बेपनाह मोहब्बत - 1 Wishing द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बेपनाह मोहब्बत - 1

हिमाचल प्रदेश ,
शिमला ।
सुबह का वक्त ।

दूर पहाड़ों में सूरज निकल रहा था । ओस से भीगी पत्तियों पर जब सूरज की किरण पड़ रही थी तो ओस की बूंदें किसी हीरे की तरह चमकती हुई प्रतीत हो रही थी। पूरा शिमला सूरज की सुनहरी किरणों से सोने से जड़ा हुआ लग रहा था ।

वहीं एक कॉलोनी में बने मकान की दूसरी मंजिल पर एक लड़की हाथ में कलश पकड़े सूर्य को जल का अर्ग अर्पण करते हुए गायत्री मंत्र का जाप कर रही थी ।

" ॐ भूर् भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् "

उसकी मीठी आवाज में जब ये मंत्र नीचे सड़क पर खड़ी मकान मालकिन के कानों में पड़े तो वो अपनी जगह पर खड़ी उस लड़की को देखने लगी ।
उसकी आवाज में गजब का जादू था जो मकान मालकिन को उसे सुनता रहने के लिए मजबूर कर रहा था ।

कलश से गिरता पानी कमरे की बालकनी में रखे तुलसी के बूटे में गिर रहा था। कलश का पानी खतम हुआ तो लड़की सूर्य की तरफ हाथ जोड़े खड़ी हो गई।

मकान मालकिन खुद से बोली " लड़की तो सुंदर के साथ साथ गुणी भी है" कहकर वो घर के अंदर चली गई ।

लड़की ने सूर्य को नमन किया और बालकनी में बैठे पक्षियों को देखने लगी जो वहीं बैठे चहचहा रहे थे ।
लड़की कमरे के अंदर गई और एक खुले मुंह वाले बर्तन में पानी भरकर ले आई और बालकनी में रख दिया । साथ ही साथ कुछ चावल के दाने भी वहां पर डाल दिए ।

ये सब करके वो वापिस कमरे में आकर अपने काम करने लगी । कुछ पल बाद देखा तो पक्षी उसका डाला दाना चुग चुके थे और पानी पी रहे थे ।

उन्हें देखकर उसके पतले गुलाबी होठों पर प्यारी सी मुस्कान आ गई । एक ही पल में माहौल खुशनुमा सा हो गया ।

तभी उसका फोन बज उठा तो वो स्क्रीन की तरफ देखने लगी । उस पर श्रुति लिखा हुआ आ रहा था ।
उसने फोन उठाया और कान से लगा लिया।

दूसरी तरफ से आवाज आई " आज कुछ मत कहना अंजली । आज मैं कहूंगी और तुम सुनोगी "

इतना सुनकर अंजली बोलते बोलते रुक गई ।
श्रुति आगे बोली " तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यहां से जाने की ? यहां के कॉलेज कम थे क्या जो इतनी दूर जाना था "

अंजली खामोश रही ।
" अरे बोलो कुछ " श्रुति झल्लाते हुए बोली ।
अंजली मासूमियत से बोली " अभी तुमने ही तो कहा कि मैं चुप रहूंगी और तुम बोलोगी "

श्रुति ने माथा पीटा और बोली " अरे देवी मैया बोलिए कुछ । मैने कहा और आप तो बहुत आज्ञाकारी हैं एकदम से मान गई । मैं तुमसे बहुत नाराज हूं "

" शांत हो जाओ देवी माता... । और मैं कहां ज्यादा दूर गई हूं । बस पढ़ने ही तो आई हूं.. । और वहां के कॉलेज भी अच्छे हैं लेकिन यहां के कॉलेजेस में उससे भी अच्छी फैसिलिटीज हैं और उस कॉलेज का माहौल मुझे कुछ अच्छा नहीं लगा.. । इसलिए मैं यहां आ गई । इस कॉलेज का काफी सुना हुआ है कि बोहोत अच्छा कॉलेज है । तो बस इसीलिए..... " ।

श्रुति " ohk सही है । समझ गई.. लेकिन नाराज तो मैं अभी भी हूं " ।

अंजली ने कुछ सोचते हुए कहा " ohk सॉरी बाबा... अच्छा अब जब घर आऊंगी तो जो सजा तू देगी वो मंजूर होगी... । लेकिन वहां पढ़ाई इतनी अच्छी भी नही थी... । टीचर्स भी तो नहीं है वहां पर.. " ।

श्रुति बोली " ठीक है ठीक है.. । तुम्हारा प्रोफेसर बनने का सपना यहां के छोटे से कॉलेज में तो पूरा नहीं होता ना... इसीलिए तुमको जाना पड़ा मैं मान गई... । लेकिन एक बात बताऊं तुझे... " ।

" हान बोलो ना.. "

श्रुति " मैने सुना है कि बड़े कॉलेजेस में रैगिंग भी होती है... । सीनियर्स... नए बच्चों को बोहोत परेशान करते हैं.. । और उनकी बात न मानो.. तो फिर तो नाक में दम करके रख देते हैं... जब तक clg में रहेंगे तब तक निशाना बनाएंगे... " ।

अंजली ने सुना तो हैरत हुए बोली " ऐसा क्या... ?? वैसे सुना तो मैने भी है लेकिन सुनी सुनाई बातों पर कैसे विश्वास कर लें.. । और वैसे भी इतना बड़ा कॉलेज है.. ऐसा कुछ होने पर तो रोक लगी होगी ना... " ।

श्रुति हंसते हुए " तूने सुना नही है क्या.. नाम बड़े और दर्शन छोटे.. । हो सकता है जितना सुनने में अच्छा है उतना ही असलियत में कॉलेज बुरा हो.. " ।

अंजली ने फोन को घूरा और बोली " श्रुति तू न.. चुप कर.. कुछ भी मत बोल.. मुझे पता है कि तू मुझे डरा रही है.. ताकि मैं वापिस आ जाऊं.. पर मैं नही आने वाली.. समझी... " ।

श्रुति ने उदास सी आवाज में कहा " हान हान पता है तू नही आने वाली... । मेरी किसी बात का असर नही होगा तुझपर... पर कोशिश तो मैं कर ही सकती हूं ना.... "

अंजली " हान बिल्कुल सही.. चल अब फोन रख और मुझे तैयार होने दे । कॉलेज देर से नही पहुंचना । इसलिए तुझसे बाद में बात करूंगी... "

श्रुति " ohk fine , शुभ कामनाएं रख मेरी । जरूरत पड़ेगी । all the best.... "

अंजली मुस्कुराई और बोली " बोहोत बोहोत धन्यवाद श्रुति जी.. । Bye bye... " ।

" bye... " कहकर श्रुति ने फोन रख दिया ।

अंजली ने फोन रखा और कॉलेज के लिए तैयार होने लगी । तैयार होकर वो दीवार पर लगे शीशे के सामने आकर खड़ी हो गई ।

येलो कॉलर का पटियाला सूट पहने और उसके ऊपर फुलकारी दुप्पटा लिए वो बोहोत प्यारी लग रही थी ।

गोरा रंग , सांचे में ढाला शरीर , पतला सा चेहरा , लंबे लंबे कमर तक लहराते बाल और चेहरे पर ठहरी हुई मुस्कान उसे और भी प्यारा बना रही थी ।

पूरा रूप सादगी से भरा था जो उसको बेहद खास बना रहा था । तैयार होकर उसने नाश्ता किया और bag उठाए कॉलेज के लिए निकल गई ।

कॉलेज रूम से 30 मिनट की पैदल दूरी पर था ।

कॉलेज के पहुंची तो बाहर खड़े होकर कॉलेज को देखने लगी । 6 मंजिला कॉलेज बिल्डिंग काफ़ी बड़े एरिया में फैली हुई थी ।

बाहर से उसे कॉलेज बोहोत अच्छा लगा । आज वो पहली बार ही कैंपस के अंदर जा रही थी । इससे पहले के एडमिशन से जुड़े सारे काम ऑनलाइन हुए थे तो कॉलेज आने का मौका उसे नही मिला था ।

अंजली ने कॉलेज को देखा फिर गेट के पास आकर कॉलेज के गेट की चौखट को छूते हुए माथे से लगाकर बोली " इस विद्या के मंदिर में पहला दिन है.. । अपने सपने को पूरा करने का सफर यहीं से शुरू होता है.. । जय हो सरस्वती मैया... " बोलते हुए अंजली ने सामने की दीवार पर बनी सरस्वती माता की तस्वीर को देखा और कॉलेज के गेट से अंदर आ गई ।

अंदर आकर वो इधर उधर देखने लगी । बोहोत सारे बच्चे वहां घूमे जा रहे थे ।

सबको देखते हुए वो खुद से बोली " बच्चे तो बोहोत हैं पर मैं तो किसी को नही जानती... अब किससे पूछूं.. कि मेरी क्लासेज कहां लगेंगी... । "

सोचते हुए वो आगे बढ़ी कि तभी एक लड़का उसे धक्का देते हुए वहां से गुजरा । अंजली उसे देखने लगी लेकिन उसने अंजली की तरफ पलटकर भी नही देखा ।

लड़के को देखते हुए वो खुद से ही बोली " ऐसे कौन चलता है... आगे खड़े इंसान को धक्का देकर जा रहे हैं.. और फिर ना मुड़कर देखे और न ही सॉरी बोले... " ।

अंजली खुद से बोल ही रही थी कि उसे एक लड़का गले में कोई कार्ड लटकाए आता हुआ दिखा ।

" शायद ये हेल्पर ही है.. इससे पूछती हूं... " बोलकर अंजली उसकी ओर बढ़ी ही थी कि इतने में एक basket ball आकर उसके पास गिरी । अंजली अपनी जगह पर ठहर गई फिर उस डायरेक्शन में देखने लगी जहां से बॉल आई थी । उसने देखा कि वहां कुछ बच्चे झुंड में खड़े थे और एक लड़के को परेशान कर रहे थे ।

अंजली ने अपने बगल में खड़ी लड़की को देखा तो वो भी उन लोगों को ही देख रही थी ।

अंजली " ये यहां क्या हो रहा है... ?? " ।

लड़की ने उसे देखा और बोली " अरे वो सीनियर्स उस लड़के की रैगिंग कर रहे हैं.. । हम तो चले क्लास में.. अगर तुम भी फ्रेशर हो तो बचकर रहना... । " बोलकर लड़की चली गई । अंजली कुछ और पूछना चाह रही थी पर इतने में वो लड़की वहां से निकल गई ।

अंजली ने ग्राउंड की ओर देखा । उसे उस लड़के के लिए बुरा लग रहा था जिसकी रैगिंग ली जा रही थी ।

" मतलब श्रुति सही कह रही थी.. रैगिंग तो यहां होती है.. । इसकी मदद करूं क्या.. ?? नई नई.. अगर मेरे ही पीछे पड़ गए तो... । नई अंजली... तुझे इन सब से दूर ही रहना चाहिए.. " बोलते हुए वो वापिस से उस कार्ड वाले लड़के को ढूंढने लगी पर अब वो वहां नजर नही आया ।

" खुद ही किसी टीचर से पूछ लेती हूं..... " बोलकर वो वहां से जाने लगी कि तभी एक लड़का उसकी तरफ भागता हुआ आया । ये वही लड़का था जिसकी अभी रैगिंग ली जा रही थी।

अंजली के पास पहुंचते ही वह लड़का लड़खड़ाकर गिर पड़ा । अंजली ने उसे गिरते हुए देखा तो सहारा देकर उठा लिया ।

लड़का अभी ठीक से खड़ा हुआ ही था कि इतने में बच्चों का वो ग्रुप भागते हुए उनके पास आकर खड़ा हो गया ।

अंजली को उस लड़के की मदद करता देख वो सब अंजली को घूरने लगे ।

एक लड़का आगे आया और अंजली को उपर से नीचे तक देखने लगा । लंबे लंबे बाल जो कमर तक झूल रहे थे । बड़ी बड़ी पलकें जो चेहरे की शोभा को बढ़ाए हुए थी । सुर्ख गुलाबी होंठ जो गुलाब की पंखुड़ियां की तरह लग रहे थे । और पतला सा चेहरा जिसपर बालों की कुछ लटें लहरा रही थी । कुछ पल उसे देखकर लड़का बोला " अरे वाह... झांसी की रानी , मदर इंडिया , शक्ति की देवी... । क्या कमाल का काम की हो यार... तालियां होनी चाहिए.... " बोलते हुए वो लड़का अंजली के इर्द गिर्द घूमते हुए ताली बजाने लगा ।

तभी एक लड़की भी आगे आई और अंजली के चेहरे के पास अपना चेहरा लाते हुए पूछा " are you fresher..... ?? " ।

अंजली ने सामने खड़ी लड़की को देखा । ब्लैक जींस , ब्लैक top , black denim jacket पहने और बालों का जूडा बनाए वो लड़की दांत दिखाकर उसे ही देखे जा रही थी ।

अंजली ने उसकी बात के जवाब में सिर हिला दिया । लड़की मुस्कुरा दी और अंजली का गाल पिंच करते हुए बोली " फिर तो मजा आयेगा.... Baby doll.. " ।

लड़की ने अंजली का गाल छोड़ा तो अंजली ने गाल पर हाथ रख दिया । लड़की ने उसका गाल बोहोत जोर से पिंच किया था ।

अंजली को ये सब थोड़ा weird सा लग रहा था । वो जानती थी कि वो लोग उसे bully कर रहे थे लेकिन फिर उसे देखकर ऐसे दांत दिखाकर क्यों हंस रहे थे ।

" hey भोलेनाथ... ये लोग मेरे पीछे क्यों पड़ गए... । मुझे इनके चक्कर में नही पड़ना है... " । मन में बोलते हुए अंजली आस पास देखने लगी । काफी बच्चे खड़े होकर उन्हीं की ओर देख रहे थे ।

अंजली के चारों ओर घूम रहा लड़का उसके पीछे खड़े होते हुए बोला " अरे बोहोत मजा आयेगा माही... । इतने प्यारे प्यारे बच्चे पढ़ने आ रहे हैं.. जो इतने हिम्मत वाले भी हैं.. तो मजा कैसे नही आयेगा.. "

माहि " yeah ofcourse... राजीव... । हम और मजे साथ साथ ही तो रहते हैं... " ।

राजीव उसके खुले बालों को छूते हुए बोला " बाल तो बोहोत अच्छे हैं तुम्हारे... । " अंजली ने उससे थोड़ा दूर होते हुए कहा " देखिए आप... आप हाथ मत लगाइए प्लीज.... " ।

" अरे.. हाथ नही लगाऊं.. !! अच्छा ठीक है.. नही लगाता हाथ... " बोलकर राजीव ने हाथ जेब में डाल दिए । और बोला " ये देखो हाथ गए जेब में.. । Now happy... ?? " ।

अंजली ने कोई जवाब नही दिया ।

राजीव ने अंजली को देखकर evil smile दी और उसकी ओर कदम बढ़ाने लगा । अंजली ने उसे आगे आते हुए देखा तो अपने कदम पीछे लेने लगी ।

कदम पीछे लेते हुए अंजली का ध्यान पीछे नही था । उसे पता ही नही चला कि कब उसके पैर के नीचे एक पत्थर आ गया और वो गिरने को हुई ।

उसने आंखें बंद कर ली । पर इससे पहले कि वो गिरती दो मजबूत हाथों ने उसे थाम लिया ।

अंजली ने आंखे खोलकर देखा तो सामने राजीव था जिसने उसे कमर से थामा हुआ था ।

अंजली की धड़कन तेज चलने लगी । राजीव उसे मुस्कुराते हुए देखे जा रहा था । अंजली को समझ नही आया कि वो क्यों मुस्कुरा रहा है । वहीं राजीव के होठों पर शरारती मुस्कुराहट थी । एक तरफ वो अंजली के खूबसूरत चेहरे को लगातार देख रहा था तो दूसरी तरफ उसे परेशान करने में भी बराबर था ।

राजीव ने एक हाथ से अंजली के होठों को स्माइल की शेप में किया और बोला " स्माइल... " बोलते हुए राजीव उसकी आंखों में देखता रहा ।

अंजली ने देखा कि ग्रुप में खड़ी एक लड़की जिसने ब्लू कलर की mid thigh ड्रेस पहनी हुई थी उसने उन दोनो की फोटो निकाल ली ।

राजीव ने उस लड़की और देखा और बोला " one more शॉट मालविका... " बोलते हुए राजीव ने कैमरा में देखकर स्माइल किया ।

अंजली ने जब ये देखा तो उससे इरिटेट होकर बोली " छोड़िए... मुझे... । ये क्या कर रहे हैं आप... ?? "

राजीव ने उसे देखा और फिर पूछा "क्या सच में छोड़ दूं ?"

अंजली ने उसके चेहरे को देखे बिना जल्दी से कहा " जी हां... छोड़ दीजिए मुझे... "

अंजली ने कहा ही था कि तभी लड़के ने उसे अपनी बाहों में और तिरछा किया और फिर झटके से छोड़ दिया ।

धड़ाम की आवाज़ आई और अंजली जमीन पर गिर गई । " आह... " बोलते हुए उसने आंखें कसकर बंद कर ली फिर राजीव को देखा जो उसे देखकर मुस्कुरा रहा था । अंजली की आंखों में आंसू भर आए ।

राजीव " कैसा लगा मेरा छोड़ना... ?? " ।

अंजली ने उसे कोई जवाब नही दिया । बस जमीन पर लगे अपने हाथों को देखने लगी जिनपर मिट्टी लग गई थी और कुछ छोटे पत्थर भी चुभ गए थे ।

उसने आस पास खड़े बच्चों को देखा तो सब खड़े होकर उसकी ओर देखे जा रहे थे । कुछ उसे देखकर हंस रहे थे तो कुछ दयनीय निगाहों से देख रहे थे मानो कभी उन्होंने भी यह सब सहन किया हो ।

कुछ की आंखों में गुस्सा भी था पर कोई भी आगे चलकर अंजली की मदद करने नही आया । मानो हर कोई अपने आप को उस bully group से दूर रखना चाहता हो।

अंजली ने उन लोगों को देखा और फिर खड़ी होने लगी तो ऑरेंज ट्राउजर और व्हाइट crop top पहनी हुई एक लड़की उसके पास आकर खड़ी हो गई और बोली " इस चूजे को तो तुमने उठाया लेकिन अब तुम्हे कौन उठायेगा... ?? इसको देखो जरा... कैसे दुबक कर खड़ा हो गया है... " बोलकर श्वेता ने अंजली से थोड़े पीछे खड़े लड़के को देखा । फिर अपनी जेब में रखे हुए मार्बल्स को वो अंजली के सिर पर मारने लगी ।

अंजली ने अपने सिर पर हाथ रख दिए । क्योंकि वो मार्बल्स बोहोत जोर से लग रहे थे । आखिरी मार्बल को उस लड़की ने बोहोत जोर से मारा तो एक लड़का आगे आकर बोला " श्वेता.. इतने जोर से मत मार यार.. बोहोत जोर से लगती है मार्बल्स से... " ।

लड़की ने पलटकर लड़के को देखा और बोली " अक्षत... तू हमारी तरफ है या इसकी... ?? " ।

अक्षत ने नीचे बैठी लड़की को देखा और फिर बोला " हूं तो अपने दोस्तों की तरफ और इसीलिए अपने दोस्तों को ही कह रहा हूं.. कि कोई ऐसा काम न करो जिससे किसी और को ज्यादा चोट पहुंच जाए और तुम लोग फंस जाओ... " ।

श्वेता आई रोल करते हुए बोली " uff महान इंसान.. । पता नही हमारे ग्रुप में कैसे आ गया.. इतना इनोसेंट बंदा... " ।

अंजली ने अक्षत की ओर देखा फिर उठने लगी तो उसे अपनी कमर में दर्द महसूस हुआ ।

अंजली ने आंखें बंद की और गहरी सांस ली फिर वापिस से उठने की कोशिश करने लगी तो किसी ने अपना हाथ उसके आगे बढ़ाया ।

अंजली ने पहले हाथ देखा फिर उसकी नज़र जूतों पर गई तो जूते उसे किसी लड़के के लगे । अंजली ने चेहरा उठाकर देखा तो एक लड़का कंधे पर एक तरफ गिटार लटकाए खड़ा था ।

" don't tease her now... back off.... " बोलते हुए उसने सामने के ग्रुप को देखा और अपने गिटार को अक्षत की ओर बढ़ाया... ।

फिर वापिस से अंजली को देखते हुए बोला " get up.... " ।

अंजली ने उसका हाथ थामा और उठ खड़ी हुई ।

अंजली ने एक झलक लड़के को देखा । लड़का अंजली से कद में थोड़ा बड़ा था । वो काफ़ी handsome और smart दिख रहा था । हल्का सांवला रंग , काले रंग की गहरी - खामोश आंखें... नॉर्मल से थोड़े ज्यादा लंबे बाल जो काफी messy रखे हुए थे । लेकिन उसे एक बोहोत attractive look दे रहे थे ।

White colour की t - shirt पर Red color की dennim jacket और blue colour की jeans पहने वो बोहोत adorable नज़र आ रहा था । कोई भी अगर उसे देखे.... तो एक पल के लिए नजर उस पर जरूर ठहर सी जाए । कुछ ऐसा ही अंजली के साथ भी हो रहा था । उस लड़के को एक झलक देखकर उसकी नज़र दुबारा से उसके उपर चली ही गई थी ।

आखिर कौन है ये लड़का... ?? क्या कोई ऐसा है जो अंजली की मदद करने आया है... ?? या फिर इन्हीं के साथ मिला हुआ एक और bully member.. ?