गैंगस्टर का सनकी इश्क़ - 8 Sanju द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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गैंगस्टर का सनकी इश्क़ - 8





सुहानी - शौर्य को थपकी देते हुए...शादी झूठ पर नहीं टिकता है.... आपको पता है ना शादी में विश्वास होना होता है ना कि झूठ पर टिका हो?.


ऋषभ आप सही कह रही हैं झूठ पर रिश्ता नहीं टिकता है लेकिन एक झूठ से युवराज के मुस्कान वापस आ जाता है तो हम लाख झूठ बोलेंगे।




युवराज गाड़ी में बैठ गया था

उनका काफिला वहां से चला गया था।

अब आगे.......

वैशाली मायूसी से कार को जाते हुए देखकर अपने दिल पर हाथ रखे हुए ये कैसा एहसास है?. पहली बार इन एहसासों के साथ रूबरू हो रहे हैं?. क्या सच में खुशी जो कहती है वह सच है?.

शायद हमें भी प्यार हो रहा है.उनसे?.लेकिन इतनी जल्दी कैसे हो सकता है!...

सुमित्रा उसके कमरे के अंदर इंटर होते हुए.... बेटा शादी का बंधन होता है ना बहुत ही नाजुक होता है इसमें विश्वास प्यार दोनों का समान मात्रा में मिश्रण होना जरूरी होता है।

अभी तुम नहीं समझोगी जब तुम पूरी तरीके से शादी के बंधन में मिल जाओगी तो तुम्हें यह एहसास होगा।

इन एक हफ्तों में तुम हमसे दूर चली जाओगी हमारी प्यारी सी वैशाली जो कि हमारे आंगन में किलकारी कभी करती थी

वैशाली भावुक होकर पास आई और गले से लग काकी ऐसे मत कहिए हम आप सब से दूर कभी नहीं जाएंगे

सुमित्रा {भावुक से }बाल को सहलाते हुए बेटा इन रस्मों से तुम कभी पीछे नहीं हट सकती हो क्योंकि ये शादी ही तुम्हें एक दूसरे को करीब लेकर आएगा

युवराज की आंखों में तुम्हारे लिए प्यार देखा है... शौर्य को जिस तरह तुमने संभाला हमें उम्मीद नहीं थी कि तुम उसे संभाल पाओगी

वैशाली { दूर होकर आंसू पोछते हुए } काकी ये आप यह कैसी बात कर रही हैं?. शौर्य को जब हमने अपनी गोद में लिया और उसका प्यार भरा स्नेह जब हमारे धड़कन को छूकर गया तभी हमने दिल से अपना बेटा मान लिया।

सुमित्रा उसके माथे को चूमते हुए तुम बस खुश रहो बस इसी में हमारी खुशी है।

सुमित्रा चली गई थी वैशाली ड्रेस चेंज करके किचन में खाना बनाने लग गई थी

निलेश जी चले गए थे रिंग लेने के लिए क्योंकि कल ही इंगेजमेंट था

निलेश जी वैशाली के बचपन से ही छोटे-छोटे गहनों को बनवा रखा था " वो शादी नहीं किया क्योंकि उसे ऐसा लगता था अगर शादी कर लेगा तो जो उसकी बीवी आएगी वो वैशाली के साथ सौतेला व्यवहार करेगी जो कि बिल्कुल नहीं चाहता था इसलिए उसने मां पापा का प्यार वैशाली को दिया।"




थोड़ी देर बाद

निलेश जी आ गए थे और उन्होंने ने वैशाली को रिंग दिखाएं जो की वैशाली को बहुत पसंद आया था ज्यादा महंगा नहीं था लेकिन बहुत ही अच्छे तरीके से निलेश जी ने बनवाया था।

निलेश जी अपना जमा पूंजी पूरा वैशाली के पालन पोषण में लगा दिया था

वैशाली को अच्छे से अच्छी एजुकेशन देने के लिए ताकि कोई भी यह ना कह सके कि बेटी को वह पढ़ाया नहीं है

थोड़ी देर बाद वैशाली खाना खाकर अपने कमरे में आई बेड पर लेटी हुईं सोनू को बाहों में लेकर युवराज को अपने पास महसूस करने लग गई थी

रात भर ऐसे ही करवटें बदलते रही युवराज की यादों में

वहीं युवराज शौर्य को अपने बेड पर लेटाए हुए उसके सर पर थपकी दे रहा था

वैशाली को अपने सामने महसूस कर पा रहा था उसकी आंखों में शिद्दत,जुनून,पागलपन सब कुछ दिख रहा था

"आपको हमसे कोई दूर नहीं कर सकेगा वैशाली"

अगर कभी आप हमसे दूर जाने की कोशिश भी की तो आपको हम अपने कैद में कर लेंगे......

रात भर करवटें बदलते रहा शौर्य कसमसाते हुए बार-बार नींद में मम्मा नाम ले रहा था

अगली सुबह




शौर्य उठकर मम्मा मम्मा कहकर रोने लग गया था युवराज शौर्य का रोना देखा नहीं जा रहा था एक ही दिन में पता नहीं कौन सा जादू वैशाली ने शौर्य पर कर दिया था?.




जादू तो किया था वैशाली ने उस पर भी लेकिन वह दिखा नहीं रहा था और वही छोटा सा शौर्य दिखा दे रहा था

ऋषभ ने कहा इसे क्या हो गया यह रो क्यों रहा इतना?. {कमरे में आते हुए }

युवराज - शौर्य को अपने गोद में लेकर चुप करते हुए ये इसलिए रो रहा है क्योंकि वैशाली को मिस कर रहा है।

सुहानी ने दूध का बोतल लाकर उसे देते हुए बोली इसे थोड़ा पिला दीजिए शायद भूख लगी होगी?.




युवराज ने ने दूध का बोतल उसके मुंह पर लगा दिया लेकिन शौर्य बार-बार बोतल को हटा दे रहा था

युवराज का दिमाग खराब हो रहा था पहले से ही वैशाली के यादों में रात भर सोया नहीं था और शौर्य का रोना

ऋषभ - क्या हो गया हम वैशाली से बात करा देते हैं शायद चुप हो जाएगा

सुहानी - मां का स्पर्श पाते ही बच्चे चुप हो जाते हैं बात करने से कुछ नहीं होता, ऋषभ जी यह बात आपको अभी नहीं पता चलेगा जब 4 महीने बाद हमारा बेबी इस दुनिया में आ जाएगा.... तब आपको पता चलेगा कि बच्चों के लिए मां की छवि क्या होती है?.




ऋषभ { हाथ जोड़कर } बीबी ज़ी आपसे कोई जीत पाया है क्या आप बातों में हमें हरा देती हैं?.

युवराज ने कहा तुम दोनों अपने में ही लग गए इसे कैसे चुप कराए, पहले तो कभी यह ऐसा नहीं किया है?.




ऋषभ- {सोचते हुए }आईडिया दे जिससे तेरी बेचैनी भी कम हो जाएगी और हमारे नन्हे शहजादे को भी उसकी मां मिल जाएगी?.

युवराज ने तड़प के साथ बोला क्या है आइडिया जल्दी से बता ?.

ऋषभ ने आईडिया बताया..............!जिसे सुनकर युवराज के होठों पर कातिल मुस्कुराहट था

सुहानी - यह करना सही नहीं रहेगा शादी होने में बस एक हफ्ते ही बाकी है।

ऋषभ - बीबी ज़ी क्या चाहती हो की शौर्य दिन भर रोता रहे?.वैसे भी अभी मिलने में हमें शाम तक का टाइम है...! तब तक शौर्य रोकर बुरी हालत कर लेगा और हमसे देखा नहीं जाएगा...

युवराज - तुम लोग जो भी सोचो मैं वैशाली के पास से लेकर जा रहा हूं

यह कहकर फौरन रेडी होकर शौर्य को लेकर वहां से चला गया

युवराज ने शौर्य फोन दे दिया ताकि शांत रहे....

15 मिनट में

वैशाली के घर के सामने खड़ा था निलेश की तैयारी कर रहे थे।