीं खड़ा हो गया और खुशी को देखने लगा ।

अंदर जाकर खुशी सीधे राजीव के पास चली गई और उससे गिटार मांगने लगी ।

आकाश खुद से बोला " ये क्या कर रही हो खुशी.. उस राक्षस से मत मांगो वो हमारा तुम्हारा सबका जीना हराम कर देगा... । दूर हटो उससे... " बोलते हुए आकाश हाथ से इशारे से उसे दूर करने लगा। लेकिन खुशी उसकी तरफ नही देख रही थी ।

राजीव ने खुशी को देखा और फिर गिटार देने से मना कर दिया और बोला " कोई दूसरा ले लो.. ये मेरा है... " ।

खुशी ने कमर पर हाथ रखा और बोली " तो क्या हुआ.. ?? मुझे यही वाला चाहिए.... " । बोलते हुए खुशी ने उसके हाथ से गिटार छीनते हुए ले लिया ।

आकाश ने सिर पीट लिया और आंखे बंद कर ली ।

अंजली ने फोन पर बात पुरी की और म्यूजिक रूम के अंदर जाने लगी तो आकाश ने दरवाजे पर ही उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया ।

" क्या हुआ आकाश... ?? " पूछते हुए अंजलि ने सवालिया नजरों से आकाश को देखा और फिर बोली " तुम यहां क्या कर रहे हो.. ?? "।

आकाश ने उंगली से अंदर की ओर इशारा किया और बोला " वो देखो.. खुशी ने खुद जाकर मधुमक्खी के छत्ते में सिर दे मारा... । अभी अभी उसने राजीव से गिटार छीन लिया । " ।

अंजली ने सुना तो उसके माथे पर भी फिक्र से लकीरें आ गई । दोनों दरवाजे के पास से ही म्यूजिक रूम के अंदर झांकने लगे ।

आकाश रोनी आवाज में बोला " अब तो खुशी को दुखी होने से कोई नहीं बचा सकता.. "

अंजलि ने भी उसकी बात में हामी भरी और बोली " सही कह रहे हो आकाश.... । अब ये लोग खुशी को भी परेशान करना शुरू कर देंगे... । " ।

राजीव ने खुशी को इरिटेट होकर देखा और फिर उसके सिर पर धीरे से टपली मार दी । खुशी ने उसे दांत दिखा दिए ।

अंजली और आकाश ने जब ये देखा तो दोनो के मुंह खुले के खुले रह गए ।

दोनो एक दूसरे को देखने लगे ।

आकाश " क्या तुमने भी वही देखा जो मैने देखा.... ?? " ।

" हम्मम.... " कहते हुए अंजली ने सिर हिलाया और आगे बोली " कहीं ये कोई सपना तो नहीं है ना.. ?? " बोलकर अंजली अपनी बाजू को पिंच करने लगी तो खुशी ने आकार उसका हाथ पकड़ते हुए कहा " अरे तुम दोनो यहां पर खड़े होकर क्या कर रहे हो । अंदर आओ ना.. । चलो... " कहकर खुशी अंजली का हाथ पकड़े उसे अंदर ले आई ।

तीनों बेंच पर बैठ गए । आकाश नजरें चुराते हुए बीच बीच में राजीव को देखने लगा ।

खुशी ने guitar की स्ट्रिंग को हिलाया और बोली "ये तो लूज लग रही है.. रूको मैं अभी इसे ठीक करा के आती हूं.. " कहकर खुशी वापिस राजीव की ओर चल दी ।

आकाश उदासी से उसे देखने लगा और फिर बोला " कहीं ऐसा तो नहीं है कि खुशी को वो लड़का पसंद हो... ?? मेरी लव स्टोरी तो शुरू होने से पहले ही खतम हो गई.. " । बोलते हुए आकाश ने मायूस सा चेहरा बना लिया ।

" तुम्हारी लव स्टोरी.. !! पर ये कब हुआ.. ? " अंजली ने हैरानी से उसे देखते हुए पूछा ।

आकाश उदास होकर बोला " हान.. मेरी और खुशी की love story , पहले दिन से देखने पे ही मुझे वो अच्छी लगी थी.. लेकिन अभी पता चल रहा है कि वो राजीव को पसंद करती है.... । तो मेरी स्टोरी को खतम हो गई न.. "।

अंजली ने सुना तो खुशी को देखते हुए बोली " मुझे नही लगता कि वो राजीव को पसंद करती है.. । मुझे तो इनको देखकर कुछ और ही लग रहा है.. " कहते हुए उसने आकाश को देखा ।

आकाश बुझी हुई आवाज में बोला " तुमने देखा न , कि कैसे राजीव ने खुशी के गिटार छीनने पर उसको कुछ भी नही कहा और अभी खुशी गिटार को ठीक कराने भी उसी के पास लेकर चली गई । इससे पता चलता है कि इनके बीच में कुछ ना कुछ... तो चल रहा है " ।

आकाश को ऐसे उदास होते देखकर अंजली ने उसके कंधे पर हल्के से हाथ रख दिया और दिलासा देते हुए बोली " आकाश हो सकता है कि जैसा तुम सोच रहे हो वैसा ना हो.. हो सकता है बात कुछ और हो.. " ।

आकाश कुछ बोलने लगा कि तभी खुशी उनके पास आ गई ।

खुशी ने आकाश को थोड़ा उदास देखा तो पूछा " क्या हुआ आकाश.... । उदास क्यों बैठे हो.. ?? " ।

आकाश " नही मैं ठीक हूं... । तुमने बताया नही कि राजीव और तुम.. " बोलते हुए आकाश ने बात पूरी भी नही की थी कि खुशी बोल उठी " अरे हां , मैं तो तुम लोगों को बताना ही भूल गई.. । एक मिनिट रूको... " बोलकर खुशी राजीव के पास चली गई और उसे अपने साथ ले आई ।

खुशी राजीव को लेकर उनके पास आई तो आकाश ने सिर पर हाथ रख दिया ।

खुशी ने राजीव को देखा और अंजली और आकाश से बोली " अंजली , आकाश. ये हैं मेरे भाई.. राजीव... " ।

अंजली और आकाश दोनो के चेहरे का रंग मानो उड़ ही चुका था ।

" अब तो मिल गई घड़ी वापिस.. । ये तो खुशी के भाई ही निकले.. । अब कौन इनसे लड़कर मेरी घड़ी वापिस लेगा... " सोचते हुए अंजली परेशान हो गई ।

आकाश ने राजीव को देखा और मन में बोला " लो.. हो गया सत्यानाश.. । अगर दोस्त या ब्वॉयफ्रेंड होता तो खुशी का breakup भी हो ही जाता लेकिन ये तो भाई निकल गया.. । अब तो हमारा कुछ भी नही हो सकता.. । और अगर कहीं गलती से भी इसे पता चला कि मैं खुशी को पसंद करता हूं.. तो न जाने मेरा क्या हाल करेगा.. । " सोचते हुए आकाश में थूक का घूंट गले से नीचे निगला... और माथे से निकलते पसीने को साफ करने लगा ।

अंजली और आकाश दोनो एक दूसरे को देखने लगे । दोनो को ही राजीव के खुशी का भाई होने से बड़ा झटका लगा था ।