Shyambabu And SeX - 47 Swati द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ

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Shyambabu And SeX - 47

47

टाइम पास 

 

 

अब दोनों उसकी गाड़ी के पीछे बड़ी सावधानी से लगे हुए हैं, तभी बाइक चलाता संजू राकेश की तारीफ करते हुए बोला,

 

अच्छा हुआ,  जो तूने कैंटीन में इस बाबू को फ़ोन पर बात करते सुन लिया था, अब आएगा मज़ा।

 

राकेश ने भी खुश होते हुए कहा,  “एक बार यह बाबू हाथ में  आ जाए तो बात बन जाए।“ 

 

उस दिन यह बच गया था,  मगर आज नहीं बचेगा। 

 

रास्ते में  जाते हुए,  श्याम की गाडी की टक्कर एक स्कूटर वाले से हो गई  और वह गाड़ी  से निकलकर, उससे बात करने लग गया, इसी  बीच श्याम की नज़र उसकी नज़रो से छुपते संजू और राकेश पर गई  तो वह सारा मामला  समझ गया और उसने  वही से गाड़ी मोड़ ली। संजू समझ गया कि अब वह घर जा रहा है,  इसलिए उन्होंने सिर  धुनते हुए, अपनी बाइक भी उसके पीछे से हटा दीं।

 

शाम को जब इमरती क्लॉस लेकर घर पहुँची तो बबलू बेकरी पर अपने नौकर सोनू को बिठाकर अंदर गया और शीशे के सामने  खड़ी, इमरती को पीछे से पकड़ लिया,  उसने उसे धक्का मारते हुए कहा, “अभी भी डेढ़ दो महीने पड़े है, तुम्हें सब्र नहीं होता।“ उसने इमरती के मोह से यह सुना तो हैरान हो गया,  वह उस घूरने लगा,  अब इमरती प्यार से बोली,  “मैं  तो हमेशा से ही तुम्हारी हूँ और तुम्हारी रहूंगी , फिर क्यों बेकार में मेरी वजह से कोई खतरा  लेते हो।“ उसने इमरती को तो कुछ कहा  नहीं, मगर उसे फिर लगने लगा कि कहीं कुछ गड़बड़ है।

 

गायत्री घर का सामान लेने के लिए एक मॉल में शॉपिंग कर रही है। बिग बाज़ार में  घर का सामान खरीदते हुए उसकी नज़र  एक कोने में  कुछ खाने के पैकेट  खरीदती सुजाता  पर गई तो वह उसे  देखकर,  उसकी और बढ़ने लगी,  चलो, अच्छा है, यह मिल गई,  साथ में शॉपिंग करेंगे। अभी वह सोचते हुए जा ही रही है कि  एक लड़के ने सुजाता को गले लगा लिया। वह वही रुक गई ?? “सुजाता ने बॉयफ्रेंड बना लिया और मुझे बताया भी नहीं,”  अब वह दोनों  गले मिलकर  हटे तो उसने गौर से उस लड़के की ओर देखा तो वह कोई और नहीं बल्कि विकास है। यह देखकर वह गिरने ही वाली थी कि  तभी उसने एक ट्रॉली को पकड़  लिया। फिर ख़ुद को सम्भालते हुए, जल्दी से अपने फ़ोन से दोनों  की फोटो खींच ली। 

 

रात आठ बजे गायत्री उदास  एक पार्क में बैठी है,  श्याम  ने उसे ऐसे देखा तो उसकी तरफ आने लगा। मगर विकास  को आता देखकर  वही रुक गई।

 

गायत्री हम तो कल मिलने वाले थें,  फिर आज  क्यों बुलाया?

 

उसने उसे घूरा और उसे मोबाइल से खींची फोटो दिखाई।  यह देखकर  वह सकपका गया।

 

यह सब झूठ है,  तुम्हारी सहेली सुजाता ही मेरे पीछे पड़ी हुई  थीं,  वह पहले मेरे जिम में आई,  फिर उसने मुझसे दोस्ती बढ़ाई,  मैंने उसे कहा भी कि यह सही नहीं है तो वह बोली, “टाइम पास कर लो, शादी तो गायत्री से कर ही रहें हो।“ उसने अब सफाई पेश की।

 

सबकुछ उसने किया और तुम बेकसूर हो।

 

यार !!! मैं क्या करता कोई लड़की मेरे पीछे पड़ रही है तो मेरे कदम भी बहक जायेंगे।

 

क्यों ?? क्योकि तुम आदमी हो। उसने गुस्से में जवाब दिया।

 

नहीं गायत्री ऐसी बात नहीं है, यार !! जिम में इतनी लड़कियाँ आती है। सुजाता भी मेरे लिए उन्ही में से एक थी।

 

यानी तुम और भी लड़कियों के साथ ऐसे ही क्लोज हो जाते हो??

 

नहीं यार !!! सुजाता तो ज़बरदस्ती के गले पड़ गई  थीं।  अब वह फिर अपनी आवाज़ में  नरमी लाकर  गायत्री को समझाने लगा, “यार!! वो कुछ दिनों का टाइमपास ही था।“ तभी विकास को एक ज़ोरदार चाटा पड़ा,  उसने अपना चेहरा ऊपर करकर देखा तो सुजाता खड़ी है। दरअसल गायत्री ने विकास के साथ-साथ सुजाता को भी फ़ोन करकर बुलाया था ।