सांसों में बसे हो तुम DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

सांसों में बसे हो तुम

1.
दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीब
तेरा ख्याल' आ कर न जाये तो क्या करें

2.
मोहब्बत का हसीन पैगाम लिख दू क्या,
गजब की शाम है तुम्हारे नाम लिख दू क्या...

3.
हम भी अब मोहब्बत के गीत गाने लगे हैं,
जब से वो हमारे ख्वाबों में आने लगे हैं...

4.
ढूंढने से नही मिलते है रूह से चाहने वाले,
खुद खुदा ढूंढ के देता है वो शख़्स जो दिल को सुकून दे...

5.
"मोहब्बत में कोई हद नहीं होती"
"जो हद में हो वो मोहब्बत नहीं होती"।

6.
आँखों में नींद है ज़रा सी...
और ज़ेहन में तुम हो बहुत से...!!

7.
मुहब्बत कमजोर दिलों का काम नहीं है।
रूह कांप जाती है जुदा होने पर।

8.
न कोई वा'दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद
मगर हमें तो तेरा इंतिज़ार करना था।

9.
मेरे बिना क्या
अपनी ज़िंदगी गुज़ार लोगे तुम
मुहब्बत हूँ, कोई बुखार नहीं
जो दवा से उतार लोगे तुम

10.
तुम से कह दूं सारी बातें,
या ये कह दूं कि सारी बातों में हो तुम...

11.
कोशिश हमेशा से ही नाकाम रही...
तुझे पाने की अब तुझे भुलाने की...

12.
जो दिल से चाहते हैं
वो कभी इज़हार नहीं करते
कौन कहता है अदब से रहने वाले
इश्क़ नहीं करते...!!

13.
मोहब्बत की है तुमसे बेफिक्र रहो...
नाराजगी हो सकती है पर नफ़रत कभी नहीं...!!

14.
कुछ उम्दा किस्म के
जज्बात है हमारे
कभी दिल से समझने का
तकल्लुफ तो कीजिए

15.
मन है तुझसे शिकायत करने का...!!
पर जब तुम मेरे हो ही नहीं तो फिर शिकायत कैसी...!!

16.
दिल पर आये हुए...
इल्जाम से पहचानते हैं...
लोग अब मुझे तेरे...
नाम से पहचानते हैं...

17.
सर के बीचों - बीच बांट कर दो हिस्सों में,
तूने ज़ुल्फो को भी कश्मीर बना रखा है...

18.
"आंखों में ख्वाब है"
"और ख्वाबों में तुम हो"

19.
दीदार की आग जब दिल में बढ़ने लगती है...
तुझे देखने को मेरी आँखें तरसने लगती है...

20.
ज़िंदगी से राब्ता मेरा इतना ही रहा है...!!
दर्द मिलता रहा,
चेहरा हंसता ही रहा है...!!

21.
"इश्क़ न हुआ कोहरा हो जैसे"
"तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं"

22.
खुद का बनाकर तमाशा
खुद से ही दूर हुए हम,
खुद ही लिखा दर्द और
खुद ही मशहूर हुए हम...

23.
बेवजह मुस्कुरा लीजिए
वजह बहुत महँगी है

24.
चलो खुश रहने की वजह ढूढते हैं...
तुम ढूढो मुझे... हम तुम्हें ढूढते हैं...

25.
बहुत खूबसूरत है, तेरे इन्तजार का आलम...
बेकरार सी आँखों में इश्क बेहिसाब लिए बैठे हैं...!

26.
रिश्तों में वक़्त दीजिए बड़े बड़े तोहफ़े नहीं,
ताजमहल दुनिया ने देखा है मुमताज़ ने नहीं...

27.
कर लूँ गुनाह बेहिसाब मैं 'ग़र' सजा मे तू
मिले...‼️
बन जाऊँ गुनाहगार भी 'ग़र' तेरा साथ ताउम्र मिले...‼️

28.
प्रेम यह तो नहीं कि मैं जैसे चाहूँ तुम वैसे ही हो जाओ
प्रेम तो यह है कि मैं तुम्हें बेपनाह चाहूँ चाहे तुम जैसे भी हो जाओ...

29.
हम ख़ामोशी से देते है ख़ामोशी का जवाब...
कौन कहता है कि हम बात नही करते...!!

30.
अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में...
बड़े ही खास हो तुम मेरी इस जिंदगी में...!!

31.
तुम गर चाहो तो चुन सकते हो कोई हमसफ़र नया
माही मेरा तो इश्क़ तुम हो, मुझे अब इजाज़त नहीं

32.
कोई गर शिद्दत से चाहे तुम्हे
तो उसको संजो लेना...।।
ये टूटकर चाहने वाले जिंदगी मे
सिर्फ एक बार मिलते है...।।