Shyambabu And SeX - 11 Swati द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ

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Shyambabu And SeX - 11

11

भीख

 

वह गाड़ी से निकला तो इंस्पेक्टर ने उसका कॉलर पकड़ लिया, “ बेशर्म आदमी,  खुद लाल बत्ती के इलाके में घूमता है और मेरे  बेटे को झाड़ता है ।  उसने एक ज़ोरदार झापड़ उसके मुँह पर जड़ दिया।“  “सर आपको कोई ग़लतफहमी हो रही है।“  “पुलिस वाले कुत्ता पालते है, गलतफहमी नहीं पालते। चल! प्रिंसिपल ऑफिस, “ वह उसे खींचते हुए ऑफिस ले जाने लगा तो वह उसके पैरो में लिपट गया।

 

“सर प्लीज,  मेरी ज़िन्दगी खराब हो जाएगी।“ मगर वह उसे खीचंता हुआ लेकर जा रहा है।  सारे स्टूडेंट उन्हें हैरानी से देख रहें हैं। “अब इंस्पेक्टर खिड़की के पास आकर बोला,  "सर आपसे बात करनी है" ।  अब उसे होश आया,  इसका मतलब मैं जागती आँखों से सपना देख रहा था। अब यह गाड़ी से निकला  और थोड़ा  संभालते हुए,  उससे पूछने लगा, “ जी जगदीश जी बताए  यह संजू  क्लॉस तो लेता है या कैंटीन में बैठा रहता है?” यह सुनकर उसने राहत की साँस ली,  शरारती तो यह है ही,  हाँ लेकिन ज्यादतर मैं इसे कैंटीन में देखता हूँ। “अच्छा, अब उसकी त्योरियाँ चढ़ गई।“ वह श्याम से हाथ मिलाकर कॉलेज के अंदर चला गया और श्याम भी वहाँ से खिसकता बना।

 

विकास गायत्री को एक रेस्ट्रा में ले गया,  उसने पार्टी वाले दिन के लिए उससे माफ़ी माँगी। उसने भी उसकी ओर से मन साफ़ कर लिया। अब दोनों इधर-उधर  की बात करते हुए एकसाथ लंच करने लगे। 

 

श्याम जब घर पहुँचा तो अम्मा ने उसे बताया कि महक आई थीं।  "तो ?? उसका भी घर है, वो आ सकती है। " “फिर मेरे मरने के बाद अपनी बहनों को मकान में हिस्सा देगा।“ “मैं बहुत थका हुआ हूँ, मेरा दिमाग मत खराब करो।“  ठीक है,  पहले खाना खा लें, फिर बताती हूँ।  उसने भी बात को न बढ़ाते  हुए पहले खाना,  खाना ही ठीक समझा।

 

बबलू इमरती को डॉक्टर के पास लेकर चला गया, उसने दवाई देते हुए आराम करने की सलाह दी। इमरती  की हालत को देखते हुए उसने पूछा,  “तुम्हारी  अम्मा को गॉंव से बुला दो।“ “क्या ज़रूरत है, उसने घर में घुसते हुए कहा।  “एक कामवाली लगवा दो।  खाना राजू से बनवा लेंगे।“  “राजू से ?? क्यों” “समोसे तो तल  ही रहा  है, खाना भी बना देगा।“ “चलो, करता हूँ कुछ।“ इमरती तो आँख बंद कर लेट गई और वो सिर खुजलाता हुआ बेकरी के लिए चला गया।

 

अब दमयंती ने देखा कि श्याम खाना खाकर फारिग हो गया है तो वो उसे कहने लगी,  “महक की जान पहचान की एक लड़की है,  टीचर है, स्कूल में।  तू एक बार देख ले तो बात आगे बढ़ाएं।“  खाना तो हज़म करने देती,” उसने किचन में प्लेट रखते हुए कहा। “तू बता न फिर करें बात।“  “बिल्कुल नहीं!!! मैं अपने आप कोई लड़की देख लूंगा।“  “अरे !!! एक उम्र के बाद लड़कियाँ भी नहीं मिलती।“  अब उसने अम्मा को घूरते हुए कहा, “कोई इक्कीस में भी शादी करके खुश नहीं है और कोई चालीस  में भी मज़े ले रहा है। सब किस्मत है, अम्मा।  भगवान ने जिसको जो देना है, वो तो देना ही है।“  अब वह अपने कमरे में  जाने लगा।“  “बड़ा आया  मास्टर !!!!!” उसने मुँह बनाते हुए कहा। 

 

शाम को  नित्या उसे ट्यूशन पढ़ने आई तो अम्मा ने उसकी टाइट जीन्स देखकर कहा,

 

टाँगों  में  थोड़ी हवा भी जाने देते हैं। 

 

“आंटी फैशन है।“  यह सुनकर उसने मुँह बना लिया।

 

अब श्याम ने उसे अपने कमरे में हिस्ट्री पढ़ाना शुरू कर दिया। कुछ देर तन्मयता से पढ़ने के बाद, उसने पूछा,

 

सर,  हमें गाइड की ज़रूरत क्यों पड़ती  है?

 

अब तुम आगरा जाऊँगी तो तुम्हें क्या पता ताजमहल किसने बनाया है, क्यों बनाया है। गाइड तुम्हें अंदर तक लेकर जायेगा।  सब दिखायेगा।  तभी तुम्हे उस जगह घूमने का आनंद आएगा।

 

सर,  आपको तो कभी गाइड की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।  अब श्याम का दिमाग घूमने लगा।

 

नहीं,  मुझे भी गाइड की ज़रूरत है।

 

पर क्यों ?? कुछ है, जो मुझे लगता है,  मेरे बस का नहीं है।

 

सर मैं कुछ मदद करो !! उसने नित्या को ऐसे देखा कि जैसे एक भिखारी को उसकी मनपसन्द भीख मिल गई हो।