बेपनाह मोहब्बत - 3 Anjali Vashisht द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बेपनाह मोहब्बत - 3

अब तक :

मालविका ने अंजली के बैग को हवा में उछाल दिया और दूर को झटक दिया । अंजली बैग के पीछे जाने लगी तो श्वेता ने उसे लंगड़ी फंसा दी ।

अंजली गिरी तो उसके घुटने में चोट लग गई ।

" अंजली... " बोलते हुए आकाश जल्दी से उसकी ओर भागा... ।

राजीव तिरछा मुस्कुरा दिया और अक्षत को इशारा करके वहां से निकल गया ।

अब आगे :

आकाश अंजली के पास आया और उसे संभालने लगा । आकाश ने अंजली को खड़ा किया तो राजीव कैंटीन से एक सॉस की बॉटल लिए उनके पास आ गया ।

राजीव आकाश के पास आया और उसके बालों और कपड़ों पर सॉस गिरा दिया ।

आकाश अपने कपड़ों को देखने लगा । उसे खुद पर ही गुस्सा आ रहा था कि वो इन लोगों से बुली होता जा रहा था । और कुछ नही कर पा रहा था ।

जहां अंजली उन लोगो से लड़ रही थी वहीं आकाश बस bully ही होता जा रहा था आकाश ने अपना चेहरा कमीज से साफ किया । राजीव अंजली के उपर सॉस डालने लगा तो आकाश ने उसे दूर धकेल दिया ।

राजीव ने आकाश को घूरा और बोला " इतनी हिम्मत कि मुझे धक्का दिया... । इस चुहिया के साथ होने से शेर बन रहा है क्या... " बोलकर राजीव अपनी स्लीव्स उपर करते हुए आकाश की ओर बढ़ा ।

आकाश और अंजली अपने कदम पीछे की ओर लेने लगे । तभी शिवाक्ष आगे आया और आकाश को धक्का देकर अंजली से दूर कर दिया ।

अंजली फिक्र से आकाश को देखने लगी । शिवाक्ष ने अंजली का हाथ पकड़ा और उसे घुमाकर दीवार के सहारे खड़ा कर दिया । और खुद उसके सामने जाकर खड़ा हो गया ।

अंजली आंखें बड़ी करके उसे घूरने लगी ।

शिवाक्ष अंजली की आंखों में आंखें डालकर बोला " inspiration हां ! तुम तो लोगों के लिए inspiration बन रही हो। मतलब जिनकी हमारे सामने जुबान नही खुलती थी वो आज हमें धक्का तक देने लगे हैं। Wow... यार इस बात पर कुछ इनाम तो तुमने मिलना ही चाहिए ना.. । Wait.. मैं तुम्हे वो इनाम दूंगा... और अभी दूंगा... " बोलकर शिवाक्ष ने राजीव से सॉस की बॉटल मांगी और सॉस अपने हाथ पर निकाल लिया ।

अंजली घबराई हुई नजरों से उसे देखने लगी । शिवाक्ष ने सॉस को पूरे हाथ पर फैलाया और हाथ को अंजली के चेहरे की ओर बढ़ाने लगा । अंजली ने अपने दोनो हाथों से उसके हाथ को पकड़ लिया और खुद से दूर करने लगी ।

शिवाक्ष उसकी कोशिश पर मुस्कुरा दिया ।

राजीव " अरे रे रे... क्या कर रही हो.. झांसी की रानी.. सामने खड़ा इंसान तुम्हारे शरीर की पूरी ताकत जितनी ताकत सिर्फ अपनी एक बाजू में लेकर चलता है....;और तुम उसे दूर धकेल रही हो... " बोलकर राजीव हंस दिया ।

शिवाक्ष ने दुसरे हाथ से अंजली के दोनो हाथों को पकड़ा और उसके चेहरे पर सॉस को लगा दिया ।

अंजली बाजुएं छुड़ाने की कोशिश करते हुए मचलने लगी तो शिवाक्ष ने सॉस की बॉटल लेकर उसके सिर के उपर भी सॉस डाल दिया ।

अंजली ने आंखें बंद कर ली ।

सॉस डालकर शिवाक्ष ने उसके हाथों को छोड़ दिया और उससे दूर हट गया ।

पास ही में खड़ी श्वेता ने अपने हाथ की मुट्ठी बना ली और अंजली को घूरने लगी । फिर उसकी ओर आगे बढ़ी और सॉस की बॉटल लेकर उसके कपड़ों के उपर भी सॉस लगा दिया ।

अंजली घूरते हुए श्वेता को देखने लगी । श्वेता ने उसे देखकर disgusting look दिया और फिर सॉस की बॉटल को उसके सिर पर रख दिया ।

राजीव ने कैमरा निकाला और उसकी फोटो निकाल ली... । फिर उसे दिखाते हुए बोला " wow... देखो ना कितनी अच्छी फोटो आई है । वैसे... मानना पड़ेगा फोटो तुम्हारी बहुत अच्छी आती है... " बोलते हुए राजीव ने अंजली के चेहरे की ओर उंगली से प्वाइंट आउट किया और जोरों से हंसने लगा ।

उसके साथ उसके बाकी दोस्त भी हंसने लगे ।

अंजली ने सॉस की बॉटल को सिर से हटाया और वहीं फेंककर जल्दी से वहां से भाग गई ।

अभी ना उसमे इतने सारे लोगों से अकेले लड़ने की ताकत थी और ना ही मन ।

उसने आगे पड़ा अपना बैग उठाया और जल्दी से वहां से निकल गई । आकाश भी जल्दी से उसके पीछे ही खिसक लिया ।

अंजली ने वाशरूम में जाकर अपने बालों चेहरे और कपड़ों से सॉस को साफ किया और फिर खुद को शीशे में देखने लगी । उसके सारे कपड़े और बाल खराब हो चुके थे । अपने साथ हो रहे बिहेवियर को याद करके उसकी आंखों में नमी तैर गई ।

उसने आंखें पोंछी और फिर वाशरूम से बाहर निकल गई ।

बाहर आकर वह धूप में खड़ी होकर अपने कपड़ों को सूखाने लगी ।

आकाश भी वाशरूम से निकलकर उसे ढूंढते हुए उसके पास आकर खड़ा हो गया ।

अंजली ने अपने हाथ में पहनी घड़ी में टाइम देखा तो 11 बज चुके थे ।

आकाश " पॉलिटिकल की क्लास को छूट गई अभी इकोनॉमिक्स की क्लास है 11 बजे.. तो क्लास में चलें क्या... ?? " ।

अंजली " लेकिन आकाश हम पूरी तरह से भीग चुके हैं... " ।

आकाश " अरे तो क्या हुआ.. ?? अब अगर वह लोग रोज भीगाएंगे.. ?? तो क्या हम लोग रोज क्लासेस लगाना ही बंद कर देंगे.. ?? " ।

अंजली ने उसकी बात पर सोचा तो उसे आकाश की बात सही लगी ।

" hmm... सही कह रहे हो... । क्लास तो लगानी ही चाहिए... । तो चलो.. क्लास में चलते हैं.... " बोलकर अंजली ने गहरी सांस ली और अपना बैग संभाले क्लास की ओर चल दी । आकाश भी उसके पीछे चल दिया ।

दोनो क्लास में पहुंचे तो क्लास का कमरा पूरी तरह से बच्चों से भरा हुआ था । जैसे ही दोनों अंदर गए तो सब लोग उन्हें घूर कर देखने लगे ।

कमरे का आखिरी बेंच उन्हें खाली दिखा तो दोनो जाकर उसपर बैठ गए । सब लोग मुड़ मुड़ कर उन्हें देख रहे थे । सबका ऐसे उन्हें देखते जाना.. दोनों को ही बहुत अजीब सा लग रहा था । दोनो ने एक दूसरे को देखा और फिर अपनी नोटबुक्स खोलकर बैठ गए ।

आकाश बोला " अंजली तुम बहुत बहादुर हो तुम्हारी ही वजह से मुझ में भी उन लोगों के against जाने की हिम्मत आई । वर्ना मैं तो यूं ही bully होता रहता.... " ।

अंजली " hmm.. हिम्मत तो अच्छी बात है आकाश.. लेकिन इन लोगों के सामने हिम्मत दिखाना मतलब मुसीबत को मोल लेने जैसा लग रहा है.. । जितना इनके सामने हिम्मत दिखाएंगे ये लोग उतना ही ज्यादा परेशान करने लगेंगे... " ।

आकाश " हान वो तो मुझे भी लग रहा है.. । लेकिन वो बात अलग है... तुममे बोहोत बहादुरी है... जो मैं भी चाहता हूं.... " ।।

अंजली मुस्कुराई और बोली " बहादुरी का तो पता नहीं.. पर जब भी गलत होता देखती हूं तो बस मुझसे चुप नहीं रहा जाता । अगर मेरी वजह से तुम कुछ अच्छा सीखते हो तो मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है आकाश.. " ।

दोनो आपस में बातें कर ही रहे थे कि तभी प्रोफेसर कमरे में आ गए । सब खड़े हो गए और उन्हें ग्रीट करने लगे । अंजली और आकाश भी उठ गए ।

Professor ने अपना परिचय दिया और फिर थोड़ी बोहोत बातें सब्जेक्ट के बारे में सबको बताई... ।

अंजली और आकाश ने लेक्चर अटेंड किया और फिर क्लास से बाहर निकल आए ।

बाहर आकर दोनो कॉरिडोर में खड़े थे कि तभी एक लड़की के जोरों से चिल्लाने की आवाज उन्हें आने लगी ।

" अरे समझते क्या हो खुद को.. लड़की देखी और चले आए मुंह उठाकर प्रपोज करने.. अगर अभी यहां से रफू चक्कर नहीं हुए ना.. तो मेरी जूती और तुम्हारा मुंह.. दोनो का मेल मिलाप होगा... " बोलकर उसने अपने पैर से जूती निकाल ली.. ।

सामने खड़ा लड़का पीछे हटते हुए बोला " अरे चिल्ला क्यों रही हो.. ?? बस दोस्ती का ही तो पूछ रहा था न.. " ।

लड़की " हान तो पूछो और साइड निकलो.. । जब जवाब नही दिया तो पीछे पीछे आने की क्या जरूरत है भला.. " ।

लड़के ने इधर उधर देखा और फिर अपनी शर्ट ठीक करके वहां से attitude में निकल गया ।

अंजली और आकाश उस लड़की को देखते ही रह गई ।

" क्या बोली है उसको.. लड़का एक ही बार में वापिस निकल गया... " बोलते हुए आकाश खोए हुए उस लड़की को देखने लगा ।

लड़की उनकी ओर चलकर आई तो आकाश को अपने आप को घूरते हुए देखकर वहीं रुक गई ।

अंजली ने आकाश को सामने खड़ी लड़की और घूरते हुए देखा तो उसकी बाजू पर अपनी कोहनी से धीरे से मार दिया ।

उसके मारने से आकाश होश में आया और उसने अपनी नजरें उस लड़की से फेर ली ।

लड़की में उन्हें उपर से नीचे तक घूरा और फिर बोली " तुम दोनो तो वही हो ना... जो अभी इकोनॉमिक्स की क्लास में लास्ट बेंच पर बैठे हुए थे.. ?? और पूरी क्लास तुम्हे ही देख रही थी.... " ।

अंजली और आकाश ने एक दूसरे को देखा फिर आकाश बोला " हान वो हम ही थे... " ।

लड़की हंसी और फिर मुंह पर हाथ रखते हुए बोली " ऐसे कॉलेज कौन आता है... ?? तुम्हें पता नहीं है क्या.. कि कॉलेज कैसे आते हैं.... ?? मुझे देखो... । ऐसे अच्छे बनकर कॉलेज आते हैं.... । यूं गीले कपड़े पहनकर कॉलेज नही आते... " ।

लड़की बोले जा रही थी और आकाश उसकी बातों को सुनते हुए उसके चेहरे को निहारे जा रहा था ।

लड़की ने उसे देखा और फिर उसके चेहरे के आगे हाथ हिलाते हुए बोली " हेलो... कहां खो गए... ?? " ।।

आकाश होश में आया तो झेंप गया और फिर इधर उधर देखते हुए बोला " कहीं नही.. । मैं तो ऐसे ही बस... " ।

लड़की ने सिर हिला दिया ।

फिर अंजली को देखते हुए बोली " तुमने समझ में आ गया ना... ?? " ।

अंजली उसकी बातों पर हल्का मुस्कुराई और बोली " जी... जो आपने समझाया वो हमे पहले से ही पता है । और कॉलेज कैसे आया जाता है वो भी हम जानते हैं.... । पर यहां पर आकर कुछ बच्चों ने परेशान किया और रैगिंग की.. इसीलिए ऐसा हाल है.... । बाकी आपने जो बताया उसके लिए थैंक यू.... " ।

लड़की ने सुना तो हंस दी और बोली " oh अच्छा.. । Sorry हान.. मैं कुछ और ही समझ रही थी... । वैसे मेरा नाम खुशी है... " बोलकर लड़की ने अंजली की ओर हाथ बढ़ा दिया ।

अंजली ने उससे हाथ मिलाया और बोली " और मेरा नाम अंजली... " ।

दोनो ने हाथ मिलाया ही था कि आकाश खुशी की ओर हाथ बढ़ाते हुए बोला " और मेरा नाम आकाश.. " ।

खुशी ने उसके हाथ को देखा और फिर उससे हाथ मिलाते हुए बोली " हेलो मिस्टर SKY.... " ।

आकाश ने अपने लिए SKY सुना तो हंस दिया । खुशी भी मुस्कुरा दी ।

खुशी बोली "यार तुम दोनों तो बहुत बहादुर हो । सच्ची में इतने गीले होने के बाद भी क्लास में आए । वैसे मुझे नहीं पता तुम्हारे साथ ये किसने किया पर जिसने भी किया ना बोहोत गलत किया । अगर मैं आपकी जगह होती तो कबका घर जा चुकी होती । लेकिन उन परेशान करने वाले लोगों के दांत तोड़कर... । और उनको ऐसा मजा चखाती कि दुबारा रैगिंग करना भूल जाते... " ।

अंजली आकाश की तरफ देखने लगी और फिर खुशी की तरफ देखा जो बिना रुके बस बोले ही जा रही थी और आकाश भी बस एक टक उसे देखे ही जा रहा था ।

अंजली ने आकाश को हल्के से कोहनी मारी तो आकाश अंजली की ओर देखने लगा ।।

" यह बार-बार कहां खो जाते हो आकाश... ?? " बोलते हुए अंजली ने आइब्रो उपर करके उसे देखा ।

" कहीं भी तो नहीं... । मैं कहां खोया... " बोलकर आकाश फ्लोर को घूरने लगा ।

अंजली ने खुशी की तरफ देखा और बोली " कहीं धूप में बैठ जाते हैं.. ताकि कपड़े सूख जाएं... और वैसे भी यहां खड़े खड़े थक जायेंगे... " ।

खुशी " हान चलो.... । वैसे भी मुझसे ज्यादा देर खड़ा नही रहा जाता.... " ।

तीनों सीढ़ियों की ओर चल दिए ।

सीढ़ियों पर बैठते हुए खुशी ने पूछा " वैसे क्या किया उन लोगों ने तुम्हारे साथ... ?? " ।

खुशी ने पूछा तो आकाश ने उसे सब बता दिया ।

" अरे.. ऐसा कोई कैसे कर सकता है भला.. । मुझे ये लोग मिल जाए तो इनको इनकी नानी याद दिला दूं... । " कहकर उसने गुस्से से मुंह फुला लिया ।

आकाश अंजली के कान के पास आकर धीरे से बोला " देखो ना... परेशान हमे किया गया और गुस्सा ये हो रही है.. " बोलते हुए आकाश उसके चेहरे को ही देखे जा रहा था ।

अंजली ने उसकी बात सुनी तो बोली " hmm.. प्यारी तो बोहोत है.. और मासूम भी है.. । हमारी प्रोब्लम को अपनी समझ रही है... । "

" hmm... " कहते हुए आकाश ने सिर हिला दिया । और फिर खुशी को देखने लगा । खुशी कुछ न कुछ बोले ही जा रही थी । मानो चुप होना उसकी जुबान को आता ही ना हो... ।

" वाकई में बहुत चुलबुली और प्यारी है... " सोचते हुए अंजली ने भी उसे देखा और फिर आकाश की तरफ देखा जो non-stop उसे घूर रहा था ।

अंजली ने सिर हिलाया और फिर घड़ी की तरफ देखा । उनकी अगली क्लास का टाइम भी हो चुका था ।

अंजली " आकाश चलें.. अगली क्लास का टाइम हो गया है... " ।

आकाश ने अपनी घड़ी देखी और बोला " hmm.. चलो... । " बोलते हुए वो उठ गया ।

खुशी भी उठते हुए बोली " तुम्हारी अब कौनसी क्लास लगनी है... ?? " ।

अंजली " कंपलसरी सब्जेक्ट की... " ।

खुशी " ओह... मेरी भी इसी वक्त पर है.. । वैसे तुम्हारे पास सब्जेक्ट्स क्या क्या हैं... " ।

अंजली " political science or economics... " ।

खुशी मुस्कुराते हुए बोली " अरे वाह.. मेरे पास भी यही सब्जेक्ट्स हैं.. मतलब हमारी सारी क्लासेज साथ में ही लगनी हैं... " ।

" अच्छा.. तो ठीक है फिर अब दो से भले तीन... " बोलकर अंजली क्लास की ओर चल दी । खुशी भी उसके साथ चलने लगी और आकाश उनके पीछे पीछे चलने लगा ।

तीनो ने क्लास अटेंड की ओर कमरे से बाहर निकल आए ।

खुशी ने अपना फोन निकालते हुए कहा " अच्छा अपना फोन नंबर दो... । अब हम दोस्त हैं तो नंबर को होने ही चाहिए ना... " ।

आकाश ने सुना तो जल्दी से अपना फोन नंबर उसे लिखा दिया । आकाश का नंबर सेव करने के बाद खुशी अंजलि की ओर देखने लगी तो अंजलि ने भी अपना फोन नंबर उसे लिखा दिया । आकाश ने भी अंजली का फोन नंबर लिख लिया ।

अंजली अपने रूम वापिस आ गई । कमरे में पहुंचकर वो अपने आज के दिन के बारे में सोचने लगी तो उसका चेहरा उतर सा गया ।

" क्या सोचा था और क्या हो गया.. । इतना बुरा कुछ होगा ये तो मैने कभी भी नही सोचा था । कितने गंदे बच्चे हैं.. दूसरों को परेशान करने में इन लोगो को मजा आता है.. । हार्टलेस लोग... । " बोलकर अंजली शीशे में अपने कपड़े देखने लगी जिनपर सॉस के दाग बुरी तरह से दिख रहे थे ।

" इतने सुंदर कपड़ों के क्या हाल कर दिए हैं.. कितना गंदा लग रहा है.. " बोलते हुए वो बेड पर आकर बैठ गई ।

" पर आज कुछ दोस्त भी तो मिले हैं ना अंजली... । तो इस बात को याद रख और खुश हो जा... । वैसे भी बुरी बातें याद करने से और भी बुरा लगता है.. । So remove negative or bad memories.... । " । बोलकर उसने गहरी सांस ली और जो आज अच्छा हुआ उसके बारे में सोचने लगी ।

उसने कपड़े बदले और अपने खाने के लिए खाना बनाया । फिर कुछ देर किताबें पढ़कर सोने चली गई ।

सोने के लिए आंखें बंद की... तो शिवाक्ष का मुस्कुराता हुआ चेहरा उसके आंखों के सामने आ गया । अंजली उठकर बैठ गई और बोली " आज का दिन तो निकल गया । लेकिन अगर कल उन लोगो ने फिर से परेशान किया तो.... ?? । आज तो मैने संभाल ही लिया लेकिन कल क्या करूंगी.. । 6 लोगों का ग्रुप जब एक साथ परेशान करेगा तो एक अकेला इंसान क्या ही कर लेगा भला.. ?? " बोलते हुए उसके चेहरे पर फिक्र से लकीरें आ गई ।

" जय भोलेनाथ.. संभाल लेना... मुझे भी और उन लोगों को भी.. " बोलकर उसने हाथ जोड़े और कंबल ओढ़कर सो गई ।