इश्क दा मारा - 3 shama parveen द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क दा मारा - 3

उस आदमी की बात सुनते ही युवी के पापा बोलते हैं, "तो इंतजार किस का कर रहे हो, मार दो उसको"।

तब वो आदमी बोलता है, "मालिक आप ये क्या बोल रहे हैं, वो कोई छोटा मोटा आदमी नही है मिनिस्टर है मिनिस्टर"।

तब यूवी के डैड बोलते हैं, "अरे बहुत से देखे हैं मैने ऐसे मिस्टर, बहुत आए और बहुत गए"।

तब वो आदमी बोलता है, "आप उसे जानते नही हो, वो बहुत ही ताकतवर है"।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "अब मेरे सामने उसकी तारीफ ना करो"।

यूवी नाश्ता करके अपने बेड पर फोन चला रहा होता है। तभी यश उसके पास जाता हैं और बोलता है, "यूवी तू तो मेरा भाई है, तू तो समझ मुझे"।

तब यूवी बोलता है, "भाई मै क्या समझूं, आप समझो ना पापा की बात को और शादी कर लो उस लङकी से, भाई मे सच बोल रहा हूं, पापा के साथ साथ आपको भी बहुत फायदा होगा, क्या उस लङकी के पीछे पड़े हुए हो, और पापा से दुश्मनी मोल ले रहे हो तुम, क्या तुम जानते नही हो पापा को की वो कैसे हैं, तुम्हारा तो पता नहीं, मगर हा उस लङकी को ऊपर भेज देंगे "।

तब यश बोलता है, "केसे इंसान हो तुम, तुम लोगों के अंदर इंसानियत नाम की भी कोई चीज़ है या नही "।

तब यूवी बोलता है, "देख भाई ना ही हमारे अंदर दिल है और ना ही इंसानियत, और मेरा काम था तुझे समझाना, जो मैने समझा दिया, अब आगे तेरी मर्जी "।

उधर गीतिका का घर सजाया जा रहा होता है क्योंकि आज उसका बर्थडे होता है।

दोपहर होती हैं...........

गीतिका कॉलेज से वापस आ जाती है और अपना घर देख कर बहुत ही खुश होती है।

तभी गीतिका का भाई बोलता है, "खुश तो हो ना तुम आज "।

तब गीतिका बोलती है, "भईया मैं तो आज बहुत ही खुश हू "।

तब गीतिका का भाई बोलता है, "सब कुछ तुम्हारी ही पसन्द का ही है, अगर कुछ कमी रह गई हो तो बता देना"।

तब गितिका बोलती है, "कमी तो कुछ नहीं है, सब कुछ परफेक्ट है"।

उधर यूवी के पापा कालू सिंह से मिलते हैं। तब यूवी के पापा बोलते हैं, "और समधी जी क्या सोचा है आपने "

तब कालू को बोलता है, "क्या सोचना है क्रांति सिंह जो तुमने बोला है वहीं करना पड़ेगा, क्या करु बेटी का बाप जो हू, तो मुझे झुकना ही पड़ेगा ना "।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "समधी जी ये बात की है आपने दिल जीतने वाली, सच पूछो तो मजा ही आ गया, आपकी बाते सुन कर, तो फिर ठीक है बताइए कब करनी है शादी "।

तब कालू सिंह बोलता है, "जब आप बोले "।

रात होती है............

गीतिका की बर्थडे पार्टी स्टार्ट हो जाती हैं और उसमे सारे बड़े बड़े लोग आते है। गितिका बहुत ही खुश होती है और अपने केक के पास जा कर फोटो खिंचवा रही होती है।

तभी गीतिका की भाभी बोलती है, "गीतिका इतना हसो मत और इतना फोटो मत खींचो, चुप चाप से खड़ी रहो "।

तब गीतिका बोलती है, "मगर क्यो..... मैं तो अपने घर में हू और आज मेरा बर्थडे है, मैं तो एंजॉय करूंगी "।

तभी गितिका के डैड बोलते हैं, "देखिए मैं आज आप सब से कुछ कहना चाहता हूं, एक तो आज मेरी बेटी का जन्मदिन है और इसके साथ साथ मै एक और गुड न्यूज सबको देना चाहता हूं "।

तभी गीतिका बोलती है, "कैसी गुड न्यूज भाभी, पापा क्या मुझे पढ़ाई के लिए लंदन भेज रहे हैं "।

तब गीतिका की भाभी बोलती है, "खुद ही सुन लो गुड न्यूज "।

तब गितिका के पापा बोलते हैं, "आज इस शुभ अवसर पर मै आपको एक और गुड न्यूज देने जा रहा हूं, मैं अपनी बेटी गीतिका का हाथ MLA साहब के बेटे के हाथ में देने जा रहा हूं "।

ये सुनते ही गीतिका के पैरो तले जमीन खिसक जाती है.............