दूसरी तरफ जोसेफ गोम्स और पवन कुमार से मिलने के लिए विकास पुलिस स्टेशन पहुंच गया था। “हेलो सर मैं विकास वर्मा। कमिशनर साहब ने मुझे आपके पास भेजा है।” विकास ने जोसेफ गोम्स और पवन कुमार से कहा।
“कमिशनर साहब ने बताया था की तुम पहले भी ऐसे केस पर काम कर चुके हो?” जोसेफ गोम्स ने विकास से पूछा।
“जी हां सर, मै ऐसे दो केस पर पहले भी काम कर चुका हूं।” विकास ने जोसेफ गोम्स और पवन कुमार की तरफ देखते हुए कहा।
“क्या तुम उन दोनो केस के बारे मे हमे कुछ बता सकते हो?” पवन कुमार ने विकास से पूछा। “सर पहला केस राजस्थान का था वहां पर एक नरभक्षी तेंदुवा शहरी छेत्र मैं घुस गया था। वहां पर मैंने एक सर्च ऑपरेशन चलाया था, जो मेरे अंडर हुआ था। दो दिन में मेरी टीम ने उस तेंदुए को ढूंढकर पकड़ लिया। उसके बाद दूसरा केस मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का है। जहां एक आदमखोर बाघ को शहरी छेत्र से पकड़ा था। उसने करीबन 16 लोगों को मार दिया था।” विकास ने अपने दोनो केस के बारे मे बताते हुए कहा।
विकास की सारी बात सुनने के बाद जोसेफ गोम्स और पवन कुमार एक दूसरे को देखने लगे। उसके बाद जोसेफ गोम्स ने विकास की तरफ देखते हुए कहा, “विकास...! क्या तुम्हे पता है कि हम लोग किस जानवर की तलाश कर रहें हैं?”
जोसेफ गोम्स का सवाल सुनकर विकास ने उन्हें देखते हुए कहा–“जी सर। कमिशनर साहब ने मुझे बताया था की जंगल में एक नरभक्षी भेड़िया है जिसने जंगल मे कुछ लोगों को मार दिया है। और ये भी सुना है की उस जानवर ने शहर में भी एक लड़के को मार दिया था।”
विकास का जवाब सुनकर जोसेफ गोम्स ने पवन कुमार से वो स्केच लिया और विकास को दिखाते हुए कहा, “तुम्हे बस इतना ही पता है! ये स्केच देखो और बताओ तुम्हे ये कौनसा जानवर लगता है?” ये कहते हुए जोसेफ गोम्स ने विकास को स्केच दे दिया।
विकास ने जब उस स्केच को देखा तो उसे हसीं आ गई। “सर ये क्या मजाक है! मुझे नहीं लगता कि ये जानवर हकीकत मे हो सकता है। ऐसा जानवर तो बस कहानियों में और फिल्मों मे होता है।” विकास ने जोसेफ गोम्स की तरफ देखते हुए कहा।
“अगर तुम्हारा सामना भी उस जानवर से हुआ होता तो तुम कभी ऐसा नही बोलते।” जोसेफ ने विकास को देखते हुए कहा।
विकास ने जब जोसेफ गोम्स और पवन कुमार का चेहरा देखा तो वो उनके चेहरे की गंभीरता भरे भाव देख कर समझ गया की वो दोनो मजाक नहीं कर रहे थे।
“इसका मतलब ये जानवर सच मे यहां उत्तराखंड के जंगलों मे है?” विकास ने उन दोनो की तरफ देखते हुए पूछा। विकास अब हैरान परेशान नजर आ रहा था। इतने मे पवन कुमार ने विकास की तरफ देखते हुए कहा–“हां ये सब सच है। और इस दौरान हमारे बहुत से लोग मारे भी गए और आधे लोग हॉस्पिटल मे एडमिट हैं।”
“तो सर अब आप क्या करेंगे? और मुझे क्या करना है?” विकास ने जोसेफ गोम्स और पवन कुमार को देखते हुए पूछा।
“अब उस जानवर को हमें कैसे भी पकड़ना होगा या तो उसे जान से मारना होगा। अगर हम ये नही कर पाएं तो वो जानवर यहां पर तबाही मचा देगा। वो जानवर पता नही और कितने लोगों की जान लेगा? तुम आज से इस केस पर कदम कदम पर हमारे साथ रहोगे। और हमारे सभी ऑर्डर फॉलो करोगे।” जोसेफ गोम्स ने विकास को समझाते हुए कहा।
दूसरी तरफ विक्रांत , सुप्रिया और बाकी सब ट्रैकिंग पर जाने के लिए तैयार खड़े थे। “चलो सुप्रिया तुम्हे ही आगे चलना है। क्योंकि जहां हम कैंपिंग के लिए जाने वाले हैं उस जगह के बारे मे तुम्हे ही पता है।” विक्रांत ने मुस्कुराते हुए सुप्रिया से कहा।
“चलो ठीक है, तुम सब मेरे पीछे चलो। लगभग 2 से 3 घंटो मे हम कैंपिंग वाली जगह पर पहुंच जायेंगे।” सुप्रिया ने सबसे कहा और आगे आगे चलने लगी।
सभी लोग बातें करते हुए चलने लगे। इतने में रूपाली ने सुप्रिया से पूछा, “सुप्रिया...! तुमने कभी बताया नही की विक्रांत से तुम्हारी दोस्ती कैसे हुई?”
रूपाली का सवाल सुनकर सुप्रिया ने कहा, “इसमें बताने वाली क्या बात है...! जैसे दोस्ती होती है वैसे ही हमारी भी दोस्ती हो गई।” सुप्रिया ने शर्माते हुए कहा।
सुप्रिया की बात सुनने के बाद रूपाली गुस्से से सुप्रिया को देखने लगी। “चल ठीक है तू मत बता। मै विक्रांत से ही पूछ लेती हूं।” रूपाली ने सुप्रिया की तरफ गुसी से देखते हुए कहा।
रूपाली की ये बात सुनते ही सुप्रिया ने उसे रोका और अपने और विक्रांत की दोस्ती के बारे मे बताने के लिए राजी हो गई। “एक बार कॉलेज मे मैने देखा की विक्रांत लंच टाइम मे बाकी सब से अलग एक तरफ बैठ कर खाना खा रहा था। मैं भी उधर ही कहीं शांति से बैठने के लिए जगह देख रही थी की तभी मैने देखा की विक्रांत वहां अकेला बैठ कर खाना खा रहा था। मैने उसे हेलो कहा और मैं भी वहीं पास में बैठ गई। हम बात कर ही रहे थे की एक लड़का अपने कुछ दोस्तों के साथ विक्रांत के पास आया और परेशान करने लगा। मैने उन्हे रोकने करने की कोशिश की तो उनमें से एक लड़का मुझपर हाथ उठने के लिए आगे आया। वो लड़का मुझ पर हांथ उठाने ही वाला था की तभी विक्रांत बीच मे आ गया और उसे चोट लग गई और उसके मुंह से खून आने लगा। उससे पहले मैं विक्रांत को नही जानती थी। उसी समय हम दोनो की दोस्ती हो गई।” सुप्रिया ने अपनी और विक्रांत की दोस्ती के बारे मे रूपाली को सब कुछ बता दिया।
सुप्रिया की पूरी बात सुनने के बाद रूपाली ने मुस्कुराते हुए सुप्रिया से पूछा–“तू मुझे सच सच बता। तुम दोनो मे सिर्फ दोस्ती ही है या उससे बढ़कर कुछ है...?"
रूपाली का सवाल सुनकर सुप्रिया शर्माने लगी। “अरे नही यार... हम बस अच्छे दोस्त हैं। मुझे तो उसके बारे में ज्यादा कुछ पता भी नही है। आजतक मैने उससे ज्यादा कुछ पूछा भी नही।” सुप्रिया ने रूपाली से कहा। सुप्रिया की बात सुनकर रूपाली का शक दूर हो चुका था।
Story to be continued.......