यादों की अशर्फियाँ - 13. दीपिका मेम का रिजाइन Urvi Vaghela द्वारा जीवनी में हिंदी पीडीएफ

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यादों की अशर्फियाँ - 13. दीपिका मेम का रिजाइन

13. दीपिका मेम का रिजाइन

जय मच्छरा दादा, बोलो जय मच्छरा दादा
डेंगू, मलेरिया कराने वाले, जय मच्छरा दादा
बोलो मच्छरा दादा की……

जय। हम सब हंसकर बोल पड़ते। ध्रुवी के इस भजन की सब सराहना भी करते। ध्रुवी माही को मच्छर कहती थी और हम सब भी। ध्रुवी की इसी तरह सबको खुश रहने की और हसते रखने की कला पर हम सब फिदा थे। इसके साथ यह गम भी था की शायद अगले साल वह हमारे साथ नहीं पढ़ेंगी।

कल प्रीलिम्स खत्म हो गई। 10th और 12th के स्टूडेंट्स पूरा दिन बाहर खुली हवा में बैठ कर कैम्पस में एक्जाम देते थे इस कारण हमारी रिसेस की बातों में थोड़ी रुकावट थी। पर अब नहीं क्योंकि वह खत्म हो चुकी थी इसलिए ध्रुवी के मस्ती के दिन शुरू।

आज मस्ती का दौर कुछ कम था क्योंकि झारा नहीं आई थी। रिसेस खत्म होते ही निशांत सर का पीरियड था पर वह नहीं आए थे उसकी जगह हीरेन सर आए। हमे तो फिर भी मज़ा आ रहा था पर जब निशांत सर आए तो में यही चाहती थी वह आए। और इसमें हीरेन सर को बुरा लग गया क्योंकि मेने साफ मना कर दिया था की आप नही, निशांत सर आए। और हीरेन सर कहा, “ आप जब 10th में आएंगे तब मेरी किम्मत मालूम होगी।” और यह सो आने सच था।

* * *

में हर दिन की तरह आज भी दीपिका मेम के पीरियड का इंतजार कर रही थी। आज बुधवार था इसलिए मेम का आखरी पीरियड होता था। आखिर 12:00 बजे मेरा इंतजार खत्म हुआ। मेम आ गए। पर जो खुशी मेरे चहरे पर थी वह ज्यादा देर तक टिक न सकी क्योंकि मेम ने जो कहा वह….
“ किसको भी अपनी कोई भी बुक चेक करवानी हो तो आज दे या कल क्योंकि कल मेरा आखरी दिन है।”
हम सब तो चौक गए मानो सपना हो और वह अभी आंखे खुलते ही टूट जाएगा। पर ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं था।
" मतलब?"
" मतलब यही की में रिजाइन दे रही हु पर डॉन्ट वरी में ही आपके एक्जाम के पेपर्स तैयार करूंगी और चेक भी में ही करूंगी। आपको कोई लॉस नहीं होगा।"
ऐसे कैसे कोई लॉस नहीं होगा। हम सब के फेवरिट टीचर जा रहे थे और वह भी अचानक से तो लॉस भी हुआ और दु:ख भी।
सब बॉयज मेम से पूछ रहे थे हम सब के मन के प्रश्न को। मैने तो मेरा सिर दोनों हाथों के बीच में रख कर झुक गई बेंच के ऊपर। मेरे बस में सिर्फ यहीं था।

"आप 10th में रुक जाते ना। हमारी पेपरस्टाइल भी चेंज हुई है। हमे आपकी जरूरत है प्लीज मेडम।" हर्षित, निखिल और बाकी सब ने भी सूर पूराया।
"में सिर्फ एक साल के लिए आई थी फिर 11th के स्टूडेंट्स ने रिक्वेस्ट की और मैने प्रोमिस दे दिया। में किसका प्रोमिस नहीं तोड़ती तो में एक और साल रुक गई। अब में फ्री हो गई इसीलिए तो में मार्च तक रुकी, उनकी एक्जाम खत्म हो जाए बाद में जा सकूं।"
" मेम हम भी रिक्वेस्ट कर रहे है रुक जाएं न।"
मेम की नज़र मेरी ओर पड़ी। उन्होंने इशारे से पूछा की में रो रही हु क्या? मुझे अच्छे से याद तो नहीं शायद ध्रुवी ने ' हा ' कह दिया।
मेम मेरी बेच की और आ कर बोले," में जानती थी इसलिए मैने उनकी तरफ देख नहीं रही थी की वह रो पड़ेगी। उसका लगाव है मेरे साथ।"
फिर मेरी ओर देख कर बात करने लगे पर में उनसे नाराज थी इतना झटका कौन देता है? मानो मेम को यह बात पता लग गई हो की मेरे मन में क्या सवाल है, उसने कहा," देखो, ऊपर देखो, मैने पहले कहा तो था न की में चली जाऊंगी हा? फिर ...." तभी दोपहर की स्कूल के टीचर्स आ चुके थे तो उनमें से कोई देख रहा था। " कल मेरा आखरी दिन है तो स्टूडेंट्स इमोशनल हो रहे है देखो ना..." " तो मत जाओ ना स्टूडेंट्स और टीचर्स भी आपको कह रह रहे है" पीछे से हा की ध्वनि सुनाई दी। " उरी, में तुम्हे भी साथ लेकर जाऊंगी खुश?" जेसे मेम इमोशनल एटमॉशफीयर को लाईट कर रहे थे पर मुझ पर ऐसा कोई असर नहीं था। झारा भी नहीं थी तब मैने उसकी बहुत कमी महसूस हुई। अगर वह होती तो मेम को कहीं नहीं जाने देती। मेरे आंसू पहली बार किसी टीचर के लिए उनके सामने गिर पड़े क्यों न गिरे जब दीपिका मेम जेसे टीचर हो।

* * *

" तुम भी ना। रोकना नहीं चाहिए था? तुम कैसे कुछ भी नहीं बोली?" झारा ने गुस्से से कहा। उसे तो यकीन ही नहीं आया की एक दिन वह नहीं उसमे तो क्या से क्या हो गया। उसे यह लगा होगा की में मना लुंगी पर उसे केसे समजाऊ की में खुद हैरान रह गई थी जब मैने यह सुना। कैसे नहीं होती। नसरीन टीचर भी अचानक खिड़की में से कह गए की में जा रही हूं । और उसके बाद जब हम सबको लगा की दीपिका मेम ही है जो हमे समझ रहे है, जो हमे प्यार करते थे, हमे गलत नहीं समझते वह अचानक से कह दे की में हमेशा के लिए जा रही हु तो क्या हाल होगा मेरा?
जेसे हम सब परेशान हो कर अपनी मम्मी के पास दौड़कर उनकी पल्लू में आराम पाते है पर जब हम उनसे नाराज हो जाते है तब भी वह हमे शुकून ही देता है वैसे ही मुझे भगवान पर पूरा विश्वास था की वह उनको नहीं जाने देंगे क्योंकि मैने सच्चे दिल से प्रार्थना की थी पर यह क्या भगवान ने मेरा विश्वास तोड़ दिया। पर शिवरात्रि के प्रसिद्ध भवनाथ के मेले में मम्मी - पापा के साथ गई। भगवान ने मुझे संभाल ही लिया।
झारा और मैने तय किया की अब मेम को रोकना हमारे बस की बात नहीं है पर हम उनका आखरी दिन यादगार बनाने की बात को हमारे बस की ही है। हमने मेम के आखरी दिन पर उनके के लिए गिफ्ट्स खरीद लिए और मैने अपने हाथों से कार्ड बनाया।

* * *

मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था की जो हररोज क्लास मे आते थे, स्वेटर पहनने की लिए प्यार से डांटते थे जो 15 दिनों तक डायरेक्ट - इनडायरेक्ट पढ़ाते थे जिन्होंने हमे स्पेशियली मुझे इंग्लिश में पावरफुल किया उसे हम सब आखरी बार देख रहे थे। उनकी ज्यूपिटर अब नीम का पेड़ भी मिस करेगा।
जिसका हम सब को इंतजार था वह ब्यूटीफुल एंड इंटेलिजेंट मेम का लेक्चर आया। वह देख कर दंग रह गए। बोर्ड पर मेरी हैंडराइटिंग में खूबसूरत शायरी, ' वी मिस यू ' लिखा था।
" वाह , थैंक यू सो मच माय डियर स्टूडेंट्स। आई विल मिस यू टू। सच में मुझे आप सब भी बहुत याद आएंगे। जिसने भी बनाया उसने बहुत खूबसूरत बनाया है। थैंक्स अगेन। "
आज किसी ने भी कोई आवाज़ नहीं किया मतलब कोई कुछ नहीं बोलना चाहता था सिर्फ मेम की मधुर मुस्कान और आवाज़ को सुनने के लिए ही सब आए थे यहां तक की सिर्फ स्टूडेंट्स ही नहीं निशांत सर भी हमारे क्लास में मेम को सुनने के लिए आए। मेम तो हमेशा स्पीच देने के चैंपियन थे पर आज तो उसने हम सब के दिल को छू लिया था। उन्होंने हमारे उज्जवल भविष्य की ही कामना की थी। स्पीच खत्म होते ही झारा और मैने मेम को गिफ्ट दिया ," अरे.. वाउ ब्यूटीफुल इसमें आप दोनो के नाम लिख डालो इसलिए यह खूबसूरत यादें में संभाल कर रख सकूं और में आप सब को बहुत याद करूंगी।"
मुझे सबसे ज्यादा कुछ भी पसंद था तो वह मेम की स्माईल दी जिसने मेरी लाईफ को मोटिवेशन से भर दिया। मुझे हमेशा यह स्माइल को याद करना पड़ेगा अब लाइव प्रसारण नहीं होगा।

रिसेस में हम सब उदास थे। धीरे धीरे कर के सब जा रहे थे। निशांत सर के जाने की भी बात सुनाई दे रही थी। मेरी धुलु भी जा रही थी और अब मेम भी। रिसेस के बाद मेम का दूसरा पीरियड आया। वंश भी इस बार तो रो पड़ा । वंश को समझने वाले और प्यार करने वाले सिर्फ मेम ही थे। वह भी मेम को रोक ने की कोशिश कर रहा था अब क्या!

आज हमारे नीम के पेड़ के नीचे आखरी मुलाकात थी आंसू के साथ।

* * *