भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 38 Jaydeep Jhomte द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 38

मराठी to hindi translat story
Ep ३८ बेताल की चट्टान अंतिम ४


"अब क्या करें राज? वे सब हमारी ओर आ रहे हैं! मानो...मानो...उन्होंने हमें देख लिया हो!"

भावर्ष ने अपना पक्ष रखा.

"पहिला! इस दुनिया में भूत हैं! और जो कहानियाँ मैं पढ़ रहा हूँ वे नकली नहीं हैं!"

"हाँ पिताजी! मुझे क्षमा करें, अब मैं इस मुसीबत से कैसे निकल सकता हूँ?"

इसे ढूंढो!" भवर्ष ने जल्दी से कहा। मागुन अजीब तरह से चिल्ला रहा था

विवलट भुतावल आगे बढ़ रहे थे - वे किसी भी क्षण यहां पहुंच सकते थे।

"रुको! मैं जयेश ज़ोम्ते की ज़ोम्ते निर्माण कहानी पढ़ रहा हूँ, इसे वेताला से कैसे पढ़ा जाए!"

राज ने कहा.

"अच्छा..! अच्छा.! ये क्या है?" भावार्थ:

"रुको मुझे याद करने दो!" राज ने अपने दोनों हाथ अपने सिर पर रख लिए और याद करने लगा कि वह क्या पढ़ रहा था, पीछे से ढोल बजाते हुए भूतों की लाशें आ रही थीं।

"अठावल!" राज ने जोर से कहा।

"क्या निदान है?"

"एक ही उपाय है! हमें वेताला की पालकी देखनी होगी। और आगे जो भी करना होगा मैं करूँगा!" यह कहते हुए राज ने आगे की ओर देखा। उसी समय उन्होंने उसे देख लिया!

वह शाही पालकी में बैठा था! उनकी पालकी को दो जल्लाद जैसे काले राक्षसों ने पकड़ रखा था। और उसमें यह भयानक सफेद और पतला शरीर, सिर पर बाल खुले छोड़े हुए... उस पालकी में दोनों पैर आगे करके - एक पैर ऊपर उठाकर आराम से बैठा हुआ।

सनातन पंचक्रोशी में भूतों का राजा - पाताल लोक का राजा वेतालेश्वर!

शैतान स्वयं.

"उठो भवर्ष! हमें वह पालकी देखनी है!"

"अब क्या करें राज? वे सब हमारी ओर आ रहे हैं! मानो...मानो...उन्होंने हमें देख लिया हो!"

भावर्ष ने अपना पक्ष रखा.

"पहिला! इस दुनिया में भूत हैं! और जो कहानियाँ मैं पढ़ रहा हूँ वे नकली नहीं हैं!"

"हाँ पिताजी! मुझे क्षमा करें, अब मैं इस मुसीबत से कैसे निकल सकता हूँ?"

इसे ढूंढो!" भवर्ष ने जल्दी से कहा। मागुन अजीब तरह से चिल्ला रहा था

विवलट भुतावल आगे बढ़ रहे थे - वे किसी भी क्षण यहां पहुंच सकते थे।
"हे राजा, क्या तुम पागल हो! क्या वह भूत हमें वहाँ पहुँचा देगा?"

"भवर्ष, हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है! उठो?"

"ओह पान राज!" भावर्ष इतना कहता कि वही राज उसका हाथ पकड़कर उस पालकी की ओर दौड़ा।

उसने अपने गले से हरा ताबीज निकाला।

उसने अपना हाथ बढ़ाया, परिणामस्वरूप, हरे ताबीज से एक तीव्र दिव्य प्रकाश निकला.. जो भूत के लिए असहनीय हो गया।

उस प्रकाश से भूत की आंखें चमक उठीं और किसी मुर्दे का शरीर जल गया.. तरह-तरह की सारी लाशें उन दोनों के रास्ते से गुजर गईं, दस-बारह कदम चलने के बाद दोनों राज भवर्ष पालकी के पास पहुंचे... .दोनों ने हल्के से अपना सिर पालकी पर रख दिया।

"वेटोबा! हमें माफ कर दो!" राज जोर से चिल्लाया

वटाला को निहारते हुए बैठे... क्या नज़र है! वह गाना कौन सा है?

"भवर्ष भागो!" राज की तेज़ चीख सुनाई दी उस आवाज़ से भवर्ष की नींद टूट गयी। दोनों फिर से भूत से

बाहर गया - बीस कदम चला और रुक गया।

राज ने भूतों पर एक नज़र डाली, सबकी आँखों में अंगारे थे। गुस्से में इस्तवा उन दोनों का मजाक उड़ा रहा था.

राजा ने बगल से एक पत्थर उठाया और उसी पत्थर को हवा में उठाकर नीचे गिरा दिया
इसे लाकर सीधे तर्जनी पर मारें। डर के मारे उसे उस दर्द का कुछ भी एहसास नहीं हुआ. उस तर्जनी से निकले रक्त से उन्होंने लाल मिट्टी पर ॐ का चित्र बनाया

हटा। उसी समय क्रिस्टल की तरह सफेद रोशनी का एक गोला जमीन से निकला और सीधे हवा में उड़ने लगा।

"चल दर!" राज भावर्ष कंटीली झाड़ी से निकल कर सफेद बत्ती वाली गोलियों के पीछे भागने लगे - पांच-छह मिनट तक गोलियों के पीछे भागने के बाद गोली भावर्ष की गाड़ी के सामने आकर हवा में फट गयी

कार पर बैठ गया, उसके पीछे राज भी था और उसने एक नज़र डाली

वह पीछे छूट गया, मागुन हवा में उड़ते हुए चारों पैरों पर चल रहा था और लाशें उनकी ओर आ रही थीं।

"भवर्ष, गाड़ी स्टार्ट करो, वे आ गए!"

भवर्ष ने डरते हुए पीछे देखा, उसने अपने शरीर में मौजूद सारी ताकत लगा दी.. और एक जोरदार किक मारी।

अगले ही पल, कार का इंजन घूम रहा था... पीछे के पाइप से सफेद धुंआ निकल रहा था। भावर्ष ने एक साथ दो गियर बदल दिए... क्लच छोड़ दिया।

दोनों अग्निपरीक्षा से बच गए।

शर्त के तौर पर भवर्षा ने राज को दो हजार रूपये दिये! ..



××××××××××


अगले अमावस्या पर:



यह वही अंधेरी खून की प्यासी रात थी, एक लाल मिट्टी की पहाड़ी पर एक चार पहियों वाली कार तेजी से दौड़ती हुई दिखाई दी। कि अचानक वह गचके खा लेती है

कार सड़क के किनारे रुक गयी. कार का दरवाज़ा खुला और एक बूढ़ा आदमी बाहर आया।

"अरे, इस कार को क्या हुआ!"

"क्या हो गया! हमको जल्दी पूछना मांगता है!"

उस ईसाई बूढ़े ने ऐसा कहा! "घड़ी की ओर देखा।"

बारह बजे और शून्य मिनट का समय था. तभी एक आवाज आई।



धड़ाधड़, धम्म......!



अंत:







महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी


फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत, अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. जर कोणी लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह मेसेज आणि वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार कारवाई करून कडक, एक्शन घेतली जाईल!


सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात तर कृपया करून लेखकास समजून घ्या !


लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करत आहे ..


धन्यवाद..




सदर कथा काल्पनिक आहे !

कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .

कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .


महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत अशी माझी प्रत्येक वाचका प्रती नम्र विनंती आहे. 🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच्च ,हडळ,डाकिनी ,याक्षिणी अशी भुत आनी अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. हे वाचकांनी समजुन घ्या - जर कोणीही लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह शिवी गाळ करणारे मेसेज आणि वाईट ,हिंसक वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार त्या वाचकावर कठोर कारवाई करून त्यावर कडक, एक्शन घेतली जाईल! सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात, कारण लेखक नवा आहे नवखा आहे , तर कृपया करून त्या लेखकास समजून घ्या ! तो पुढे जाऊन नक्कीच चांगल्या पद्धतीने लिहायला शिकेल ............ कथेत आढ्ळणा-या चुका लेखकास निदर्शनास आणून द्या..जेणेकरुन तो

लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करिल.....

आनी नव्या जोशाने लिहिल..!

महत्वपूर्ण संदेश- सदर कथा उरार केलेलिया गावच नाव और तिथि पृष्टिति हे सर्वकाही काल्पनिक आसुन .. वाचकन्नी असले ही कथा, त्यात् ‍ यत् ले पात्र, मृत व्यक्ति, एकेंद्रित ‍ सर्वच सर्वाच पृष्टि ‍ काल्पनिक नजरें पाहावी- और वास्तविक मनोरंजन व्हावा हया हेतुने कथा वाचावित आशी माझी हर वाचका प्रति। नम्र विनन्ति आहे। 🙏

ह्या कथेत लेखक· गैर असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच,हडळ,डाकिनी,यक्षिणी अशी भुत अनी अंधश्रद्धा देखावली एहे - पन,लेखक हया कथेवते समाजात् अंधश्रद्धा पसरव्याचा मुळीच हेतु नहीं। वाचकन्नी समजुन घ्या - एक जर कोनिही राइटरला पर्सनल मेसेज करून अक्सेरह शिवी गाळ कर्नारे मेसेज एनी वेट, हिंसक वागानुक डेली-टार कायद्यानुसार त्या वाचकवर हार्ड कारवाई करुन तयावर कडक, एक्शन घेतली जेल! सड कथेत शुद्धलेखनाच्या ने अस्सु शक्तात का भुगतान किया, क्योंकि लेखक नवा अहे नवाखा आहे , तर कृपया करून त्यास लेखक समजून ग्या ! तो पुढे जाऊं नक्की चांगल्या पद्धतिने लिहायला शिकेल ............ कथेत आध्लाना-या भुगतान लेखक निदर्शनास अनून द्या..जेनेकरुन तो

लेखक ने सुधार का प्रयास किया...

आनी नव्या जोशाने लिहिल..!



कथा सुर...


कथा सुरु...नेकस्ट एपिसोड.. दर एकदिवसाआड एक भाग पोस्ट होइल.

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सदर कथा काल्पनिक आहे !

कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .

कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .


धन्यवाद





कथा सुरु ...


महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है।


कहानियाँ केवल मनोरंजन के लिए ही पढ़ी जानी चाहिए


इस कहानी में लेखक ने भूत-प्रेत और अंधविश्वास को आवश्यकता के कारण दर्शाया है - लेखक का इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का कोई इरादा नहीं है। यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत संदेशों के माध्यम से लेखक को आपत्तिजनक संदेश और व्यवहार भेजता है तो कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी!


कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, इसलिए कृपया लेखक को समझें!


लेखक गलतियों को सुधारने का प्रयास कर रहा है..




धन्यवाद..

यह कहानी काल्पनिक है!

कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।

कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।


महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है। विनम्र निवेदन। 🙏


इस कहानी में लेखक ने आवश्यकता के कारण भूत-प्रेत, लाश, पिशाच, पिशाच, डाकिनी, यक्षिणी जैसे भूत-प्रेत और अंधविश्वासों को दर्शाया है - लेकिन इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का लेखक का कोई इरादा नहीं है। पाठक इसे समझें - यदि कोई लेखक को आपत्तिजनक अपमानजनक संदेश और बुरे, हिंसक व्यवहार वाले व्यक्तिगत संदेश भेजता है - तो उस पाठक के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी! इस कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, क्योंकि लेखक नया है, इसलिए कृपया लेखक को समझें! वह आगे चलकर निश्चित रूप से बेहतर लिखना सीखेगा..........कहानी में गलतियों को लेखक को बताएं..ताकि वह

लेखक त्रुटियों को सुधारने का प्रयास करेगा...

और नये जोश से लिखेंगे..!

कहानी जारी है...अगला एपिसोड..हर एक दिन एक एपिसोड पोस्ट किया जाएगा।

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कहानी पसंद आये तो फॉलो करें और स्टीकर दें!


यह कहानी काल्पनिक है!

कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।

कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।


कथा प्रारंभ





महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी


फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत, अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. जर कोणी लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह मेसेज आणि वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार कारवाई करून कडक, एक्शन घेतली जाईल!


सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात तर कृपया करून लेखकास समजून घ्या !


लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करत आहे ..


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सदर कथा काल्पनिक आहे !

कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .

कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .


महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत अशी माझी प्रत्येक वाचका प्रती नम्र विनंती आहे. 🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच्च ,हडळ,डाकिनी ,याक्षिणी अशी भुत आनी अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. हे वाचकांनी समजुन घ्या - जर कोणीही लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह शिवी गाळ करणारे मेसेज आणि वाईट ,हिंसक वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार त्या वाचकावर कठोर कारवाई करून त्यावर कडक, एक्शन घेतली जाईल! सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात, कारण लेखक नवा आहे नवखा आहे , तर कृपया करून त्या लेखकास समजून घ्या ! तो पुढे जाऊन नक्कीच चांगल्या पद्धतीने लिहायला शिकेल ............ कथेत आढ्ळणा-या चुका लेखकास निदर्शनास आणून द्या..जेणेकरुन तो

लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करिल.....

आनी नव्या जोशाने लिहिल..!

महत्वपूर्ण संदेश- सदर कथा उरार केलेलिया गावच नाव और तिथि पृष्टिति हे सर्वकाही काल्पनिक आसुन .. वाचकन्नी असले ही कथा, त्यात् ‍ यत् ले पात्र, मृत व्यक्ति, एकेंद्रित ‍ सर्वच सर्वाच पृष्टि ‍ काल्पनिक नजरें पाहावी- और वास्तविक मनोरंजन व्हावा हया हेतुने कथा वाचावित आशी माझी हर वाचका प्रति। नम्र विनन्ति आहे। 🙏

ह्या कथेत लेखक· गैर असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच,हडळ,डाकिनी,यक्षिणी अशी भुत अनी अंधश्रद्धा देखावली एहे - पन,लेखक हया कथेवते समाजात् अंधश्रद्धा पसरव्याचा मुळीच हेतु नहीं। वाचकन्नी समजुन घ्या - एक जर कोनिही राइटरला पर्सनल मेसेज करून अक्सेरह शिवी गाळ कर्नारे मेसेज एनी वेट, हिंसक वागानुक डेली-टार कायद्यानुसार त्या वाचकवर हार्ड कारवाई करुन तयावर कडक, एक्शन घेतली जेल! सड कथेत शुद्धलेखनाच्या ने अस्सु शक्तात का भुगतान किया, क्योंकि लेखक नवा अहे नवाखा आहे , तर कृपया करून त्यास लेखक समजून ग्या ! तो पुढे जाऊं नक्की चांगल्या पद्धतिने लिहायला शिकेल ............ कथेत आध्लाना-या भुगतान लेखक निदर्शनास अनून द्या..जेनेकरुन तो

लेखक ने सुधार का प्रयास किया...

आनी नव्या जोशाने लिहिल..!



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कथा सुरु...नेकस्ट एपिसोड.. दर एकदिवसाआड एक भाग पोस्ट होइल.

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कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .

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महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है।


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इस कहानी में लेखक ने भूत-प्रेत और अंधविश्वास को आवश्यकता के कारण दर्शाया है - लेखक का इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का कोई इरादा नहीं है। यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत संदेशों के माध्यम से लेखक को आपत्तिजनक संदेश और व्यवहार भेजता है तो कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी!


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यह कहानी काल्पनिक है!

कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।

कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।


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इस कहानी में लेखक ने आवश्यकता के कारण भूत-प्रेत, लाश, पिशाच, पिशाच, डाकिनी, यक्षिणी जैसे भूत-प्रेत और अंधविश्वासों को दर्शाया है - लेकिन इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का लेखक का कोई इरादा नहीं है। पाठक इसे समझें - यदि कोई लेखक को आपत्तिजनक अपमानजनक संदेश और बुरे, हिंसक व्यवहार वाले व्यक्तिगत संदेश भेजता है - तो उस पाठक के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी! इस कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, क्योंकि लेखक नया है, इसलिए कृपया लेखक को समझें! वह आगे चलकर निश्चित रूप से बेहतर लिखना सीखेगा..........कहानी में गलतियों को लेखक को बताएं..ताकि वह

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यह कहानी काल्पनिक है!

कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।

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कथा