Shyambabu And SeX - 30 Swati द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

Shyambabu And SeX - 30

30

बेडरूम 

 

 

अब श्याम ने न चाहते हुए ट्रायल रूम का दरवाजा खोला और देखा तो सामने ज्योति मुँह बनाए खड़ी हैI वह डरते हुए बाहर निकला तो पता चला कि नकुल तो दूसरे ट्रायल रूम में  घुस गयाI  उसने जल्दी से  शर्ट रखी और ज्योति को लेकर मॉल से बाहर निकल गयाI

 

उसने ज्योति को उसके घर के बाहर छोड़ा तो उसने उसे, अंदर आने के लिए कहा,  इस दफा उसने मना नहीं कियाI   ज्योति ने उसके लिए कॉफ़ी बनाई और कपड़े चेंज करने अपने रूम में  चली गई, ‘फ्लैट तो अच्छा हैI’ उसने चारो ओर नज़रे घुमाईI  अब एक पतला सा गाउन पहने ज्योति बाहर आ गईI गर्मी बहुत है,  रुको मैं ए.सी. चलाती हूँI उसने कॉफ़ी के कप को मेज़ पर रखा और हिचकोले खाते अपने दिल को सम्भालते हुए बोला,

 

“ज्योति मैं चलता हूँI” “ रुको न श्याम”, उसने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे वही सोफे पर बिठा दियाI फिर उसकी आँखों में  देखते हुए पूछने लगी,

 

तुम्हारी ज़िन्दगी में कोई है?

 

श्याम को तान्या का ध्यान आया मगर फिर भी उसके मुँह से निकला “नहीं कोई नहीं हैI “ ‘ हे ! भगवान मैंने यह क्यों कहाI’

 

अब ज्योति ने उसका हाथ अपने हाथ में ले लियाI मैं अब अपनी ज़िन्दगी में ठहराव चाहती हूँI क्या तुम साथ दोंगे? उसने अब श्याम के होंठ चूम लिएI यह तो उसने कभी सोचा ही नहीं थाI

 

इमरती ने रात को खाने के बाद बबलू से पैसे माँगे,

 

किस ख़ुशी में ??

 

कुछ कपड़े खरीदने हैंI

 

इतने कपड़े तो है, तुम्हारे पासI

 

जीन्स टॉप खरीदने हैI

 

क्या ज़रूरत है?? अब अम्मा ने भी बबलू का साथ दिया I उसने दोनों को घूरकर देखा और अपने कमरे में  चली गईI बबलू ने दरवाजा भी खटखटाया, मगर उसने कोई जवाब नहीं दियाI वह तो बत्ती बंद कर अपने फ़ोन से मनोहर को मैसेज करने में लगी हुई है I

 

श्याम भी ज्योति को जवाब में  चूमना चाहता है, मगर उसके हाथ पैर काँप रहें हैंI “तुम ठीक तो हो?” “ हाँ ए.सी का टेम्परेचर बहुत ज़्यादा हैI” उसने अब रिमोट से ए.सी. का नंबर कम कियाI फिर श्याम की गोद में आकर बैठ गईI उसे तो जीते जी स्वर्ग के दर्शन हो गएI  अब उसने हिम्मत करकर ज्योति को कमर से पकड़ लियाI  

 

 

गायत्री का भाई संदीप उसके कमरे में आया और उसे उदास देखकर बोला,  “दीदी क्या हुआ ?”” कुछ नहींI”   “पापा बुला रहें हैंI” वह बाहर के कमरे  में  गई तो उसके पापा  ने उसे बताया कि  विकास के घर में कल माता की चौंकी है, वे लोग हम सबको बुला रहें हैं  इसलिए कल तुम कॉलेज से  वही पहुँच जानाI  उसने हाँ में सिर हिला दियाI 

 

ज्योति ने अब श्याम के चश्मे को उतारकर कहा, “ तुम्हें बुरा तो नहीं लगा रहाI”  तुम्हें जो अच्छा लग रहा है,  वो करोI”  श्याम की ज़बान लड़खड़ा रही है I “ ठीक  है,  मुझे  फिर अपनी गोद में उठाकर  बैडरूम में ले चलोI  उसने कोशिश की तो उसे ज्योति बहुत भारी लगने लगी, मगर वह उसकी आँखों में  देखता हुआ उसे संभलकर उठाता  हुआ बैडरूम में लेकर जा रहा है पर तभी अचानक रास्ते में  उसका पैर प्लास्टिक के पायदान में उलझा और वह उसे लेकर वही गिर गया,  “ओह !! ज्योति तुम्हें लगी तो नहींI “ उसने ध्यान नहीं दिया कि वह ज्योति के ऊपर है और वो इसके नीचे हैंI  ज्योति की आँखे बहुत कुछ कह रहीं है पर श्याम है कि उसके पैर को सहला रहा हैI  “मैं ठीक हूँ, तुम मेरी तरफ ध्यान दोI”  अब उसे तान्या का मैसेज आया, “जान क्या कर रहे हो ? परसो मिलते है !!!” I   उसने अब ज्योति की तरफ देखा तो उसने उसे अपने ऊपर खींच लियाI   उसकी समझ में नहीं आया कि वह क्या करें पर वह उठा और उसे अपनी गोद में उठाते हुए बोला,  “चलो, बैडरूम में चलते हैंI”