Shyambabu And SeX - 31 Swati द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ

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Shyambabu And SeX - 31

31

पुलिस

 

 

अब श्याम बैडरूम में ज्योति को उठाए ले जा रहा है और बेड के नज़दीक जाते ही उसकी हिम्मत जवाब दे गई  और उसने धम्म से उसे बेड पर गिरा दिया और खुद भी वहीं साथ में लेटकर हाँफने लगाI  “आज तो बहुत  मेहनत कर ली, “यह सुनकर ज्योति उसका मुँह ताकने लगीI  अब वह चाह  रही है कि  श्याम उसकी तरफ बढ़े और उसकी इच्छा को पूरी करें, वही दूसरी तरफ श्याम चाह रहा है कि ज्योति पहल करेंI  अब ज्योति से रहा नहीं गया तो वह ख़ुद ही श्याम पर सवार हो गई, यह देखकर उसका तन मन पुलकित हो गयाI  फिर उसने आँख बंद कर ली और ख़ुद को उसके सामने समर्पित कर दियाI

“श्याम!! तुम्हारे साथ कोई दिक्कत है, क्या?” “ नहीं!!” उसने हड़बड़ाते हुए आँखे खोल लींI  तभी श्याम के फ़ोन पर  एक मैसेज आया और ज्योति उसकी ज़ेब से फ़ोन निकाल, उसे पढ़ने लगी, जान !! “आईं रियली मिस यू !!! हैव ए सेक्स ड्रीम !!!” उसने मैसेज पढ़ा और उसके ऊपर से हट गईI  “ओह ! तो यह बात हैI यह तान्या कौन है??”  अब उसने हिचकते हुए उसे सारी  बात बताईI

 

देखो !! श्याम अगर तुम्हें यह तान्या पसंद है तो इट्स ओके !!! मुझे कोई शौक नहीं है, किसी और के बॉयफ्रेंड के साथ कुछ भी करने काI

 

ज्योति  तुम गलत समझ रही हो, दरअसल मैं कन्फूयज़ होI  मैं तुम्हें  स्कूल टाइमिंग से ही बहुत पसंद करता थाI अब उसने अपने दिल की बात उसे बताईI 

 

ओह !!! तुम भी मुझे अच्छे लगते थें, लेकिन एक दोस्त की तरहI और आज भी मैं तुम्हें एक दोस्त ही समझती हूँ, जिसके साथ कुछ सोचा जा सकता है I 

 

इसका मतलब यह जो हो रहा था, वो प्यार नहीं था ??

 

प्यार, मैं कर चुकी हूँ पर अगर तुम्हें कोई सच्चा प्यार मिल रहा है तो कन्फ्यूज़ मत होI  यू हैव टू गो फॉर इट I I  डोंट ब्रेक हर हार्ट !!!१ अब ज्योति मुस्कुरा दीI

 

लेकिन ज्योति????

 

श्याम! हम हमेशा अच्छे दोस्त रहेंगेI

 

और अगर तान्या ने मेरा दिल तोड़ दिया तो.......

 

“एक दोस्त होने के नाते,  मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँI”  उसने श्याम के हाथ पर अपना हाथ रखा तो वह मुस्कुरा दियाI  फिर उसे गूडनाइट बोलकर वहाँ से निकल गयाI  उसकी समझ में  नहीं आया कि हुआ क्या है? आख़िर वह किसे चाहता है? तान्या या ज्योति??? तान्या से अभी मिला भी नहीं है, मगर फिर भी हरदम उसके बारे  में  सोचता रहता है और ज्योति से मिला तो तान्या का इतना ख्याल ही नहीं रहाI  इसी पेशोपश में  वह घर पहुँचा तो अम्मा न उसे देखते ही लताड़ा,

 

आजकल तेरी आवारागर्दी बढ़ती नहीं जा रही???

 

इसे घूमना कहते है, अम्मा!!!

 

ज़बान तेरी शताब्दी से भी तेज़ हैI

 

सो जाओ,  मेरा सिर दर्द मत करोI

 

मैं सोती रह जाऊँगी और तू कोई मैडम मेरे सिर पर लाद देगाI उसने अम्मा को घूरकर देखा तो वह बोल तुनककर बोल पड़ी, “अपनी माँ को खायेगा क्या??? तू तो चाहता ही है कि मैं इस दुनिया से कूच कर जाओI”

 

“तो फिर कब मर रही हो!!!” वह गुस्से में  बोलकर अपने कमरे में चला गया और अम्मा ने बड़बड़ाते हुए कहा, “ अभी नहीं जाऊँगी, तेरी बारात देखकर जाऊँगी और वो न देख  सको तो भूत बनकर इसी घर में घूमती रहूँगी”I अब वह भी चादर तानकर सो गईI  श्याम भी तान्या से चैटिंग करने के बाद, बत्ती बंद करकर सो गयाI 

 

सुबह गली में  शोर शराबा होने की वजह से  उसकी आँख खुल गईI  अब वह  तैयार होकर नाश्ता करने आया तो उसने दलिए का एक चम्मच मुँह में  डालते  हुए अम्मा से पूछा,  “यह सुबह-सुबह क्या हंगामा मचा हुआ थाI

 

अरे!! वो माधुरी का घरवाला है न मनीष, उसे  पुलिस पकड़कर ले गई  तो माधुरी वापिस आई  होगी पर उसका बापू उसे घर के अंदर नहीं ले रहा था,  फिर सभी गलिवालों ने समझाया तो उसे घर में  घुसने दियाI  श्याम हैरान है I

 

क्या किया उस  मनीष ने ??

 

सुनने में  आया है कि  चोरी की गाड़ियों को चोरों के लिए ठीक करता था और अपने गैराज में  भी  रखता था और दलिया लेगा?

 

नहीं मेरा हो गया, अम्मा!!! अब उसने गाड़ी कॉलेज की तरफ  दौड़ा दी, गायत्री ने तो कल रात ही मैसेज करकर मना कर दिया था कि  उसकी गाड़ी ठीक हो गई  है,  वह अब साथ  में नहीं जाएगीI  वह कॉलेज के गेट पर पहुँचा तो उसे  बबलू का फ़ोन आया,

 

हाँ बोल !!! सब ठीक है?

 

खबर मिली??

 

कौन सी?

 

माधुरी वालीI

 

हाँ सुनी I  पता नहीं किसने खबर दी होगीI

 

भाई !!! यह काम तेरे इस दोस्त बबलू का है I  उसने गर्व से कहा पर श्याम के हाथों  से फ़ोन छूटते-छूटते बचाI