गैंगस्टर का सनकी इश्क - 5 Sanju द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गैंगस्टर का सनकी इश्क - 5

शौर्य वैशाली के पास आते ही चहकने लग गया था वो अपना क्यूट नन्हा सा चेहरा वैशाली के सीने में छुपा लिया था ।

सभी लोग यह प्यार देखकर खुश हो रहे थे

युवराज की आंखों में कुछ और इमोशन था वो शौर्य के चेहरे के नूर को देख पा रहा था " जो आज तक नहीं देखा था ज़ब वो होता था उसके पास!.लेकिन आज अपने बेटे को माँ कमी फील हुआ जो वैशाली के साथ पाते ही मिट गया...".




ऋषभ ने उसके कंधे पर हाथ रखकर थपथपाया हुए 'सही डिसीजन लिया है जिंदगी में पहली बार, तुझे कभी भी रिग्रेट फील नहीं होगा ' खास कर शौर्य को अब समझ में आया हमने क्यों वैशाली को चुना....!

युवराज - जूनूनी आँखो से सामने देख रहा था .

वैशाली सब कुछ भूल शौर्य में खो गई,, उसे यह तक नहीं पता चला कि युवराज उसे कब से निहारे जा रहा है

बैकग्राउंड म्यूजिक पर चल रहा था

भिड़े रे भिड़े नैना

नैना बंजारे

लूट गए चैना दो दो बंजारे

भिड़े रे भिड़े नैना......

नीली नीली एक नदिया

अँखियों के दो बजरे

घाट से भिड़ी नैया

बिखर गए गजरे

डूबे रे डूबे मितवा

बीच मजधारे

भिड़े रे भिड़े नैना.....

जो कि उस माहौल को रोमांटिक और एलिगेंट बना रहा था ।

निलेश - वैशाली बेटा इधर आए..,

वैशाली- बाबूजी की आवाज सुनती है तब उसे पता चलता है कि वह अभी क्या कर रही थी!...

शौर्य को लिए हुए अपने भावजी के पास आने लग गई धीमे-धीमे कदमों से

शौर्य उसकी गोद में बैठा नटखट कर रहा था कभी बालों के साथ खेलता कभी कान में इयररिंग को घुमाता

सुमित्रा ने वैशाली को लेकर युवराज के बगल में बैठा दी

वैशाली की धड़कनें तेज हो गई निलेश शादी के बारे में और डिस्कशन करने लग गया था

सुहानी वैशाली से उसके बारे में बात करती,, कि वह क्या कर रही है?. और आगे करना क्या चाहती है?

क्या शौर्य को अपने बच्चे के तरह मां का प्यार दे सकती है?.




वैशाली शौर्य के उंगलियों को अपने हाथ लिए...{ प्यार से }आपको. पूछने की जरूरत ही नहीं है.! क्योंकि जब यह हमारे गोद में आया तभी ही हमने दिल बेटा मान लिया है।

और यह हम आपको कहने के लिए नहीं कह रहे हैं!. हम जानते हैं, खून का रिश्ता अब के जमाने में बहुत ज्यादा महत्व रखता है लेकिन हमारी नजरों में यह रिश्ता अनोखा होगा, जो की एक मां बेटे को अलग पहचान देगी

सुहानी- उसके जवाब से काफी ज्यादा इंप्रेस हो गई थी वहीं युवराज भी,

थोड़ी देर बात करने के बाद निलेश ने कहा बेटा तुम चाहे तो युवराज से बातें कर सकती अगर तुम्हारे मन में उलझन हो तो?.




खुशी चहकते हुए ये भी कोई बोलने की जरूरत है , अंकल आज के जमाने में लड़की लड़के को एक दूसरे के साथ बातें करना जरूरी होता है कि वह दोनों एक दूसरे की पसंद ना पसंद के बारे में!.

सुमित्रा - खुशी बेटा ज़ब दो बड़ों के बीच में तुम्हें नहीं बोलना चाहिए.




खुशी - आंटी हमें बोलना जरूरी है क्योंकि हम वैशाली के बेस्ट फ्रेंड है और वो जो कुछ नहीं बोलेगी, तो हम बोलेंगे क्यों अंकल हमने सही कहा ना?.

निलेश - बिल्कुल सही कहा बेटा युवराज आप चाहे तो वैशाली से बातें कर सकते हैं,




युवराज अपनी जगह से खड़ा हो गया सुहानी ने कहा जाओ,

वैशाली शौर्य को लिए हुए खड़ी हो गई

सुहानी - वैशाली शौर्य को हमें दे दीजिए आप जाकर दिल खोल कर बात कीजिए, शौर्य परेशान कर देगा




वैशाली देने लगी, लेकिन शौर्य अपनी पकड़ वैशाली पर कस करते जा रहे थे

सुहानी- ले नहीं पा रहे थे वैशाली ने कहा रहने दीजिए दीदी ।




निलेश - वैशाली तुम युवराज को अपने कमरे में लेकर जाइए साथ ही नन्हें नटखट को लेकर जाए, वैसे भी अभी छोटा...

वैशाली ने नजाकत से हा में गर्दन झुकाया

वैशाली शौर्य को लिए हुए सीढ़ियों से होते हुए अपने कमरे की और बढ़ गईं

युवराज- सब कुछ देख रहा था घर बहुत ही अच्छी तरीके से डेकोरेट किया था।

भले घर बड़ा नहीं था लेकिन बहुत ही अच्छे तरीके से इंटीरियर किया गया था।

युवराज जेंटल मेन की तरह वैशाली के पीछे-पीछे चल rha था

युवराज के निगाहें तभी वैशाली के कमर पर आ के टिक गया, जिसे देखते भर से पसीना आने लग गया था।

वैशाली की कमर बहुत ही गोरी थी जो कि उसने अपनी तरफ अट्रेक्ट कर रहा था चलने की वजह से कमर यहां वहां हिल रहे थे




वैशाली कमरे के अंदर आई हिचकचाते हुए.... जी.. आप बैठ सकते हैं..., यह कहते हुए शौर्य को अपने बेड पर बैठाई और अपना टेडी बेयर उसे दे दी बेबी ये हमारा सोनू है अब से आपका है....

शौर्य सोनू को लेकर चहकने लगा... वो चारो तरफ पिलो रखी ताकि गिरे ना

वैशाली झुकी थी.... जो युवराज को बहकने पर मजबूर कर रहा था बेचारा...

वैशाली अदब से खड़ी हुईं.... और उसके सामने तरफ पलटी....

युवराज की निगाहें अब कमर से हटकर गोरी सी पेट पर आ गई

वैशाली युवराज की निगाहों को अपने ऊपर इस तरह पाई तो शर्मा के लाल हो गई।




युवराज ने शौर्य को देखा जक अपने में बिजी था।

वैशाली के एकदम सामने आकर खड़ा हो गया और हम सीधा पॉइंट पर आते हैं... क्या आपको यह रिश्ता मंजूर है?.

वैशाली - {डोनेमिटिक आवाज सुन } डर गई, लेकिन फिर अपना सर हां में हिलाया नजाकत से ,

युवराज - हम आपसे एक बार और पूछ रहे हैं?. कि आपको सच में यह रिश्ता मंजूर है?.एक बच्चे के बाप से?.

अभी बहुत ही यंग है आपको किसी और लड़के से शादी करना चाहिए {यह सब कहते हुए युवराज को गुस्सा आ रहा था अपने ऊपर क्योंकि, अगर वैशाली ने मना कर दिया उसके मुंह पर तो उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा उसने कभी भी रिजेक्शन नहीं पाया था }

वैशाली {नीचे देखते हुए } हमने जो एक बार कह देते हैं तो पीछे हटते नहीं है उसे आखरी दम तक कहते हैं हमें इस रिश्ते से कोई प्रॉब्लम नहीं है बल्कि हम खुश हैं कि शौर्य जैसा बेटा हमें मिलेगा।

और यह हम अपने लिए नहीं कर रहे बल्कि इस बच्चे की परवरिश के लिए कह रहे हैं जितना आप का परवरिश करने में हाथ होता है उतना ही माँ का भी हाथ होता है।

बच्चे के हेल्थ , एजुकेशन , डेवलपमेंट और वेलफेयर,सेफ और बढ़ावा देना बच्चे की उम्र और समझ के अनुरूप उचित तरीके से देखभाल ,डायरेक्शन देना और Control करें उपब्रिगिंग के सभी पहलुओं का निर्धारण करना होता है।

युवराज मुस्करा दिया आज दूसरा पहलू जाना था था वैशाली से,,

आगे बढ़कर वैशाली के गोरी कमर में हाथ डाल कर अपने सीने से सटा लिया{ जो वो कबसे अपने आपको कंट्रोल कर रहा था }

वैशाली छुवन को महसूस कर अपनी आंखें बंद कर ली {अनकंफर्टेबल फील नहीं हो रहा था }

बेड पर बैठा हुआ शौर्य उन दोनों को देखकर मुस्कराए जा रहा था और अपना नन्हा सा चेहरा बार-बार टेडी बेयर में छुपा रहा था शर्मा कर 🫣

युवराज - झुक कर वैशाली के माथे पर होंठ रख दिया

वैशाली के हाथ अपने आप युवराज के कोर्ट पर चले गए ... कस कर गए...

उसकी आँखे बंद थी...

युवराज - हल्के होंठ पर मुस्कान लिए {अगर कोई देखता तो बेहोश हो जाता }- अट्रैक्टिव आवाज में...अब हमें देख तो लीजिए इन खूबसूरत नीली आँखो से....




यह सुन वैशाली का चेहरा और भी ज्यादा लाल हो गया था

युवराज - वैशाली का यह व्यवहार काफी अच्छा लग रहा था (उसकी आवाज से वैशाली के चेहरे पर शर्म की लाली का उभर जाना )

वैशाली बहुत संकोच हो रहा था। तभी उसे खुशी की बात याद आता" कितना हेंडसम है"तो नजरें उठा कर देखी तो देखती रह गईं....




युवराज ने कहा क्यों हम हैंडसम नहीं लग रहे हैं?

वैशाली -"खोए हुए अंदाज में बोली नहीं आप बहुत हैंडसम है खुशी ने सच कहा था?.."

तभी उसे याद आता है कि उसने बाद में क्या कह दिया?.जिससे वह अपनी नज़रें नीचे कर ली संकुचा कर

युवराज उसे अपने बाहों में भरकर लिया { उसे सुकून फील हो रहा था जो कि उसने आज से पहले कभी फील नहीं किया था} - बहुत लड़कियो ने कहा है लेकिन आपके मुँह से सुन अच्छा लगा... आप इनोसेंट है, आप सबसे डिफरेंट है जो खास हमारी है जिन्हे ताह उम्र अपने पास रखना चाहते है...

वैशाली युवराज के फेग्नेंस से मदहोश हो रही थी.... जो अपने में बसा लेना चाहती थी...

क्या आपको वैशाली शर्मा से....युवराज रंधवा की पत्नी बनना चाहती है...

वैशाली - शादी के बाद तो आपका नाम हमसे जुड़ जाएगा... सच कहे तो हमें आपको थैंक्यू कहना है शौर्य को हमारे जिंदगी में जोड़ा...

युवराज - थैंक्यू कहे ना मिसेज़ वैशाली युवराज रंधवा तो रेडी हो जाए हमारी मोहब्बत देखने के लिए...

शौर्य चिल्लाने लग गया था यह देखकर वैशाली युवराज से दूर हुई

अले मेरा शौर्य मम्मा की गोद में आना है

शौर्य मासूम सा फेस बनाकर सर हाँ में हिलाया... वैशाली ने गोद में लेकर उससे प्यार भरी बातें करने लग गई

युवराज ने यह सब अपने फोन में कैप्चर कर लिया था।

कैसा लगा आज का पार्ट कमेंट करके बताइए!.

दोस्तों कैसी लगी इन दोनों की बातचीत?.

थोड़ी अलग थी ना,,

अभी तो कहानी शुरू हुई आगे देखिए होता है।