फिजा में हरियाली तुमसे है DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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फिजा में हरियाली तुमसे है

1.
कोई पूछे तो भी तेरे किस्से बयाँ नहीं करते,
हम अपने दिल की बातें यहाँ वहाँ नहीं करते...!

2.
सुनो...
बहुत सारी बातें जमा हो गयी है करने को तुमसे,
मेरे लिए तुम... एक दिन इतवार हो जाओ ना...!

3.
कलम पूछती है...
कागज़ से बता की क्या लिखूँ ... इश्क को, इश्क ही रहने दूँ, के खुदा लिखूँ...

4.
चाहने वालों के भीड़ में से
बस एक तुमसे ही उम्मीद थी निभाने की...!

5.
तेरी यादों से हमने मोहब्बत क्या कर ली
कम्बख्त नींद तो बुरा ही मान गई...!

6.
बेवजह खुश रहिए, जनाब...
वजह तलाशे तो बहुत महंगी पड़ेगी...!

7.
तुम हकीक़त हो या फिर कोई फरेब,
ना दिल से निकलते हो ना ज़िँदगी में आते हो...!

8.
हम जरा मसरूफ क्या हुए
उनकी गैरों से मुलाकाते आम हो गई,
फिर हुआ यू कि मेरे हिस्से की शामें
किसी और के नाम हो गई...!

9.
मैंने तो वो खोया है जो मेरा कभी था ही नहीं
पर उसने वो खोया है जो सिर्फ उसी का था...!

10.
एक स्त्री और पुरुष की सच्ची मित्रता
किसी शक की मोहताज नही होती...
अपनी सोच को बदलिए...

प्यार किया पिता से तो
अच्छी बेटी कहलाई,
प्यार किया भाई से तो
अच्छी बहना कहलाई,
किया पति से प्यार तो
पतिव्रता कहलाई,
सेवा की जब ससुर की तो
संस्कारी बहू कहलाई,
ममत्व जताया बेटो पर तो
ममता की मूरत कहलाई,
एक दोस्त बनाया दिल से तो फिर
क्यों वो चरित्रहीन कहलाई ...?

11.
स्त्री को मोहब्बत होने में देर लगती है
क्यूंकि वो वफा को पहले और मोहब्बत को बाद में रखती है...
और
वफा करना मोहब्बत करने से ज़रा सा
मुश्किल होता है...!

12.
बच्चों के चेहरे पर चमक लाते लाते,
पिता के चेहरे पर कब झुर्रियां आ गयी पता नहीं चला...

13.
बाते जब दिल पे लग जाती हैं,
सांसो के होते हुए भी जीने में,
मुश्किल आ जाती है !

14.
काश बनाने वाले ने दिल कांच के बनाये होते
तोड़ने वाले के हाथों में कुछ तो ज़ख्म तो आये होते...!

15.
अगर यादें दफ़न हो जाया करती तो
ताजमहल इतना नायाब ना होता...!

16.
कैसी ज़ाहिल तेरी अदालत है
कैद है मगर ना कोई जमानत है...!
ये कैसा हाल कर दिया तूने
ए इश्क़ तुझपे लानत है...!!

17.
वक़्त ने एक बात सिखाई, कभी - कभी...
कुछ नए दर्द भी होते हैं पुराने दर्द की दवाई...!

18.
इश्क़ बेशकीमती होता है,
अगर महबूब बाजारू ना निकले...!

19.
आजकल सुबह नही होती है...
बल्कि सीधे दोपहर हो जाती है ।
एक नई कहावत...
सुबह का भूला शाम को घर आये तो उसे भूला हुआ नही बल्कि
अब जला भुना हुआ कहते हैं...

20.
खामोशी से खत्म हुए रिश्ते,
दिल पर गहरा निशाँ छोड जाते हैं...!

21.
इश्क़ की आजमाइश पर हर कोई खरा नही उतर पाता जनाब,
रूह तक काँप जाती है इम्तेहान पार करते करते...!!

22.
सफर हमारा अपना है बस...
बाकी सब सफर के हिस्से है...
जो साथ चले वो हमसफर...
बाकी जो छुट गये वो किस्से हैं...!!

23.
कितना अच्छा लगता हैं, तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सी जगह हो एक हसीन शाम के साथ...!!

24.
दिल चाहता है तुम पर जुर्माना लगा दूं,
बिना टिकट के मेरे दिल के शहर में सफर करते हो...!!

25.
तुम्हारी चाहत की ख्वाहिश इस तरह बरकरार रहें...
हजारों बार मरकर भी, बस तुम्हारा इंतजार रहे...