किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 5 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 5

तनवी की मासूमियत..!”

 

अब आगे,

 

कुछ देर बाद,

 

आकाश आईसीयू के कमरे में आता है और उसके साथ कुछ लड़के और लड़किया होते है जो अपने हाथो में बहुत ही सुंदर सुंदर लॉन्ग ड्रेस लेकर आए होते हैं..!

 

जिसे देख तनवी, आकाश को कहती हैं,

 

" क्या भैया जब आप पहले आए थे तो इतने सारे कपड़े लेकर गए थे और अब की बार तो इतने सारे लोगो को भी साथ में ले आए हो..! "

 

आकाश, तनवी की बात सुन कहता है,

 

" वो मुझे समझ मे नही आ रहा था कि आप पर कौन सी ड्रेस अच्छी लगेगी इसलिए मैं यह सारी ड्रेस ही ले आया हु और साथ में इन लोगो को भी जो आपको ड्रेस चूस करने में आपकी मदद करेंगे..! "

 

अभय, तनवी और आकाश की बात सुन कहता है,

 

" अब तुम अपनी पसंद से कोई सी भी ड्रेस चूस कर लीजिए..! "

 

तनवी, अभय की बात सुन कहती हैं,

 

" ठीक हैं भैया..! " और फिर उन सब ड्रेस को देखने लगती हैं साथ में वो लड़के और लड़कियां तनवी को बता रहे होते हैं कि यह ड्रेस उस पर कितनी सुंदर और अच्छी लग रही हैं..!

 

तनवी, उन लड़के और लड़कियों की बात सुन इरीटेट होकर कहती हैं,

 

" क्या आप लोग मुझे कोई एक ड्रेस सही से नही बता सकते हैं, आप तो हर ड्रेस को अच्छा और बढ़िया बता रहे हैं पर मै सारी ड्रेस तो एक साथ नहीं पहन सकती हूं..! "

 

फिर तनवी, राज को देख कहती हैं,

 

" भैया, मै एक ड्रेस चूस ही नही कर पा रही हूं आप बताओ मै कौन सी पहनूं..? "

 

राज वहा खड़ा होकर पानी पी रहा होता है की तनवी की बात सुन, सारा पानी अपने मुंह से उड़ेल देता है..!

 

तनवी जब यह देखती है तो जल्दी से टिश्यू पेपर लाकर राज के कपड़े साफ करते हुए कहती है,

 

" क्या भैया आपका ध्यान कहा पर था, आपने अपने सारे कपड़े खराब कर दिए ना और वैसे भी जनवरी का महीना चल रहा है कही आप को ठंड लग गई तो आपको अपना ख्याल रखना चाहिए न, आप अपना ध्यान ठीक से नही रखोगे तो मेरा ख्याल कौन रखेगा फिर, बताओ मुझे..! "

 

तनवी की ऐसे कहने से राज के आंखो में आंसुओ आ जाते हैं क्योंकि आजतक किसी ने भी उससे ऐसे कहा तक नही होता है क्योंकि राज तो एक अनाथ है..!

 

अभय उन कपड़ो में से एक पिंक कलर की लॉन्ग इवनिंग ड्रेस निकलकर तनवी को दे देता है और साथ में उससे कहता है,

 

" बच्चा यह लो, इसे पहनकर आओ..! "

 

तनवी, अभय के हाथ से वो ड्रेस लेकर कहती हैं,

 

" ठीक हैं अभय भैया..! "

 

अभय गुस्से से राज से कहता है,

 

" जाओ बाहर जाकर देखो सब ठीक है ना और जेट रेडी ही रखना क्योंकि मुझे आज ही तनवी को लेकर मुंबई के लिए निकलना है..!"

 

राज, अभय की बात सुन कहता है,

 

" ठीक हैं बॉस, मै अभी जाकर सारी तैयारी कर लेता हूं...! "

 

पता नही पर आज अभय को राज पर बहुत गुस्सा आ रहा होता है क्योंकि तनवी, उससे ज्यादा राज का ध्यान रख रही होती है, या ये भी कह सकते है कि आज अभय को राज से जलन हो रही है..!

 

तनवी, अभय की बात सुन कर अब राज को देखते हुए उससे कहती हैं,

 

" नही भैया आप कही कही जाओगे जब तक, मै ड्रेस बदल कर आ जाऊं, फिर चले जाना क्योंकि पहले आप तीनो को मेरी ड्रेस को देख मुझे कॉम्प्लीमेंट भी तो देने होंगे न..! "

 

अभय, तनवी की बात बीच में कटते हुए कहता है,

 

" कॉम्प्लीमेंट की क्या जरूरत है, तुम जो भी पहनोगी उसमे अच्छी ही लगोगी..! "

 

तनवी, अभय की बात पर कहती हैं,

 

" मै जानती हु भैया, पर हम लड़कियों को फिर भी अपनी तारीफ सुनने में ज्यादा अच्छा लगता हैं न...! "

 

अभय, तनवी की बात सुन अपनी हार मान के कहता है,

 

" ठीक हैं कही नही जा रहा है राज, तुम जल्दी से अपने कपड़े बदल के आओ..! "

 

तनवी अभय की बात सुन एक मुस्कान के साथ कहती हैं,

 

" यह हुई न बात मेरे प्यारे से भैया..!" और अभय के गले लग वहा से अपने कपड़े बदल ने के साथ चली जाती हैं..!

 

आकाश, तनवी के चले जाने के बाद अपने मन में सोचता है,

 

" क्या सच में लोगो की याददाश चले जाने के बाद इंसान इतना बदल जाता है..! "

 

उधर, राज तो आज कुछ ज्यादा ही हैरानी हो रही होती है क्योंकि तनवी ने अपनी याददाश चले जाने से पहले कभी भी राज और आकाश से ऐसे बात नही की थी पर आज की तो बात ही अलग थी क्योंकि उसको एक छोटी बहन के रूप तनवी जो मिल गई थी जो उसको इतना प्यार कर रही है...!

 

अभय के चेहरे पर मुस्कान होती है क्योंकि तनवी की याददाश चले जाने पर उसका स्वभाव बदल जरूर गया है पर वो सोचता है की इंसान की याददाश चले जाने पर वो एक छोटे बच्चे जैसा ही हो जाता है। इसलिए वो तनवी के व्यवहार के बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देता है..!

 

कुछ देर बाद,

 

तनवी अपना बाथरूम का दरवाज़ा खोल बाहर आती है और फिर अभय, आकाश और राज की ओर देखती है क्योंकि तीनो एक साथ ही खड़े होते हैं, पर उन तीनो का ध्यान कही ओर ही होता है...!

 

तो तनवी उन तीनो के और देखते हुए ही कहती हैं,

 

" सुनो भैया...! "

 

और जब तनवी ऐसा कहती हैं तो तीनो एक साथ उसको देखते हैं तो देखते ही रह जाते है क्योंकि अभय ने अनजाने में उसको पिंक कलर का एक लॉन्ग इवनिंग गाउन दे दिया होता है, वैसे तो तनवी है ही बहुत खूबसूरत पर आज कुछ ज्यादा खूबसूरत लग रही होती है..!

 

अभय, आकाश और राज, तनवी को देख ही रहे होते हैं कि तनवी, अभय से नाराज होते हुए कहती हैं,

 

" क्या भैया आपने ये पार्टी वियर लॉन्ग इवनिंग गाउन दे दिया और जब मैंने देखा तो इसको ही पहन लिया क्योंकि आपका पता नही मुझे पर कब गुस्सा करने लगो..!"

 

तनवी की बात सुन कर अब तक तीनो होश में आ जाते हैं और अभय जब उन कपड़ो को देखता है तो उसको याद आता है कि वहा पर सब ऐसी ही ड्रेस है तो वो आकाश को घूरने लगता हैं, क्योंकि तनवी, आकाश की गलती की वजह से उसको डाट रही होती है..!

 

अब जब आकाश अपने ऊपर किसी का देखना महसूस करता है तो घबरा जाता हैं क्योंकि अभय उसको गुस्से से घूर रहा होता है और उसको देख कर ऐसा लग रहा होता है कि आज आकाश को उसके गुस्से से कोई नही बचा सकता है..!

 

तो फिर बिना देर किए आकाश, तनवी से कहता है,

 

" वो सब मेरी गलती है, बॉस ने कुछ नही किया है, मै ही गलती से सारी ऐसी ही पार्टी वियर लॉन्ग इवनिंग ड्रेस ले आया हु...! "

 

आकाश की बात सुन, तनवी उस से प्यार से कहती हैं,

 

" कोई बात नही भैया...! "

 

तनवी की बात सुन, आकाश कहता है,

 

" मै अभी दूसरी ड्रेस मंगवा देता हु..! "

 

आकाश के बात सुन, तनवी कहती हैं,

 

" इस की कोई जरूरत नहीं है भैया..! " और वैसे भी ये भी बहुत सुंदर ड्रेस है पर मैं आप तीनो से गुस्सा हूं..!

 

तनवी की गुस्से वाली बात पर तीनो एक दूसरे का चेहरा देखते हैं और एक साथ ही बोल पड़ते हैं,

 

" पर अब हमने क्या कर दिया है...?" और ये बोलकर फिर से एक दूसरे का चेहरा देखने लगते हैं क्योंकि तीनो ने एक साथ एक ही समय पर जो बोल दिया होता है..!

 

अब तनवी नाराज होते हुए तीनों से बड़ी मासूमियत से कहती है,

 

" ये आप लोग पूछ रहे हैं कि क्या दिया है, अब तो मैं, आप तीनो से बात ही नही करूंगी..!"

 

तनवी की बात सुन, आकाश और राज अब अभय को देखते हैं जैसे कह रहे हो कि पूछो तो माजरा क्या है..?

 

आकाश और राज को अपनी तरफ ऐसे देखते हुए अभय को समझते देर नहीं लगती है कि वो दोनो क्या कहना चाहते हैं और फिर अभय, तनवी से पूछता है,

 

" बच्चा बताओ तो सही हुआ क्या है और जब तक तुम हम सब को बताओगी नही तो हमे पता कैसे चलेगा कि हमारी क्या गलती है..? "

 

अभय की बात सुन, आकाश और राज भी अपना सिर हां मे हिला देते है। जिसे देख तनवी, अभय से कहती हैं,

 

"भैया, मै आप को इस ड्रेस में सुंदर नही लग रही हु क्या..? "

 

तनवी की बात सुन, अब अभय, आकाश और राज तीनो अपना सिर एक साथ हां मे हिला देते है, जिसे देख तनवी रोने लग जाती है तो अभय कहता है,

 

" अब क्या हुआ बच्चा, तुम रो क्यों रही हो बताओ मुझे..? "

 

अभय की बात सुन, तनवी अपने आंखो से आंसू पूछते हुए बड़ी मासूमियत से कहती है,

 

" जब मैंने पूछा कि क्या मै आप को इस ड्रेस में सुंदर नही लग रही हु तो आप तीनो ने अपना सिर हां मे हिलाया, जिस से यही पता चलता है कि मैं इस ड्रेस में अच्छी नहीं लग रही हु..! "

 

तनवी की बात सुनकर अब उन तीनो को पता चल जाता है कि तनवी के उन से गुस्सा और नाराज हो कर रोने की क्या वजह है और साथ में तनवी की मासूमियत देख तीनो के चेहरे पर एक मुस्कान भी आ जाती है..!

 

क्या अब तनवी की याददाश जाने से अभय की जिंदगी में कोई असर पड़ेगा और क्या तनवी की मासूमियत अभय के साथ साथ राज और आकाश का भी दिल जीत लेगी...?

 

To be Continued...

 

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