बेपनाह मोहब्बत - 5 Wishing द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बेपनाह मोहब्बत - 5

अब तक :

शिवाक्ष अंजली के रास्ते में ही खड़ा था तो अंजली उससे फिर से टकरा गई । वो टकराकर गिरने लगी तो शिवाक्ष ने एक हाथ से उसकी कमर को थाम लिया । और दूसरे हाथ से उसके हाथ को पकड़ लिया । दोनो एक दुसरे की आंखों में देखने लगे । ।

अंजली की धड़कने बढ़ने लगी । उसकी सांसें गहरी चल रही थी ।

अब आगे :

श्वेता ने दोनो को इतना करीब देखा तो उससे बर्दाश्त नही हुआ । वो जल्दी से उनकी ओर गई । । अंजली ने छूटने की कोशिश की तो शिवाक्ष ने उसे सीधा खड़ा करके छोड़ दिया ।

अंजली ने अपने हाथ को पकड़े हुए शिवाक्ष के हाथ को देखा और फिर शिवाक्ष को दूर धकेलकर अंदर भाग गई ।

शिवाक्ष अंजली के धक्के से लगभग गिरने ही वाला था कि अक्षत ने आकर उसे गिरने से संभाल लिया । शिवाक्ष जाती हुई अंजली को देखने लगा ।

श्वेता " how dare she... ?? राजीव की आंखों में मिट्टी डाली और तुम्हे धक्का देकर भाग गई शिवाक्ष... । She will have to pay for this.... " ।

शिवाक्ष ने गहरी आवाज में कहा " exactly... she will... " । बोलकर शिवाक्ष अंजली के पीछे चल दिया तो बाकी लोग भी उसके पीछे चले गए ।

आकाश ने सबको अंदर जाते देखा तो वो भी झट से मेन गेट से अंदर आ गया । और भागते हुए अपनी क्लास में चला गया ।

वहीं भागते हुए अंजली स्टाफ रूम के बाहर पहुंच गई । उसने अपने दुपट्टे से चेहरे पर लगे पाउडर को साफ किया और स्टाफ रूम के अंदर चली गई ।

अंजली अंदर आई तो सभी प्रोफेसर अपने अपने रजिस्टर लिए क्लासेज में जा रहे थे ।

एक प्रोफेसर से अंजली ने पॉलिटिकल साइंस फर्स्ट ईयर की लैक्चरर के बारे में पूछा तो इत्तेफाक से वही वो लेक्चरर थी । उसने मुस्कुराते हुए कहा " मैं ही 1st year को political science पढ़ा रही हूं । और अभी क्लास लेने ही जा रही हूं। तुम्हें जो भी काम है वो क्लास के बाद में बात करेंगे.. ।" ।

अंजली ने सिर हिला दिया । और उनके साथ साथ क्लास की ओर चल दी ।

स्टाफ room से बाहर निकली तो bully gang बाहर ही खड़ी थी ।

अंजली ने bully gang को देखा और फिर प्रोफेसर को । उसे विश्वास था कि जब तक वो प्रोफेसर के साथ है.. वो लोग उसे कुछ नही कर सकते.. । अंजली उनके सामने से होते हुए अपनी क्लास की ओर निकल गई ।

शिवाक्ष उसे एक टक घूरता रहा । बाकी सब को भी उस पर गुस्सा आ रहा था । वहीं अक्षत उसे देखकर मुस्कुरा दिया । उसे अंजली की सूझ बूझ काफी पसंद आई ।

अंजली क्लास में गई तो आकाश के पास जाकर बैठ गई ।

आकाश " तुम आ भी गई... । मुझे तो लगा था कि वो लोग तुम्हे पकड़ ही लेंगे... " ।

" हान.. एक पल को तो मुझे भी लगा.. पर फिर मैं बच निकली... " बोलते हुए अंजली ने राहत की सांस ली ।

आकाश अंजली की हिम्मत की तारीफ करते बोला " तुम तो सच में बहुत हिम्मत वाली और smart हो । अरे जिन लोगों से बात तक करने में डर लग रहा था उन लोगों को तुम चकमा देकर भाग गई । मुझे तो अभी भी यकीन नही हो रहा "।

अंजली " इस बात का यकीन तो मुझे हो गया है आकाश.. लेकिन अब आगे वो लोग क्या करेंगे.. इस बात का कोई भरोसा नहीं है... । उनकी आंखों में भरा गुस्सा हर दिन बढ़ता ही जा रहा है... । ये सब होने के बाद bully gang मुझे छोड़ दे ऐसा तो हो ही नहीं सकता । " बोलते हुए अंजली के चेहरे पर परेशानी के भाव आकाश साफ देख सकता था ।

प्रोफेसर ने लेक्चर देना शुरू किया तो दोनो ने अपना ध्यान लेक्चर में लगा लिया ।

दूसरी ओर :

Bully gang music रूम में बैठी हुई थी ।

माही राजीव की आंख में फूंक मार रही थी ।

राजीव "अरे हद हो गई यार.. समझती क्या है अपने आप को ! जो हमसे पंगा ले रही है। एक बार मिले तो सही उसकी सारी अकड़ ठिकाने लगा दूंगा... ।" श्वेता " और क्या.. आंख फाड़ने की तैयारी कर ली थी उसने तो... "।

मालविका " hmm.. कितनी सारी मिट्टी चेहरे के उपर फेंक दी... । राजीव की आंख में तो अभी भी धूल घुसी हुई है... " ।

इस पर अक्षत बोला " sorry gyes.. पर मुझे नही लगा कि उसने आंख में मिट्टी मारनी चाही थी.. । जितना मैने देखा तो उसने कंधे की तरफ मिट्टी फेंकी थी.. । आंख में धूल फेंकना उसका इरादा मुझे नही लगा... । " ।

श्वेता " तुम्हे कोई और कहां से गलत लगेगा अक्षत... । तुम तो सिर्फ हमे ही गलत समझते हो ना.. "।

अक्षत " मैं सिर्फ गलत को गलत बोलता हूं श्वेता.. । तुम लोग कब समझोगे... ?? " ।

श्वेता " कभी नहीं.. । इस झांसी की रानी को खांसी ना लगा दी तो मैं अपना नाम बदल दूंगी.... । i will not gonna spare her " बोलते हुए श्वेता ने शिवाक्ष को देखा फिर बाजुएं बांध ली... । और कुछ सोचने लग गई ।

माही " वैसे हिम्मत तो वाकई उसमे बोहोत है... । मासूम सा चेहरा लेकिन खुराफाती दिमाग है... " ।

" हान.. हिम्मत तो इतनी है कि जो किसी पर ध्यान नही देता वो उसपर ध्यान देने लगा है... " बोलते हुए अक्षत ने शिवाक्ष को देखा जो उनकी बातों को कोई ध्यान ना देते हुए अपना गिटार पकड़े कोई धुन बजा रहा था । वो गिटार तो बजा रहा था लेकिन उसका ध्यान कहीं और ही लगा हुआ था ।

श्वेता उसके सामने बैठकर उसे निहारने लगी । बाकी सब भी उसके पास बैठकर उसका गिटार सुनने लगे ।

अंजली और आकाश की क्लासेज खतम हुई तो दोनो कॉलेज से बाहर निकल गए ।

आकाश ने उदास से लहजे में कहा " आज खुशी नही आई थी.. तो अच्छा नही लगा... " ।

अंजली में उसे कुछ पल देखा और फिर पूछा " मतलब तुम्हे मेरे साथ अच्छा नही लगा आकाश.. " ।

आकाश ने सुना तो बोला " अरे नहीं नहीं.. तुम गलत समझ रही हो.. । मेरा वो मतलब नही था अंजली.... । मैं कहना चाह रहा था कि दो से भले 3 होते हैं ना.. और bully gang से जब परेशान होते हैं तो कोई हंसाने वाला साथ हो तो अच्छा लगता है.. और वो इस तरह की बातें करती है कि कोई भी हंस दे....। और तुमने ही तो कहा था दो से भले तीन । " ।

अंजली ने सिर हिलाया और बोली " hmm... बात तो तुम्हारी सही है... । Miss तो मैने भी उसे किया.... " बोलते हुए अंजली आस पास देखने लगी ।

आकाश ने उसे आस पास झांकते देखा तो पूछा " क्या देख रही हो अंजली... । किसी को ढूंढ रही हो क्या.. ?? " ।

" hmm.. bully gang... " बोलते हुए अंजली ने वापिस आकाश को देखा ।

आकाश भी इधर उधर देखते हुए बोला " पर तुम उनको क्यों ढूंढ रही हो..?? अरे अच्छा है ना वो आसपास नहीं है । हमें सुकून मिलेगा... " ।

अंजली " यही तो फिक्र वाली बात है आकाश.. । मुझे पूरा यकीन है कि वो लोग मुझे ऐसे नही जाने देंगे... । सुबह मैने उनकी ओर मिट्टी फेंकी थी.. । और वो एक लड़के की आंख में चली गई थी । मैने आंख में मारा नही था लेकिन वो लोग तो यही समझेंगे ना कि मैने जान बूझकर आंख में मारा.. ।

पर चाहे जो भी हुआ हो और जैसे भी हुआ हो.. परेशान तो वो मुझे करेंगे ही.. इतना मुझे समझ में आ गया है... " ।

आकाश " तो अभी क्या करेंगे... ?? " ।

अंजली ने कुछ सोचा और फिर बोली " पता नही.. फिलहाल मैं रूम जाती हूं और तुम अपने घर जाओ... । बाकी जो होगा वो तो होगा ही देख लेंगे... " ।

आकाश ने सिर हिलाया और बोला " ohk bye.. संभल कर जाना... " बोलकर आकाश बस में चढ़ गया जो उसी वक्त वहां आकर रूकी थी ।

अंजली ने उसे bye किया और अपने रूम की ओर चल पड़ी ।

अंजली थोड़ी आगे आई ही थी कि इतने में एक गाड़ी तेज़ी से आकर उसके सामने रुकी । अंजली अचानक से गाड़ी के रुकने से थोड़ा घबरा गई ।

और उससे दूर हट गई ।

गाड़ी का दरवाजा खुला तो bully gang उसमे से बाहर निकली ।

" oh no... मुझे लगा ही था कि ये लोग ही होंगे.. । ऐसा हो ही नही सकता कि ये मुझे छोड़ दें.. " फुसफुसाते हुए अंजली उनको देखने लगी और अपने पांव पीछे की ओर लेने लगी ।

राजीव उसकी ओर आगे बढ़ते हुए बोला " अरे कदम पीछे कहां ले जा रही हो.. सामने की ओर लो यार.. । बराबरी का मुकाबला करते हैं... "।

अंजली " ये मुकाबला बराबरी का कैसे हुआ भला.. आप लोग 6 और मैं अकेली... " ।

मालविका भी राजीव के साथ उसकी ओर बढ़ते हुए बोली " अरे तो हमने थोड़ी कहा था तुम्हे अकेले भिड़ने के लिए.. । तुम भी ग्रुप को साथ लेकर आती ना... । " ।

अंजली ने कुछ जवाब नही दिया और सरपट वहां से पास के जंगल में भाग ली । उसने एक बार भी पलटकर पीछे नही देखा ।

उसे नहीं पता था कि वो उस जंगल में कहां जा रही थी । उसे इस वक्त बस उन लोगों से बचकर भागना था ।

कुछ आगे जाने के बाद वो रुक गई और पीछे मुड़कर देखने लगी । उसे दूर दूर तक कोई नहीं दिखाई दिया । उसने गहरी सांसें लेते हुए खुदको शांत किया । भागने की वजह से उसकी सांसें तेज थी और वो थक भी गई थी ।

उसकी सांसे थोड़ी normal हुई तो किसी ने उसके कंधे पर हाथ रख दिया । अंजली ने पीछे मुड़कर देखा तो पीछे राजीव खड़ा था ।

अंजली ने मुड़कर उस रास्ते को देखा जहां से वो भागकर आई थी और फिर सामने खड़ी bully gang को देखने लगी ।

राजीव " च च च... क्या हुआ.. ?? अरे हम पागल थोड़ी हैं जो तुम्हारे पीछे भागेंगे.. । यहां पर और भी कई रास्ते हैं जहां से हम बिना भागे तुम्हारे पास आसानी से पोहंच सकते हैं... । वो देखो.. " बोलते हुए राजीव ने उंगली से इशारा करके उसे दिखाया । अंजली ने देखा तो सामने सड़क थी जहां उनकी जीप खड़ी थी.. ।

माही आगे आई और बोली " भागते भागते तुम.. जंगल की दूसरी तरफ को निकल गई.. । कितना आसान था तुमने पकड़ना तो... । मुझे लगा कि बोहोत भगाओगी.... जैसे कल कॉलेज ग्राउंड में भगाया था... " । बोलते हुए माही ने अंजली के चिन को पकड़ा और उसे पुचकार दिया ।

अंजली अपने कदम पीछे लेने लगी तो शिवाक्ष ने उसे बाजू से पकड़ा और उसकी पीठ को पेड़ से लगा दिया । और अपने दोनो हाथों को उसके दोनो ओर पेड़ पर टिका दिया ताकि वो निकलकर भाग न सके... ।

शिवाक्ष अपना चेहरा अंजली के नजदीक लाकर बोला "game over.... हमने तुम्हे पकड़ लिया । अब कहां भगोगी बचकर... ?? " ।

अंजली कुछ नही बोली ।

राजीव " शिव ये सिर्फ बचती ही नहीं बल्कि बचाती भी है । बोहोत ज्यादा हिम्मत है इसमें.. इससे पंगा नही लेना चाहिए हम लोगों को.. " ।

" हान हान बिल्कुल... लेकिन क्या है ना... इस हिम्मत से हम लोगों को कुछ खास काम नही है.... तो अब हम इस हिम्मत का हम omlet बना कर खायेंगे । Right gyes.. ?? " बोलते हुए श्वेता ने अपने दोस्तों को देखा ।

" yes... " सबने एक साथ कहा.. । बस शिवाक्ष और अक्षत कुछ नही बोले ।

शिवाक्ष अंजली के चेहरे को देखने लगा जो भागने की वजह से लाल पड़ चुका था । न जाने क्यों वो अपनी नजरें उसके चेहरे से हटा ही नहीं पा रहा था ।

अंजली ने नीचे झुक कर भागने की कोशिश की तो शिवाक्ष भी उसके साथ नीचे झुक गया । दोनो की नाक आपस में छू गई । " च.. च..Bad try.. " बोलते हुए शिवाक्ष तिरछा मुस्कुरा दिया ।

" ohk.. once more... । फिर से कोशिश करो... " शिवाक्ष ने कहा तो अंजली उसके हाथों को पेड़ से हटाने की कोशिश करने लगी ।

पर वो शिवाक्ष को बिल्कुल भी नही हिला पाई ।

राजीव हंसने लगा और हंसते हुए जमीन पर बैठ गया और बोला " चींटी वर्सेज हाथी... " ।

राजीव की बात पर सब हंस दिए ।

अक्षत को भी हंसी आ गई ।

शिवाक्ष राजीव को घूरते हुए कन्फर्म करते हुए सवालिया लहजे में बोला " मैं हाथी... ?? " ।

राजीव ने उसे घूरते देखा तो हंसना बंद करते हुए बोला " अरे मतलब ताकत के मामले में बोला यार.. बाकी तूझसे ज्यादा हैंडसम नौजवान तो पूरे एरिया में कोई नही मिलेगा भाई... " बोलकर राजीव खड़ा हो गया ।

शिवाक्ष ने अंजली को सिर टेढ़ा करके देखा और बोला " हो गया... ?? " ।

अंजली मुंह फुलाए उसे देखने लगी ।

श्वेता शिवाक्ष के पास आई और उसे अंजली से दूर करके अंजली के सिर पर अंडा फोड़ते हुए बोली " ये लो एक और ब्यूटी प्रोडक्ट... " ।

मालविका ने आकर अंजली के हाथों को पकड़ लिया ।

अंजली ने आंखें मूंद ली.... । अंडे के अंदर का लिक्विड पार्ट अंजली के माथे से टपकने लगा ।

श्वेता ने और भी अंडे लिए और उसके सिर पर फोड़ दिए ।

अंजली " ये आप गलत कर रहे हैं... आप अंडों को क्यों फोड़ रहे हैं... । किसी को मारकर आपको क्या मिल जायेगा... । आप अंडों को मत फोडिए प्लीज.. " ।

श्वेता " कुछ मिले न मिले लेकिन तुमसे छुटकारा जरूर मिल जायेगा.... । " । ।

अंजली गुस्से से और हैरानी से उसे देखने लगी । उससे छुटकारा मिल जाएगा से श्वेता का क्या मतलब था ।

श्वेता ने अंडों से उसके पूरे बाल खराब कर दिए । और अंजली के मना करने के बाद तो वो दो दो अंडे एक साथ फोड़ने लगी ।

अक्षत को लगा कि श्वेता का अब ज्यादा हो रहा है तो उसने आगे आकर मालविका को अंजली के हाथ छोड़ने को कहा और श्वेता को रोकते हुए बोला " बस श्वेता.. बोहोत हो गया.. । छोड़ो अब इसे... " ।

श्वेता " अक्षत.. तुम साइड ही रहो तो अच्छा है.. । हम जो कर रहे हैं वो तुम्हे दिखाई दिया लेकिन सुबह इसने जो किया.. वो तुम्हे दिखाई नहीं दिया । " । बोलते हुए श्वेता ने अक्षत को पीछे कर दिया ।

उसने अंजली को पेड़ के पास से साइड किया और धक्का देकर नीचे गिरा दिया ।

अंजली को नीचे गिरा देख अक्षत आगे जाने लगा पर इससे पहले ही श्वेता ने हाथ में मिट्टी उठा ली और अंजली के पास घुटनों के बल बैठ गई ।

श्वेता ने माही को इशारा किया तो माही ने उसके हाथ की मिट्टी पर पानी डाल दिया ।

श्वेता ने एक हाथ से अंजली के चेहरे को पकड़ा तो अंजली ने उसके हाथ को दूर झटक दिया । मालविका ने आकर अंजली के दोनो हाथों को पकड़ लिया । अंजली ने सिर नीचे झुका लिया ।

राजीव उसके पास आया और उसके चेहरे को पकड़कर सीधा कर दिया । श्वेता ने उसके चेहरे पर अपने हाथ की मिट्टी लगा दी ।

अंजली को अपने चेहरे पर कुछ पत्थरों के चुभने का भी एहसास हुआ । उसे महसूस हुआ कि उसका चेहरा उस मिट्टी से छिल भी गया था । और श्वेता बोहोत जोर से मिट्टी को उसके चेहरे पर रगड़ रही थी ।

शिवाक्ष ने देखा तो अंजली के पास आकर सबको उससे दूर हटाते हुए बोला " बस... । अब दूर हटो... " बोलकर शिवाक्ष खुद उसके पास घुटनों के बल बैठ गया । ।

अंजली की आंखों में आसूं भर आए । वो थोड़ा सा सुबकने लगी । शिवाक्ष ने उसके चेहरे को हाथ लगाना चाहा तो अंजली ने उसका हाथ झटक दिया ।

शिवाक्ष ने उसके हाथ को पकड़ा और उसके चेहरे पर लगी मिट्टी को हल्के हाथ से थोड़ा हटाते हुए बोला " Haapy Mud holi " ।

अंजली गुस्से से भरकर उसे देखने लगी । शिवाक्ष ने उसकी आंखों में देखा और उसे छोड़कर खड़ा हो गया । शिवाक्ष ने उसकी ओर हाथ बढ़ाया तो अंजली उसे बस घूरती रही ।

राजीव ने उसे देखा तो बोला " aww.. तुम्हे गुस्सा आ रहा है... ?? मरोगी क्या... ?? "। बोलते हुए वो उसके पास घुटनों के बल बैठा और उसका हाथ पकड़ने लगा ।

अंजली के चेहरे पर मिट्टी लगी थी पर फिर भी राजीव को उसे देखते रहने का मन था... । वो उसे देख ही रहा था कि अंजली ने उसे दूर धकेल दिया । । घुटने के बल बैठा होने के कारण राजीव पीछे की तरफ पलट गया ।

राजीव पीछे पलटा तो न खड़ी हो गई ।

राजीव को माही ने संभाला । राजीव भी खड़ा हुआ और बोला " क्या हुआ.. ? हार बर्दाश्त नहीं हो रही क्या... ?? " ।

अंजली " हार किस बात की.. ?? मैं तो हार कर भी जीत गई हूं और जिस जीत पर आप लोग इतना खुश हो रहे हैं ना.. वो actual में आप लोगों की हार है। आप इतने सारे लोग मिलकर मुझ अकेली से लड़ रहे हैं । इसका मतलब मैं अकेली ही आप सब लोगों पर भारी हूं। " ।

राजीव हंस दिया और बोला " तुम्हे क्या लगता है.. ?? हम अकेले अकेले तुम्हारा मुकाबला नही कर सकते... ?? "

अंजली ने चेहरे से मिट्टी हटाई और बोली " उसके लिए अकेले लड़ने की हिम्मत होनी चाहिए.. जो आप लोगों में नही है.. " बोलकर अंजली वहां से निकल गई ।

राजीव उसके पीछे जाने लगा तो शिवाक्ष ने उसे रोक लिया और बोला " let her go right now." ।

श्वेता " पर शिवाक्ष.... वो कुछ भी बोलेगी और हम सुन लेंगे क्या... ? मुझे नही लगता इसको ऐसे जाने देना चाहिए... " ।

मालविका " और क्या.. राजीव को धक्का मारा उसने.. और तुम उसे जाने देना चाहते हो.. "।

शिवाक्ष ने गहरी सांस ली और बोला " बहस करनी है तो जो उसके पीछे जाना चाहता है जाओ.. । मैं नही आ रहा... " बोलकर शिवाक्ष गाड़ी की ओर चल दिया । अक्षत भी उसके साथ चला गया ।

राजीव माही मालविका और श्वेता ने एक दूसरे के चेहरे को देखा ।

राजीव " शिव.. के बिना क्या फायदा... । मैं भी नही आ रहा.. " । कहकर राजीव भी उनके साथ ही चला गया ।

माहि " मुझे नही लगता अब जाना चाहिए.. । जब शिवाक्ष ने ही मना कर दी तो कोई प्वाइंट ही नही बनता... " बोलकर माही भी चली गई ।

श्वेता ने मुट्ठी बनाई और पैर पटकते हुए वो भी मालविका के साथ निकल गई ।

सब लोग जंगल से बाहर आकर जीप में बैठ गए और राजीव ने जीप चला दी ।

शिवाक्ष कुछ काम का कहकर कॉलेज के पास ही उतर गया । और उसी सड़क पर चल दिया जहां अंजली गई थी ।

थोड़े आगे जाने पर शिवाक्ष को अंजली दिखाई दे गई । शिवाक्ष थोड़ा दूर खड़े होकर उसे देखने लगा । अंजली रास्ते में लगे नल के पास अपना चेहरा साफ कर रही थी । चेहरा धोकर वो बालों से अंडे के छिलके और व्हाइट पार्ट को हटाने लगी ।

अंजली दुपट्टे से अपना चेहरा पोंछने लगी तो देखा कि दुपट्टा बाल से अंडा निकालते हुए पूरा गंदा हो चुका था ।

शिवाक्ष ने अपनी जेब पर हाथ रखा तो उसमें एक रुमाल था । शिवाक्ष के पास से कुछ स्कूल के बच्चे गुजरे तो शिवाक्ष ने एक बच्चे को रोककर रुमाल पकड़ाया और जाकर अंजली को देने के लिए कहा ।

बच्चा रुमाल लेकर चला गया ।

बच्चे ने रुमाल अंजली को दिया तो अनरने पूछा " ये किसने दिया है... ?? " ।

बच्चा " वो वहां एक भैया थे उन्होंने दिया है.. " बोलते हुए बच्चे ने शिवाक्ष की ओर इशारा किया । अंजली ने उस ओर देखा तो वहां कोई भी नहीं था ।

उसने बच्चे से फिर पूछना चाहा पर तब तक बच्चा वहां से चला गया था ।

अंजली रुमाल को देखने लगी । वहीं शिवाक्ष पेड़ के पीछे छिपकर अंजली को देखने लगा ।

अंजली ने रुमाल देखा तो उस पर सुंदर अक्षरों में S लिखा हुआ था ।

अंजली ने फिर से सामने की ओर देखा तो शिवाक्ष फिर से पेड़ के पीछे छुप गया ।।

" पता नही किसने दिया है.. । और ऐसे किसी का भेजा हुआ रुमाल मैं इस्तेमाल भी नहीं कर सकती... । क्या पता किस इंटेंशन से भेजा हो... । आज कल सही इंटेंशन से कौन मदद करता है.. । यहीं छोड़ जाती हूं... जिसका होगा वो ले जायेगा... " बोलकर अंजली ने वहीं पर रूमाल फेंक दिया और वहां से चली गई ।

शिवाक्ष ने देखा तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया । वो नल के पास आया और वह रुमाल के पास आकर उसे उठाते हुए जाती हुई अंजली को देखते हुए इरिटेट होकर बोला " what the hell... !! रुमाल फेंक दिया.. ? ऐसा कौन करता है भला ? भलाई का तो ज़माना ही नहीं है । मैं तो मदद करने आया था.. पर मेरे रुमाल को लावारिस की यह फेंक कर चल दी महारानी.. । शिव तू आया ही क्यों है इधर ? What's wrong with you man... । It's just ridiculous.... " बोलते हुए शिवाक्ष ने रुमाल लिया और नाक चढ़ाकर वहां से निकल गया ।

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आखिर क्या है जो शिवाक्ष को अंजलि की ओर खींचते हुए ले आया ??

क्यों वह उसे देखते ही कहीं खोने सा लगा है ??