The Author DINESH KUMAR KEER फॉलो Current Read रेत के घरौंदे सा By DINESH KUMAR KEER हिंदी कुछ भी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books ऑफ्टर लव - 27 विवेक अपने ऑफिस में बैठे हुए होता है, तभी टीवी में चल रहे न्... जिंदगी के रंग हजार - 14 आंकड़े और महंगाईअरहर या तूर की दाल 180 रु किलोउडद की दाल 160... गृहलक्ष्मी 1. गृहलक्ष्मी एक बार मुझे दोस्त के बेटे के विवाह के रिसे... बुजुर्गो का आशिष - 11 पटारा मैं अभी तो पूरी एक नोट बुक निकली जिसमे क्रमांनुसार कहा... नफ़रत-ए-इश्क - 5 विराट अपने आंखों को तपस्या की आंखों से हटाकर उसके कांप ते ह... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी शेयर करे रेत के घरौंदे सा 216 798 1.शादी का शौक नही है साहब... बुरा लगता है :- मेरी वजह से किसी का बेटा अभी तक कुवारा बैठा है...! 2.कब आपकी आँखों में हमें मिलेगी पनाह,चाहे इसे समझो दिल्लगी या समझो गुनाह,अब भले ही हमें कोई दीवाना करार दे,हम तो हो गए हैं आपके प्यार में फ़ना।3.प्रेम का सबसे सुंदर रूप इंतज़ार है,जितना गहरा इंतज़ार उतना गहरा प्रेम... 4.होता कोई और गम तो बांट भी लेती तुझसे,तेरा ही गम तेरे सामने लाया न गया मुझसे…!5.नज़र से क़त्ल कर डालो, ना हो तकलीफ दोनों कोतुम्हे खंजर उठाने की, मुझे गर्दन झुकाने की।6.कभी तुमसे तुम्हे मांगें तो इन्कार कर देना,नशा तुम्हें चाहने का है पाने का नहीं...7.काश मेरी जिंदगी में भी वो दिन आये, मैं खोलूँ अपनी आँखे और तू नज़र आये... 8.ख़ुदा करे किसी को कभी न मिले,दर्द मेरे जैसा... महबूब तेरे जैसा...!9.बेहतरीन ज़रिया है कागज़ और कलम भी दर्द बयां करने का...सब कुछ कह देना और न आहें न आँसु...!10.ख़्वाब कह लेंगे इत्तेफाक कह लेंगे,इंतेहा से शरारतो उनके जज़्बात कह लेंगे,शर्त बस इतनी... के आँखों में वो बस जाए,बाकि हम उनको, अपनी सारी कायनात कह लेंगे...!11.तेरे 'इंतज़ार' में मेरा बिखरना इश्क़ है,तेरी 'मुलाकात' पर मेरा निखरना इश्क़ है !!12.हर सवाल का तेरे... ज़वाब दे तो दूं,फिक्र है... तुझसे राब्ता न हो जाए।।13.क्यों बेख़्याली के पल में भी, अब होते हम मशरुफ़,इश्क़ है ये या पागलपन "हर पल" उसकी तलब बेशुमार है... 14.दिल में कुछ भी तो न रह जाएगा,जब तेरी चाह निकल जाएगी...15.फिर...! यूँ हुआ कि बँटवारा हो गया... मजबूरियाँ उसकी और दर्द हमारा हो गया...!! 16."रोज बहकते हैं क़दम तेरे पास आने के लिए""न जानें कितने फासले तय करने होंगे तुम्हे पाने के लिए"17.बड़ी शिद्दत से पिरोया है, मैंने तुमको ख़ुद में...देखो, अब लफ़्ज़ों में नहीं, लहजों में हो तुम...18.हसरत है कि उनको करीब से देखें करीब हो तो आँखे उठायें नहीं जाती19.किरदार देख कर ही लोग दीवाने हो जाते है...हम जबरदस्ती दिलो पर कब्जा नही करते...!!20.मेरा मेहबूब धोखेबाज है ऐसा नहीं लगता,वो सबसे बात करता है तो बस अच्छा नहीं लगता21.फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है22.तेरी ख़ुशबू से सजी है यह मेरी अंदाज़ - ए - मुहब्बत... मेरी शायरी में जो महक उठती है वो लहज़ा हो तुम!!23.हंसने की जुस्तजू मे दबाया जो दर्द को,आंसू हमारी आंख में पत्थर के हो गए...!!24.रेत के घरौंदे सा... भरभरा के टूटा है,कच्ची उम्र में मैंने... जो घर का ख़्वाब बुना था...25.बहुत बेबाक आँखों में तआल्लुक़ टिक नहीं पाता,मोहब्बत में कशिश रखने को शर्माना ज़रूरी है... 26.मैंने परखा है अपनी बदकिस्मती कोमैं जिसे अपना कह दूं, वो फिर मेरा नही रह जाता! 27.मुझे जिंदगी मे तुम जरूरी मत समझ लेना,सुना है लोग जरूरी काम अक्सर भूल जाते है...28.अना झलकती है, मेरी अदतों से... बहुत से सरों का, सर दर्द हुं मैं... 29.अजब सी कयफियत होती है उनकी याद आने परखुमारे नींद भी होता है पर हम सो नहीं पाते। 30.इश्क़ करना है तो रात की तरह करो जिसे चांद भी कबूल हो और उसका दाग़ भी कबूल हो।। Download Our App