अनोखी दुनिया - भाग 3 Ziya Bagde द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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अनोखी दुनिया - भाग 3

विवाह होने के पश्चात सभी लोग नाचने गाने और झूमने लगते हे सब ही अपनी आप मे मग्न होते है और महारानी यकछीका भी उन सभी को देख कर खुश हो रही होती हैं तभी उन सभी के कानों मे किसी की आवाज पड़ती है जिसे सुन सभी अपने स्थान पर ही खड़े हो जाते है और आवाज की दिशा में देखने लगते है।

वहा पर यमन लोक के महागुरू आये हुए होते है जिन्हे देख सभी उनको प्रणाम करते है

महारानी यकछीका भी उन्हे देख कर प्रणाम महागुरू बोलती हैं , महागुरू भी उन्हे देख कर जवाव देते है शोभाग्यवती भव: जिसे सुन सभी आश्चय से महागुरू के तरफ देखने लगते है जिससे यकछीका उनसे पूछती हैं महागुरू आपके आशीर्वाद का मतलब क्या है आपने इस तरह का आशीर्वाद क्यों दिया हमे हम कुछ समझे नही

महागुरू महारानी यकछीका बहुत जल्दी ही आपको हमारे इस आशीर्वाद का मतलब भी समझ आ जायेगा पर अभी वह समय नही आया की आपको ये बताया जाए।

फिर सभी की तरफ देखते हुए उनकी नजर शिवांगी ( नागिन ) नाम की नागिन की तरफ ठहर जाती हैं वो उसे देख कर बोलते हैं तुम्हे पता है शिवांगी हम इतने दिनों से ध्यान में बैठे हुए थे और हमने अपने ध्यान में रहकर कुछ लोको के बारे में जाना है।


जिससे एक लोक धरती लोक भी है बह पर हमने नांगो को देखा जिनमे से कुछ नांग ऐसे भी थे जो हमारे यमन लोक की तरह ही अपनी इक्छा से इंशानी रूप भी ले सकते है बिल्कुल तुम्हारी तरह ही परंतु कुछ लालची इंसान उन्हे अपने स्वार्थ के लिए उनकी जान ले लेते है ।

और बहुत से ऐसे बेजुबान जनवार भी है बहा पर जिन्हे बिना किसी गलती के ही मार दिया जाता हैं और उनके खालो को निकाल लिया जाता है तो तुम यहाँ की नागो की प्रजातियों में सबसे मुख्य हो तो क्या तुम्हे नहीं लगता की तुम्हे धरती लोक जाके उनकी रक्छा करनी चाहि






महारानी यकछीका ये क्या बोल रहे महागुरू आप कोई इंसान इतना निरदई कैसे हो सकता हैं की अपने स्वार्थ के लिए किसी का भी जीवन ही उनसे छिन ले।

यही तो महारानी आप यहाँ पर रहने बाले छोटे बड़े सभी प्रकार के जीव जंतु की सिर्फ एक महारानी ही नही बल्कि उनकी रकछीका भी ह तो आपको धरती लोक के प्राणियों की भी रक्छा करनी चाहिए अगर आप चाहे तो ऐसा कर सकतीं है

परंतु महागुरू हम वह कैसे जा सकते है अपने परिवारों को छोड़ कर ये सब हमारी ही संतान है और हम इन्हे छोड़कर कैसे जा सकते है।।

महागुरू ( अपने मन मे सोचते हुए हम आपको कैसे संझाये महारानी की आपकी नियती लिख दी गई है जो इतने बर्षों मे नही हुआ वो अब होंगा आपके जीवन में कोई आने बाला है जो आपको प्रेम का अर्थ संझायेंगा जो आपको प्रेम करना सिखायेगा।

परंतु उसके लिए आपको धरती लोक जाना होगा और अगर आप नही गई तो फिर आप अकेली ही रह जायेगी इसलिए आपको जाना तो होंगा ही) महारानी आपके पास अपार शक्तियां है जिससे आप धरती लोग मे रहने वाले लोगो की मदत कर सकती हैं।

उन्हे बुरे लोगो से बचा सकती हैं तो आपको नही लगता की आपको भी उनकी सहायता करनी चाहिए।

तभी शिवांगी महारानी यकछीका बेसे आपके और हम सभी के पास शक्तियां है और यदि हमारी शक्तियों की मदद से धरती लोक के लोगो की सहायता की जाय तो इसमें कोई हर्ज नही है हमे उनकी सहायता करनी चाहिए।

सभी की बातो को सुन कर और उस पर विचार विमर्स कर महारानी यहाँ फेशला लेती हैं की अगर कोई उन्हे सच्चे मन से मदद के लिए पुकारेगा और उन्हे उनकी मदद की आवश्यकता होगी तो वो सबकी सहायता अवश्य करेगी। फिर सभी अपने घरों के लिए निकल जाते हैं ।


क्रमश:,,,,,,,,,,,,,,