किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 12 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 12

तनवी ने की अभय से जिद

 

अब आगे,

 

अब तनवी वहा खड़ी 11 लक्जरी कार में से किसी एक कार की तरफ बढ़ गई और फिर उस कार का ड्राइवर, अब तनवी के लिए उस कार का दरवाजा खोल दिया तो तनवी उस कार में बैठ गई..! 

 

तनवी के कार में बैठ जाने पर अब उस कार का ड्राइवर भी अपनी सीट पर आकर बैठ गया और अब उस ड्राइवर ने तनवी से पूछा, " मैम, क्या हम राजपूत विला के लिए चले..! " 

 

उस ड्राइवर की बात सुन कर, तनवी ने उस से कहा, " अभी नही, थोड़ी देर और रुकते हैं उस के बाद चलेंगे..! "

 

तनवी की बात सुन कर, उस ड्राइवर ने तनवी से कहा, " ठीक है जैसा आप कहें..! " 

 

करीब 15 मिनट बाद,

 

अभय का इंतजार करते करते जब तनवी को बहुत समय हो गया तो अब वो थोड़े गुस्से से उस कार से बाहर निकल गाई साथ में उस की कार का ड्राइवर भी बाहर निकल गया..! 

 

अब तनवी थोड़े गुस्से से वापस उसी जगह पर पहुंच गई जहा अभय ने उस को किसी कार में बैठने के लिए कहा था और अब वहा अभय आकाश के साथ अपनी दिल्ली में होने वाली मीटिंग के बारे में डिस्कशन कर रहा था..! 

 

तनवी के वहा पहुंच जाने से अब सारे बॉडीगार्ड्स उस के लिए रास्ता साफ करते हुए एक तरफ खड़े हो गए, उन सब बॉडीगार्डस को ऐसा करते देख कर अब आकाश के नजर तनवी पर गई तो वो अभय से कुछ दूरी पर खड़ा हो गया वही जब अभय ने आकाश की इस हरकत को देखा तो अब अभय ने पीछे मुड़ कर देखा तो पाया कि वहा तनवी खड़ी हुई थी, जिसे देख कर अब अभय ने तनवी से पूछा, " बच्चा तुम अभी तक विला नही गई..! " 

 

अभय की बात सुन कर, तनवी ने एक सीधा सा जबाव दिया, " नही..! " 

 

तनवी का जवाब सुन कर, अब अभय ने तनवी से पूछा, " और वो क्यू..? " 

 

तनवी का सवाल सुन कर अब तनवी ने उस से कहा, " क्योंकि मै, आप सब का बहुत देर से इंतजार कर रही थी और आप लोग हो कि आने का नाम ही नही ले रहे थे बस इसी वजह से मुझे यहां आना पड़ा..! " 

 

तनवी की बात सुन कर, अब अभय ने उस से कहा, " तुम अपनी कार में बैठ कर विला पहुंच जाओ और दूसरी कार से विला पहुंच जाऊंगा क्योंकि मुझे कुछ और भी काम है तो मै उस को पूरा करते हुए आऊंगा..! "

 

अभय की बात सुन कर, अब तनवी ने उस से जिद करते हुए कहा, " नही अभय भैया, मुझे आप सब के साथ ही विला जाना है और मै आप सब के साथ ही विला जाऊंगी...! " 

 

तनवी की बात सुन कर आकाश, राज और रवि से ज्यादा ही अभय हैरान रह गया था क्योंकि तनवी को हमेशा से अपनी प्राइवेसी ज्यादा प्यारी रही थी और इसलिए ही वो अकेले जाया करती थी पर आज वो अपनी याददाश जाने के बाद अभय और बाकी लोगो के साथ जाने की जिद कर रही थी, जिसे सुन वहा खड़ा हर इंसान हैरान रह गया..! 

 

और सब से बड़ी बात ये थी कि तनवी ने कभी भी किसी भी चीज के लिए बच्चो जैसा व्यवहार और जिद तो बिलकुल भी नही करी थी हालाकि वो अभय से कुछ चीजों की मांग किया करती थीं मगर तब जब वो चीज उस के पहुंच के बाहर हो जाती थी तब ही वो अभय से कहा करती थी और तनवी ने कभी भी ऐसी छोटी चीजों के लिए जिद नही करी थी या फिर ये कहो कि उस को कभी जरूरत ही नही पड़ी थी..! 

 

तनवी के ऐसे जिद करने से अभय खुश भी था और थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था क्यूंकि उस को आज अपने सब से बड़े प्रोजेक्ट और मीटिंग के लिए दिल्ली निकलना था..! 

 

पर अभय, तनवी की जिद के आगे कुछ नही कह रहा था क्यूंकि उस को अच्छे से पता था कि अभी तनवी की याददाश नही है और ऐसे में अगर उस ने तनवी पर किसी बात के लिए गुस्सा करा तो उस की तबियत और भी बिगड़ सकती थी या फिर उस की याददाश हमेशा के लिए भी जा सकती थी और ये बात देहरादून के उस सिटी हॉस्पिटल की सीनियर डॉक्टर ने ही अभय से कही थी..! 

 

और अब इसलिए ही अभय अपने आप को शांत करने लगा और फिर तनवी से कहा, " ठीक है, हम सब तुम्हारे साथ एक ही कार में विला जायेंगे और फिर मैं अपने किसी काम से ऑफिस के लिए निकल जाऊंगा और तुम विला में पहुंच कर आराम कर लेना अब तो ठीक है ना..! " 

 

अभय की बात सुन कर, तनवी ने उदास होते हुए उस से कहा, " अभय भैया, मै आज ही तो यहां मुंबई आई हु और आप है कि मुझे विला में अकेले छोड़ कर अपने ऑफिस के लिए निकल जाओगे और आप मेरे साथ ऐसा केसे कर सकते हो..? " 

 

तनवी की बात सुन कर, अब आकाश ने अपने मन में कहा, " आज सुबह से ही तनवी मैम का व्यवहार कितना बदल सा गया और पता नही तनवी मैम हम सब को कौन कौन से नए शॉक देंगी और हां, मै ये मानता हु कि उन की अभी याददाश नही है पर क्या याददाश चले जाने पर इंसान का पूरा व्यवहार और विचार दोनो ही बदल जाते हैं..! " 

 

वही तनवी की बात सुन कर, आज अभय कुछ ज्यादा ही हैरान रह गया था पर फिर भी उस ने तनवी से कहा, " बच्चा, आज मेरे बहुत इंपोर्टेंट प्रोजेक्ट की मीटिंग बुलाई गई है बस इसलिए ही मुझे दिल्ली निकलना है..! "

 

अभय की बात सुन कर अब तनवी ने उस से पूछा, " क्या आप की ये इंपोर्टेंट मीटिंग आप की बहन से भी ज्यादा जरूरी है..? "

 

तो अब देखेगे कि अभय अब तनवी को केसे मनाएगा जिस से वो उस को दिल्ली जाने की परमिशन दे सके..? 

 

To be Continued.....

 

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