गैंगस्टर का सनकी इश्क - 7 Sanju द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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गैंगस्टर का सनकी इश्क - 7

इंडिया......

युवराज रूम का दरवाजा खोला और बाहर निकल आया उसके आते ही खुशी आ गई

खुशी रूम के दरवाजे के पास आई वैशाली शौर्य को लिए हुए खड़ी थी

खुशी ने उसका हाथ पकड़ कर बोली अच्छे से बात हुई ना आपने सब कुछ पूछ लिया ना ?.

वैशाली ने हां मैं अपनी गर्दन हिलाई

खुशी बोली तो कैसे लगे आपको युवराज?.

वैशाली शर्माने लगी तो खुशी मुस्कुराते हुए बोली समझ गए, वैसे सच कहूं तो हमें भी यह पहली नजर में ही आपके लिए पसंद आ गए थे ।

खुशी की मुस्कान कह रही कर रही थी वो शौर्य के गाल को टच करते हुए हेलो बेबी में आपकी मासी मतलब आपकी मम्मा की दोस्त कम सिस्टर हुँ....

शौर्य क्यूट सा शॉक एक्सप्रेशन लिए हुए वैशाली को देख रहा था जैसे पूछ रहा सच्ची मम्मा?.




वैशाली - समझ गईं और बोली हाँ मेरा क्यूट बेबी ये आपकी मासी है... आप इन्हे हेलो कहो?.

शौर्य - { तुतराते हुए }अलो.. माजी .. {हेलो मासी }

खुशी - हेलो बेबी और गाल पर किश करी... शौर्य हवा मर हाथ हिलाने लगा..... यार वैशाली ये कितना क्यूट है ये बिल्कुल तेरे जैसे है.... जैसे ये तेरा खुद का बच्चा है....

वैशाली {तोड़ा गुस्सा में }ये मेरा बच्चा है आज कह दिया आगे कभी मत कहना....

खुशी ओके मेरी माँ सॉरी... अब चल.... वो वैशाली को लेकर बाहर आने लग गई

युवराज - फोन में कुछ कर रहा था लेकिन वैशाली खुशी की बात सुन लिया था और वैशाली का जवाब सुन ख़ुश था.... वो हाल में आ गया

युवराज - "का मन अभी भी वैशाली में ही अटका हुआ था वो देखना चाहता है कि क्या वैशाली उसके पीछे आ रही है?. या नहीं लेकिन अपनी एटीट्यूड के चक्कर में कुछ कर नहीं सकता था...!




लेकिन आज वो मानने वाले नहीं था वो चलते हुए उसने बड़ी चालाकी से पीछे मुड़कर अपनी जिन्होंने निगाहों से देखा उसकी खूबसूरत सी वैशाली उसके पीछे-पीछे आ रही थी




यह देखकर उसके जुनून दीवानेपन की हद नहीं है उसने दोबारा से सामने देखा वहां से जाने लग गया

दोनों हाल के सबसे बीच पहुंच गए और अपनी जगह बैठकर फिर वैशाली और खुशी हुई वहां आ गई

खुशी ने वैशाली को सोफे पर बैठा दिया खुद उसके बगल में खड़ी रही हो गईं

सुहानी{ आदर से} -अंकल जी अगर आपको कोई एतराज ना हो तो?. क्या हम परिवार वाले आपस में ही थोड़ी बातचीत कर ले हम अपने भाई की राय भी जानना चाहते हैं?.

निलेश जी- जरूर आप सब आराम से बात कीजिए तब तक हम सब भी वैशाली से बातचीत कर लेते हैं फिर आखरी फैसला पर आते हैं।

निलेश जी ने सुमित्रा को बोला इन्हें कमरे में ले जाइए

तीनों सुमित्रा के पीछे-पीछे चलने लग गए थे और गेस्ट रूम में आकर सुमित्रा ने सर झुका कर आप सब बात करिए हम आते हैं,, यह कहकर वह वहां से चली गई।

थोड़ी देर डिस्कशन करने के बाद सुहानी, युवराज, ऋषभ कमरे से बाहर आए और ।

निनेश जी बोले जी आपने क्या डिसीजन लिया?.

ऋषभ मुस्कुराते हुए इसमें कोई शक नहीं अंकल की आपकी वैशाली में कोई कमी है हमें तो हली नजर में भा गई इसलिए हमने यह रिश्ते के लिए इतना जोर रखा

हमारी तरफ से यह रिश्ता पक्का समझीए

युवराज अपने हाथ में पहनी घड़ी को देखे जा रहा था अंदर ही अंदर बेचैन हुए जा रहा था पता नहीं वैशाली का क्या जवाब होगा?.अगर उन्होंने मना कर दिया.. पता नहीं क्या करेगा?.

सुहानी - वैशाली हम आपसे पूछना चाहते हैं क्या आपको युवराज भाई से अच्छे लगते हैं कि नहीं?.

हम सच कहते हैं?.उनके जैसा इंसान आपको ढूंढने पर भी नहीं मिलेगा?. यह बहुत ही अच्छे नेचर के है हाँ उनके नाक पर थोड़ा गुस्सा रहता है, लेकिन आपके आ जाने से ही अपने गुस्से को भी काम कर लेंगे!..

एक औरत ही होती है जो घर को गृहस्ती में कन्वर्ट कर दिया आप आप सोच सकते हैं घर में किस की कमी है?.




युवराज बहुत ही कम बोलते हैं लेकिन जो भी बोलते हैं बहुत ही पॉइंट टू पॉइंट बोलते हैं उन्हें बातें घूमने की आदत नहीं है..!




वैशाली { शौर्य के नन्हें उंगलियों को अपने हाथ में लिए हुए..}दीदी आपको यह सब कहने की जरूरत नहीं है ( सभ्य और आदर्श के साथ बोली)

इन्होंने हमसे हमारी राय कमरे में ही ले ली है...लेकिन आप सब सुनना चाहते हैं तो हमारी तरफ से हां है,

युवराज ये सुनकर अलग ही दुनिया में पहुंच गया वो इतना ज्यादा बेचैन था, बड़ी से बड़ी करोड़ों डील में भी नहीं मिलता था जितना आज मिला था वैशाली के हां से

ऋषभ{ खुशी से }सबको मीठा खाना चाहिए बहुत खुशी की बात है आज....




निलेश जी ऋषभ के मुंह में मिठाई खिलाते हुए एक दूसरे से गले लगाए

खुशी ने भी मिठाई का एक टुकड़ा लेकर सुहानी को खिलाते हुए खुशी जाहिर करने लग गई थी

सुहानी - अपने साथ लाई हुई शगुन और फल टोकरी एक सर्वेंट से मंगाई

वैशाली के सर पर पल्लू खुशी ने डाला.... सुहानी पास आकर झोली में शगुन और फल पैसे उसके आंचल में डालकर उसके सर पर हाथ रखकर बहुत ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है....पत्नी से पहले मां का दर्जा दिया गया है... आपको उससे पीछे मत हटना....

शौर्य आपको माँ मान चुका है उसकी उम्मीदों को कभी मत तोड़ना।

वैशाली अपने नजर उठाकर हाँ में सर हिलाया.... सुहानी झुक कर उसके माथे को चूम ली

रश्म होने के बाद युवराज, ऋषभ, सुहानी जाने लगे थे लेकिन शौर्य था कि वह वैशाली को छोड़ ही नहीं रहा था वो क्यूट नन्हें उंगलियों पल्लू के आंचल को पकड़े हुए अपने मुट्ठी में कस कर ना में सर हिला रहा था वो जान गया था की वो अपनी माँ से दूर जाने वाला है।शौर्य की आँखे भर आया था.....




वैशाली - शौर्य बच्चा हम तो आप ही के पास आने वाले हैं थोड़े दिन की और बात है उसके बाद आपकी मम्मा आपको छोड़कर कहीं नहीं जाएगी।

शौर्य ना समझी से उसे देख रहा था लेकिन पता चल गया कि उसकी मां क्या कह रही है?.इसलिए उसने कुछ नहीं कहा एक बार सीने से लिपटकर अपने नम आंखों से देखने लग गया🥺

वैशाली का बिल्कुल मन नहीं था उसे खुद से दूर करने का

सुहानी आगे बढ़ कर शौर्य को अपनी गोद में लेकर घर से बाहर चले गई




शौर्य सुहानी के गर्दन में चेहरा छुपा कर अपनी माँ से दूर होते देख रहा था मात्र कुछ ही पल में शौर्य वैशाली से घुल मिल गया था.....




युवराज अपने दीवानेपन, जुनून से वैशाली को देखने के बाद सीधा घर से बाहर निकल गया।

खुशी वैशाली के पास आई.... प्यार से बोली बधाई हो वैशाली आज से आप पराई हो गई अब अपने पति जी की हो गई....जो बड़ी बेसब्री से बाहर आपका इंतजार कर रहे हैं... आज से आपकी नई जिंदगी के एक नई खूबसूरत शुरुआत होने जा रही है.....यह सुनकर वैशाली भावुक हो गई.... 🥺




उसकी आंखें भर आई उसे अपनी मां की याद आ रही थी खुशी आगे बढ़ कर उसके आंसू को पूछते हुए बोली आपको रोते हुए बिल्कुल अच्छी नहीं लगती अपनी नई जिंदगी की शुरुआत खुशी से करिए




यह कहकर खुशी ने उसके पल्लू को अच्छे से उसके माथे पर सेटअप कर दिया और उसे लेकर बाहर जाने लग गई।




निलेश जी ऋषभ, युवराज से कुछ बातचीत कर रहा था तभी उसके कानों में पायल की धीमी आवाज ए दिल धड़कने तेज होने लग गए

बेहद खूबसूरत एहसास होने लगा युवराज को वह समझ गया, कि वैशाली उसे निहार रही है




वैशाली अपने कमरे के बालकनी में आकर खड़ी थी और बेचैनी से युवराज को देख रही थी

निलेश ने कहा पंडित जी से बात कर लेते हैं कल इंगेजमेंट के लिए अच्छा दिन है आप सब अगर बुरा न माने तो कल ही यह रस्म हो सकता है..?

सुहानी ने कहा यह भी कोई पूछने की बात है...अंकल जी आपको जो ठीक लगे वो करिए.. वैसे भी हमारे घर में कोई बड़ा है नहीं की जो हमें यह बता सके!

आप अगर हमें मार्गदर्शन देंगे तो हमें अच्छा लगेगा।




ऋषभ - सही कह रही है सुहानी...! अंकल आपको जो ठीक लगता है वो करिए और पैसे की फिक्र मत कीजिए

सुहानी शौर्य वैशाली को देख रोने लग गया जिसे चुप करने के लिए उसे घुमाने लग गई थी




निलेश ने कहा पैसे की बात नहीं है ऋषभ बात फ़िक्र की है अगर उन लोगों को पता चल गया "कि वैशाली अभी भी जिंदा है तो पता नहीं क्या कर बैठेगे?.और उससे पहले उसका बाप हमें जिन्दा नहीं छोड़ेगा?. इतने सालों से हमने उसकी बेटी को छुपा कर रखा है"...

युवराज ने कहा आप उसकी फिक्र करना बंद कर दीजिए क्योंकि अपनों को उन्होंने खुद से खोया है।

वैशाली हमारी हैं इसलिए उन तक पहुंचने वाले दुश्मन या परिवार हमसे होकर गुजरेगा....उनके अच्छे बुरे के लिए हम डिसीजन लेने के लिए सक्षम है।

आप कल इंगेजमेंट की तैयारी करिए।

ऋषभ लेकिन वैशाली को अगर सच पता चल गया तो क्या हुआ यह शादी करेगी?.

युवराज ने कहा बिना सच पता चले ही हमें यह शादी करनी होगी वह भी जल्द से जल्द,

रूद्र प्रताप सिंह हमारी इनफॉरमेशन निकल रहा है और वो ऐसे बैठ नहीं सकता वह कुछ ना कुछ करेगा?. {सोच कर }

निलेश { थोड़े गुस्से में कहा } हमने अपनी विशा को खो दिया है लेकिन उसकी अमानत को बिल्कुल भी खो नहीं सकते है

इसके लिए हमें उसके बाप को ही क्यों ना मारना पड़े हम पीछे नहीं हटेंगे?.

उसकी वजह से हमारी बहन की आंखों में आंसू आए और अंत में उसकी वजह से उसकी जान चली गई सिर्फ उसकी दुश्मनी की वजह से,

ऋषभ आगे बढ़कर निलेश जी के गले से लगा लिया.... अंकल आपको कमजोर नहीं होना, बल्कि धैर्य रखना है आप इतने सालों से वैशाली को छुपाए रखे हैं तो फिर आज आप कैसे हार सकते हैं?.

अब हमें आज्ञा दीजिए हम कल आपसे मिलते हैं यह कहकर अपनी गाड़ी में बैठ गया

सुहानी शौर्य को लेकर बैठ गई थी जो कि सो गया था रोते रोते.....

युवराज पलटकर बालकनी में खड़ी ही वैशाली को देखा और हाथों पर करके बाय किया

वैशाली ने भी बाय किया उसके होठों पर गहरी मुस्कान थी जिसे देखकर युवराज के भी होठों पर मुस्कान आ गई




ऋषष - हमारा पुराना युवराज वापस मिल रहा है सुहानी देखिए वैशाली के आने से उसके होठों पर मुस्कान वापस आ गई।

सुहानी लेकिन वैशाली को युवराज भैयाँ का सच पता चल गया तो क्या वह यह शादी करेगी?.

ऋषभ हम यह सच पता लगे नहीं देंगे।

सुहानी - शौर्य को थपकी देते हुए...शादी झूठ पर नहीं टिकता है.... आपको पता है ना शादी में विश्वास होना होता है ना कि झूठ पर टिका हो?.

ऋषभ आप सही कह रही हैं झूठ पर रिश्ता नहीं टिकता है लेकिन एक झूठ से युवराज के मुस्कान वापस आ जाता है तो हम लाख झूठ बोलेंगे।

युवराज गाड़ी में बैठ गया था

उनका काफिला वहां से चला गया था।

वैशाली को अगर सच पता चलेगा तो क्या करेगी क्या शादी निभा पाएगी ?.

कृश तृषा का नोक झोक कैसा लगा?.

इस कहानी में बहुत सस्पेंस है जो कि आपको धीरे-धीरे खुलने को मिलेगा आप सब धैर्य रखीेए...