Shadow Of The Packs - 2 Vijay Sanga द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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Shadow Of The Packs - 2

अगले दिन कॉलेज में खबर आती है की रोहन की मौत हो गई है। लोगों का कहना था की किसी जानवर ने उस पर हमला करके उसे मार दिया। ये रोहन वही लड़का था जिसने एक दिन पहले विक्रांत पर हाथ उठाया था ।

ये खबर कॉलेज में आग की तरह फैल जाती है। किसी को समझ नही आ रहा था की अचानक ऐसा कैसे हो गया! सब सोच में पड़ गए की ये किस जानवर का काम होगा? वैसे रोहन के घर पर एक कुत्ता था। मगर वो उसका पालतू कुत्ता था। वो रोहन पर हमला तक नही करता था तो उसे जान से मारना तो बहुत दूर की बात थी।

ये केस ऑफिसर पवन कुमार के अंडर आया। पवन कुमार बहुत उलझन में थे। क्योंकि रोहन की लाश पर जैसे जख्म थे, वो बिलकुल वैसे ही जख्म थे जो कुछ समय पहले जंगल में मिले लाश में पाये गए थे। मगर ये कैसे हो सकता था! जंगल और रोहन के घर के बीच में दूरी लगभग 40 किलोमीटर की थी। वो जानवर इतनी दूर आकर किसी को कैसे मार सकता था? क्या ये उसी जानवर का काम था, या उस जैसा दूसरा जानवर भी था।

पवन कुमार ने रोहन के घर के आस पास के घरों के लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि हम लोगो ने रात में कुत्ते के लगातार भौंकने की आवाज सुनकर उन सबकी नींद खुल गई। उन्होने जब रोहन के घर के पास आकर देखा तो रोहन का कुत्ता ऊपर बिल्डिंग की छत की तरफ देखकर लगातार भोंक रहा था। फिर लोगों ने देखा की खिड़की पर रोहन की लाश लटक रही थी।


लोगों ने बताया की रोहन घर में अकेला ही था। उसके मां बाप बिजनेस के के सिलसिले मे बाहर गए हुए थे। उन्होंने रात मे ही रोहन के मम्मी पापा को फोन करके इस बारे मे बता दिया था। अपने बेटे के बारे मे सुनने के बाद रोहन के मम्मी पापा अपना सारा काम धाम छोड़कर वापस घर आ गए।

पवन कुमार ने रोहन के कॉलेज जाकर पूछ ताछ की तो पता चला की एक दिन पहले रोहन की किसी से लड़ाई हो गई थी। पवन कुमार ने दूसरो से पूछा तो उन्होंने बताया की विक्रांत नाम के लड़के से उसकी लड़ाई हो गई थी । जब पवन कुमार ने विक्रांत से बात की तो पता चला की रोहन ने सुप्रिया पर हाथ उठाने की कोशिश की था। विक्रांत बस बीच बचाव मे सुप्रिया के आगे आ गया था, और इसी दौरान रोहन का थप्पड़ विक्रांत के गाल पर लग गया था। विक्रांत ने ये भी बताया की बात वहीं पर खत्म हो गई थी।

पवन कुमार को भी विक्रांत पर शक करने वाली कोई बात नही लगी। उन्हे विक्रांत बहुत सीधा साधा लड़का लगा। इसलिए पवन कुमार ने उसे आगे कुछ नहीं पूछा और जाने दिया ।

इस हादसे ने लोगों को डरा कर रख दिया था। लोगों को रात मे घर से बाहर निकलने से दर लगने लगा था। पुलिस ने भी लोगों को समझाया की रात मे अकेले इधर उधर ना जाएं। इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है। पवन कुमार को पूरी तरह यकीन नही था की रोहन को किस जानवर ने मारा था। इसलिए उन्होने लोगों को सावधान रहने के लिए कहा था।

ऑफिसर पवन कुमार कड़ियों को जोड़ने की कोशिश करने लगे। पवन कुमार ये जानना चाहते थे की रोहन के जख्मों के निशान बिलकुल जंगल मे मिली लास के निशान से मिलते जुलते क्यों थे? क्या सच मे जंगल मे जो जानवर लोगों पर हमला कर था, उसने ही रोहन पर हमला किया था! पर ऐसा कैसे हो सकता था? रोहन का घर उस जंगल से लगभग 40 किलोमीटर दूर था। इतनी दूर किसी शहरी छेत्र मे जाकर कोई जानवर किसी को कैसे मार सकता था? पवन कुमार को इन बातों ने उलझन मे डाल दिया था।

पवन कुमार को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की वो इस केस को कैसे सुलझाये? तभी पवन कुमार को किसी ने बताया की जंगल के दूसरी तरफ एक छोटा सा गांव है जहां एक 90 साल के एक बुजुर्ग हैं। लोगों ने पवन कुमार से कहा की वो उस बुजुर्ग से जाकर मिल ले। शायद वो बुजुर्ग पवन कुमार की कोई मदद कर पायें!

पवन कुमार अपनी छान बीन में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। इसलिए वो इस बुजुर्ग व्यक्ति से मिलने चले गए। “बाबा...! क्या आप जंगल में हो रहे हादसों के बारे मे मुझे कुछ बता सकते हो?” पवन कुमार ने बाबा से पूछा। “बेटा जब मैं छोटा था तब मैने अपने बड़े बुजुर्गो से सुना था की इस जंगल में एक ऐसा जीव है, जो बहुत ही भयानक और खूंखार है। मेरे बुजुर्गों ने मुझे बताया था की वो जीव अमर है। वो कई सदियों से इस जंगल में रह रहा है। पहले वो किसी पर हमला नही करता था। पर कहते हैं की जबसे जंगल में पेड़ों की कटाई होने लगी है, तबसे उस जीव ने लोगो पर हमला करना शुरू कर दिया है। उसके गुस्से का कारण जंगल को होने वाला नुकसान है। वो कई सदियों से इन जंगलों में रह रहा है। ये जंगल ही उसका घर है।” बाबा ने पवन कुमार को उस रहस्यमई जीव के बारे मे सब कुछ बताया। बाबा की बात सुनने के बाद पवन कुमार सोचने लगें की क्या सचमे इन जंगलों में ऐसा कोई जीव है? या ये सिर्फ मनघड़त कहानी मात्र है!

दूसरी तरफ विक्रांत भी ये सोच रहा था की रोहन के साथ ऐसा किसने किया होगा। वो भले ही रोहन से गुस्सा था, पर रोहन के साथ ऐसा हो वो कभी नहीं चाहता था ।

कॉलेज में प्रिंसिपल ने भी सभी स्टूडेंट्स को मीटिंग हॉल में जमा होने को कहा। वो स्टूडेंट्स को कुछ जरूरी सूचना देना चाहते थे। “आप सबको तो पता ही होगा की हमारे कॉलेज के एक स्टूडेंट के साथ कितना भयानक हादसा हुआ! आप लोगो को यहां ये बताने के लिए बुलाया गया है की आप लोग सतर्क और सावधान रहें। आप सबकी सुरक्षा को नजर मे रखते हुए हमने कॉलेज की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। अब से हर समय सिक्योरिटी वाले कॉलेज के चारों तरफ मौजूद रहेंगे।” इतना कहने के बाद प्रिंसिपल ने सभी स्टूडेंट्स को अपनी अपनी क्लास मे जाने के लिए बोल दिया।

दूसरी तरफ पवन कुमार भी पूरे जोर शोर से इस केस के हादसे की जड़ तक पहुंचकर इन सबकी सच्चाई पता करने में लगे हुए थे। पवन कुमार ने गांव वाले कुछ लोगो को थाने मे बुलवाया हुआ था। ये वही लोग थे जिन पर जंगल में उस जीव ने हमला किया था। पवन कुमार ने एक स्केच आर्टिस्ट को भी बुलाया हुआ था। “आप लोगों ने उस दिन जंगल में जिस जीव को देखा उसका हुलिया, वो कैसा दिखता था, आप लोग इन्हें बताइए। ये एक स्केच आर्टिस्ट हैं। ये आपके बताए मुताबिक उस जीव का स्केच बनाएंगे। उसके आधार पर हम अपनी आगे की छान बीन जारी रख पाएंगे। पवन कुमार ने स्केच आर्टिस्ट की तरफ इशारा करते हुए उन लोगों से कहा।

वहीं दूसरी तरफ सुबह सुबह विक्रांत तैयार होकर कॉलेज जाने के लिए रवाना हो गया। रास्ते में अचानक उसकी बाइक के सामने एक बुजुर्ग आ गए। अगर उसने सही समय पर ब्रेक नही लगाया होता तो उसका एक्सीडेंट हो सकता था। “बाबा...! आपको कुछ हुआ तो नही ना! आप ठीक तो हैं ना?” विक्रांत ने उस बुजुर्ग आदमी से पूछा।

बाबा ने जैसे ही विक्रांत को देखा तो उनके चेहरे पर घबराहट छा गई। वो नजर नीचे करते हुए बोले–“बेटा मैं बिलकुल ठीक हूं , तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया।” ये बुजुर्ग व्यक्ति और कोई नही बल्कि किशनलाल थे। वही व्यक्ति जिन्होंने ऑफिसर पवन कुमार को जंगल में कई सदियों से रह रहे रहस्यमयी जीव के बारे में बताया था।

किशनलाल ने जैसे ही विक्रांत को देखा तो उनकी किसी वजह से घबराहट सी होने लगी। उन्हें किसी बड़ी शक्ति का आभास हो रहा था। “बाबा...! क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूं? क्या मैं आपको कहीं छोड़ दूं?” विक्रांत ने किशनलाल से पूछा।

“अरे नही बेट, मेरा घर पास में ही है, मैं चला जाऊंगा।” किशनलाल ने विक्रांत से कहा।

“ठीक है बाबा, आप अपना खयाल रखिएगा, मैं अब चलता हूं।” इतना कहकर विक्रांत अपने कॉलेज जाने के लिए रवाना हो गया।