इश्क दा मारा - 14 shama parveen द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क दा मारा - 14

जैसे ही यूवी की मां को पता चलता है कि यूवी को गोली लगी है और वो हॉस्पिटल में है तो वो परेशान हो जाती है और हॉस्पिटल जाने की जिद करने लगती हैं। सभी उन्हे मना करते हैं मगर वो किसी की भी बात नही मानती हैं और जिद करके हॉस्पिटल चली जाती है।

उधर गीतिका के डैड और भाई MLA साहब के घर जाते है। उन्हे देख कर MLA साहब चौक जाते है और बोलते है, "आप लोग इस तरह अचानक से कुछ काम था क्या ??????

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "जी बहुत ही जरुरी बात थी तभी हम इस तरह बिना बताए आ गए हैं"।

तब MLA साहब बोलते है, "क्या बात है बताओं "।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "वो गीतिका कॉलेज जा रही थी तभी रास्ते में राजीव ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके साथ बदतमीजी करने लगा, तभी एक लडका आया और उसने राजीव को वहा से जाने के लिए कहा तो राजीव ने उस पर गोली चला दी, इन सब के बाद से गीतिका बहुत ही डरी हुई है "।

तभी MLA साहब बोलते हैं, "वाह जी वाह आप अपनी बेटी की झूठी कहानी सुन कर मेरे पास आ गए हैं,और आप मेरे बेटे पर इल्जाम लगा रहे हैं "।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "नही नही हम कोई इल्जाम नही लगा रहे हैं, हम तो बस पूछ रहे हैं "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "आपको पता है कि पहले के लोग अपनी बेटियो को क्यो नही पढ़ाते थे "।

तब गीतिका का भाई बोलता है, "हा... क्योंकि वो पढ़े लिखे नही थे और उन्हें पढ़ाई के बारे में कुछ पता नहीं था "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "गलत, ये बात नहीं है, चलो कोई बात नहीं मैं ही बता देता हूं तुम्हे, देखो पहले के लोगो को अपनी इज्जत की बहुत परवाह थी, और वो अपनी इज्जत के लिए जान दे भी सकते थे और ले भी सकते थे, और सब जानते हैं कि अगर लड़किया घर की चार दीवारो में बंद रहे, तभी सही रहता है, अगर इन्हे चार दीवारो से बाहर बाहर निकाल दिया तो इनको पर लग जाते है और, ये बिगड़ जाती है और पूरे खानदान का नाम बदनाम कर देती है, अब और इससे ज्यादा क्या बताऊं मैं "।

तब गितिका के डैड बोलते हैं, "आप क्या बोल रहे हैं मुझे कुछ भी समझ में नही आ रहा है "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "लगता है कि तुम मेरा मुंह खुलवा कर ही रहोगे, तुम्हे क्या लगता है कि तुम्हारी बेटी कॉलेज पढ़ने के लिए जाती है, नही..... वो कोई पढ़ाई लिखाई करने के लिए नही जाती है वो तो कुछ और ही करने जाती है "।

ये सुनते ही गीतिका के डैड को गुस्सा आ जाता हैं और वो बोलते हैं, "आप ये कैसी बात कर रहे हैं मेरी बेटी के बारे में, मेरी बेटी ऐसी नही है "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "आपने ये सब सुना तो आपको इतना बुरा लग रहा है, तो सोचो कि जब मेरे बेटे ने आपकी बेटी को एक लड़के के साथ देखा होगा तो उसे कैसा लग रहा होगा "।

ये सुनते ही गीतिका के डैड और भाई चौक जाते है और बोलते हैं, "लडका...... कोन लडका ?????

तब MLA साहब बोलते हैं, "ये तो आपकी बेटी को ही पता होगा कि वो किस लड़के के साथ घूम रही थी "।

उधर गीतिका अपनी फ्रेंड नव्या को कॉल करती है और बोलती है, "मुझे तेरी एक हेल्प चाहिए "।

तब नव्या बोलती है, "कैसी हेल्प ?????

उसके बाद गीतिका उसको सारी बाते बता देती है और बोलती है, "मुझे उस लड़के की बहुत ही फिक्र हो रही है, पता नहीं वो जिंदा भी है या फिर नही"।

तब नव्या बोलती है, "वैसे तेरे दिमाग में चल क्या रहा है ????

तब गीतिका बोलती है, "मुझे उस लड़के से मिल कर देखना है कि वो ठीक है या फिर नही और अगर ठीक होगा तो उसे थैंक्स बोलूंगी"।

तब नव्या बोलती है, "वैसे तुझे पता भी है कि वो किस हॉस्पिटल में है "।

तब गीतिका बोलती है, "हा मुझे पता है कि वो किस हॉस्पिटल में है, मेने काका को बोल कर पता लगवा लिया है "।

तब नव्या बोलती है, "कब जाना है ????

तब गीतिका बोलती है, "आज रात में "।

ये सुनते ही नव्या चौक जाती है और बोलती है, "क्या...... रात में तेरा दिमाग तो ठीक है तू ये क्या बोल रही है...............